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गर्भावस्था में छोटी-सी गलती भी होने वाले शिशु की जान पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि इस दौरान महिलाएं हर तरह से अपना ध्यान रखें। फिर चाहे बात उठने-बैठने की हो या फिर चलने-फिरने की और साथ ही खाने-पीने पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। खासकर, फलों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। कुछ फलों को गर्भावस्था में सुरक्षित माना जाता है, तो कुछ फल ऐसे भी हैं, जिन्हें इस दौरान न लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा ही कुछ संशय अंगूर को लेकर भी है कि इसे गर्भावस्था के दौरान खाया जाए या नहीं। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम अंगूर के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। इससे आप खुद निर्णय ले सकेंगी कि अंगूर गर्भावस्था में सुरक्षित है या नहीं।
आइए, सबसे पहले हम इसी सवाल का जवाब जान लेते हैं कि गर्भावस्था में अंगूर सुरक्षित है या नहीं।
क्या गर्भावस्था के दौरान अंगूर खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Angur Khane Chahiye Ya Nahi
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को मुख्य रूप से फैट और ऊर्जा के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम व फोलेट जैसे कई जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं, जो महिला को स्वस्थ्य बनाए रखने के साथ-साथ भ्रूण के विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं (1) (2)। ऐसे में इन सभी पोषक तत्वों की अंगूर में मौजूदगी इसे गर्भावस्था के लिए लाभकारी फल बनाती है (3)।
वहीं, रोमानिया की मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा चूहों पर किए गए एक शोध में जिक्र मिलता है कि लाल अंगूर के बीज का अर्क प्लाज्मा में एंटीऑक्सीडेंट कैपिसिटी को बढ़ाने में मदद करता है, जो गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक साबित हो सकता है (4)। दूसरी ओर डायटीशियन भी इस दौरान संतुलित मात्रा में अंगूर खाने की सलाह देते हैं (5)।
इन सभी साक्ष्यों का निचोड़ निकाला जाए, तो यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में संतुलित मात्रा में अंगूर का सेवन करना सुरक्षित व फायदेमंद हो सकता है।
आइए, अब यह जान लेते हैं कि गर्भावस्था के शुरुआत में अंगूर खा सकते हैं या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में अंगूर खाना सुरक्षित है?
जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया है कि अंगूर में अधिकतर उन सभी पोषक तत्वों की मौजूदगी पाई जाती है, जिनकी गर्भवती महिला को सबसे ज्यादा जरूरत होती है (1) (2) (3)। वहीं, डायटीशियन भी इसे अपने आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं, ताकि बच्चे का बेहतर विकास हो सके (5)। ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में अंगूर खाने में कोई हर्ज नहीं है। हां, गर्भावस्था के अंतिम चरण में इसका सेवन बच्चे के लिए जोखिम का कारण बन सकता है, जिसके बारे में हम आगे लेख में विस्तार से बताएंगे।
आइए अब हम गर्भावस्था के दौरान अंगूर की ली जाने वाली संतुलित मात्रा के बारे में भी जान लेते हैं।
गर्भावस्था के दौरान एक दिन में कितने अंगूर खाने चाहिए?
अगर गर्भावस्था में अंगूर खाने की संतुलित मात्रा की बात करें, तो डायटीशियन एक सर्विंग बाउल में अन्य फलों के साथ अंगूर के करीब 16 दाने खाने की सलाह देते हैं। इन्हें दिन में दो बार (16-16 अंगूर के दाने) खाया जा सकता है (5)।
लेख के अगले भाग में अब हम बताएंगे कि गर्भावस्था के किस चरण में अंगूर फायदेमंद साबित हो सकता है।
मुझे गर्भावस्था के दौरान अंगूर कब खाने चाहिए?
अंगूर का संतुलित मात्रा में सेवन गर्भावस्था में सुरक्षित है, लेकिन तीसरी तिमाही में इसके सेवन को लेकर संशय है। वजह यह है कि जन्म दोष से संबंधित एक शोध (विली बर्थ डिफेक्ट रिसर्च) में इस बात का जिक्र मिलता है कि अंगूर में रेस्वेराट्रोल (resveratrol) नाम का पॉलीफेनोल यौगिक पाया जाता है, जिसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है। इस आधार पर जिन फलों में रेस्वेराट्रोल के रूप में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, वो गर्भावस्था के अंतिम चरण में फेटल डक्टस अर्टीरियस फ्लो (fetal ductus arteriosus flow) यानी माता से भ्रूण में खून के प्रवाह में बाधा पैदा कर सकता है (6)। इसलिए, तीसरी तिमाही में अंगूर न खाने की सलाह दी जाती है।
वहीं, पॉलीफिनोल्स से संबंधित एक अन्य शोध से पता चलता है कि इसमें कुछ विषैले प्रभाव भी पाए जाते हैं, जिनकी अधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है (7)। ऐसे में हमारी सलाह यही है कि गर्भावस्था के तीसरे चरण को छोड़कर अंगूर का सेवन संपूर्ण गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद साबित हो सकता है, बशर्ते इसका संतुलित मात्रा में सेवन किया जाए। फिर भी अगर आप तीसरे चरण में अंगूर का सेवन करना चाहती हैं, तो इस संबंध में एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
लेख के अगले भाग में अब हम अंगूर के पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
अंगूर के पोषण तत्व
नीचे दिए गए चार्ट की सहायता से आप अंगूर के पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जान सकते हैं (3)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम | |
---|---|---|
पानी | 80.54 g | |
एनर्जी | 69 Kcal | |
प्रोटीन | 0.72 g | |
टोटललिपिडफैट | 0.16 g | |
कार्बोहाइड्रेट | 18.1 g | |
फाइबरटोटलडायटरी | 0.9 g | |
शुगर | 15.48 g | |
मिनरल्स | ||
कैल्शियम | 10 mg | |
आयरन | 0.36 mg | |
मैग्नीशियम | 7 mg | |
फास्फोरस | 20 mg | |
पोटैशियम | 191 mg | |
सोडियम | 2 mg | |
जिंक | 0.07 mg | |
कॉपर | 0.127 mg | |
मैंगनीज | 0.071 mg | |
सेलेनियम | 0.1 µg | |
विटामिन | ||
विटामिनसी | 3.2 mg | |
थियामिन | 0.069 mg | |
राइबोफ्लेविन | 0.07 mg | |
नियासिन | 0.188 mg | |
विटामिनबी -6 | 0.086 mg | |
फोलेटडीएफई | 2 µg | |
विटामिनएआरएई | 3 µg | |
विटामिनएआईयू | 66 IU | |
विटामिनई | 0.19 mg | |
विटामिनके | 14.6 µg | |
लिपिड्स | ||
फैटीएसिडसैचुरेटेड | 0.054 g | |
फैटीएसिडमोनोअनसैचुरेटेड | 0.007 g | |
फैटीएसिडपॉलीअनसैचुरेटेड | 0.048 g |
अंगूर के पोषक तत्व जानने के बाद अब हम गर्भवती महिला के लिए अंगूर के फायदों के बारे में बात करेंगे।
गर्भवती महिला के लिए अंगूर के फायदे | Pregnancy Me Angur Khane Ke Fayde
- अर्थराइटिस से दिलाए राहत : गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं में अर्थराइटिस यानी जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या देखी जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए अंगूर का सेवन लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। दरअसल, अंगूर पॉलीफेनॉल्स से समृद्ध होते हैं, जिनके कारण इसमें एंटीइन्फ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। अंगूर का यह प्रभाव अर्थराइटिस की समस्या के कारण पैदा होने वाले दर्द और सूजन की समस्या से कुछ हद तक राहत दिला सकता है (8)।
- अस्थमा में पहुंचाए लाभ : अंगूर में रेस्वेराट्रोल (resveratrol) नाम का पॉलीफेनोल पाया जाता है। इस पॉलीफेनोल में पाया जाने वाला एंटी-एन्फ्लेमेटरी गुण अस्थमा के कारण श्वसन तंत्र में होने वाली सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (9)। वहीं, कोरिया की मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा चूहों पर किए गए एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि अंगूर के बीज का अर्क अस्थमा की समस्या से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकता है (10)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि अगर गर्भवती महिला अस्थमा की समस्या से पीड़ित है, तो ऐसे में अंगूर का सेवन उसके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
- प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं : अंगूर के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बैंगनी रंग के अंगूरों के रस में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने की क्षमता होती है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि गर्भावस्था के दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करने में अंगूरों का सेवन सहायक साबित हो सकता है (11)।
- मांसपेशियों की ऐंठन को करे दूर : थकान के कारण मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या को दूर करने में भी अंगूर का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है। बताया जाता है कि अंगूर के रस में मौजूद फिनोलिक यौगिक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। वहीं, इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट अधिक शारीरिक श्रम के कारण होने वाली थकान से राहत दिला सकता है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि थकान के कारण मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से निजात दिलाने में अंगूर का सेवन सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। फिलहाल, यह परीक्षण खिलाड़ियाें व एथलीटों की मांसपेशियों में आने वाली ऐंठन के संबंध में किया गया है (12)। इस लिहाज से यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में यह फायदेमंद हो सकता है।
- कब्ज से दिलाए राहत : गर्भावस्था के दौरान अगर महिला कब्ज की समस्या से जूझ रही है, तो ऐसे में अंगूर का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। कारण यह है कि अंगूर फाइबर का अच्छा स्रोत है और फाइबर पाचन संबंधी समस्या को ठीक कर मल त्याग की प्रक्रिया को आसान कर देता है। यही कारण है कि अंगूर को कब्ज की समस्या में सहायक माना जा सकता है (13)।
- कोलेस्ट्रॉल को करे नियंत्रित : बुशेहर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा अंगूर पर किए गए शोध में पाया गया कि अंगूर में पाए जाने वाले फिनोलिक यौगिक और फाइबर संयुक्त रूप से लिपिड और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इससे हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। वहीं, इस शोध में यह भी जिक्र किया गया है कि सफेद के मुकाबले लाल अंगूरों का उपयोग इस मामले में अधिक प्रभावी साबित होता है। इस तथ्य को देखते हुए यह माना जा सकता है कि अंगूर का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (14)।
- कैविटी हटाए और दांतों को मजबूत बनाए : अंगूर में मौजूद एसिडिक प्रभाव के कारण यह एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। यह प्रभाव दांतों पर जमने वाली कैविटी को दूर कर मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद कैल्शियम इनेमल यानी दांतों की बाहरी परत को मजबूती देने का काम कर सकता है। ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि मुंह से जुड़े संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ-साथ अंगूर का सेवन दांतों की कैविटी को भी दूर करने में मददगार साबित हो सकता है (15)।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी : फ्लेवनोइड, फिनोलिक एसिड और रेस्वेराट्रोल जैसे फिनोलिक यौगिकों की मौजूदगी के कारण अंगूर का सेवन बढ़े हुए लिपिड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर सकता है। साथ ही यह हाई ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद कर सकता है (16)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अंगूर संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और उसके कारण होने वाले जोखिमों को कम करने का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
- खून जमने की प्रक्रिया को करे नियंत्रित : अंगूर लिपिड और कोलस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। वहीं, इसमें एंटीकोगुलेंट (खून को पतला करने वाला) प्रभाव भी पाया जाता है। यह खून को सामान्य से अधिक गाढ़ा होने से रोकता है (17)। बता दें कि गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं में प्रसव के दौरान खून के थक्के जमने की समस्या देखी जाती है (18)। ऐसे में अंगूर का सेवन इस समस्या से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।
- हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करे : गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है। इस समस्या से निपटने में भी अंगूर का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अंगूर का रस शरीर में एंटीऑक्सीडेंट और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित करने के साथ-साथ हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे शरीर में ऊर्जा और स्फूर्ति बनी रहती है और थकान का अनुभव नहीं होता (19)। इस कारण यह माना जा सकता है कि अंगूर गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा कर इसकी कमी से होने वाले जोखिमों को दूर करने में मदद कर सकता है।
गर्भवती महिला के लिए अंगूर के लाभ जानने के बाद अब हम गर्भ में बच्चे के विकास के लिए अंगूर के फायदे बता रहे हैं।
गर्भ में बच्चे के विकास के लिए अंगूर के फायदे
निम्न बिन्दुओं के माध्यम से हम भ्रूण के विकास के लिए अंगूर के फायदों के बारे में जान सकते हैं।
- अंगूर में मौजूद विटामिन बी-6 भ्रूण के वजन में सुधार करने में सहायक माना जाता है। साथ ही यह गर्भावस्था के शुरुआती चरण में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है (3) (20)।
- अंगूर में प्रोटीन और फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो बच्चे के दिमागी विकास में फायदेमंद होते हैं (3) (21)।
- अंगूर में विटामिन-ए पाया जाता है, जो होने वाले बच्चे की आंखों के लिए फायदेमंद माना जाता है (2) (3)।
- वहीं, इसमें मौजूद फोलेट यानी फोलिक एसिड को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (जन्म के दौरान होने वाला गुणसूत्र संबंधी विकार) से बचाव करने में सहायक माना जाता है (2) (3)।
आइए, लेख के अगले भाग में हम अंगूर के कुछ दुष्परिणामों के बारे में भी बात कर लेते हैं।
गर्भावस्था के दौरान अंगूर के सेवन से होने वाले साइड-इफेक्ट
अंगूर का सेवन अधिक मात्रा में करने के कुछ नुकसान हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :
- अंगूर में मौजूद फिनोलिक यौगिकों में कुछ विषैले गुण मौजूद होते हैं, जो अंगूर का अधिक सेवन करने पर दुष्प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं (7)।
- अंगूर में मौजूद फाइबर के कारण इसकी अधिक मात्रा पेट से संबंधित समस्याओं, जैसे:- गैस, मरोड़ और दस्त की स्थिति पैदा कर सकती है (3) (22)।
- अंगूर में मौजूद शुगर की अधिक मात्रा के कारण इसके जूस का अधिक सेवन डायबिटीज की समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए, डायबिटीज की समस्या होने पर इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए (23)।
- कच्चे अंगूरों को खाने से आपको बचना चाहिए, क्योंकि अधिक अम्लीयता के कारण यह कुछ दुष्परिणाम प्रदर्शित करने के साथ-साथ मुंह के स्वाद को भी खराब कर सकता है।
लेख के अगले भाग में हम कुछ विशेष स्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें अंगूर का सेवन नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था में अंगूर खाने से कब बचें?
हालांकि इन स्थितियों के संबंध में आपको पहले ही विस्तार से बता चुके हैं, लेकिन यहां हम एक साथ हम उन सभी समस्याओं पर नजर डाल लेते हैं, जिनके होने पर आपको अंगूर के सेवन से बचना चाहिए।
- डायबिटीज की समस्या में।
- अधिक मोटापा होने पर (इसमें मौजूद शुगर की मात्रा गर्भावस्था में डायबिटीज का जोखिम पैदा कर सकती है)।
- पाचन संबंधी समस्या होने पर।
- अंगूर से एलर्जी होने पर।
लेख के अगले भाग में हम आहार में अंगूर को शामिल करने के तरीकों के बारे में बताएंगे।
गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में अंगूर कैसे शामिल करें?
गर्भावस्था के दौरान अंगूर को आहार में शामिल करने के लिए निम्न तरीकों को अपनाया जा सकता है:
- आप अंगूर को सीधे खाने के लिए प्रयोग कर सकती हैं।
- आप अंगूर को सलाद के साथ मिक्स करके खाने के साथ प्रयोग में ला सकती हैं।
- आप चाहे तो फ्रूट चाट बनाकर भी इसे खाने के लिए इस्तेमाल में ला सकती हैं।
- आप अंगूर के रस को भी पीने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
- आप दही में फलों के साथ मिक्स करके भी अंगूर को उपयोग में ला सकती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या हरे अंगूर काले अंगूर जितने ही पौष्टिक होते हैं?
विशेषज्ञों के मुताबिक हरे अंगूर और काले अंगूर (जिन्हें बैगनी अंगूर भी कहा जाता है) के स्वास्थ्य लाभ लगभग समान ही हैं, लेकिन कुछ मामलों में स्वास्थ्य के लिए काले अंगूर, हरे अंगूर के मुकाबले अधिक प्रभावी माने जाते हैं। काले अंगूर में हरे अंगूर के मुकाबले एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक पाई जाती है। (24)।
क्या अंगूर के बीज खाना सुरक्षित हैं?
सामान्य तौर पर कुछ अंगूरों में बीज पाए जाते हैं। बीजों को अलग करके अंगूर खाने का कोई भी जिक्र नहीं मिलता है। हां, यह जरूर है कि अगर इसके रस का सेवन करते हैं, तो बीज खुद-ब-खुद अलग हो जाते हैं। वहीं, वैज्ञानिक प्रमाण की बात करें, तो हमने लेख में कई जगह अंगूर के बीज के अर्क के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताया है। इस कारण यह माना जा सकता है कि अंगूर के बीज खाना पूरी तरह से सुरक्षित हैं। फिर भी इस संबंध में एक बार डॉक्टरी सलाह लेना बेहतर होगा, क्योंकि हर किसी की गर्भावस्था अलग-अलग होती है।
अब तो आप गर्भावस्था में अंगूर के उपयोग और फायदों को अच्छी तरह जान गए होंगे। साथ ही आपको इस बात की भी जानकारी हो गई होगी कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के साथ ही यह बच्चे के विकास में किस प्रकार सहायक है। ऐसे में अगर आप भी अंगूर को नियमित रूप से सेवन में लाने के बारे में सोच रहे हैं, तो बेहतर होगा कि लेख में दी गई इससे संबंधित सभी जरूरी बातों को एक बार अच्छे से पढ़ लिया जाए। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपकी गर्भावस्था को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार साबित होगा। इस संबंध में कोई अन्य सवाल हो, तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक जरूर पहुंचाएं। हमारी पूरी कोशिश होगी कि आपके सवाल का जवाब तथ्यात्मक ढंग से और वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ दिया जाए।
References
1. Maternal Diet and Nutrient Requirements in Pregnancy and Breastfeeding. An Italian Consensus Document By Ncbi
2. Nutrition Recommendations in Pregnancy and Lactation By Ncbi
3. Grapes, red or green (European type, such as Thompson seedless), raw By Fdc
4. Studies on antioxidant effects of the red grapes seed extract from Vitis vinifera, Burgund Mare, Recaş in pregnant rats. By Ncbi
5. My pregnancy By Ucla health
6. Prenatal Effects of Maternal Consumption of Polyphenol-Rich Foods in Late Pregnancy upon Fetal Ductus Arteriosus By Ncbi
7. Biological Activities of Polyphenols from Grapes By Ncbi
8. Grape-seed proanthocyanidin extract as suppressors of bone destruction in inflammatory autoimmune arthritis. By Ncbi
9. Resveratrol suppresses NTHi-induced inflammation via up-regulation of the negative regulator MyD88 short By Researchgate
10. Grape seed proanthocyanidin extract attenuates allergic inflammation in murine models of asthma. By Ncbi
11. Regular consumption of concord grape juice benefits human immunity. By Ncbi
12. Effect of Grape Juice Consumption on the Parameters of Oxidative Stress and Muscle Fatigue in Judo Athletes By Clinicaltrials
13. Epidemiological study: Correlation between diet habits and constipation among elderly in Beijing region By Ncbi
14. Comparative effects of red and white grapes on oxidative markers and lipidemic parameters in adult hypercholesterolemic humans. By Ncbi
15. Grape Seed Extract Could Extend Life of Teeth By Dentistry
16. Grapes and Cardiovascular Disease By Ncbi
17. Dual Anticoagulant/Antiplatelet Activity of Polyphenolic Grape Seeds Extract. By Ncbi
18. Expecting or Recently had a Baby? Learn about Blood Clots By Cdc
19. Grape extract improves antioxidant status and physical performance in elite male athletes. By Ncbi
20. Pregnancy outcome following use of large doses of vitamin B6 in the first trimester. By Ncbi
21. The Interplay Between Nutrition and Stress in Pregnancy: Implications for Fetal Programming of Brain Development By Ncbi
22. How to Increase Volume in Your Meals By Cdc
23. Fruit consumption and risk of type 2 diabetes: results from three prospective longitudinal cohort studies By Ncbi
24. A Comparison of Total Antioxidant Capacities of Concord, Purple, Red, and Green Grapes Using the CUPRAC Assay By Ncbi
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