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गर्भावस्था के दौरान गर्भवती का खास ध्यान रखना होता है, क्योंकि छोटी-सी गलती महिला और होने वाले शिशु के लिए जोखिम उत्पन्न कर सकती है। इस दौरान महिलाओं को कई छोटी-छोटी समस्याओं से जूझना पड़ता है, उन्हीं में से एक है चक्कर आना। चक्कर आने पर महिलाएं गिर भी सकती हैं, जिससे महिला और भ्रूण दोनों को नुकसान हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी में चक्कर आने से जुड़ी कई जानकारियां दे रहे हैं। इनमें प्रेगनेंसी में चक्कर आने के कारण के साथ इससे बचाव के उपाय भी शामिल हैं। लेख में उपलब्ध सभी जानकारियां वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध के आधार पर दी गई हैं।

इस आर्टिकल के पहले भाग में हम बताएंगे कि गर्भावस्था में सिर चकराना होता क्या है।

प्रेगनेंसी में सिर चकराना क्या है? | Pregnancy Me Chakkar Aana

गर्भावस्था में सिर चकराना ऐसी स्थिति है, जिसमें महिला की आंखों के आगे अंधेरा-सा छा जाता है। उसे सही से समझ नहीं आता है कि उसकी आंखों के सामने क्या है और क्या हो रहा है। सिर चकराने पर कमजाेरी का अहसास होता है और आसपास की सभी चीजें घूमती हुई नजर आती हैं। इससे गर्भवती अपने संतुलन को खोकर गिर सकती है (1)गर्भावस्था में सिर चकराने का सबसे आम लक्षण उलटी, मतली, उलझन और सिर दर्द के रूप में देखे जा सकते हैं (2)

चलिए, अब जान लेते हैं कि गर्भावस्था में चक्कर आना गंभीर समस्या तो नहीं।

क्या प्रेगनेंसी में चक्कर आना आम समस्या है?

जी हां, गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने को आम माना जाता है। यह समस्या अधिकतर गर्भवती महिलाओं को होती है (2)। यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कार चलाना और सीढ़ी-उतरने चढ़ने से बचने की सलाह दी जाती है। इससे गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने की वजह से होने वाले किसी भी हादसे की आशंका को होने से रोका जा सकता है। वहीं, इस सावधानी को ध्यान में रखकर गर्भवती और होने वाले शिशु को आने वाले खतरे से सुरक्षित रखने में भी मदद मिल सकती है।

अब हम जानने का प्रयास करेंगे कि गर्भवती महिला को चक्कर कब आते हैं।

किस तिमाही में चक्कर आते हैं?

गर्भावस्था की तीनों तिमाही में भी चक्कर आ सकते हैं। पहली तिमाही में चक्कर आने की समस्या सामान्य है, लेकिन किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं है। वहीं, दूसरी तिमाही में भी कई कारणों से चक्कर आ सकते हैं। चक्कर आने के साथ-साथ गर्भवती के गिरने का जोखिम बना रहता है (2)। ऐसे में गर्भवती का पूरे 9 महीने खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।

आइए, अब जानते हैं कि किस प्रकार चक्कर आना गर्भवती के लिए जोखिम भरा हो सकता है।

क्या प्रेगनेंसी में चक्कर आना हानिकारक होता है?

जी हां, गर्भावस्था के समय चक्कर आना हानिकारक होता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि चक्कर आने पर गिरने का अधिक खतरा बना रहता है (2)। इसका असर गर्भवती के साथ-साथ होने वाले शिशु पर भी दिखाई दे सकता है। अगर गर्भावस्था के समय महिला गिरती है, तो इससे होने वाले शिशु की जान जोखिम में आ सकती है (3)। वहीं, गर्भावस्था में चक्कर आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिससे भ्रूण के विकास में भी रुकावट उत्पन्न हो सकती है। उसके बारे में हम लेख के अगले भाग में जानेंगे।

गर्भावस्था में चक्कर आने के संबंध में और जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

प्रेगनेंसी में चक्कर आने के कारण | Pregnancy Me Chakkar Kyu Aate Hai

अक्सर गर्भावस्था के दौरान चक्कर आ जाता है, लेकिन कई लोगों को चक्कर आने का कारण समझ नहीं आता है। उनके लिए हम नीचे गर्भावस्था में चक्कर आने के कारण बता रहे हैं (4)

  • लो ब्लड प्रेशर यानी निम्न रक्तचाप के कारण चक्कर आ सकते हैं। गर्भावस्था में लो ब्लड प्रेशर की समस्या आमतौर पर शरीर में उत्पन्न हॉर्मोन के कारण होती है, जो रक्त धमनियों को फैला देती है। इस कारण अचाकन उठने या बैठने से चक्कर आ सकते हैं।
  • प्रेगनेंसी में चक्कर आने का एक कारण आयरन की कमी यानी एनीमिया भी हो सकती है।
  • तीसरी तिमाही में ज्यादा पीठ के बल लेटने से बढ़ता हुआ गर्भाशय रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिस कारण भी चक्कर आ सकता है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन के कारण भी चक्कर आ सकते हैं।
  • कई बार घुटन महसूस होने के कारण भी चक्कर महसूस हो सकता है (5)

नोट: चक्कर आने पर गिरने से बचने के लिए महिलाओं को पास में रखें किसी सहारे की मदद से बैठना या उठाना चाहिए। साथ ही इस दौरान ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी या उतरनी नहीं चाहिए।

आर्टिकल के अगले भाग में जाने कि चक्कर आने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

अचानक चक्कर आने पर क्या करना चाहिए?

प्रेगनेंसी में चक्कर आने पर इन टिप्स को फॉलो करने से कुछ राहत मिल सकती है :

  • अगर किसी गर्भवती महिला को अचानक चक्कर महसूस होता है, तो वह उसी स्थान पर कुछ मिनट के लिए बैठ जाए। साथ ही सिर को झुकाकर आंखें बंद कर लें। इससे चकरा कर गिरने से बचा जा सकता है। जब ठीक महसूस होने लगें, तब आराम से उठें।
  • कोई महिला कुछ काम कर रही है और चक्कर आने लगे, तो उस काम को तुरंत रोक दें। काम रोकने के बाद कुछ मिनट तक दिमाग को शांत रखें और किसी दीवार या पास रखी चीज को पकड़ कर खुद को संभालने का प्रयास करें।
  • गर्भावस्था के दौरान भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से महिला को असहजता के कारण चक्कर महसूस हो सकता है। ऐसी अवस्था में महिला को भीड़-भाड़ वाली जगह से हटकर खुली जगह पर जाना चाहिए।
  • जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि चक्कर आने की समस्या रक्त में शुगर की मात्रा कम होने पर भी हो सकती है। ऐसे में तुरंत आराम के लिए शुगर युक्त खाद्य का सेवन करना चाहिए। इस तरह लो ब्लड शुगर के कारण चक्कर आने की समस्या को रोका जा सकता है, लेकिन ऐसा करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • लेख में आपको ऊपर बताया जा चुका है कि घुटन के कारण भी चक्कर महसूस हो सकता है। ऐसी अवस्था में कमरे की खिड़कियां खोल देनी चाहिए। इससे गर्भवती को थोड़ी राहत महसूस हो सकती है।

आइए, इस समस्या से राहत पाने के लिए कुछ और उपायों पर भी चर्चा कर लेते हैं।

प्रेगनेंसी में चक्कर आने की समस्या को दूर करने के उपाय

गर्भावस्था में चक्कर आने की समस्या को दूर करना आसान है। इसके लिए कुछ उपायों को अपनाने की जरूरत होती है, जिनमें निम्न बातों को अपनाया जा सकता है:

  • नियमित रूप से चेकअप कराते रहना चाहिए।
  • शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए थोड़े-थोड़े समय में पानी पीना चाहिए।
  • शरीर में शुगर की मात्रा को संतुलित रखकर चक्कर आने की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • आयरन की कमी के कारण भी चक्कर आते हैं। ऐसे में सही मात्रा में आयरन युक्त आहार के सेवन करने से प्रेगनेंसी में चक्कर आने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • सुबह या शाम को कुछ समय खुले पार्क में बिताएं और ताजी हवा लें। ऐसा करना भी चक्कर आने की समस्या में लाभदायक माना जा सकता है।
  • प्रेगनेंसी के समय हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें।
  • गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज न करें।
  • दूसरी और तीसरी तिमाही में अपनी पीठ के बल लेटने से बचें।

चक्कर आने पर किसी अवस्था में डॉक्टर के पास जाना चाहिए? यह जानने के लिए पढ़ें आगे।

प्रेगनेंसी में चक्कर आने पर डॉक्टर से परामर्श कब करें?

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि गर्भावस्था में चक्कर आना आम है, लेकिन बार-बार चक्कर आने लगे तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। प्रेगनेंसी एक नाजुक दौर होता है, इसमें हर छोटी-बड़ी बात को ध्यान में रखना जरूरी होता है। इससे गर्भवती और होने वाले शिशु को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है। ऐसे में गर्भवती को समय समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहना चाहिए।

हर महिला चाहती है कि उनकी गर्भावस्था का समय अच्छे से गुजरे और उन्हें अधिक तकलीफ या समस्या न हो। इसके लिए कई महिलाएं गर्भाधारण करने से पहले पूरी प्लानिंग कर लेती हैं, जिससे आने वाला शिशु स्वस्थ हो। प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले छोटे-छोटे जोखिम को ध्यान में रखकर इस दौर को अच्छे से बिताया जा सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई गर्भावस्था में चक्कर से जुड़ी सभी जानकारियां पाठक के लिए उपयोगी साबित होंगी। गर्भावस्था से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध दूसरे लेख भी पढ़ सकते हैं।

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