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प्रेगनेंसी के दौरान विभिन्न तरह के टेस्ट होते हैं। ये सभी टेस्ट गर्भवती महिला व होने वाले शिशु के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट इनमें से दो मुख्य टेस्ट होते हैं। अगर बात करें ब्लड टेस्ट की, तो गर्भावस्था के दौरान ब्लड टेस्ट भी कई तरह के होते हैं। उन्हीं में से एक है कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट यानी सीबीसी। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट के बारे में ही जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। प्रेगनेंसी में कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट क्या और कब इसे कराने की जरूरत होती है, ये सभी जानकारियां इस लेख में दी गई है। प्रेगनेंसी में सीबीसी से संबंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी के लिए इस लेख को जरूर पढ़ें।

सबसे पहले जानते हैं कि कम्पलीट ब्लड काउंट किसे कहते हैं।

सीबीसी टेस्ट किसे कहते हैं? | CBC Test Kya Hai In Hindi

इस टेस्ट में रक्त के अलग-अलग हिस्सों व विशेषताओं को मापा जाता है। यह एक रूटीन चेकअप का हिस्सा होता है। इससे विभिन्न प्रकार के सेहत संबंधी विकारों जैसे – संक्रमण, एनीमिया, प्रतिरक्षा प्रणाली के रोग व ब्लड कैंसर का पता लगाया जा सकता है (1)

अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में सीबीसी टेस्ट क्यों जरूरी होता है।

प्रेगनेंसी में कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट क्यों किया जाता है? | cbc test in pregnancy in hindi

गर्भावस्था के समय पहली बार डॉक्टर के पास जाने पर सीबीसी टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है। यह टेस्ट प्रेगनेंसी की शुरुआत में समस्याओं या संक्रमणों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है (2)

आइए, अब उस समय के बारे में जानते हैं, जब यह टेस्ट किया जाता है।

गर्भावस्था के दौरान सीबीसी टेस्ट कब होता है? | CBC Blood Test Kya Hai

मुख्य तौर पर सीबीसी टेस्ट गर्भावस्था की पहली तिमाही में कराने की सलाह दी जाती है (2)वहीं, अगर दूसरी तिमाही में भी डॉक्टर को गर्भवती महिला के स्वास्थ्य में कोई समस्या नजर आती है, तो भी डॉक्टर सीबीसी टेस्ट करवा सकते हैं (3)

अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट में क्या-क्या पता चल सकता है।

सीबीसी से क्या पता चलता है?

कम्पलीट ब्लड काउंट में नीचे बताए गए टेस्ट शामिल होते हैं, जिससे गर्भवती महिला और भ्रूण से संबंधित कई बातें पता चल सकती हैं (1):

  • रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells)- लाल रक्त कोशिकाएं मनुष्य के फेफड़ों से शरीर के अन्य अंदरुनी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। ऐसे में रेड ब्लड सेल्स के काउंट से पता चल सकता है कि भ्रूण तक सही तरीके से ऑक्सीजन पहुंच रही है या नहीं।
  • वाइट ब्लड सेल्स (White Blood Cells)- सफेद रक्त कोशिकाएं शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ती हैं। ये मां और शिशु को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने का काम करते हैं। सीबीसी के जरिए रक्त में इनकी कुल संख्या को पता लगाया जा सकता है।
  • प्लेटलेट्स (Platelets) – शरीर में खून के थक्के जमने में प्लेटलेट्स सहायक होते हैं। ये लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं से छोटे होते हैं। प्लेटलेट्स काउंट में असंतुलन अधिक ब्लड क्लॉट या ब्लीडिंग का कारण भी बन सकता है (4)। ऐसे में गर्भावस्था में कोई जटिलता न हो, इसलिए प्लेटलेट्स काउंट चेक करना आवश्यक होता है।
  • हीमोग्लोबिन (Haemoglobin)- हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन होता है, जो फेफड़ों से शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। ऐसे में हीमोग्लोबिन के असुंतलित होने से गर्भवती और भ्रूण दोनों के लिए खतरा हो सकता है।
  • हेमेटोक्रिट (Hematocrit) – इस टेस्ट में यह पता लगाया जाता है कि महिला के रक्त का कितना भाग लाल रक्त से बना है।
  • मीन कॉर्पोस्कुलर वॉल्यूम (Mean Corpuscular Volume) – इस टेस्ट में रेड ब्लड सेल्स के आकार की जांच की जाती है। अगर लाल रक्त कोशिकाएं बहुत छोटी या बहुत बड़ी हैं, तो यह रक्त विकार जैसे – एनीमिया, विटामिन की कमी या अन्य सेहत संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है (5)

अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सीबीसी टेस्ट करने के लिए क्या-क्या तैयारी की जाती है।

प्रेगनेंसी में सीबीसी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

देखा जाए तो प्रेगनेंसी में सीबीसी टेस्ट के लिए कोई खास तैयारी करने की जरूरत नहीं है। हां, अगर सीबीसी टेस्ट के साथ कुछ अन्य तरह के ब्लड टेस्ट या अन्य टेस्ट शामिल हैं, तो हो सकता है कि डॉक्टर महिला को टेस्ट से पहले कुछ खाने-पीने की सलाह न दें। ऐसे में बेहतर है कि टेस्ट से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह ली जाए (1)

अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में सीबीसी टेस्ट करने का तरीका क्या है।

सीबीसी टेस्ट करने का तरीका क्या है?

प्रेगनेंसी और सामान्य व्यक्ति दोनों का सीबीसी टेस्ट करने का एक ही तरीका है। इसमें लैब का एक व्यक्ति गर्भवती महिला के हाथ की नस से सीरिंज के जरिए ब्लड सैंपल लेता है। इस दौरान लैब तकनीशियन नीचे बताए गए कार्य कर सकता है (1) :

  • सबसे पहले लैब तकनीशियन महिला के जिस हाथ के नस से ब्लड सैंपल लेने वाला है, उस हाथ पर बैंड बांध देगा।
  • ऐसे करने से हाथ की नस उभर आएगी और ब्लड निकालना आसान हो जाएगा।
  • फिर रूई की मदद से हाथ की नस पर एंटीसेप्टिक लिक्विड लगाएगा।
  • उसके बाद सुई की मदद से उस नस से खून निकालेगा और एक या एक से अधिक सैंपल शीशी में खून को स्टोर कर लेगा।
  • फिर हाथ के बैंड को खोलकर, नस पर बैंडेड लगा देगा, ताकि फिर खून न निकले।
  • उसके बाद खून के सैंपल वाली बोतल पर महिला का नाम लिखकर उसे टेस्ट के लिए भेज देगा।

अब बारी आती है प्रेगनेंसी में कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट के परिणाम के बारे में जानने की।

सीबीसी टेस्ट के रिजल्ट का मतलब क्या है?

प्रेगनेंसी में सीबीसी टेस्ट के परिणाम के मायने कुछ इस प्रकार हैं (1):

  • असामान्य या असंतुलित लाल रक्त कोशिका, हीमोग्लोबिन या हेमटोक्रिट का स्तर एनीमिया, आयरन की कमी या हृदय रोग का संकेत हो सकता है।
  • वाइट ब्लड सेल्स का कम होना ऑटोइम्यून विकार, बोन मैरो विकार या कैंसर का संकेत हो सकता है।
  • वहीं, वाइट ब्लड सेल्स का हाई लेवल संक्रमण का संकेत हो सकता है।
  • मीन कॉर्पोस्कुलर वॉल्यूम टेस्ट में अगर रेड ब्लड सेल्स का आकार सामान्य से छोटा होता है, तो यह एनीमिया का संकेत हो सकता है।
  • वहीं, अगर रेड ब्लड सेल्स का आकर सामान्य से बड़ा होता है, तो यह विटामिन-बी12, फॉलिक एसिड की कमी, लिवर संबंधी समस्या या हाइपोथायरॉइडिज्म का संकेत हो सकता है।

अब जानते कि गर्भावस्था में सीबीसी टेस्ट से किसी प्रकार का नुकसान होता है या नहीं।

क्या गर्भावस्था में सीबीसी टेस्ट करने का कोई जोखिम है?

गर्भावस्था में सीबीसी टेस्ट करने का कोई जोखिम नहीं हो सकता है। बस सुई के चुभने से थोड़ा दर्द का एहसास हो सकता है, लेकिन कुछ देर बाद ही यह दर्द अपने आप ठीक भी हो जाता है।

लेख के इस भाग में आप जानेंगे कि सीबीसी टेस्ट पर कितना खर्चा होता है।

सीबीसी टेस्ट की लागत क्या है?

सीबीसी टेस्ट की लागत 200 से 500 रुपये तक हो सकती है। यह रेट शहर और लैब के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है।

आशा करते हैं कि प्रेगनेंसी में कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट के इस आर्टिकल से पाठकों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिली होगी। बस ध्यान रहे कि अगर डॉक्टर प्रेगनेंसी में सीबीसी टेस्ट का सुझाव दे रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि गर्भवती को कोई गंभीर समस्या है। यह एक रूटीन टेस्ट है, जिसे प्रेग्नेंट महिला के स्वास्थ्य के लिए सावधानी के तौर पर किया जाता है। डॉक्टर के अनुसार, हर गर्भवती को प्रेगनेंसी के प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बार सीबीसी टेस्ट जरूर कराना चाहिए। अगर इस टेस्ट के रिजल्ट में कुछ उतार-चढ़ाव होते हैं, तो डॉक्टर उपाय भी जरूर बताएंगे। ऐसे में घबराने या चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही प्रेगनेंसी में कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट के बारे में दूसरों को जागरूक करने के लिए यह आर्टिकल सभी के साथ जरूर शेयर करें।

संदर्भ (References) :

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