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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने साथ-साथ गर्भ में पलने वाले बच्चे की सेहत का भी ख्याल रखना होता है। इसलिए, उन्हें कुछ खास खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। वहीं, कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं, जिनका सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी माना गया है। इन्हीं में से एक अमरूद है। अगर आप भी फल खाने की शौकीन हैं, तो यह आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको अमरूद के फायदे, उपयोग के तरीके और यह गर्भावस्था के दौरान कितना सुरक्षित है, इस बारे में जानकारी देंगे।

आइए, अमरूद से संबंधित अन्य जानकारियों को हासिल करने से पहले हम जान लेते हैं कि यह गर्भावस्था में कितना सुरक्षित है।

क्या प्रेगनेंसी में अमरूद खाना सुरक्षित है? 

गर्भावस्था के दौरान अमरूद सुरक्षित ही नहीं है, बल्कि यह इस दौरान शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने का काम करता है, बशर्ते इसका सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए। संतरा, अंगूर, जामुन और अनानास जैसे फलों के साथ डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को अमरूद खाने की भी सलाह देते हैं (1)

लेख के आगे के भाग में आप प्रतिदिन अमरूद की ली जाने वाली मात्रा के बारे में जानेंगे।

प्रेगनेंसी में एक दिन में कितने अमरूद खाने चाहिए? 

जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि गर्भावस्था के दौरान अमरूद की संतुलित मात्रा सेहत के लिए लाभदायक साबित होती है। वहीं] इसकी अधिक मात्रा कुछ दुष्परिणाम भी प्रदर्शित कर सकती हैं। ऐसे में आप प्रतिदिन दो सर्विंग (दो कप छोटे कटे हुए टुकड़े) अमरूद ले सकते हैं (1)इसके सेवन के दौरान अगर आप बड़े आकार के अमरूद का चुनाव करती हैं, तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि दिन में 100 से 125 ग्राम से अधिक मात्रा में इसे नहीं लिया जाना चाहिए।

अमरूद की प्रतिदिन ली जाने वाली मात्रा के बारे में तो आप जान चुके हैं, अब बारी है यह जानने की कि इसे गर्भावस्था के किस चरण में लिया जाना चाहिए।

प्रेगनेंसी में अमरूद कब खाना चाहिए? 

अगर आपके मन में यह सवाल उठ रहा है कि इसे प्रेगनेंसी की किस अवस्था में खाना चाहिए, तो बता दें कि इसे गर्भावस्था की किसी भी अवस्था में खाया जा सकता है। बस आपको इसकी ली जाने वाली संतुलित मात्रा पर विशेष ध्यान देना होगा, जिसके बारे में आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है (2) (3) (4)

इसे खाने संबंधी जानकारी हासिल करने के बाद अब बारी आती है अमरूद के पोषक तत्वों को जानने की।

अमरूद के पोषक तत्व 

आइए, नीचे दिए चार्ट के माध्यम से अमरूद के पोषक तत्वों के बारे में जानते हैं (5)

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी80.80 g
एनर्जी68 Kcal
प्रोटीन2.55 g
टोटल लिपिड (फैट)0.95 g
कार्बोहाइड्रेट14.32 g
फाइबर (टोटल डाइटरी)5.4 g
शुगर8.92 g
मिनरल्स
कैल्शियम18 mg
आयरन0.26 mg
मैग्नीशियम22 mg
फास्फोरस40 mg
पोटैशियम417 mg
सोडियम2 mg
जिंक0.23 mg
विटामिन
विटामिन सी228.3 mg
थियामिन0.067 mg
राइबोफ्लेविन0.040 mg
नियासिन1.084 mg
विटामिन बी-60.110 mg
फोलेट (डीएफई)49 µg
विटामिन ए (आरएई)31 µg
विटामिन ए (आईयू)624 IU
विटामिन ई0.73 mg
विटामिन के2.6 µg
लिपिड्स
फैटी एसिड (सैचुरेटेड)0.272 g
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड)0.087 g
फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड)0.401 g

अमरूद के पोषक तत्वों के बारे में जानने के बाद अब हम बात करेंगे इससे होने वाले फायदों के बारे में। 

प्रेगनेंसी में अमरूद खाने के फायदे 

प्रेगनेंसी में अमरूद खाने के कई फायदे हैं, जिनमें से हम कुछ के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

  1. प्रतिरोधक क्षमता में सुधार- अमरूद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। यह शरीर में उपापचय की प्रक्रिया को सुधारता है। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायता करता है। इससे गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई बीमारियों और संक्रमण से बचने की ताकत मिलती है (6)
  1. ब्लड प्रेशर को करता है नियंत्रित- गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं में ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या देखी जाती है। ऐसे में अमरूद का सेवन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है। कारण यह है कि इसमें पोटैशियम और घुलनशील फाइबर की मात्रा होती है, जो बढ़ते ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में मदद करती है (7)
  1. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में- अमरूद में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस कारण यह गर्भावस्था के दौरान होने वाली शुगर की समस्या से राहत दिलाने में सहायक माना जा सकता है (8) 
  1. कब्ज में लाभदायक- अमरूद डाइटरी फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो कब्ज की समस्या को दूर करने में सहायक माना जाता है। आमतौर पर गर्भवती महिलाओं में कब्ज की समस्या देखी जाती है। इसलिए, इस दौरान अमरूद का सेवन आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है (9)
  1. पाचन में सुधार- जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि अमरूद में डाइटरी फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज (पेट से संबंधित विकार) की समस्या को दूर करने में सहायक साबित होता है। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि यह पेट से संबंधित कई अन्य विकार जैसे :- दस्त, पेचिश, पेट दर्द और अपच की समस्या को भी दूर करने में मददगार सिद्ध हो सकता है (8) इस कारण यह कहा जा सकता है कि अमरूद का सेवन संपूर्ण पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है।
  1. कैंसर के खतरे को करता है कम- विशेषज्ञों के मुताबिक अमरूद में कई ऐसे तत्व भी मौजूद होते हैं, जिनके कारण यह कैंसर के खिलाफ लड़ने की अद्भुत क्षमता प्रदर्शित करते हैं (8)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इसका सेवन कैंसर के जोखिमों को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकता है। 
    1. बढ़ाए आंखों की रोशनी- विटामिन-सी एंटीऑक्सीडेंट गुण से युक्त होता है, जो आंखों के लिए उपयोगी माना जाता है। चूंकि, यह अमरूद में अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है, इस कारण इसे आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक माना जा सकता है (10)।
  1. भ्रूण के विकास में करता है मदद- अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के साथ अमरूद में फोलिक एसिड भी मौजूद होता है। फोलिक एसिड या फिर फोलेट एक तरह का विटामिन-बी होता है (5) वहीं, विशेषज्ञों के मुताबिक मां के साथ भ्रूण के विकास के लिए भी फोलिक एसिड जरूरी माना जाता है (11) इस कारण हम कह सकते हैं कि भ्रूण के विकास के लिए अमरूद को उपयोग किया जा सकता है।
  1. बैक्टीरियल इन्फेक्शन से करता है बचाव- एक शोध में पाया गया कि अमरूद में एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव भी पाए जाते हैं, जो सांस, मुंह, दांत और त्वचा के साथ मलेरिया से संबंधित संक्रमण को दूर करने में सहायक साबित होते हैं (8)
  1. दिमाग को करे शांत- अमरूद मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है (5)। कुछ मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि मैग्नीशियम तनाव को कम करता है और दिमाग को शांत करके खुशी का संचार करने में मदद करता है (12)
  1. कोलेस्ट्रोल को करे नियंत्रित- जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि अमरूद डाइटरी फाइबर का अच्छा स्रोत है। डाइटरी फाइबर शरीर में खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है। साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर में सुधार लाता है (7)
  1. एनीमिया से करे बचाव- गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं में आयरन की कमी के कारण एनीमिया का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं, अमरूद को आयरन का अच्छा स्रोत माना गया है। इस कारण यह एनीमिया से बचाव में भी सहायक माना जाता है (13)
  1. मानसिक समस्याओं को रखे दूर- अमरूद में विटामिन बी-3 और बी-6 भी मौजूद होता है (5), जो गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी माना गया है (14)। कारण यह है कि ये मानसिक समस्याओं जैसे :- चिंता, तनाव और अवसाद को दूर रखने में मदद करते हैं (15)
  1. मॉर्निंग सिकनेस में पहुंचाए आराम- अमरूद में विटामिन बी-6 की भी मात्रा पाई जाती है (5)इसे मॉर्निंग सिकनेस के लिए एक बेहतर विकल्प माना गया है (16) इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान होने वाली यह समस्या अमरूद खाने से काफी हद तक कम हो सकती है।

अब लेख के आगे के भाग में हम गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने के कुछ नुकसान के बारे में बताएंगे।

प्रेगनेंसी में अमरूद खाने के दुष्प्रभाव

प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद खाने के दुष्परिणाम हम कुछ इस प्रकार समझ सकते हैं।

  • अमरूद में फाइबर पाया जाता है (5)। इसलिए, इसका अधिक मात्रा में सेवन पेट में दर्द और मरोड़ का कारण बन सकता है (17)
  • कच्चा अमरूद खाने से बचना चाहिए, क्योंकि कच्चा होने पर यह काफी सख्त होता है, जो दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • बिना धुले अमरूद खाने से उस पर लगे कीटनाशक आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।

आइए, अब जानते हैं अमरूद के सेवन से संबंधी कुछ जरूरी बातें।

अमरूद खाते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • बताया जाता है कि सफेद गूदे वाले अमरूद में अधिक पोषक तत्व होते हैं। इसलिए, इसके सेवन से पहले उसे काटकर जरूर जांच लें।
  • अधिक पके अमरूद में कीड़े होने की आशंका होती है, इसलिए खाने से पहले उसे अच्छे से जांच लें।
  • सुबह और शाम के नाश्ते में अमरूद खाना लाभदायक माना जाता है।
  • अगर आपको इसके सेवन से एलर्जी की शिकायत है, तो इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए।

अब हम आपको अमरूद को खाने के कुछ आसान तरीकों के बारे में बताएंगे। 

गर्भावस्था के दौरान आहार में अमरूद कैसे शामिल कर सकते हैं? 

अमरूद को आहार में शामिल करने के कुछ आसान तरीके निम्न प्रकार हैं।

  • खाने के साथ आप सलाद के तौर पर इसका सेवन कर सकती हैं।
  • इसे दिन में किसी भी समय ऐसे ही खाया जा सकता है।
  • आप चाहें तो पके अमरूद की स्मूदी भी बना सकती हैं।
  • फ्रूट चाट में भी आप इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मैं गर्भावस्था के दौरान कच्चा अमरूद खा सकती हूं?

हालांकि, इस बात का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि कच्चे अमरूद को खाने के गर्भावस्था के दौरान कुछ दुष्परिणाम हो सकते हैं, लेकिन शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि बिना पके हुए फलों का सेवन करने की आदत गर्भावस्था के दौरान नुकसानदायक साबित हो सकती है (18)। इस कारण हमारी आपकी सलाह है कि कच्चे अमरूद को आप खाने से बचें।

गर्भावस्था के दौरान अमरूद का जूस पीना चाहिए या फल का सेवन करना चाहिए? 

हालांकि, अमरूद का जूस या स्मूदी बनाकर आप इसका सेवन कर सकती हैं, लेकिन डॉक्टर फल खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे आवश्यक पोषक तत्व और फाइबर भरपूर मात्रा में मिल सकते हैं।

क्या मैं गर्भावधि मधुमेह में अमरूद खा सकती हूं? 

अगर आपको मधुमेह की शिकायत है, तो भी आप गर्भावस्था के दौरान अमरूद का सेवन कर सकती हैं। यह आपको अन्य पोषक तत्व तो मुहैया कराएगा ही, साथ ही शुगर की मात्रा को भी नियंत्रित करने में सहायता प्रदान करेगा (8)

गर्भावस्था के दौरान अमरूद खा सकते हैं या नहीं, इस सवाल का जवाब तो अब आपको मिल ही गया होगा। साथ ही आपको इस अवधि में अमरूद से होने वाले फायदों के बारे में भी जानकारी हासिल हुई होगी। वहीं, हमने आपको लेख के माध्यम से अमरूद खाने का सही तरीका और ली जाने वाली मात्रा के बारे में भी उचित जानकारी दी है। ऐसे में अगर आप भी इस दौरान कुछ नया खाने की सोच रही हैं या फिर एक ही चीज खा-खाकर बोर हो गईं हैं, तो यह लेख इस मामले में आपकी मदद करेगा। उम्मीद है यहां दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।

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