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गर्भावस्था का दौर बेहद नाजुक होता है। इस दौरान, मां और होने वाले शिशु की सेहत पर हर तरह से ध्यान देना जरूरी है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए दोनों को ही पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इस दौरान कुछ लोग गर्भवती महिला को गोंद के लड्डू खाने की सलाह देते हैं। क्या वास्तव में गोंद के लड्डू गर्भवती महिला, होने वाले शिशु और प्रसव के बाद महिला के लिए लाभदायक होते हैं? संभव है कि ऐसे कई सवाल आपके मन में भी आते होंगे। माॅमजंक्शन के इस लेख में हम इसी मुद्दे पर बात कर रहे हैं। हालांकि, इस विषय पर कम ही वैज्ञानिक अध्ययन हुआ है। फिर इस संंबंध में जितने भी वैज्ञानिक रिसर्च उपलब्ध हैं, हम उसी के आधार पर आपके लिए जानकारी लेकर आए हैं।
आइए, पहले यह जानते हैं कि डिलीवरी के बाद गोंद के लड्डू खा सकते हैं या नहीं।
क्या प्रसव के बाद गोंद के लड्डू सुरक्षित हैं? | Gond Ke Laddu After Delivery
प्रसव के बाद गोंद के लड्डूओं का सेवन किया जा सकता है, लेकिन सीमित मात्रा में। इसमें कोई दो राय नहीं कि गोंद के लड्डूओं की तासीर गरम होती है, इसलिए इसे अधिक मात्रा में सेवन करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इससे शरीर में गर्मी बढ़ सकती है और एसिडिटी भी हो सकती है, जिससे मां और शिशु दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। किसे यह खाना चाहिए और दिनभर में इसकी कितनी मात्रा लेनी है, उस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं (1)।
आइए, अब जान लेते हैं कि गोंद के लड्डू को गर्भावस्था के दौरान खाया जा सकता है या नहीं।
क्या गर्भावस्था के दौरान गोंद के लड्डू सुरक्षित हैं? | Pregnancy Me Gond Khana
गर्भावस्था में छोटी-सी लापरवाही भी मां और शिशु के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इसलिए, चाहे शारीरिक गतिविधि हो या फिर खान-पान, हर चीज पर ध्यान देना जरूरी है। यही बात गोंद के लड्डू पर भी लागू होती है। गोंद से बने लड्डू की तासीर गर्म होती है। संभव है कि यह किसी को सूट करे और किसी को न करे, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान हर महिला को अलग-अलग शारीरिक समस्याएं होती हैं। इसलिए, गोंद के लड्डू का सेवन करना है या नहीं यह पूरी तरह से आपके स्वास्थ्य और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है।
अब बात करते हैं गोंद के लड्डूओं में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
गोंद के लड्डू के पोषण मूल्य
सामान्यत: एक गोंद का लड्डू कई पोषक तत्वों से मिलकर बना होता है। मुख्य रूप से गोंद में पाए जाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार हैं (2) :
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम | |
---|---|---|
कैलोरी | 332 | |
कार्बोहाइड्रेट | 77.30 ग्राम | |
वसा | 77.3 ग्राम | |
प्रोटीन | 4.60 ग्राम | |
फाइबर | 77.3 ग्राम | |
शुगर | 0.00 ग्राम | |
खनिज पदार्थ | ||
कैल्शियम | 294 मि. ग्राम | |
आयरन | 0.00 मि. ग्राम | |
मैग्नीशियम | 0 मि. ग्राम | |
फास्फोरस | 0 मि. ग्राम | |
पोटेशियम | 0 मि. ग्राम | |
सोडियम | 125 मि. ग्राम | |
जिंक | 0.00 मि. ग्राम | |
विटामिन | ||
विटामिन सी | 0.0 मि. ग्राम | |
थायमिन | 0.000 मि. ग्राम | |
राइबोफ्लेविन | 0.000 मि. ग्राम | |
नियासिन | 0.000 मि. ग्राम | |
विटामिन बी -6 | 0.000 मि. ग्राम | |
फोलेट | 0 µg | |
विटामिन बी -12 | 0.000 µg | |
विटामिन ए | 0 µg | |
विटामिन ई | 0.00 µg | |
विटामिन डी | 0 µg | |
विटामिन के | 0.0 µg | |
लिपिड | ||
फैटी एसिड | 0.060 ग्राम | |
कोलेस्ट्रॉल | 0 मि. ग्राम |
गोंद के लड्डूओं के गुणों को जानने के बाद इसे बनाने की विधि और सामग्री के बारे में बात करते हैं ।
गोंद के लड्डू कैसे बनाएं | Gond Ke Laddu Banane Ki Vidhi
वैसे तो गाेंद के लड्डूओं को कई तरह से बनाया जा सकता है, लेकिन हम इसे कैसे बनाए कि इसके अंदर सभी पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में प्राप्त हो सके। यहां हम गोंद के लड्डू बनाने की विधि के बारे में विस्तार से बता रहे हैं :
सामग्री :
- 75 ग्राम पिसी हुई गोंद
- 250 ग्राम पिसा हुआ छुहारा
- 250 ग्राम सूखा पिसा हुआ नारियल
- 250 ग्राम बारीक गुड़
- 250 ग्राम घी
- 75 ग्राम बादाम
- 25 ग्राम खसखस
- 25 ग्राम जैतून के बीज
- 25 ग्राम सौंफ
- 25 ग्राम इलायची
- 15 ग्राम मेथी दाना
- 1 जायफल
बनाने का तरीका :
- बादाम, जायफल, मेथी दाना, सौंफ, जैतून के बीज, छुहारा, खसखस, इलाइची और सूखे नारियल को हल्का भूरा होने तक भून लें।
- इसके बाद सभी सामग्रियों को ब्लेंडर में पीसकर पाउडर बना लें।
- कड़ाही में एक छोटा चम्मच घी डालें और गर्म होने पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में गोंद डालकर तब तक पकाएं, जब तक कि यह फूल न जाए।
- इसके बाद कड़ाही में 1 बड़ा चम्मच घी डालें। घी गर्म होने पर इसमें गुड़ डालें और उसे अच्छे से पिघला लें।
- इस पिघले हुए गुड़ व गोंद में मिश्रित पाउडर को मिक्स कर लें।
- फिर हथेलियों पर घी लगाकर लड्डू बनाएं।
- इन लड्डूओं को कई दिनों तक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके रखा जा सकता है।
आइए, अब जानते हैं कि प्रसव के बाद गाेंद के लड्डू किस प्रकार फायदेमंद होते हैं।
प्रसव के बाद गोंद के लड्डू के लाभ
प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर गाेंद के लड्डूओं में कई पोषक तत्व होते हैं। इसके सेवन से नई मां को निम्न प्रकार के लाभ हो सकते हैं :
- गोंद के सेवन से स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके शिशु के लिए कई पोषक तत्व मिल जाते हैं।
- इसके सेवन से प्रेग्नेंसी के बाद महिला को पेट दर्द व रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है।
- इसका सेवन करने से थकान और कमजोरी तो दूर होती ही है, साथ ही स्तनपान के जरिए शिशु को भी इसका लाभ मिल जाता है।
- इसके अंदर पाया जाने वाला एडॉप्टोजेनिक गुण डिलीवरी के बाद महिला को स्वस्थ होने में मदद कर सकता है। साथ ही मानसिक तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है।
- प्रसव के बाद होने वाले मासिक धर्म में रक्तस्राव की अनियमितता को रोकने में भी यह कारगर साबित हो सकता है।
- किशमिश, घी व कई अन्य प्रकार के ड्रायफ्रूट्स से बने इस लड्डू में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है। इससे नवजात शिशु और मां को संपूर्ण पोषक तत्व मिलते हैं।
गाेंद के जैसा ही एक अन्य पदार्थ होता है, जिसे गोंद कतीरा कहा जाता है। लेख के इस हिस्से में हम इन दोनों में अंतर बता रहे हैं।
गोंद के लड्डू और गोंद कतीरा में अंतर
गोंद के समान ही गोंद कतीरा भी गुणकारी होता है। इन दोनों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि गोंंद के लड्डू की तासीर गरम होती है और गोंद कतीरा ठंडा होता है। गोंद पानी में घुल जाता है, जबकि गोंद कतीरा पानी को सोखकर फूल जाता है। गोंद की तासीर गरम होने के कारण इसका सेवन सर्दियों में किया जाता है, जबकि गोंद कतीर का सेवन गर्मियों में किया जाता है।
जब गोंद कतीरा भी इतना गुणकारी है, तो क्या इसे गर्भावस्था के दौरान भी सेवन कर सकते हैं? आइए जानते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान गोंद कतीरा सुरक्षित है?
गोंद कतीरा लड्डू खाने की प्रथा भारत में आम है। ऐसा माना जाता है कि यह मां और उसके बच्चे के लिए फायदेमंद होता है। गोंद कतीरे का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में व्यापक रूप से किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कमजोरी महसूस हो सकती है। ऐसे में गोंद कतीरा शरीर को ताकत देने में मदद करता है और प्रेग्नेंसी के बाद गोंद के लड्डू नई मां को शारीरिक समस्याओं का सामना करने में मदद करते हैं। यह पीरियड्स के दौरान भारी रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान गोंद कतीरा बेहतर सेहत के लिए असरकारक होता है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि इस संबंध में कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, आप इसका सेवन डॉक्टर से पूछ कर ही करें। साथ ही अगर किसी गर्भवती महिला को डायबिटीज, जैस्टेशनल डायबिटीज या किडनी से संबंधित कोई बीमारी है, तो लड्डू नहीं खाना चाहिए।
इतना तो स्पष्ट है कि गर्भावस्था के बाद गोंद के लड्डू का सेवन फायदेमंद हो सकता है। बेशक, गोंद का लड्डू स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन फिर भी इसका सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें, क्योंकि इसके लाभ को लेकर वैज्ञानिक अध्ययन कम हुए हैं और हर खाद्य पदार्थ सभी को अलग तरह से प्रभावित करता है। अगर आपके संपर्क में कोई महिला मां बनने वाली हो, तो उसके साथ यह आर्टिकल जरूर शेयर करें। साथ ही गर्भावस्था से जुड़े अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन के साथ जुड़े रहें।
References
1. Pregnancy: Your Questions Answered By Google Books
2.Gums, seed gums (includes locust bean, guar) By USDA
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