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गर्भावस्था ऐसा समय होता है, जब गर्भवती महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। वजन में, रक्तचाप में व मानसिक परिवर्तन आदि। इनमें से कई बदलाव महिला के शरीर में मौजूद हार्मोन में उतार-चढ़ाव होने के कारण होते हैं। ऐसा ही एक हार्मोन है ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (Human chorionic gonadotropin), जिसे एचसीजी (hCG) हार्मोन भी कहा जाता है, लेकिन यह है क्या और इसका काम क्या है? इन सवालों के जवाब आपको मॉमजंक्शन के इस लेख में मिल जाएंगे। जानिए, गर्भावस्था में इसका स्तर कितना होना चाहिए और इस दौरान एचसीजी की क्या भूमिका होती है।
लेख की शुरुआत यह जानने से करते हैं कि एचसीजी हार्मोन क्या होता है।
एचसीजी हार्मोन क्या है?
एचसीजी हार्मोन की गर्भावस्था के दौरान भूर्ण के विकास में खास भूमिका होती है और गर्भवती महिलाओं में इसका स्तर बहुत ज्यादा होता है इसलिए इसे प्रेगनेंसी हार्मोन भी कहा जाता है। जैसे ही एक भ्रूण महिला की बच्चेदानी में इम्प्लांट होता है, भ्रूण को घेरती कोशिकाएं (ट्रोफोब्लास्ट) एचसीजी (hCG) हॉर्मोन प्रोड्यूस करती हैं और प्लेसेंटा के निर्माण के बाद, उसकी सबसे ऊपरी परत सिंसटियोट्रॉफोबलास्ट(syncytiotrophoblastic) एचसीजी (hCG) बनाते है। एचसीजी हार्मोन की गर्भावस्था के दौरान भूर्ण के विकास में खास भूमिका होती है और गर्भवती महिलाओं में इसका स्तर बहुत ज्यादा होता है, इसलिए इसे प्रेगनेंसी हार्मोन भी कहा जाता है। जैसे ही एक भ्रूण महिला की बच्चेदानी में इम्प्लांट होता है, भ्रूण को घेरती कोशिकाएं (ट्रोफोब्लास्ट) एचसीजी (hCG) हॉर्मोन प्रोड्यूस करती हैं और प्लेसेंटा के निर्माण के बाद, उसकी सबसे ऊपरी परत सिंसटियोट्रॉफोबलास्ट(syncytiotrophoblastic) एचसीजी (hCG) बनाते है।
यह हार्मोन कॉर्पुस ल्युटियम (ओवरी में बनने वाली कोशिकाएं) की मदद से प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन बनाता जो पहले 10-12 हफ़्तों में प्रेगनेंसी को सुरक्षित करता है जब तक प्लेसेंटा पूरी तरह से निर्मित नही होता। प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन गर्भवती महिला के इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने और भ्रूण को सुरक्षित रखने में मदद करता है (1)। एचसीजी हार्मोन मुख्य रूप से गर्भवती महिला के सीरम और मूत्र में पाया जाता है जिसका निरीक्षण कर प्रेगनेंसी का पता लगाया जा सकता है (2)।
आने वाले भाग में जानिए एचसीजी हार्मोन के बारे में कुछ और बातें।
एचसीजी स्तर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- गर्भधारण के लगभग 5-6 दिन के बाद खून में और 7-9 दिन बाद मूत्र में एचसीजी की मात्रा दिखने लगती है (3)।
- नॉर्मल गर्भावस्था वाली सभी महिलाओं में एचसीजी का स्तर एक समान नहीं होता है (2)।
- गर्भावस्था की पहली तिमाही में एचसीजी का स्तर तेजी से बढ़ता है। शुरू के 8 हफ्तों में इसका स्तर हर 24 घंटे में दोगुना होता जाता है (2)।
- गर्भावस्था के 10वें हफ्ते में इसका स्तर सबसे ज्यादा होता है और फिर 16वें हफ्ते तक कम होता जाता है। इसके बाद स्तर अक्सर सामान्य बना रहता है (2)।
- एचसीजी हार्मोन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ने का मतलब गर्भावस्था में किसी जटिलता का संकेत हो सकता है (3)।
- इसके अधिक बड़े हुए स्तर का मतलब एक से ज्यादा गर्भावस्था हो सकता है, जैसे जुड़वा गर्भावस्था (3)।
आगे जानिए कितना होता है गर्भावस्था में एचसीजी का स्तर।
गर्भावस्था में एचसीजी स्तर (Single Pregnancy) | Pregnancy Me HCG Level Kitna Hona Chahiye
नीचे दिए गए टेबल की मदद से जानिए कि पीरियड्स मिस होने के बाद एकल गर्भावस्था के दौरान एचसीजी हार्मोन का स्तर क्या होता है (4)
गर्भावस्था के हफ्ते | एकल गर्भावस्था |
---|---|
3 | 5 – 72 mIU/mL |
4 | 10 – 708 mIU/mL |
5 | 217 – 8,245 mIU/mL |
6 | 152 – 32, 177 mIU/mL |
7 | 4,059 – 153,767 mIU/mL |
8 | 31,366 – 149,094 mIU/mL |
9 | 59,109 – 135,901 mIU/mL |
10 | 44,186 – 170,409 mIU/mL |
12 | 27,107 – 201,165 mIU/mL |
14 | 24,302 – 93, 646 mIU/mL |
15 | 12,540 – 69,747 mIU/mL |
16 | 8,904 – 55,332 mIU/mL |
17 | 8,240 – 51,793 mIU/mL |
18 | 9,649 – 55,271 mIU/mL |
नोट: जुड़वां या उससे अधिक की गर्भावस्था में एचसीजी हार्मोन का स्तर एकल गर्भावस्था से ज्यादा होता है, लेकिन इसका सटीक स्तर क्या होगा, इसकी जानकारी टेस्ट की मदद से ही मिल सकती है (4)।
आगे जानिए कि एचसीजी के कम स्तर का क्या मतलब होता है।
कम एचसीजी स्तर का क्या मतलब है?
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में एक संतुलित मात्रा में एचसीजी हार्मोन होना चाहिए। अगर इस हार्मोन का स्तर कम है, तो उसके कुछ मतलब हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे समझाया गया है (4) :
- गलत पॉजिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट परिणाम (false positive results)
- भ्रूण की मृत्यु
- अधूरा गर्भपात
- पूर्ण गर्भपात
- एटोपिक गर्भावस्था (जब भ्रूण गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है)
लेख के अगले भाग में जानिए कि एचसीजी के बढ़े हुए स्तर का क्या मतलब है।
ज्यादा एचसीजी स्तर का क्या मतलब है?
अगर महिला के शरीर में एचसीजी का स्तर सामान्य से अधिक है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं (5) :
- गर्भकालीन उच्च रक्तचाप
- जुड़वां या उससे अधिक की गर्भावस्था
- हाइडैटिडिफॉर्म मोल्स या मोलर गर्भधारण
- कैंसर (chococarcinomas)
- डाउन सिंड्रोम( down syndrome)
- गर्भपात (miscarriage)
- समय से पहले प्रसव
गर्भावस्था के दौरान एचसीजी के स्तर के बारे में जानने के बाद जानिए गर्भावस्था के बाद इसके स्तर के बारे में।
गर्भावस्था की समाप्ति के बाद एचसीजी हार्मोन का स्तर
गर्भावस्था की समाप्ति के बाद लगभग एक हफ्ते से दो महीने (7 से 60 दिन) के बीच एचसीजी का स्तर शून्य पर आ सकता है (2)।
एचसीजी के स्तर को क्या चीजें प्रभावित कर सकती हैं?
ऐसे कुछ कारक है, जो एचसीजी के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे (2) :
- कुछ प्रकार के एंटीबायोटिक्स
- इम्युनोग्लोबुलिन (एक प्रकार की एंटीबाडी जो शरीर को संक्रमण से बचाती है) की कमी
- गर्भधारण से पहले ही गर्भ की जांच
- मूत्र में प्रोटीन या खून की मात्रा
- कुछ प्रकार की दवाइयां, जैसे – एस्पिरिन, कार्बामाजेपिन, मेथाडोन
- तनाव (6)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या एचसीजी लेवल टेस्ट लेते समय दर्द होता है?
एचसीजी लेवल टेस्ट साधारण यूरिन और ब्लड टेस्ट होता है। इसमें ब्लड का सैंपल लेते समय इंजेक्शन लगने से दर्द हो सकता है। इसके अलावा, इस टेस्ट में कोई दर्द नहीं होता (4)।
क्या एचसीजी के उच्च स्तर का मतलब है कि आपको जुड़वा बच्चे होंगे?
हां, लेकिन कुछ मामलों में एचसीजी के उच्च स्तर का मतलब अन्य जटिलताओं की ओर इशारा भी हो सकता है (4)।
क्या मुझे अपना एचसीजी स्तर नियमित रूप से जांचना चाहिए?
गर्भवती महिला को एचसीजी स्तर की जांच करवाने की सलाह उनके डॉक्टर बेहतर रूप से दे सकते हैं। यह अक्सर उनकी गर्भावस्था और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी रहा होगा। अब आप एचसीजी हार्मोन और गर्भावस्था में इसके महत्व के बारे में अच्छी तरह समझ गए होंगे। इसके अलावा, इस हार्मोन के उच्च या कम स्तर के बारे में दी गई जानकारी भी आपको अच्छी तरह समझ आ गई होगी। ध्यान रखिए कि गर्भावस्था के हर मोड़ पर महिला के स्वास्थ्य का ध्यान रखना और उसके लिए जरूरी टेस्ट व ट्रीटमेंट लेने से महिला व होने वाले शिशु को सेहतमंद रखा जा सकता है। गर्भावस्था से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।
References
1. Use of progestagens during early pregnancy by NCBI
2. Human Chorionic Gonadotropin (HCG) by NCBI
3. Pregnancy test by MedlinePlus
4. HCG blood test – quantitative by MedlinePlus
5. Second-trimester maternal serum marker screening: maternal serum alpha-fetoprotein, beta-human chorionic gonadotropin, estriol, and their various combinations as predictors of pregnancy outcome by NCBI
6. Stress-related hormones affect human chorionic gonadotrophin secretion from the early human placenta in vitro by NCBI
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