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गर्भावस्था का छठा महीना शुरू होने का मतबल है कि दूसरी तिमाही खत्म होने में केवल एक महीना बचा है। हर माह की तरह इस बार भी गर्भवती को नए अनुभव देखने को मिलेंगे। कुछ अनुभव अच्छे होंगे, तो कुछ परेशानियां बनकर सामने आएंगे। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था के छठे महीने (21वें सप्ताह से 24वें सप्ताह) की बात करेंगे। इस दौरान होने वाली परेशानियों व सावधानियों से लेकर खानपान और व्यायाम तक सब कुछ इस लेख में आपको मिलेगा। सबसे पहले हम बात करते हैं इस माह नजर आने वाले प्रमुख लक्षणोंं की।
गर्भावस्था के छठवें महीने के लक्षण | Pregnancy Ka 6 Month
- एडीमा (सूजन) : गर्भावस्था के छठे महीने के आसपास, आपको पैरों, टखनों और हाथों पर सूजन दिखाई दे सकती है। इसे एडीमा कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि शरीर में टिश्यू के भीतर तरल पदार्थ बनना शुरू होता है, ताकि आपको और आपके बच्चे को पोषण मिल सके। श्रोणि पर दबाव में वृद्धि और एड़ियों, पैरों व हाथों में सूजन एडीमा के कारण ही होती है। हल्की-सी सूजन सामान्य है और यह गर्भावस्था से जुड़ा एक आम लक्षण है (1)।
- अपच की समस्या : गर्भावस्था के दौराना कब्ज होना एक आम समस्या है। आपको बता दें कि गर्भाशय बढ़ने के कारण पेट के निचले भाग पर दबाव पड़ता है और अपच की समस्या होने लगती है। इस समस्या से बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन के साथ-साथ भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। अगर तब भी कब्ज ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर दवाइयां देते हैं, जिसे थोड़े समय के लिए लेना ही बेहतर होता है (2)।
- ज्यादा भूख लगना : बच्चे के विकास में पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है। यही कारण है कि आपको सामान्य से अधिक भूख लगती है। आप अक्सर भूख महसूस होगी। संभव है कि इस दौरान आपका जंक फूड खाने का दिल करे, लेकिन खुद पर नियंत्रण रखें और ऐसा भोजन करें, जो आपके व आपके शिशु के लिए फ़ायदेमंद हो।
- खर्राटे आना : यह गर्भावस्था के आम लक्षणों में से एक है। वजन बढ़ना भी खर्राटों का कारण हो सकता है, क्योंकि सिर और गर्दन के चारों ओर टिश्यू सूख जाते हैं, जिससे खर्राटों की समस्या शुरू होती है। गर्भावस्था के दौरान, कुछ मामलों में खर्राटे मधुमेह का संकेत हो सकते हैं, जिसके बारे में डॉक्टर मासिक रक्त और मूत्र परीक्षण से पता लगा सकते हैं (3)।
- पीठ दर्द की समस्या : यह गर्भावस्था के सबसे आम लक्षणों में से एक है। प्रसव के लिए शरीर को तैयार करने के लिए हार्मोन, श्रोणि क्षेत्र और मांसपेशियों को ढीला करते हैं। बच्चे का वजन और बढ़ता गर्भाशय, आपके पेट को आगे बढ़ाता है, जिस कारण पीठ में दर्द की समस्या होती है (4)।
प्रेगनेंसी के छठे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव
- अभी तक आपका काफी वजन बढ़ गया होगा। इस दौरान गर्भाशय आमतौर पर पेट के ऊपर एक इंच या उससे अधिक तक बढ़ता है। इसके कारण आपकी नाभि बाहर की ओर निकली हुई दिखने लगती है। डिलीवरी के बाद कुछ हफ्तों तक यह इस तरह बनी रहती है, लेकिन कुछ समय बाद में यह अपनी स्थिति में वापस आ जाती है। हर महिला के शरीर अनुपात के कारण नाभि का बाहर की ओर निकलना देर से पता चल सकता है।
- छठे महीने में मसूड़ों से खून आने की समस्या बनी रहती है। अगर यह समस्या ज्यादा हो, तो अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें (5)।
- गर्भाशय बढ़ने से पेट के निचले हिस्से में खिंचाव होने लगता है। इस वजह से उस भाग में खिंचाव के निशान पड़ सकते हैं, जिस वजह से आपको असहजता महसूस हो सकती है।
- हो सकता है कि आपको नकली लेबर पेन (ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन) होने लगे। ये थोड़ी-थोड़ी देर में 30 सेकंड से लेकर एक मिनट तक रहने वाले संकुचन हैं। हालांकि, इस तरह के पेन ज्यादातर तीसरी तिमाही में होते हैं (6)। अगर तेज दर्द उठे या फिर निश्चित समयावधि से रुक-रुक कर हल्का दर्द हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- इस दौरान, शिशु तक पर्याप्त पोषण पहुंचाने के लिए रक्त की तेज आपूर्ति होती है। इस कारण, कभी-कभी गर्भवती के निचले हिस्से, जैसे पेट के नीचे और जांघों पर नसें उभर आ (वैरिकोस वेन) सकती हैं (7)।
- बढ़ते रक्त संचार के कारण हाथ-पैरों पर प्रभाव पड़ सकता है, जिस वजह से हाथ-पैरों में कड़ापन आ सकता है।
आगे आप जानेंगे कि गर्भ में 6 महीने के बच्चे का वजन कितना होता है।
गर्भावस्था के छठे महीने में बच्चे का विकास और आकार
गर्भ में बच्चे के विकास को महसूस करना सबसे सुखद अनुभव होता है। जैसे-जैसे बच्चे का विकास होता है, उसकी हलचल शुरू जाती है। गर्भ में बच्चे की हलचल उसके आने की उत्सुकता को और बढ़ा देगी। यहां जानिए कि गर्भावस्था के 6 महीने में बच्चे की स्थिति क्या होती है :
- इस दौरान न केवल बच्चे का वजन, बल्कि लंबाई भी बढ़ती है।
- त्वचा के नीचे बने रक्त वाहिकाओं की वजह से शिशु की त्वचा गुलाबी हो जाती है।
- फेफड़ों के परिपक्व होने में अभी समय है।
- इस समय बच्चा बहुत सक्रिय होगा और जल्द ही बाहर की आवाजों पर प्रतिक्रिया देगा। इस महीने के अंत तक बच्चे की उंगलियां और नाखून विकसित होते हैं और अल्ट्रासाउंड के माध्यम से दिखाई देते हैं।
- संभव है कि अल्ट्रासाउंड में आपको बच्चा अंगूठा चूसता दिखाई दे।
- इस महीने के अंत तक शिशु का सिर शरीर के अन्य अंगों मुकाबले अब भी बड़ा होता है।
- छठे महीने के अंत तक शिशु का वजन 900 ग्राम के करीब और उसकी लंबाई 12 इंच के आसपास हो सकती है (8)।
गर्भावस्था के छठे महीने में देखभाल
ध्यान रखें कि अब आप एक ऐसे पड़ाव पर हैं, जिसमें आपका शिशु बाहरी गतिविधियों को भी महसूस और सुन सकता है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप एक अच्छे वातावरण में रहें। चिंता व परेशानी आप दोनों की सेहत के लिए सही नहीं है। गर्भावस्था के छठे महीने में आपको अपनी दिनचर्या से लेकर खानपान तक का ध्यान रखना होगा। इसके अलावा, नीचे लिखे खानपान को अपने भोजन में शामिल करना होगा। आपको छठे महीने के दौरान और ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
गर्भावस्था के छठे महीने में आहार | Pregnancy Ke 6 Month Me Kya Khana Chahiye
स्वस्थ गर्भावस्था के लिए स्वस्थ खानपान बेहद जरूरी हैं। आप क्या खाती हैं, क्या पीती हैं, उसका सीधा असर आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। इसलिए, आप जो भी खाएं पौष्टिक खाएं। हो सकता है कि आपकी खाने की पसंद में कुछ बदलाव हो। इस दौरान, आपको वह पसंद आ सकता है, जो आपको पहले पसंद नहीं था। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी लें और जल्दी पचने वाला भोजन खाएं।
गर्भावस्था के छठे महीने में क्या खाएं?
- संतरे भरपूर मात्रा में खाएं। इसमें विटामिन-सी और फाइबर होता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है।
- विटामिन-सी की आपूर्ति के लिए ब्रोकली, टमाटर, दूध, खजूर व मुनक्का का सेवन फायदेमंद होगा।
- रात में भोजन ऐसा करें, जिसे पचाने में मुश्किल न हो।
- इस अवस्था में कब्ज होना आम है, तो इससे निपटने के लिए फाइबर युक्त आहार का सहारा लें।
- इस महीने के दौरान आयरन की कमी होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। इसलिए, आयरन समृद्ध खाद्य पदार्थों के साथ-साथ कुछ आयरन के सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।
गर्भावस्था के छठे महीने में क्या नहीं खाएं?
- कई गर्भवती महिलाओं को अचानक ऑयली फास्ट फूड खाने का मन करता है, लेकिन इस दौरान यह चीजें खाने से बचें। इनके सेवन से चिड़चिड़ापन व थकावट का सामना करना पड़ सकता है।
- उच्च मरकरी वाली मछली, कच्चे अंडे व कच्चा मांस न खाएं। यह भ्रूण के विकास में बाधा पहुंचाते हैं।
- गर्भावस्था में सॉफ्ट चीज़ खाने से बचें, क्योंकि इसमें इस्तेमाल किया गया दूध पॉश्चयरकृत नहीं होता, जिससे गर्भवती को भोजन विषाक्तता हो सकती है (9)।
गर्भावस्था के छठे महीने में व्यायाम
व्यायाम हर किसी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। बात रही गर्भावस्था की, तो इस दौरान व्यायाम करना सेहत और शिशु के लिए फायदेमंद है (10)। गर्भावस्था में नियमित रूप से व्यायाम करना फायेदमंद होता है। इसके अलावा, सांस संबंधी व्यायाम, जैसे:-अनुलोम विलोम करना चाहिए। नीचे हम गर्भावस्था के छठे महीने के दौरान किए जाने वाले व्यायाम के नाम बता रहे हैं :
- किगल व्यायाम
गर्भावस्था क दौरान कीगल व्यायाम करना फायदेमंद हो सकता है (11)। इससे श्रोणि भाग की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान मूत्र न रोक पाने की समस्या से भी आराम मिलता है।
- चेयर पोज
चेयर पोज को उत्कष्टासन भी कहा जाता है। इससे टखनों, जांघों और रीढ़ की हड्डी मजबूती होती है। यह आसन गर्भावस्था के लिए फायदेमंद माना जाता है।
- जॉगिंग करना
गर्भावस्था में जॉगिंग करना फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसे करते समय एक बात का ध्यान रखना है कि आप खुद को बिल्कुल भी थकाएं नहीं। धीरे-धीरे जॉगिंग करें और हमेशा अपने साथ किसी परिवार के सदस्य को रखें।
नोट : आप ये व्यायाम व योगासन किसी ट्रेनर की देखरेख में ही करें।
आइए, अब बात करते हैं इस महीने होने वाले विभिन्न प्रकार के टेस्ट के बारे में।
छठे महीने में गर्भावस्था के दौरान स्कैन और परीक्षण
गर्भावस्था का छठा महीना यानी दूसरी तिमाही के आखिरी महीने में सही खानपान के साथ-साथ नियमित रूप से चिकित्सीय जांच करवाना भी जरूरी होता है। इसमें यह पता लगाया जाता है कि शिशु का विकास ठीक से हो रहा है या नहीं। इस दौरान गर्भवती का ब्लड प्रेशर, गर्भाशय का माप व वजन जैसे सामान्य टेस्ट किए ही जाते हैं। इसके अलावा, जानिए छठे महीने में और क्या-क्या जांच की जाती है (12) :
- यूरिन टेस्ट : शुगर और प्रोटीन का स्तर जांचने के लिए यूरिन टेस्ट किया जाएगा।
- गर्भावधि मधुमेह की जांच : इस महीने में मधुमेह की समस्या होना आम है। गर्भावस्था में होने वाली शुगर को गर्भावधि मधुमेह (Gestational diabetes) कहा जाता है। इसकी जांच के लिए पहले आपको ग्लुकोज वाला पानी पिलाया जाएगा फिर रक्त का नमूना लिया जाएगा। इसे ग्लुकोज टोलरेंस टेस्ट (Glucose tolerance test) कहा जाता है।
- अल्ट्रासाउंड : वहीं, बच्चे के विकास की जांच के लिए आवश्यकता पड़ने पर अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इसके जरिए डॉक्टर बच्चे की गतिविधि व उसका विकास चेक करते हैं।
- क्वाड स्क्रीन टेस्ट : इस महीने की शुरुआत में क्वाड स्क्रीन टेस्ट भी कराया जा सकता है। इसमें गर्भवती के रक्त का नमूना लिया जाता है और लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाता है। हालांकि, इस टेस्ट में किसी बीमारी की जांच नहीं की जाती। बस इससे यह पता लगाया जाता है कि आगे और कोई टेस्ट करने की ज़रूरत है या नहीं (13)।
गर्भावस्था के दौरान कुछ सावधानियां भी बरतने की जरूरत होती है, जिसके बारे में हम आगे बताने जा रहे हैं।
गर्भावस्था के छठे महीने के दौरान सावधानियां – क्या करें और क्या नहीं
सावधानियां आने वाली बड़ी-बड़ी समस्याओं से बचा लेती हैं। रही बात गर्भावस्था की, तो इस दौरान भी आपको तमाम सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, ताकि होने वाले बच्चे और मां को किसी तरह की परेशानियां न हो। नीचे हम बताने जा रहे हैं कि छठे महीने के दौरान क्या करें क्या न करें :
- चूंकि, अब बच्चे के आने में कुछ ही महीने बचे हैं, तो अब आप अपने बच्चे का नाम सोचना शुरू कर दें।
- अगर अभी तक गर्भावस्था के कपड़े नहीं खरीदे हैं, तो बाजार जाकर ले आएं। ढीले-ढाले कपड़े पहनें, जो आपको आराम पहुंचाएंगे।
- डिलीवरी के लिए अस्पताल में पहले से ही पंजीकरण करा लें, ताकि समय आने पर किसी तरह की समस्या न हो।
- इस दौरान आपको पैरों में सूजन या हल्का दर्द महसूस हो सकता है। इसके लिए टांगों को थोड़ी देर के लिए गुनगुने पानी में डालने से आराम मिल सकता है।
- यह समय है अपने परिवार के साथ समय बिताने का। बेबी के आने से पहले कुछ और खुशी के पल घरवालों के साथ बिताने से आपको और अच्छा महसूस होगा।
- आप बिल्कुल भी तनाव न लें, हमेशा सकारात्मक सोच बनाएं रखें और खुशी के साथ अपने आने वाले बच्चे के स्वागत की तैयारी करें।
गर्भावस्था के छठे महीने के दौरान चिंताएं
जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता जाएगा, हर महीने कुछ न कुछ अलग-अलग अनुभव होते रहेंगे। सभी अनुभव अच्छे हों, ऐसा जरूरी नहीं है। बात की जाए छठे महीने की, तो इस दौरान कुछ अन्य समस्याएं भी आती हैं, जो इस प्रकार हैं :
- अनिद्रा की समस्या : इस महीने में गर्भवती महिला को अनिद्रा की परेशानी होना आम है। ज्यादातर यह समस्या रात को बार-बार पेशाब जाने की वजह से होती है। जब बढ़े हुए गर्भाशय के कारण मूत्राशय पर दबाव पड़ता है, तो बार-बार पेशाब आता है। इसके अलावा, रात में जब शिशु किक मारता है, तब भी गर्भवती की नींद टूट जाती है।
- शरीर में दर्द : जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ेगा, आपको शरीर में दर्द रहने की समस्या बढ़ सकती है। यह दर्द गर्भाशय के बढ़ने के कारण होता है। इस दर्द को राउंड लिगामेंट दर्द कहा जाता है।
- हाथ-पैरों में झनझनाहट : गर्भावस्था के छठे महीने में रक्त संचार बढ़ने के कारण आपके हाथों और पैरों में झनझनाहट होने की समस्या हो सकती है। ऐसा ज्यादातर उन महिलाओं के साथ होता है, जो ऑफिस में काम करती हैं। लगातार कंप्यूटर पर काम करने से हाथों में झनझनाहट होती है। इस समस्या से बचने के लिए आप बीच-बीच में अपने हाथों को आराम देती रहें।
होने वाले पिता के लिए टिप्स
इसमें कोई दो राय नहीं है कि गर्भावस्था न सिर्फ एक महिला के लिए वरदान है, बल्कि होने वाले पिता के लिए भी किसी उपहार से कम नहीं है। इसलिए, ऐसे में उन्हें गर्भवती को हौसला देने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है, महिला की घबराहट बढ़ती जाती है। ऐसे में पति होने के नाते आप प्रसव के लिए मानसिक रूप से अपनी पत्नी को तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर से सही समय पर जांच करवाना आपकी जिम्मेदारी होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या गर्भावस्था के छठे महीने में यात्रा करना सुरक्षित है?
हां, अगर आपको किसी तरह की चिकित्सीय समस्या नहीं है, तो दूसरी तिमाही के दौरान यात्रा करना सुरक्षित है। फिर भी एक बार यात्रा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें (14)।
क्या गर्भावस्था के दौरान बवासीर हो सकती है?
गर्भावस्था में कब्ज की समस्याएं होना आम है। अगर यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती हैं, तो बवासीर की परेशानी होने लगती है। इससे बचने के लिए जितना हो सके फाइबर युक्त खाना खाएं और दिन में आठ-दस गिलास पानी जरूर पिएं। समस्या ज्यादा बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें (15)।
उम्मीद है कि गर्भावस्था के छठे महीने से जुड़ी जरूरी बातें, आपको पता चल गई होंगी। यह कुछ ऐसी सामान्य बातें थीं, जिनकी जानकारी हर गर्भवती को होना जरूरी है। यह जानकारी उन सभी महिलाओं के साथ भी शेयर करें, जो छठे महीने की गर्भवती हैं। अन्य महीनों से जुड़ी ऐसी जानकारी के लिए मॉमजंक्शन के दूसरे आर्टिकल जरूर पढ़ें।
References
1. Causes and signs of edema By Ncbi
2. Treating Constipation During Pregnancy By Ncbi
3. Snoring during Pregnancy and Delivery Outcomes: A Cohort Study By Ncbi
4. Pregnancy And Low Back Pain By Ncbi
5. Pregnancy and teeth By Better Health Channel
6. Braxton Hicks Contactions By Ncbi
7. VARICOSE VEINS By Medline Plus
8. Fetal Growth And Development By Website Of The State Of South Dakota Department Of Health
9. Food Safety For Pregnant Women By Food Safety
10. Yoga in Pregnancy.By Ncbi
11. Kegel (“kay-gill”) exercises: How to strengthen your pelvic floor muscles By University of Rochester
12. Prenatal Care In Your Second Trimester By Medline Plus
13. Prenatal care in your second trimester By Medline Plus
14. Pregnancy And Travel By Better Health Channel
15. Hemorrhoids By Medline Plus
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