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स्वस्थ शिशु के जन्म के पीछे गर्भावस्था के दौरान आहार का सेवन अहम भूमिका निभाता है। यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। खासकर, जब बात फलों और सब्जियों के सेवन से जुड़ी हो, तो दुविधा और ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम सामान्य, लेकिन महत्वपूर्ण सब्जी ‘आलू’ के बारे में जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश यही रहेगी कि गर्भावस्था में आलू खाने से जुड़े सवालों के जवाब हम ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ दें। यहां आप जानेंगे कि प्रेगनेंसी में आलू खाना सुरक्षित है या नहीं? अगर सुरक्षित है, तो गर्भवती इसे कितनी मात्रा में खा सकती है? इसके अलावा, आलू को आहार में शामिल करने के बारे में भी जानकारी देने की कोशिश करेंगे।
इस लेख में सबसे पहले यह जानने की जरूरत है कि क्या गर्भवती के लिए आलू का सेवन सुरक्षित है?
क्या गर्भावस्था के दौरान आलू का सेवन करना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Aalu Khana Chahiye Ya Nahi
हां, गर्भावस्था के दौरान सीमित मात्रा में आलू का सेवन करना सुरक्षित हो सकता है (1)। यह कई तरीकों से गर्भवती महिला की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिसके बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है। साथ ही ध्यान रहे कि अंकुरित आलू (sprouted potato) खाने से बचें, क्योंकि यह होने वाले शिशु में जन्म दोष का खतरा बढ़ा सकता है (2)।
लेख में आगे जानिए कि गर्भावस्था में आलू का सेवन कितनी मात्रा में किया जाना चाहिए?
गर्भावस्था में कितनी मात्रा में आलू खाना सुरक्षित है?
गर्भावस्था के दौरान आलू के सेवन की मात्रा को लेकर भी अक्सर महिलाओं के मन में संशय रहता है। यहां हम आपको बता दें कि गर्भवती महिला एक दिन में आधे मध्यम आकार के आलू का सेवन कर सकती है (1)। इतनी मात्रा उन्हें और उनके गर्भ में पल रहे शिशु को आलू के फायदे दिलाने के लिए काफी है। ध्यान रहे कि इसका अधिक मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है। आलू के दुष्प्रभावों के संबंध में विस्तृत जानकारी लेख में आगे दी गई है।
लेख के इस भाग में आप जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान किस तिमाही से आलू का सेवन शुरू करना चाहिए।
गर्भावस्था में आलू खाने का सबसे अच्छा समय कब है?
आलू ऐसी सब्जी है जिसका उपयोग लगभग रोज किया जाता है। अगर बात करें गर्भावस्था के दौरान इसके खाने के समय की, तो इसका सेवन पहली तिमाही से ही किया जा सकता है (3)। वहीं, अगर सवाल हो कि किस तिमाही में इसका उपयोग सबसे लाभकारी हो सकता है, तो फिलहाल इस बारे में कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, हर किसी की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है, तो इस स्थिति में हम यही सलाह देंगे कि इसका सेवन करने के उचित समय के बारे में एक बार महिला अपने डॉक्टर से भी बात जरूर करे।
लेख के इस भाग में हम आलू में मौजूद पोषक तत्वों की एक सूची आपके साथ साझा कर रहे हैं।
आलू के पोषक तत्व
आलू में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं और उनमें से कुछ पोषक तत्व गर्भवती और भ्रूण दोनों के लिए लाभकारी हो सकते हैं। इन पोषक तत्वों को हम नीचे दी गई टेबल के जरिए समझते हैं (4) :
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 79.25 ग्राम |
ऊर्जा | 77 kcal |
प्रोटीन | 2.05 ग्राम |
फैट | 0.09 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 17.49 ग्राम |
फाइबर | 2.1 ग्राम |
शुगर | 0.82 ग्राम |
स्टार्च | 15.29 ग्राम |
मिनरल | |
कैल्शियम | 12 मिलीग्राम |
आयरन | 0.81 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 23 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 57 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 425 मिलीग्राम |
सोडियम | 6 मिलीग्राम |
जिंक | 0.3 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.11 मिलीग्राम |
सिलेनियम | 0.4 माइक्रोग्राम |
मैंगनीज | 0.153 मिलीग्राम |
विटामिन | |
विटामिन सी | 19.7 मिलीग्राम |
थियामिन | 0.081 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.032 मिलीग्राम |
नियासिन | 1.061 मिलीग्राम |
पैंटोथैनिक एसिड | 0.295 मिलीग्राम |
विटामिन-बी 6 | 0.298 मिलीग्राम |
फोलेट | 15 माइक्रोग्राम |
कोलीन | 12.1 मिलीग्राम |
विटामिन-ए, आईयू | 2 आईयू |
विटामिन-ई | 0.01 माइक्रोग्राम |
विटामिन-के | 2 माइक्रोग्राम |
लिपिड | |
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड | 0.025 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.002 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.042 ग्राम |
इन पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में जानने के बाद, आइए अब आपको बताते हैं कि इनमें से कौन से पोषक तत्व गर्भवती और भ्रूण के लिए लाभकारी हैं।
गर्भावस्था के दौरान आलू के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Me Aalu Khane Ke Fayde
- जन्म दोष का खतरा करे कम : आलू का सेवन न सिर्फ गर्भवती महिला के लिए, बल्कि होने वाले शिशु के लिए भी लाभदायक हो सकता है। इस संबध में किए गए एक रिसर्च में यह पाया गया है कि आलू में फॉलिक एसिड पाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान फॉलिक एसिड का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से होने वाले शिशु में जन्म दोष के खतरे को 72 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है (5)। इस शोध के कारण यह कहा जा सकता है कि गर्भवती महिला के आहार में आलू को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
- गर्भावस्था में वजन : गर्भावस्था में कम वजन होना भी एक बड़ी समस्या की बात हो सकती है (6)। ऐसे में अगर गर्भवती अन्य खाद्य पदार्थों के साथ ही आलू को भी अपने आहार में शामिल करे, तो वजन को स्वस्थ तरीके से बढ़ाने में मदद मिल सकती है (7)।
- विटामिन-सी का स्रोत : बेक्ड आलू का सेवन गर्भवती महिला के लिए विटामिन-सी का अच्छा स्रोत बन सकता है। विटामिन-सी एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम कर शरीर को फ्री-रेडिकल्स के दुष्प्रभावों जैसे – गर्भपात या समय से पहले प्रसव से बचाने में मदद कर सकता है (8)। साथ ही, विटामिन-सी न सिर्फ व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है, बल्कि शरीर में आयरन का अवशोषण करने में भी लाभकारी हो सकता है (9)।
- उल्टी और मलती में लाभदायक : उल्टी और मतली न सिर्फ गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है, बल्कि बहुत ही आम समस्या है। यह अक्सर पहली तिमाही में होती है, लेकिन कुछ महिलाएं इससे पूरी गर्भावस्था के दौरान परेशान रहती हैं। ऐसे में कम फैट वाले और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ जिसमें आलू भी शामिल है, इसके सेवन से उल्टी और मलती की परेशानी से काफी हद तक राहत मिल सकती है (10)।
- कब्ज और गैस से आराम : गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को कब्ज और गैस जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गैस की वजह से पेट फूलना और पेट दर्द जैसी तकलीफें भी हो सकती हैं। इससे आराम पाने के लिए फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आलू भी फाइबर से भरपूर सब्जियों की इस श्रेणी में शामिल है, ऐसे में गर्भावस्था के दौरान इस समस्या से कुछ हद तक राहत पाने के लिए महिला आलू का सेवन कर सकती है (10)।
- बवासीर में राहत : कब्ज के कारण कई बार गर्भवती महिलाओं को बवासीर की समस्या हो सकती है। इस समस्या में मलद्वार के आसपास की रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। कब्ज में मलस्राव के दौरान इन रक्त वाहिकाओं पर तनाव पड़ने के कारण इन पर सूजन आ सकती है। ऐसे में फाइबर युक्त खाद्य सामग्री जैसे आलू (छिलके के साथ) को आहार में शमिल करने से इस समस्या से आराम मिल सकता है (10)।
लेख के अगले भाग में आप जानेंगे कि गर्भावस्था में आलू का सेवन नियंत्रित मात्रा में न करने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान आलू खाने के साइड इफेक्ट
गर्भावस्था में अगर सही मात्रा में या सही तरीके से आलू का सेवन न किया जाए, तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं । ये नुकसान कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
- स्पाइना बिफिटा (spina bifida) का खतरा : हरे आलू का अधिक मात्रा में सेवन करने से जन्म दोष जैसे – स्पाइना बिफिटा का खतरा बढ़ सकता है। स्पाइना बिफिटा में भ्रूण के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का विकास सही तरीके से नहीं होताा है (11)।
- मधुमेह का खतरा : आलू में कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं। ऐसे में अधिक मात्रा में आलू का सेवन गर्भवती के शरीर में शुगर का स्तर बढ़ा सकता है। इस कारण यह गर्भावस्था में मधुमेह का कारण बन सकता है (12)।
- विषक्तता का प्रभाव : शोध में पाया गया है कि आलू में ग्लाइकोकलॉइड्स (glycoalkaloids) पाए जाते हैं, जो शरीर पर विषाक्त प्रभाव डाल सकते हैं। ग्लाइकोकलॉइड्स एक प्रकार का केमिकल कंपाउंड होता है (13)। फिलहाल, गर्भवती या गर्भावस्था पर इसका कैसा प्रभाव पड़ता है, इस बारे में कोई शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, हम यह अनुमान के तौर पर कह सकते हैं कि जब यह सामान्य स्थिति में शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है, तो गर्भावस्था और भी नाजुक दौर होता है। इसलिए, बेहतर है कि गर्भवती महिला इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर ले।
- पाचन संबधी समस्याएं : अधिक मात्रा में आलू का सेवन आंत संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। यह इसमें मौजूद ग्लाइकोकलॉइड्स की वजह से हो सकता है (13)।
- उच्च रक्तचाप का खतरा : कुछ मामलों में पाया गया है कि आहार में आलू की मात्रा ज्यादा होने से गर्भवती महिलाओं में उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है (14)।
गर्भावस्था में आलू के इन नुकसानों से बचने के लिए इसे खाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इन सावधानियों के बारे में हम लेख में आगे जानकारी देंगे ।
आलू का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
- अंकुरित आलू और हरे आलू का सेवन करने से बचें। इनमें सोलनिन (solanine) पाया जाता है, जो एक तरह का केमिकल कंपाउंड है। यह शिशु में जन्म दोष का कारण बन सकता है (2)।
- हमेशा ताजे आलू का ही चुनाव करें ।
- आलू को पकाने से पहले उसे अच्छी तरह धो लें ।
- आलू को आहार में शामिल करते समय ध्यान रखें कि आलू अच्छी तरह उबला हुआ व अच्छे से पकाया गया हो। कच्चे आलू का सेवन करने से बचें।
गर्भावस्था के दौरान आलू के फायदे उठाने के लिए नीचे बताई गई रेसिपी के जरिए उसे आहार में शामिल किया जा सकता है।
आलू को अपने आहार में कैसे शामिल करें
1. आलू की सब्जी
सामग्री :
- एक कप आलू (कटे हुए)
- आधा कप टमाटर (कटे हुए)
- दो कप पानी
- एक चौथाई कप प्याज (पतले कटे हुए)
- एक चम्मच बटर/घी/तेल
- दो चुटकी हल्दी
- नमक (स्वादानुसार)
विधि :
- एक कुकर में एक चम्मच बटर/घी/तेल गर्म करें ।
- गर्म हो जाने के बाद, उसमें प्याज डालकर अच्छी तरह भूनें।
- अब कुकर में कटे हुए टमाटर, आलू और हल्दी डाल कर एक से दो मिनट के लिए चलाएं।
- आलू भुन जाने के बाद, कुकर में डेढ़ कप पानी डालकर कुकर को बंद कर दें।
- तीन से चार सीटी के बाद गैस बंद कर दें ।
- ठंडा हो जाने के बाद कुकर खोलें और सब्जी को बाउल में निकाल लें
- उसके ऊपर से धनिया के पत्ते डालकर, गरमा-गर्म सर्व करें।
- इस सब्जी को रोटी या पराठे के साथ खाया जा सकता है।
2. क्लासिक पोटैटो सलाद
सामग्री :
- चार से पांच उबले हुए आलू (कटे हुए)
- एक छोटा चम्मच शक्कर
- आधा चम्मच नमक
- एक कप प्याज (बारीक कटे हुए)
- थोड़ी-सी अजवाइन की पत्तियां
- दो उबले हुए अंडे (कटे हुए) (वैकल्पिक)
विधि :
- आलू को छिलकर उन्हें नमक वाले पानी में उबाल लें।
- अच्छी तरह उबल जाने के बाद आलू को ठंडा कर लें और एक बाउल में उसे छोटे टुकड़ों में काट लें।
- अब आलू में नमक, प्याज और अजवाइन मिला लें।
- अगर आप अंडे खाती हैं, तो इसमें उबले हुए दो अंडों को काट कर भी मिलाया जा सकता है।
- सारी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें और ऊपर से बारीक कटा धनिया डाल कर सर्व करें।
नोट: ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान अंडों का सेवन उबाल कर ही करें। कच्चे अंडों से गर्भवती महिला को संक्रमण का खतरा हो सकता है (15)। साथ ही धनिया के पत्तों को अच्छे से धोकर ही उपयोग करें ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या आप गर्भावस्था के दौरान आलू के चिप्स खा सकती हैं?
नहीं, गर्भावस्था के दौरान आलू की चिप्स गर्भवती और होने वाले शिशु के लिए घातक हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि आलू के चिप्स में एक्रिलामाइड (Acrylamide) नामक केमिकल पाया जाता है, जो गर्भवती में स्वास्थ्य समस्याओं, गर्भपात और शिशु के विकास के दौरान समस्या का कारण बन सकता है (16)।
क्या आलू खाने से गर्भकालीन मधुमेह की समस्या हो सकती है?
जी हां, जैसा कि हमने आपको आलू के दुष्प्रभाव में बताया, आलू में मौजूद कार्बोहाइड्रेट के कारण गर्भाकालीन मधुमेह (Gestational diabetes) की समस्या हो सकती है (12)।
क्या गर्भावस्था के दौरान आलू खाने की इच्छा बच्चे के लिंग के बारे में कुछ बताती हैं?
लोगों का मानना है कि अगर किसी गर्भवती को आलू खाने की ज्यादा इच्छा हो रही है, तो इसका मतलब होता है कि गर्भ में लड़का पल रहा है, लेकिन यह मिथक है। वैज्ञानिक तौर पर इन बातों का कोई प्रमाण नहीं है। साथ ही हम ऐसी मान्यताओं को बढ़ावा नहीं देते हैं।
आलू ऐसी सब्जी है, जिसका उपयोग रोज के खाने में होना आम है और इसका सेवन पूरी तरह बंद करना मुश्किल हो सकता है। गर्भावस्था में आलू खाने में तब तक कोई परेशानी नहीं है, जब तक इसका सेवन संतुलित मात्रा में किया जा रहा हो। ऐसे में महिला सोच-समझकर और लेख में बताई गई सावधानियों के साथ आलू का सेवन कर खुद पर और गर्भ में पल रहे शिशु पर इसके लाभकारी प्रभावों को अनुभव कर सकती हैं। इतना ही नहीं, इस बारे में एक बार डॉक्टरी सलाह लेना भी अच्छा विचार हो सकता है। साथ ही गर्भावस्था में आलू के सेवन का यह लेख आपको कैसा लगा हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए जरूर बताएं। साथ ही अगर इस लेख से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है, तो उसे भी बेझिझक हमारे साथ साझा करें।
References
1. Pregnancy and diet by BetterHealth Channel
2. Maternal periconceptional consumption of sprouted potato and risks of neural tube defects and orofacial clefts by NCBI
3. The Comparative Study of Masanumasik Aahara and Modern ANC Diet W.S.R First Trimester Anomalies by International Journal of Current Research
4. Potatoes, flesh and skin, raw by USDA
5. Factors contributing to the success of folic acid public health campaigns by NCBI
6. Weight, fertility, and pregnancy by Office of Women Health
7. Food intake and gestational weight gain in Swedish women by NCBI
8. Free Radicals and Antioxidants Status in Pregnancy: Need for Pre- and Early Pregnancy Assessment by Scientific and Academic publishing
9. Prenatal Nutrition-Preparing Your Baby for Lifelong Health by University of Michigan
10. Maternal Health and Nutrition by Missouri Department of Health and Senior Services
11.Potatoes and spina bifida by NCBI
12. Gestational diabetes diet by MedlinePlus
13. Potato glycoalkaloids and adverse effects in humans: an ascending dose study by NCBI
14. Pregnancy and Birth to 24 Months Systematic Review by USDA
15. Food safety during pregnancy by NCBI
16.Effects of fried potato chip supplementation on mouse pregnancy and fetal development by NCBI
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