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गर्भावस्था में फलों का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है, लेकिन कौन से फल का सेवन किया जाना चाहिए और किस का नहीं, इसको लेकर दुविधा बनी रहती है। अगर आपके मन में चीकू फल को लेकर किसी तरह के सवाल हैं, तो उसके जवाब आपको इस लेख में मिल सकते हैं। यहां हम विस्तार से बता रहे हैं कि गर्भावस्था में चीकू खाना चाहिए या नहीं। अगर हां, तो प्रेगनेंसी में चीकू खाने के फायदे क्या होते हैं। इसके अलावा, चीकू खाने के नुकसान होते हैं या नहीं इससे जुड़ी पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी। बस चीकू यानी सपोटा फ्रूट के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
लेख के शुरुआती भाग में हम बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी में चीकू खाना चाहिए या नहीं।
क्या गर्भावस्था में चीकू खाना सुरक्षित है? | Chiku In Pregnancy In Hindi
जी हां, स्वस्थ गर्भावतियों के लिए चीकू सुरक्षित माना जाता है। इसमें भरपूर एनर्जी होती है और यह गर्भवती व होने वाले शिशु को कई मायनों में फायदा पहुंचा सकता है (1)। इसमें कार्बोहाइड्रेट और अन्य जरूरी पोषक तत्व जैसे – कैल्शियम, आयरन व फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं (2)। शायद इसी वजह से गर्भस्थ महिलाओं को डाइट में चीकू को भी शामिल करने की सलाह दी जाती है। जिन गर्भवती महिलाओ को मधुमेह है या फिर होने की संभावना है, उन्हें डॉक्टरी परामर्श के बाद ही इसे डाइट में शामिल करना चाहिए। क्योंकि चीकू में कार्बोहाइड्रेट व शुगर अधिक मात्रा में होते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है।
आगे हम बता रहे हैं कि एक दिन में गर्भवती को चीकू की कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान एक दिन में आप कितने चीकू खा सकती हैं?
प्रेगनेंसी में चीकू का सेवन एक दिन में कितनी मात्रा में किया जाना चाहिए यह स्पष्ट नहीं है। फिर भी कहा जाता है कि गर्भवती दिनभर में लगभग 100 से 200 ग्राम चीकू का सेवन कर सकती हैं। एक रिसर्च की मानें, तो चीकू की अधिकतम सुरक्षित मात्रा 5000 mg प्रति किलो वजन है। मतलब अगर कोई 50 किलो वजन का है, तो उसके लिए इसकी 250 ग्राम मात्रा सुरक्षित हो सकती है (3)।
प्रेगनेंसी में कब चीकू खाना चाहिए यह नीचे जानें।
गर्भावस्था की कौन-सी तिमाही में चीकू खाना चाहिए? | Pregnancy Mein Chiku Khana Chahiye Ya Nahi
प्रेगनेंसी में चीकू फल को खासकर कौन-सी तीमाही में खाया जाना चाहिए, इससे संबंधित कोई स्पष्ट शोध उपलब्ध नहीं है। वहीं, लोक मान्यता है कि पहली तिमाही में इसके सेवन से बचना चाहिए और दूसरी तिमाही से संतुलित मात्रा में इसका सेवन किया जा सकता है।
चलिए, चीकू में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जान लेते हैं।
चीकू के पोषक तत्व
चीकू खाना फायदेमंद और सुरक्षित होता है यह तो आप जान ही चुके हैं। अब हम नीचे बता रहे हैं कि इसमें मौजूद कौन से पोषक तत्व इसे सेहतमंद बनाते हैं (4)।
- एक चीकू (170 ग्राम) में लगभग 141 कैलोरी होती है और एक कप चीकू के गूदे (241g) में 200 कैलोरी होती है। वैसे, कैलोरी वेल्यू चीकू के प्रकार के हिसाब से भिन्न भी हो सकती है।
- एक कप चीकू में 1.06 ग्राम प्रोटीन और टोटल वसा 2.65 ग्राम होता है। साथ ही इस फल में 48.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की मात्रा 12.8 ग्राम होती है।
- गर्भावस्था के लिए जरूरी विटामिन-ए, फोलेट और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्वों की भी चीकू में अच्छी मात्रा होती है। 241g चीकू में विटामिन-सी 35.4 मिलीग्राम, फोलेट 33.7 ग्राम और विटामिन-ए 7.23 µg होता है।
- एक कप सपोटा फ्रूट में 50.6 mg कैल्शियम व 1.93 mg आयरन होता है। इसके अलावा, चीकू में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम की मात्रा क्रमश: 28.9 mg, 28.9 mg व 465 mg होती है।
नीचे गर्भावस्था में चीकू के फायदे के बारे में पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान चीकू खाने के स्वास्थ्य लाभ | chiku benefits in pregnancy in hindi
प्रेगनेंसी में चीकू खाने के फायदे अनेक हो सकते हैं। चीकू के फायदों में से कुछ के बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
- ऊर्जा का स्रोत : गर्भावस्था में एनर्जी की जरूरत है और चीकू महिलाओं को ऊर्जावान बनाए रख सकता है। चीकू को ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। इसमें फ्रुक्टोज और सुक्रोज होते हैं, जो प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर की तरह कार्य करते हैं (5)। यह गर्भावस्था में होने वाली कमजोरी से महिलाओं को बचाए रख सकता है।
- बेहतर पाचन तंत्र के लिए चीकू : गर्भावस्था में डाइजेशन संबंधी समस्या आम है (6)। इस परेशानी को दूर करने के लिए चीकू का सेवन किया जा सकता है। इसमें मौजूद फाइबर मल को शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। साथ ही इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव पाचक प्रणाली को बीमारियों, गैस व सूजन से बचाने में सहायक हो सकता है (2)।
- मजबूत हड्डियों के लिए चीकू खाने के फायदे : कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन हड्डियों को मजबूत करने वाले पोषक तत्व हैं। इन सभी पोषक तत्वों से चीकू भी समृद्ध है। इसी वजह से माना जाता है कि यह फल हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, चीकू में कॉपर भी पाया जाता है, जो हड्डी संबंधी समस्या से बचा सकता है (2)।
- तनाव के लिए चीकू के फायदे : स्ट्रेस से बचाने में भी चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें विटामिन-सी होता है, जो तनाव से बचाने में सहायक हो सकता है। स्ट्रेस के साथ ही यह फल स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकता है (2)।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है : सपोटा यानी चीकू में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को तेज और गतिशील रख सकता है। साथ ही पोटैशियम रक्तचाप और ब्लड सर्कूलेशन को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। इसी वजह से कहा जाता है कि चीकू फल ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है (2)।
- मतली के लिए : गर्भावस्था में होने वाली मतली यानी जी-मिचलाने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। बताया जाता है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा और अन्य जरूरी पोषक तत्व होते हैं, इसलिए यह मतली से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (2)।
अब हम प्रेगनेंसी में चीकू खाने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान चीकू का सेवन करने के कोई दुष्प्रभाव हैं?
गर्भावस्था में चीकू खाने के नुकसान स्पष्ट नहीं हैं। हां, अधपका चीकू खाने से मुंह कड़वा और गले में खुजली हो सकता है। साथ ही माउथ अल्सर का खतरा भी हो सकता है (5)। इसके अलावा, चीकू में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, इसी वजह से माना जाता है कि इसे अधिक मात्रा में खाने से थोड़ा वजन बढ़ सकता है (4)। कहा जाता है कि चीकू के अधिक सेवन से अपच, पेट में दर्द और डायरिया जैसी समस्या हो सकती हैं। फिलहाल, इस संबंध में कोई सटीक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।
नीचे जानिए चीकू खाते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
चीकू खाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां
प्रेगनेंसी में चीकू का सेवन करने से पहले और करते समय कुछ बातों का ध्यान रखाना जरूरी है। क्या हैं वो जरूरी सावधानियां आइए नीचे जानते हैं।
- हमेशा पका चीकू ही खाएं।
- इसे खाते समय मात्रा का खास ध्यान रखें।
- कोशिश करें कि एक ही बार में अधिक चीकू न खाएं, बल्कि दिन में दो से तीन बार में खाएं।
- चीकू को खाते समय उसे अच्छे से छीलकर ही खाएं। जल्दबाजी में छीलते हुए कई बार फल में छिलका छूट जाता है, लेकिन ध्यान दें कि ऐसा न हो।
- इसे छीलने से पहले अच्छे से हाथ जरूर धोएं ताकि किसी तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन न हो।
- चीकू का छिलका इस तरह से निकालें कि ये ज्यादा पिचके नहीं। हो सके तो पीलर से उसे छील लें।
आगे प्रेगनेंसी में चीकू को आहार में शामिल करने का तरीके जानते हैं।
गर्भावस्था में चीकू का आनंद लेने के सर्वोत्तम तरीके
प्रेगनेंसी में चीकू खाने के फायदे के बाद अब हम इसे आहार में शामिल करने के विभिन्न तरीकों के बारे में जानते हैं। चीकू के स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए चीकू का उपयोग कुछ इस तरह से किया जा सकता है (5) (7)।
- चीकू को सामान्य तरीके यानी फल की तरह खाया जा सकता है।
- फ्रूट सलाद की तरह या विभिन्न फ्रूट्स के सलाद में इसे शामिल किया जा सकता है।
- चीकू फल का शेक बनाकर भी आप पी जा सकते हैं।
- घर में चीकू की आइसक्रीम बनाकर भी खा सकते हैं।
- चीकू को पानी में उबालकर काढ़े के रूप में पिया जा सकता है।
- ताकत के लिए चीकू का फ्रूट बार घर में बनाकर आप खा सकते हैं।
- चीकू फल से हलवा भी बनाया जा सकता है, जो आपको ऊर्जात्मक रखने में मदद कर सकता है।
- चीकू की मीठी सॉस व चटनी भी बना सकते हैं।
प्रकृति ने हमें अनमोल चीकू जैसे फल से नवाजा है। चीकू में मौजूद गुणकारी प्रभाव और पोषक तत्व इसे खास बनाते हैं। आप इसका संतुलित मात्रा में सेवन करके गर्भावस्था में भी चीकू के लाभ उठा सकते हैं। बस थोड़ी सतर्कता से इसका सेवन करें। इस फल को खाने से जुड़ी सावधानियां हम लेख में बता चुके हैं। इसे खाते समय ध्यान दें कि गर्भावस्था में किसी भी चीज की अधिकता भारी पड़ सकती है। प्रेगनेंसी से जुड़ी ऐसी और जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
हैप्पी हेल्दी प्रेगनेंसी!
References
1. Beliefs and practices regarding nutrition during pregnancy and lactation in a rural area in Karnataka, India: a qualitative study By IJCMPH
2. A study on nutritional and health importance of “Sapotas” By IJFSN
3. Formulation Development of a Nutraceutical product comprising Manilkara zapota Fruit Pulp By RJPDFT
4. Sapodilla, raw By USDA
5. Traditional and Medicinal Importance of Sapota – Review By IJCMAS
6. Treating constipation during pregnancy By NCBI
7. Sapota [(Manilkara achras (Mill.) Fosberg (Syn: Achras zapota L.)] By ResearchGat
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