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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियां होती हैं। इनमें से कुछ परेशानियां ऐसी होती हैं, जो खान-पान और जीवनशैली में बदलाव कर ठीक की जा सकती हैं। वहीं कुछ परेशानियां ऐसी भी होती हैं, जिनसे राहत पाने के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं या इंजेक्शन को लेने की सलाह दे सकते हैं। इन्हीं दवाओं में भार्गलोब इंजेक्शन का नाम भी शामिल है, लेकिन यह बहुत कम लोग ही जानते होंगे। इस कारण मॉमजंक्शन के इस लेख में हम भार्गलोब इंजेक्शन क्या है और इसे गर्भावस्था में क्यों उपयोग किया जाता है, यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
आइए, सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर भार्गलोब इंजेक्शन क्या है।
भार्गलोब इंजेक्शन क्या है?
भार्गलोब इंजेक्शन का जेनरिक नाम इम्युनोग्लोबुलिन (IVIg) है। यह एक इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन है, जिसको इम्यून बूस्टर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है (1)। जिन गर्भवती महिलाओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में डॉक्टर भार्गलोब इंजेक्शन लगाने की सलाह दे सकते हैं। भार्गलोब इंजेक्शन को स्वस्थ लोगों द्वारा दिए गए सीरम या ब्लड प्लाज्मा के जरिए तैयार किया जाता है। फिलहाल, भार्गलोब इंजेक्शन के संबंध में पर्याप्त वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।
लेख में आगे हम जानेंगे कि क्या प्रेगनेंसी में भार्गलोब इंजेक्शन लगवाना सुरक्षित है।
क्या प्रेगनेंसी में भार्गलोब इंजेक्शन लगवाना सुरक्षित है?
यह इंजेक्शन प्रेगनेंसी में कितना सुरक्षित है, इस संबंध में अभी वैज्ञानिक शोध की कमी है। कुछ उपलब्ध शोध मानते हैं कि हर प्रेगनेंट महिला को भार्गलोब इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। डॉक्टर किसी विशेष परिस्थिति में ही इसे लगवाने की सलाह देते हैं। एक शोध के मुताबिक, रिकरेंट मिसकैरेज (बार-बार मिसकैरेज होना) की स्थिति में डॉक्टर की सलाह पर इसे लगवाया जा सकता है (2)।
लेख में आगे गर्भावस्था में भार्गलोब इंजेक्शन के उपयोग से जुड़ी जानकारी दी गई है।
प्रेगनेंसी में भार्गलोब इंजेक्शन के उपयोग व लाभ
यहां हम भार्गलोब इंजेक्शन के उपयोग और लाभ क्रमवार बता रहे हैं, जिससे गर्भावस्था में भार्गलोब इंजेक्शन की उपयोगिता को समझने में मदद मिल सकती है।
- रिकरेंट प्रेगनेंसी लॉस (RPL): अगर किसी महिला को बार बार मिसकैरेज की शिकायत हो रही है, तो ऐसे में गर्भवती होने पर उस महिला को डॉक्टर भार्गलोब लगाने के लिए कह सकते हैं (3)।
- ऑटोइम्यून डिजीज: इसके कारण भी कुछ महिलाओं को बार-बार गर्भपात (RPL) की परेशानी हो सकती है। ऐसे में ऑटोइम्यून डिजीज (अतिसक्रिय प्रतिरोधक प्रणाली का शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करना) के इलाज के लिए भी यह इंजेक्शन दिया जा सकता है (3)।
- इम्यून बूस्टर: भार्गलोब इंजेक्शन कई तरीके से इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रख सकता है, जो गर्भ में भ्रूण के जीवित रहने की संभावना को बढ़ाकर महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता को बढ़ा सकता है (5)।
- वायरस से बचाव: प्रेगनेंसी के दौरान इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने व कई खतरनाक वायरस से सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी भार्गलोब इंजेक्शन मदद कर सकता है। भार्गलोब इंजेक्शन के जरिए गर्भवती महिला के शरीर में एंटीबॉडीज ट्रांसफर की जाती हैं, जो खसरा, रूबेला, वेरीसेला, हेपाटाइटिस ए जैसे रोगों से सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है। हालांकि इसे डॉक्टर की देखरेख में ही लगवाना चाहिए (4)।
चलिए, अब प्रेगनेंसी में भार्गलोब इंजेक्शन की खुराक के बारे में जानते हैं।
प्रेगनेंसी में भार्गलोब इंजेक्शन की कितनी खुराक जरूरी है?
भार्गोलोब इंजेक्शन को प्रेगनेंसी की पहली तिमाही तक नहीं दिया जाता है। वहीं सामन्य तौर पर दूसरी तिमाही में 2 मिलीलीटर भार्गलोब इंजेक्शन की डोज दी जाती है, जो 36वें हफ्ते तक हर 21वें दिन दी पर दी जा सकती है (1)। हालांकि, गर्भवती की उम्र, स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति पर भार्गलोब इंजेक्शन की इस खुराक में संभावित परिवर्तन किए जा सकते हैं, जो एक डॉक्टर ही तय कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि भार्गलोब इंजेक्शन डॉक्टर की सलाह और देखरेख में ही लगवाएं।
लेख के अगले भाग में जानते हैं गर्भावस्था में भार्गलोब इंजेक्शन से जुड़े दुष्प्रभाव।
भार्गलोब इंजेक्शन के साइड इफेक्ट
भार्गलोब इंजेक्शन के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (6)।
- गर्भावस्था में सिरदर्द
- मुंह का लाल हो जाना
- बेचैनी होना
- गर्भावस्था में बुखार
- ठंड लगना
- गर्भावस्था में थकान महसूस होना
- सुस्ती आना
- रेनल इम्पेयरमेंट (किडनी फेल होना)
- थ्रोम्बोसिस (रक्त का थक्का बनना)
- अनियमित दिल की धड़कन
- एसेप्टिक मैनिंजाइटिस (दिमाग या रीढ़ की परत से संबंधित सूजन की समस्या)
- हेमोलिटिक एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं की क्षति)
- एक्यूट लंग इंज्यूरी (फेफड़ों में गंभीर चोट)
आइए, अब गर्भावस्था में भार्गलोब इंजेक्शन के इस्तेमाल के बारे में जानते हैं।
प्रेगनेंसी में भार्गलोब इंजेक्शन का इस्तेमाल कैसे करें?
लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि भार्गलोब इंजेक्शन इंट्रामस्क्युलर रूप से दिया जाता है (1)। इसलिए इसे डॉक्टर मांसपेशियों में लगाते हैं। ऐसे में डॉक्टर की उपस्थिति में और डॉक्टर की सलाह से ही इस इंजेक्शन को लगवाना चाहिए।
अंत में जानिए गर्भावस्था में भार्गलोब इंजेक्शन का इस्तेमाल करते समय बरती जाने वाली कुछ सावधानियां।
भार्गलोब इंजेक्शन इस्तेमाल करने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां
भार्गलोब इंजेक्शन का इस्तेमाल करने से पहले नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखें:
- भार्गलोब इंजेक्शन लगवाने के पहले अपने डॉक्टर को इन सभी दवाओं को जानकारी दें, जो आप अभी ले रही हैं, इसमें ओवर द काउंटर दवाएं (विटामिन, हर्बल सप्लीमेंट्स आदि), एलर्जी, पहले से मौजूद किसी बीमारी की दवा, वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति (प्रेगनेंसी से पहले होने वाली किसी सर्जरी) की जानकारी अवश्य दें।
- कुछ स्वास्थ्य स्थितियों की वजह से आप दवा के साइडफेक्ट के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं। इसलिए हमेशा डॉक्टर की सलाह लें और इनके दिए निर्देशों का पालन करें।
- यदि आप किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं, क्योंकि तब एहतियात के साथ भार्गलोब इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है और उसी हिसाब से डॉक्टर खुराक भी तय करता है (7)।
गर्भावस्था में भार्गलोब इंजेक्शन क्यों दिया जाता है, आप सभी को इसके बारे में पता चल गया होगा। वहीं, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि बिना सावधानी इसे गर्भावस्था में लेना शुरू कर दिया जाए। क्योंकि, बात जब गर्भावस्था की हो तो किसी भी दवा का इस्तेमाल बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं किया जाना चाहिए। यही वजह है कि लेख में गर्भावस्था में भार्गलोब इंजेक्शन से जुड़ी हर जरूरी जानकारी के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसलिए, लेख में दी गई सभी जानकारियों को ध्यान से पढ़ें और फिर डॉक्टर से सलाह के बाद ही गर्भावस्था में भार्गलोब इंजेक्शन का उपयोग करें।
References
1. Effect of treatment on cases testing positive for APA: A prospective study By Jogi
2. A High Dose Intravenous Immunoglobulin Therapy for Women with Four or More Recurrent Spontaneous Abortions By International Scholarly Research Notes
3. Intravenous immunoglobulin (IVIG) as treatment for recurrent pregnancy loss (RPL) By NCBI
4. The indications and safety of polyvalent immunoglobulin for post-exposure prophylaxis of hepatitis A, rubella and measles By NCBI
5. Increased pregnancy rates after IVF/ET with intravenous immunoglobulin treatment in women with elevated circulating C56+ cells By NCBI
6. Adverse Effects of Immunoglobulin Therapy By NCBI
7. Pregnancy in a woman with recurrent immunoglobulin a nephropathy: A case report By Science Direct
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