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गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं। इन्हीं सावधानियों में खाने-पीने की चीजों का चुनाव भी शामिल है। ऐसे में अगर आप ड्राई फ्रूट की शौकीन हैं और अखरोट का स्वाद आपको खूब लुभाता है, तो यह जान लेना जरूरी है कि अखरोट गर्भावस्था में कितना सुरक्षित है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में अखरोट के उपयोग और फायदों से जुड़ी कई जरूरी बातें बताने जा रहे हैं। इससे आप इस बात का निर्धारण खुद कर पाएंगी कि गर्भावस्था के दौरान अखरोट का सेवन करना चाहिए या नहीं।

आइए, सबसे पहले गर्भावस्था में अखरोट सुरक्षित है या नहीं, यह जान लेते हैं। बाद में हम अखरोट के अन्य विषयों पर बात करेंगे।

क्या गर्भावस्था के दौरान अखरोट का सेवन करना सुरक्षित है?

एविसेन्ना जर्नल ऑफ फाइटोमेडिसिन द्वारा गर्भावस्था में अखरोट के प्रभाव को जानने के लिए चूहों पर एक शोध किया गया। शोध में पाया गया कि गर्भावस्था के साथ-साथ स्तनपान की अवधि में अगर अखरोट का सेवन किया जाता है तो बच्चों के मानसिक विकास में वृद्धि हो सकती है। वहीं, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि अखरोट में मौजूद फैटी एसिड के साथ-साथ इसमें पाए जाने वाले विटामिन ए और ई भी बच्चे के मानसिक विकास में सकारात्मक योगदान देने का काम कर सकते हैं। हालांकि, अखरोट में मौजूद यह सभी तत्व किस तरह से काम करते हैं, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (1)

वहीं, दूसरी ओर अखरोट में आयरन, कैल्सियम और फोलेट भी पाया जाता है, जो भ्रूण के विकास में सहायक माने जाते हैं (2) (3)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था अखरोट का सेवन न केवल सुरक्षित है, बल्कि फायदेमंद भी साबित हो सकता है।

लेख के अगले भाग में अब हम गर्भावस्था में ली जाने वाली अखरोट की सुरक्षित मात्रा के बारे में जानेंगे।

गर्भावस्था में कितनी मात्रा में अखरोट खाना सुरक्षित है?

स्पष्ट रूप से यह बताना मुश्किल है कि गर्भावस्था में कितना अखरोट खाना चाहिए। वहीं, विशेषज्ञों के अनुसार एक व्यस्क व्यक्ति प्रतिदिन 30 ग्राम तक अखरोट का सेवन कर सकता है (4)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि एक गर्भवती महिला भी रोजाना 30 ग्राम अखरोट का सेवन कर सकती है, लेकिन सभी की गर्भावस्था अलग-अलग होती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

अखरोट की सुरक्षित मात्रा के बाद अब हम गर्भावस्था में इसे खाने के सबसे उपयुक्त समय पर बात करेंगे।

गर्भावस्था में अखरोट खाने का सबसे अच्छा समय कब है?

जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि अखरोट में कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस कारण संपूर्ण गर्भावस्था में अखरोट का सेवन मां के स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ बच्चे के विकास में भी आवश्यक है। वहीं, गर्भावस्था में अखरोट के सेवन के सबसे अच्छे समय के बारे में एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के शोध से जानकारी मिलती है। शोध में पाया गया कि पहली तिमाही में अगर गर्भवती नट्स (जिनमें अखरोट भी शामिल है) का सेवन शुरू करती है तो होने वाले बच्चे के मानसिक विकास पर इसका बेहतर प्रभाव देखा जा सकता है (5) हालांकि, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

लेख के अगले भाग में अब हम अखरोट में पाए जाने वाले सभी पोषक तत्वों के बारे में जानेंगे।

अखरोट के पोषक तत्व

अखरोट में शरीर के लिए जरूरी कई आवश्यक मिनरल, विटामिन, फाइबर और फैटी एसिड पाए जाते हैं, जिनकी एक गर्भवती महिला को अत्यधिक आवश्यकता होती है। वहीं, इसकी 100 ग्राम मात्रा में करीब 654 किलोकैलोरी एनर्जी मौजूद होती है, जो गर्भवती के शरीर में ऊर्जा की कमी को पूरा करने में सहायक साबित हो सकती है (2)

इसके अलावा अखरोट में मौजूद अन्य तत्व कुछ इस प्रकार हैं-

विटामिन सी – 1.3  मिलीग्राम

विटामिन बी-6 –  0.537 मिलीग्राम

विटामिन ए – 1 माइक्रोग्राम

विटामिन ई – 0.7 मिलीग्राम

विटामिन के – 2.7 माइक्रोग्राम

इसके अलावा, अखरोट में थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलेट के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फोस्फोरस भी मौजूद होते हैं। अखरोट में ओमेगा फैटी एसिड काफी मात्रा में होता है, जो शिशु के विकास के लिए उपयोगी हो सकता है। यह शिशु के दिमागी विकास के लिए भी उपयोगी माना जाता है।

पोषक तत्वों के बाद अब हम अखरोट से होने वाले स्वास्थ्य लाभ से जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे।

गर्भावस्था के दौरान अखरोट के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Me Akhrot Khane Ke Fayde

  1. ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत : अखरोट में अन्य पोषक तत्वों के साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड की भी मात्रा पाई जाती हैं (6)। विशेषज्ञों के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान ओमेगा-3 फैटी एसिड भ्रूण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें मुख्य रूप से मानसिक विकास के साथ-साथ आंखों का विकास भी शामिल है (7)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि अखरोट गर्भवती में ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति कर भ्रूण के विकास में मदद कर सकता है।
  1. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक : पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा अखरोट पर किए गए एक शोध में पाया कि यह हृदय स्वास्थ्य में लाभदायक साबित हो सकता है। शोध में पाया गया कि अखरोट का उपयोग कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल (LDL) को कम करने और बढ़े रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (मुक्त कणों की अधिकता का प्रभाव) को कम कर हृदय की कार्यक्षमता बढ़ाने में भी सहायक है (8)। इस आधार कहना गलत नहीं होगा कि गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने में अखरोट मददगार साबित हो सकता है।
  1. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त पोषक तत्व (जैसे:- सेलेनियम, कॉपर, जिंक, मैगनीज और विटामिन सी व ई) गर्भावस्था में बहुत जरूरी हैं। शोध में माना गया कि गर्भावस्था के दौरान शरीर में ऑक्सीडेंट्स (मुक्त कण) की संख्या बढ़ जाती है। इस कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (मुक्त कणों की अधिकता का प्रभाव) पैदा होता हैं, जो भ्रूण के विकास में बाधा पैदा कर सकता है। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव वाले यह पोषक तत्व इन मुक्त कणों को नियंत्रित कर भ्रूण के विकास में सहयोगात्मक लाभ प्रदर्शित कर सकते हैं (9)। यह सभी पोषक तत्व अखरोट में उपलब्ध होते हैं। इस कारण यह माना जा सकता है कि अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण भी भ्रूण के विकास में सहायक साबित हो सकता है (2)
  1. फोलेट की कमी को पूरा करे : गर्भावस्था में अन्य पोषक तत्वों के साथ फोलेट बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों के मुताबिक गर्भावस्था में फोलेट की कमी की स्थिति में होने वाले बच्चे में जन्म दोष होने की आशंका बढ़ जाती है, खासकर न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (दिमाग और रीढ़ से जुड़ा विकार)। वहीं, कुछ विशेष परिस्थितियों में तो गर्भपात तक की स्थिति पैदा हो सकती है। चूंकि अन्य जरूरी पोषक तत्वों के साथ अखरोट में फोलेट भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इस कारण यह माना जा सकता है कि अखरोट का सेवन फोलेट की कमी से होने वाले इन जोखिमों को दूर रखने में मदद कर सकता है (10)
  1. अनिद्रा की समस्या को करे दूर : शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भावस्था के दौरान अनिद्रा की समस्या आम है (11)। इस समस्या को दूर करने में भी अखरोट का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। करेंट सिग्नल ट्रांसडक्शन के एक शोध में इस बात की पुष्टि होती है। शोध में पाया गया कि अखरोट में एंटीऑक्सीडेंट मेलाटोनिन (Melatonin), सेरोटोनिन (serotonin) और पॉलीफिनोल जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसी प्रभाव के कारण यह अनिद्रा की समस्या पैदा करने वाले कारकों को दूर कर नींद को बढ़ावा देने का काम कर सकते हैं (12)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अखरोट का सेवन गर्भावस्था के दौरान होने वाली अनिद्रा की समस्या में राहत पहुंचाने का काम कर सकता है।
  1. डिप्रेशन से बचाए : कई महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान डिप्रेशन की शिकायत देखी जाती हैं (13)। ऐसे में अखरोट का सेवन सहायक साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित डिप्रेशन से संबंधित एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है। शोध में माना गया कि अखरोट में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (alpha-linolenic acid) मानसिक स्वास्थ्य में सुधार का काम कर सकते हैं। इससे डिप्रेशन होने की आशंका कम हो सकती है (14)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान होने वाले डिप्रेशन से राहत पाने में भी अखरोट सहायक सिद्ध हो सकता है।
  1. वजन नियंत्रण में सहायक : वजन नियंत्रण से संबंधित न्यूट्रीशन जर्नल द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि अखरोट का सेवन वजन नियंत्रण में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। बशर्ते इसका सेवन कम कैलोरी युक्त खाद्य के साथ किया जाए (15)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कम वसा वाले खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल कर वजन नियंत्रण में भी अखरोट के लाभ पाए जा सकते हैं।
  1. कॉपर की कमी को पूरा करे : अखरोट में कॉपर भी पाया जाता है (2), जो गर्भावस्था के दौरान अहम भूमिका निभा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक कॉपर हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करता है, जो कि लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है। वहीं, दूसरी ओर यह प्रत्येक कोशिका में शामिल ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया चक्र में भी मुख्य भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं, शरीर के लिए जरूरी आयरन के अवशोषण और नई हड्डियों व कनेक्टिंग टिशू के निर्माण में भी सहायक माना जाता है (16)

अखरोट के फायदे के बाद अब हम आपको इसके उपयोग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताएंगे।

अखरोट का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

अखरोट का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं।

  • अखरोट को रखने के लिए एयर टाइट कंटेनर का ही प्रयोग करें ताकि लंबे समय तक इन्हें सुरक्षित रखा जा सके।
  • भीगे हुए अखरोट का सेवन करें।
  • अखरोट का संतुलित मात्रा में सेवन किया जाए। वजह यह है कि इसका सामान्य से अधिक सेवन कुछ दुष्परिणाम की वजह बन सकता है।
  • जिन लोगों को किसी खाद्य विशेष से एलर्जी की शिकायत है, वह अखरोट को आहार में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर ले लें। अखरोट से एलर्जी होने की स्थिति में गले में सूजन, बोलने में तकलीफ, सांस लेने में दिक्कत और ब्लड प्रेशर लो होना जैसी शिकायत देखी जा सकती है (17)
  • अखरोट में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है (2)। इस कारण आवश्यकता से अधिक अखरोट का सेवन पेट में दर्द, गैस और पेट में ऐंठन की स्थिति पैदा कर सकता है (18)

लेख के अगले भाग में अब हम आपको अखरोट को आहार में शामिल करने के कुछ आसान तरीके बताएंगे।

अखरोट को अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं? | Pregnancy Me Akhrot Kaise Khaye

अखरोट को आहार में शामिल करने के कुछ आसान तरीके इस प्रकार हैं:

  • सलाद के रूप में आप साबुत या टॉपिंग्स के लिए बारीक कटे अखरोट को इस्तेमाल में ला सकते हैं।
  • आप भूनकर अन्य स्कैक्स के साथ मिलाकर इसे उपयोग में ला सकते हैं।
  • आप चाहें तो दही और केले के साथ अखरोट मिलाकर स्मूदी के रूप में इसे खा सकते हैं।
  • वहीं दूध में शहद और अखरोट पाउडर मिलाकर भी आप इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • रवा का हलवा बनाने में भी आप अखरोट के बारीक टुकड़े मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

गर्भावस्था में अखरोट के सेवन से होने वाले फायदे जानने के बाद इसे उपयोग में लाने का विचार न आए, ऐसा संभव नहीं हैं। इसलिए, जरूरी है कि एक बार लेख में अखरोट से संबंधित सभी पहलुओं को अच्छे से पढ़ें, उसके बाद ही इसे उपयोग में लाने का कदम बढ़ाएं। ध्यान रहे अखरोट के अधिक सेवन से वजन बढ़ने का जोखिम भी हो सकता है क्योंकि अखरोट में अधिक मात्रा में कैलोरी मौजूद होता है। वहीं, अगर किसी महिला का गर्भावस्था के पहले से ही वजन अधिक हो, तो वो अखरोट के सेवन से परहेज करें या डॉक्टरी सलाह के बाद ही अखरोट का सेवन करें। वहीं, सही जानकारी के साथ आप अखरोट से मिलने वाले सभी फायदों का उचित लाभ उठा सकते हैं।

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