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गर्भावस्था के दिनों में आहार संबंधी आदतों के प्रति सजग रहना होता है। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हें गर्भवती के आहार में शामिल करने और परहेज करने की सलाह दी जाती है। इन्हीं में पिस्ता भी शामिल है। ऐसे में पिस्ता प्रेग्नेंसी में खाना सही है या नहीं इससे जुड़ी तमाम जानकारी मॉमजंक्शन के इस लेख में जान सकते हैं। इस लेख को पढ़ते हुए आपको न सिर्फ प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे पता चलेंगे, बल्कि गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाने के साइड इफ्फेक्ट की जानकारी भी यहां विस्तार से पढ़ सकते हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था के आहार में पिस्ता कैसे शामिल करें, इसके कुछ तरीके भी यहां बताए गए हैं।
सबसे पहले पढ़ें कि पिस्ता प्रेग्नेंसी में खाना सही है या नहीं।
पिस्ता प्रेग्नेंसी में खाना सही है या नहीं?
गर्भावस्था के दौरान सीमित मात्रा में पिस्ता खाना सुरक्षित मान सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, गर्भावस्था में मेडिटेरेनियन डाइट (Mediterranean Diet – साग-सब्जी के साथ ही मांसाहारी खाद्य पदार्थ युक्त डाइट) में पिस्ता शामिल करने की बात कही गई है। यह गर्भवती के साथ ही शिशु के लिए भी लाभकारी हो सकता है (1)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाना अच्छा हो सकता है। हालांकि, इसकी मात्रा सीमित ही रखना चाहिए।
स्क्रॉल करें और जानें प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे पाने के लिए इसकी सही मात्रा की जानकारी।
प्रेग्नेंसी में कितना पिस्ता आप प्रति दिन खा सकते हैं?
प्रति दिन 24 पिस्ता यानी लगभग 15 ग्राम (½ Ounce) की मात्रा में गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाया जा सकता है (2)। हालांकि, इसकी मात्रा महिला की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है। इसलिए, बेहतर है इस बारे में गर्भवती डॉक्टरी सलाह भी लें, क्योंकि इसकी अधिकता नुकसान का कारण भी बन सकती है।
पिस्ता के लाभ प्रेगनेंसी में जानने से पहले पढ़ें, पिस्ता के पोषक तत्व व उनकी मात्रा।
पिस्ता में मौजूद पोषक तत्व
यहां हम प्रति 100 ग्राम पिस्ता में मौजूद पोषक तत्व व उनकी मात्रा की जानकारी कुछ इस प्रकार दी गई है (3)।
- 100 ग्राम पिस्ता में लगभग 4.37 ग्राम पानी, 560 किलोकैलोरी ऊर्जा, 20.2 ग्राम प्रोटीन, 45.3 ग्राम टोटल लिपिड, 2.99 ग्राम एश, 27.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 10.6 ग्राम फाइबर, 7.66 ग्राम शुगर पाया जाता है।
- वहीं पिस्ता में मिनरल्स भी होते हैं। प्रति 100 ग्राम पिस्ता में 105 मिलीग्राम कैल्शियम, 3.92 मिलीग्राम आयरन, 121 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 490 मिलीग्राम फास्फोरस, 1020 मिलीग्राम पोटेशियम, 1 मिलीग्राम सोडियम, 2.2 मिलीग्राम जिंक, 1.3 मिलीग्राम कॉपर, 7 माइक्रोग्राम सेलेनियम, 1.2 मिलीग्राम मैगनीज, और 3.4 माइक्रोग्राम फ्लोराइड मौजूद होता है।
- वहीं, प्रति 100 ग्राम पिस्ता में बात करें विटामिन्स की मात्रा कुछ इस प्रकार है – 5.6 मिलीग्राम वटामिन सी, 0.87 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन, 1.3 मिलीग्राम नियासिन, 1.7 मिलीग्राम विटामिन बी6, 51 माइक्रोग्राम फोलेट, 26 माइक्रोग्राम विटामिन ए और 305 माइक्रोगाम बीटा केरोटिन, 2900 माइक्रोग्राम ल्यूटिन और जियाजैंथिन व 2.86 मिलीग्राम विटामिन ई की मात्रा होती है।
- इसके साथ ही, 100 ग्राम पिस्ता में 5.91 ग्राम फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड), 23.3 ग्राम फैटी एसिड (टोटल मोनोअनसैचुरेटेड) और 14.4 ग्राम फैटी एसिड (टोटल पॉलीसैचुरेटेड) होता है।
पिस्ता के पोषक तत्वों की जानकारी के बाद अब बारी आती है प्रेगनेंसी में पिस्ता के लाभ के बारे में जानने की।
प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे | pregnancy main pista khane ke fayde
प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे कई हैं, जिनकी जानकारी हम नीचे विस्तार से दे रहे हैं। ध्यान रहें कि सीमित मात्रा में ही गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाना चाहिए, ताकि इसके दुष्प्रभाव से बचाव किया जा सके।
1. गर्भकालीन मधुमेह से बचाव
गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से बचाव करने में पिस्ता का सेवन लाभाकरी हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान पिस्ता को डाइट (Mediterranean Diet) में शामिल किया गया है, जो गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes Mellitus) के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। यह रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम करने में मदद कर सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से बचाव करने में मदद कर सकता है (4)। साथ ही इसमें में एंटी-डायबिटिक गुण भी मौजूद होता है, जो गर्भावस्था के जोखिम को कम कर सकता है (5)।
2. कोलेस्ट्राल नियंत्रित करे
अध्ययनों के अनुसार, गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में कोलेस्ट्राल बढ़ने का जोखिम पैदा हो सकता है। इसके कारण धमनियों के अंदर प्लाक जमने की समस्या (Atherosclerosis) हो सकती है, जिसके कारण गर्भावस्था में हृदयाघात (Myocardial Infarction) का जोखिम बढ़ सकता है। साथ ही बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राल भ्रूण के लिए भी जोखिम भरा हो सकता है (6)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाना लाभकारी हो सकता है। दरअसल, पिस्ता में कोलेस्ट्राल घटाने का प्रभाव होता है, जिससे ह्रदय संबंधी समस्याओं से बचाव करने में भी मदद मिल सकती है (7)।
3. कब्ज के लिए
कब्ज की समस्या भी गर्भावस्था के लक्षणों में से एक है (8)। शोध के अनुसार, लगभग 38 फीसदी महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कब्ज की परेशानी देखी जाती है। इसकी वजह गर्भावस्था में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बढ़ने को मान सकते हैं। दरअसल, बढ़ा हुआ प्रोजेस्टेरोन आंतों के कार्य की गति धीमी कर सकता है, जो कब्ज का कारण बन सकता है (9)। वहीं, कब्ज की समस्या दूर करने के लिए भी गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, पिस्ता जैसे सूखे मेवे फाइबर से भरपूर होते हैं, साथ ही इसमें लैक्सेटिव (Laxative – मलत्याग को आसान बनाने वाला) प्रभाव भी होता है। जिस वजह से यह पाचन तंत्र में सुधार करके कब्ज के उपचार में मदद कर सकता है (10)।
4. संतुलित वजन के लिए
गर्भावस्था में कम वजन शिशु के कम वजन का जोखिम बढ़ा सकता है। वहीं, प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती का अधिक वजन होने वाले शिशु में मोटापे, मधुमेह जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है। ऐसे में गर्भवती का संतुलित वजन होना आवश्यक है (11)। ऐसे में इस स्थिति से बचने के लिए भी गर्भवती अपने आहार में पिस्ता शामिल कर सकती हैं। इसकी पुष्टि एक रिसर्च पेपर में मौजूद जानकारी से होती है। इस रिसर्च के अनुसार, पिस्ता में मौजूद फायटोकेमिकल्स वजन को संतुलित रखने और मोटापे का जोखिम बढ़ाने वाले मेटाबॉलिक सिंड्रोम या मधुमेह जैसी स्वास्थ्य स्थितियां कम कर सकते हैं (12)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान मोटापे से बचाव के लिए और वजन संतुलित खने के लिए पिस्ता का सेवन कर सकते हैं।
5. इम्यूनिटी के लिए
गर्भावस्था में इम्यूनिटी कमजोर होने से कई तरह के वायरल संक्रमण का जोखिम भी बढ़ सकता है (13)। इसके बचाव में भी गर्भवती पिस्ता को आहार में शामिल कर सकती हैं। एक रिसर्च में यह बताया गया है कि पिस्ता में मैग्नीशियम की समृद्ध मात्रा होती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने और बीमारियों के जोखिम को कम करने में असरदार हो सकता है। साथ ही पिस्ता में टोकोफेरॉल (Tocopherol) भी होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है (14)।
6. एनीमिया के लिए
पिस्ता खाने से गर्भावस्था के दौरान होने वाली खून की कमी के जोखिम को कुछ हद तक कम करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, गर्भावस्था के समय आयरन की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं में एनीमिया का जोखिम बढ़ सकता है। साथ ही, यह थकान, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और जन्म के समय शिशु के कम वजन का कारण भी बन सकता है (15)। इससे बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है, जिसमें पिस्ता भी शामिल है। इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च पेपर भी इसकी सलाह देता है कि गर्भवती अपने आहर में आयरन युक्त पिस्ता शामिल कर सकती हैं। यह आयरन की कमी और उससे होने वाली जटिलताओं से बचाव करने में मदद सकता है (16)।
7. फोलेट के लिए
गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड युक्त आहार खाना लाभकारी माना जाता है। इस दौरान फोलेट का सेवन करने से शिशु में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (रीढ़ और दिमाग संबंधित समस्या) के जोखिम कम किया जा सकता है (17)। ऐसे में हम लेख में यह पहले ही जानकारी दे चुके हैं कि पिस्ता में कुछ मात्रा में फोलेट भी होता है (3)। इसके अलावा, पिस्ता में फेनोलिक (Phenolic) कंपाउंड भी होता है, जो महिला और भ्रूण (Offspring) का स्वास्थ्य बेहतर बनाने में मदद कर सकता है (4)। साथ ही, पिस्ता में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चे के मस्तिष्क के विकास में भी मदद कर सकता है (18)।
8. हृदय स्वास्थ्य के लिए
गर्भावस्था में ह्रदय स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है। प्रेगनेंसी में ह्रदय रोग गर्भवती और होने वाले शिशु दोनों के लिए ही जोखिम पैदा कर सकता है (19)। ऐसे में ह्रदय स्वास्थ्य के लिए पिस्ता का सेवन लाभकारी हो सकता है। पिस्ता में मौजूद विटामिन बी6 ह्रदय रोग के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है। इसके अलावा, यह ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार कर सकता है (10)।
तो ये थे पिस्ता के लाभ प्रेगनेंसी में, अब पढ़ें गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाने के साइड इफ्फेक्ट।
गर्भावस्था में पिस्ता खाने के साइड-इफ्फेक्ट
पिस्ता में मौजूद पोषक तत्व और इसके गुणों की वजह से गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाना अच्छा हो सकता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान अधिक पिस्ता खाने से कुछ साइड इफ्फेक्ट भी हो सकते हैं, जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी दे रहे हैं:
- पिस्ता जैसे सूखे मेवे एलर्जी का कारण बन सकते हैं (20)। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पिस्ता का सेवन एलर्जी का जोखिम बढ़ा सकता है।
- पिस्ता में कुछ मात्रा में केमिकल (Pistachio Pesticides) भी हो सकते हैं, जिसके प्रभाव से गर्भ में शिशु की मृत्यु (Stillbirth) का जोखिम भी बढ़ सकता है (21)। इसलिए सीमित मात्रा में ही गर्भवती इसका सेवन करें।
- फाइबर युक्त पिस्ता जैसे सूखे मेवे अधिक खाने से पेट में दर या ऐंठन, गैस, सूजन, पेट फूलने की परेशानी और दस्त की समस्या का जोखिम कारक हो सकता है (10)।
- सूखे मेवों में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है (10)। वहीं, पिस्ता में भी कैलोरी की अधिक मात्रा होती है। ऐसे में इसके ज्यादा सेवन करने से बचें।
- पिस्ता में रक्त में शुगर की मात्रा घटाने का प्रभाव होता है (5)। वहीं, ब्लड शुगर अधिक घटने से थकान (Fatigue) हो सकती है (10)।
- जैसे कि हमने जानकारी दी है कि पिस्ता में कुछ मात्रा में आयरन भी होता है। ऐसे में आयरन की अधिकता होने से पेट और आंत्र से जुड़ी समस्याएं जैसे – कब्ज, मतली, उल्टी और दस्त की परेशानी हो सकती है (15)।
- इसके अलावा, रोस्टेड पिस्ता (भूना हुआ) में नमक की मात्रा अधिक होती है। वहीं, नमक (सोडियम) की अधिकता ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है (22)।
गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाने के साइड इफ्फेक्ट का ध्यान रखें और आगे जानें पिस्ता के उपयोग के तरीके।
अपने आहार में पिस्ता कैसे शामिल करें?
पिस्ता के लाभ प्रेगनेंसी में पाने में के लिए आप इसे कई तरह से अपने आहार का हिस्सा बना सकती हैं। तो लेख के इस भाग में पढ़ें डाइट में पिस्ता शामिल करने के कुछ आसान तरीके:
- गर्भावस्था में पिस्ता का सेवन करने के लिए इसे सुबह और शाम के नाश्ते में शामिल कर सकती हैं।
- प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे पाने के लिए इसका उपयोग फ्रूट सलाद या अन्य पकवानों में गार्निशिंग के तौर पर उपयोग कर सकते हैं।
- गर्भावस्था के दौरान पिस्ता का सेवन करने के लिए इसे सब्जियों के सलाद में मिला कर खाया जा सकता है।
- दही में भी पिस्ता मिलाकर सेवन कर सकती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान पिस्ता का सेवन हल्के नमक और घी के साथ भूनकर भी कर सकती हैं।
- प्रेगनेंसी में पिस्ता का पाउडर भी बनाकर दूध में मिलाकर पी सकती हैं।
- प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे पाने के लिए इसका उपयोग मिल्क शेक, स्मूदी या अन्य फ्रूट जूस बनाने में भी उपयोग कर सकती हैं।
- गर्भवती घर में पिस्ता से बनी आईसक्रीम का सेवन भी कर सकती है।
इस लेख में आपने जाना कि पिस्ता प्रेग्नेंसी में खाना सही है या नहीं। यहां पर प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे विस्तार से बताए गए हैं। इसके अलावा, पिस्ता के लाभ प्रेगनेंसी में पाने के लिए इसकी उचित मात्रा की जानकारी भी हमने दी है। साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान पिस्ता खाना कुछ मामलों में हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पिस्ता का सेवन उचित मात्रा में ही करें। वहीं, अगर नट्स से ऐलर्जी की समस्या रही हो तो इसके सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह लें और इसकी मात्रा की भी जानकारी लें। अब इस लेख को अन्य महिलाओं के साथ शेयर कर हर किसी को प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे व नुकसान से अवगत कराएं।
References
2. HEALTHY EATING DURING PREGNANCYBy Clinical Dietitians & Dietetic Interns, Food & Nutrition Services, UC Davis Medical Center
3. Nuts, pistachio nuts, rawBy USDA
4. Benefits of Adhering to a Mediterranean Diet Supplemented with Extra Virgin Olive Oil and Pistachios in Pregnancy on the Health of Offspring at 2 Years of Age. Results of the San Carlos Gestational Diabetes Mellitus Prevention StudyBy Researchgate
5. Effects of Pistachio Nut Supplementation on Blood Glucose in Patients with Type 2 Diabetes: A Randomized Crossover TrialBy NCBI
6. Cholesterol in pregnancy: a review of knowns and unknownsBy NCBI
7. Effect of pistachio nuts on serum lipid levels in patients with moderate hypercholesterolemiaBy Pubmed
8. Common symptoms during pregnancyBy Medlineplus
9. Constipation in pregnancyBy Wiley’s Obstetrics and Gynaecology
10. Dry Fruits and Diabetes MellitusBy International Journal of Medical Research & Health Sciences
11. EAT FOR HEALTH By Australian Dietary Guidelines
12. The effect of pistachios on human health: A review studyBy Journal of Occupational Health and Epidemiology
13. The Immune System in Pregnancy: A Unique ComplexityBy NCBI
14. A review on pistachio: Its composition and benefits regarding the prevention or treatment of diseasesBy Journal of Occupational Health and Epidemiology
15. Pregnancy and birth: Do all pregnant women need to take iron supplements?By NCBI
16. Improving bioavailability of iron in Indian diets through food-based approaches for the control of iron deficiency anaemia By Food and Agriculture Organization
17. Folate for pregnant womenBy Betterhealth
18. Nutrition and Health Info Sheet: Omega-3 Fatty AcidsBy The Regents of the University of California, Davis campus
19. Cardiac Disease in PregnancyBy NCBI
20. Pistachio nut allergy: An updated overviewBy Pubmed
21. Exposure to pistachio pesticides and stillbirth: a case-control studyBy Pubmed
22. Nuts and seeds By Betterhealth
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