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इसमें कोई दो राय नहीं है कि गर्भावस्था में सही खानपान लेना जरूरी है। एक पौष्टिक आहार न सिर्फ गर्भवती के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है, बल्कि शिशु के विकास में भी इसकी खास भूमिका होती है। यही कारण है कि गर्भवती को भरपूर मात्रा में हरी सब्जियों और फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। वहीं, कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें लेकर दुविधा है कि प्रेग्नेंसी में इन्हें खाना चाहिए या नहीं। इन्हीं में से एक है चुकंदर। यूं तो चुकंदर में पौष्टिक तत्वों की भरमार है, लेकिन प्रेग्नेंसी में चुकंदर सुरक्षित है या नहीं, इसे लेकर कई महिलाओं के मन में सवाल बना रहता है।
अगर आप गर्भवती हैं और चुकंदर को लेकर असमंजस में हैं, तो मॉमजंक्शन के इस लेख में आपको गर्भावस्था में चुकंदर खाने से संबंधित जरूरी जवाब मिलेंगे।
आइए, पहले जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में चुकंदर खा सकते हैं या नहीं।
क्या गर्भावस्था के दौरान चुकंदर खा सकते हैं? | Chukandar In Pregnancy
हां, गर्भावस्था के दौरान चुकंदर खा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर और वो भी सीमित मात्रा में। सप्ताह भर में सिर्फ एक कप चुकंदर खाना सुरक्षित माना गया है (1)। इसे आप पकाकर या जूस के रूप में ले सकते हैं। इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें, क्योंकि डॉक्टर आपके शरीर की स्थिति देखकर इसे खाने या न खाने की सलाह देंगे।
अब जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में चुकंदर और चुकंदर का रस किस प्रकार लाभदायक होता है।
गर्भावस्था के दौरान चुकंदर और उसके रस का लाभ | Pregnancy Me Chukandar Ke Fayde
गर्भावस्था के दौरान अगर सीमित मात्रा में और समझदारी से चुकंदर का सेवन किया जाए, तो इसके कई फायदे हो सकते हैं। नीचे हम प्रेग्नेंसी में चुकंदर खाने के फायदे बता रहे हैं :
- जन्म दोष के जोखिम को कम करे : बीटरूट में भरपूर मात्रा में फोलिक एसिड पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए जरूरी है। फोलिक एसिड से शिशु में स्पाइना बिफिडा जैसे दोष होने का जोखिम कम हो जाता है और यह दिमागी विकास के लिए भी जरूरी है (2)।
- रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से लड़ने के लिए ज्यादा रोग-प्रतिरोधक क्षमता की जरूरत होती है। ऐसे में चुकंदर गर्भवती की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए जरूरी है (3)।
- ऑस्टियोपोरोसिस को रोकता है : गर्भवती महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा होता है। वहीं, चुकंदर में सिलिका होता है, जो शरीर को कैल्शियम का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। इससे दांत और हड्डियां कमजोर होने से बच जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम हो जाता है (4)।
- मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करे : चुकंदर पोटैशियम का बेहतरीन स्रोत है। इसका सेवन इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करता है और गर्भावस्था के दौरान चयापचय को काफी हद तक नियंत्रित करता है। इसके अलावा, यह गर्भवती महिलाओं में रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
- जोड़ों में दर्द और सूजन से बचाए : चुकंदर में बीटालैन होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में काम करता है। गर्भावस्था को दौरान चुकंदर का सेवन जोड़ों में दर्द और सूजन को कम कर सकता है (5)।
- प्राकृतिक रक्त शोधक: चुकंदर में रक्त को शुद्ध करने की क्षमता होती है। इससे यह भ्रूण में बीमारियों और संक्रमण के जोखिम को रोकता है। वहीं, चुकंदर के रस का सेवन आपकी शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ाता है और डिलीवरी सहन करने में मदद करता है (6)।
- खून की कमी से बचाए : चुकंदर आयरन से भरपूर होता है और रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान चुकंदर खाने से एनीमिया का खतरा कम हो सकता है (7)।
- रक्त शर्करा को नियंत्रित करे : चुकंदर में कम मात्रा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो गर्भावस्था के दौरान रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- भ्रूण के विकास में मदद करे : चुकंदर विटामिन-ए और विटामिन-ई से भरपूर होता है। गर्भावस्था के दौरान चुकंदर का रस पीने से भ्रूण के विकास में मदद मिलती है।
- पाचन में सुधार: गर्भावस्था के दौरान फाइबर युक्त चुकंदर खाने से आपके पाचन में सुधार होता है, जिससे आपका पेट ठीक रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।
देखें चुकंदर के पौष्टिक मूल्य –
100 ग्राम कच्चे चुकंदर में मौजूद पोषण (8):
पोषक तत्व | मात्रा |
---|---|
ऊर्जा | 43kcal |
पानी | 87.58 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 9.56 ग्राम |
शुगर | 6.76 ग्राम |
प्रोटीन | 1.61 ग्राम |
फाइबर | 2.8 ग्राम |
फैट | 0.17 ग्राम |
विटामिन
थियामिन (विटामिन-बी1) | 0.031 मिलिग्राम |
राइबोफ्लेविन (विटामिन-बी2) | 0.04 मिलिग्राम |
नियासिन (विटामिन-बी3) | 0.334 मिलीग्राम |
पाइरिडोक्सिन (विटामिन-बी6) | 0.067 मिलीग्राम |
फोलिक एसिड (विटामिन-बी9) | 109 माइक्रोग्राम |
एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन-सी) | 4.9 मिलीग्राम |
विटामिन-ए | 33 आईयू |
अल्फा-टोकोफेरोल (विटामिन-ई) | 0.04 मिलीग्राम |
फाइलोक्विनोन (विटामिन-के) | 0.2 माइक्रोग्राम |
इलेक्ट्रोलाइट्स
पोटैशियम | 325 मिलीग्राम |
सोडियम | 78 मिलीग्राम |
खनिज पदार्थ
कैल्शियम | 16 माइक्रोग्राम |
आयरन | 0.80 माइक्रोग्राम |
फास्फोरस | 40 माइक्रोग्राम |
मैग्नीशियम | 23 मिलीग्राम |
जिंक | 0.35 मिलीग्राम |
प्रेग्नेंसी में चुकंदर खाने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
गर्भावस्था में चुकंदर खाने के नुकसान
किसी-किसी मामले में डॉक्टर प्रेग्नेंसी के दौरान चुकंदर न खाने की सलाह दे सकते हैं। नीचे जानिए प्रेग्नेंसी में चुकंदर खाने के क्या नुकसान हो सकते हैं :
- चुकंदर में बीटाइन होता है, जो मतली, उल्टी, दस्त और जठरांत्र (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) जैसी समस्या पैदा कर सकता है (9)।
- इसमें मौजूद ऑक्सालेट की उच्च मात्रा गुर्दे की पथरी का कारण बनती है (10)।
- चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट्स थकान को और बढ़ा सकता है (11)।
- चुकंदर के ज्यादा सेवन से आपके वोकल कॉर्ड (स्वर ग्रंंथि) को भी नुकसान हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में चुकंदर कैसे शामिल करें?
कुछ लोग चुकंदर को कच्चा खाना पसंद करते हैं, तो कुछ चुकंदर का जूस पीते हैं। इसके अलावा, अन्य तरीकों से भी आप अपने आहार में इसे शामिल कर सकते हैं। नीचे हम बीटरूट की कुछ आसान रेसिपी बता रहे हैं :
1. चुकंदर का पाउडर
तैयारी में लगने वाला समय : 12 घंटे
सामग्री :
- एक चुकंदर
कैसे बनाएं?
- चुंकदर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर अच्छे से धो लें।
- फिर इन टुकड़ों को धूप में सुखा लें।
- जब ये अच्छी तरह सूख जाएं, तो ग्राइंडर में पीस लें।
- इसके बाद पाउडर को एयरटाइट डिब्बे में भर लें।
2. मसालेदार चुकंदर
इसे आप स्नैक्स में, सैंडविच के साथ या सलाद के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
तैयारी में लगने वाला समय : 55 मिनट
सामग्री :
- छह से सात चुकंदर
- आधा कप चीनी
- ¼ कप सफेद सिरका
- ½ छोटा चम्मच काली मिर्च
- ¼ चम्मच नमक
- दो तेज पत्ता
कैसे बनाएं?
- चुकंदर की जड़ और एक इंच तक हरे भाग को हटाकर इसे अच्छी तरह साफ कर लें।
- इन्हें एक पैन में रखें और पानी डालकर उबालें।
- इसे ढककर उबालें और 45 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- फिर इसका पानी निकाल दें और एक बार ठंडे पानी से धो लें।
- फिर इसका छिलका उतार कर टुकड़ों में काट लें।
- एक अलग सॉसपैन में सिरका, चीनी, नमक, काली मिर्च और तेज पत्ता मिलाएं।
- इस मिश्रण को उबले हुए चुकंदर के टुकड़ों पर डालकर 45 मिनट तक मैरिनेट करें।
- फिर तेज पत्ता निकालकर इसे एक एयरटाइट डिब्बे में रख दें।
3. बीट ग्रीन रेसिपी
इसके लाजवाब स्वाद के साथ-साथ चुकंदर की पत्तियां गर्भवती को पोषण भी देती हैं, क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज पाया जाता है।
तैयारी में लगने वाला समय : 20 मिनट
सामग्री :
- चुकंदर के पत्तों के दो गुच्छे
- एक चम्मच जैतून का तेल
- दो लहसुन की कलियां
- ¼ चम्मच लाल मिर्च के गुच्छे
- स्वाद के लिए काली मिर्च पाउडर
- स्वाद के लिए नमक
- दो नींबू
कैसे बनाएं?
- एक बड़े बर्तन में नमक का पानी उबालें। चुकंदर के पत्तों को इस पानी में नरम होने तक दो मिनट के लिए पकाएं।
- अब पानी को निकाल लें और पत्तियों को ठंडे पानी में डाल दें। जब पत्तियां ठंडी हो जाएं, तो उन्हें पानी से निकालकर काट लें।
- अब एक बड़ी कड़ाही में जैतून का तेल गरम करें। इसमें लहसुन और लाल मिर्च के गुच्छे डालें। इसे एक मिनट के लिए पकाएं और फिर चुकंदर की पत्तियां डाल दें।
- फिर प्लेट में निकालकर इसे नींबू का रस मिलाकर खाएं।
4. चुकंदर की सलाद
चुकंदर की सलाद काफी पौष्टिक और स्वादिष्ट होती है।
तैयारी में लगने वाला समय : 20 मिनट
सामग्री :
- एक चुकंदर (कसा हुआ)
- दो चम्मच सिरका
- दो चम्मच जैतून का तेल
- एक चम्मच बारीक कटा अजमोद (पार्सले)
- बारीक कटी एक लहसुन की कली
- दो चम्मच सरसों
- ¼ चम्मच नमक
- काली मिर्च पाउडर (स्वादानुसार)
कैसे बनाएं?
- सभी सामग्रियों को एक साथ मिला लें।
- स्वादानुसार आप इसमें चीजे घटा या बढ़ा भी सकती हैं।
- लीजिए तैयार है चुकंदर की सलाद। इसे ताजा-ताजा परोसें।
5. चुकंदर की चाय
इस कैफीन रहित चाय को बनाना आसान है और यह काफी पौष्टिक भी है।
सामग्री :
- एक लीटर पानी
- चार चुकंदर (छिलके हटाकर बारीक कटे हुए)
- ½ कप शहद
- दो नींबू का रस
- पुदीने की कुछ पत्तियां
कैसे बनाएं?
- एक पैन में पानी डालकर उबालें।
- फिर इस पानी में चुकंदर, शहद, नींबू का रस व पुदीने की पत्तियां डालकर उबालें।
- उबलने के बाद कुछ देर ऐसे ही रहने दें। फिर इस पानी को छानकर इसमें बर्फ के टुकड़े डालें और ठंडा ठंडा सर्व करें।
6. बीटरूट का हलवा
यह काफी पौष्टिक डिश है, जिसे घर में आसानी से बनाया जा सकता है।
सामग्री :
- कद्दूकस किया दो कप चुकंदर
- एक कप फुल फैट दूध
- चीनी के तीन बड़े चम्मच
- दो-तीन इलायची का पाउडर
- दो बड़े चम्मच कटे हुए काजू
- दो बड़े चम्मच घी
कैसे बनाएं?
- चुकंदर का हलवा बनाने के लिए चुकंदर को अच्छी तर धो लें और इसे छील कर कद्दूकर कर लें।
- अब कड़ाही या कुकर में आधा चम्मच घी डालकर गर्म करें। गर्म होने के बाद इसमें कटे हुए काजू डालकर हल्का भूरा होने तक भूनें।
- फिर कड़ाही में कसा हुआ चुकंदर डालें और धीमी आंच पर पांच छह मिनट तक कड़छी चलाते हुए पकाएं।
- इसके बाद इसमें दूध डालकर मिलाएं। इसे हल्की आंच पर हल्का गाढ़ा होने तक पकाएं। बीच-बीच में कड़छी से इसे चलाते रहें।
- गाढ़ा होने पर यह कड़ाही पर चिपक सकता है, इसलिए इसे लगातार चलाती रहे।
- गाढ़ा होने के बाद इसमें चीनी डालकर अच्छी तरह पकाएं।
- फिर बचा हुआ घी, भुना काजू और इलायची पाउडर मिलाएं और कड़छी से चलाते हुए एक-दो मिनट तक और पकाएं।
- अब गैस बंद कर दें। लीजिए, चुकंदर का हलवा तैयार है। इसे अपनी पसंद के अनुसार गर्म या ठंडा सर्व करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या गर्भावस्था के दौरान चुकंदर खाने की लालसा बच्चे के लिंग के बारे में कुछ बताती है?
पुराने समय से ऐसा माना जाता आ रहा है कि गर्भावस्था में चुकंदर खाने की लालसा गर्भ में लड़की होने का संकेत देती है। यह सिर्फ गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग का अनुमान लगाने का तरीका भर है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
गर्भावस्था के दौरान चुकंदर खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
गर्भावस्था की पहली तिमाही में चुकंदर खाने को सबसे बेहतर समय माना गया है, क्योंकि इसमें फोलिक एसिड होता है, जो बच्चे के दिमागी विकास और रीढ़ की हड्डी के लिए जरूरी है (12)। खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार, गर्भवती को दिनभर में 400 से 800 एमजी फोलिक एसिड की जरूरत होती है (2), लेकिन अपनी सेहत के अनुसार आप चुकंदर लेने की सही मात्रा के बारे में डॉक्टर से परामर्श ले लें।
चुकंदर एक ऐसी चीज है, जिसका सेवन अगर सतर्कता और सही मात्रा के साथ किया जाए, तो इसके फायदे अनगिनत हैं। हम उम्मीद करते हैं कि गर्भावस्था में चुकंदर से जुड़ा यह लेख आपके काम आएगा और आप इसके लाभ उठा पाएंगे। अगर आपको इससे संबंधित और जानकारी चाहिए, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में हमसे जरूर पूछें।
References
1. Dietary intake and pregnancy outcome of pregnant women in an outpatient clinic By Citeseerx
2. Scientists get the facts on folic acid in red beets By University of Wisconsin–Madison
3. Beetroot By Google book
4. Beetroot calcium silicate osteoporosis By Google book
5. The potential benefits of red beetroot supplementation in health and disease By Ncbi
6. Read about Beetroot By Northen Illinois University
7. How can I get enough iron? By Ncbi
8. Basic report: 11080, Beets, raw By United States Department of Agriculture
9. Betaine By Toxnet
10. Avoiding kidney stones By Harvard Health Publishing
11. Nitrates/Nitrites poisoning By ATSDR
12. Folic acid and the American food supply:A historical account of the FDA’s creation of the current folic acid regulations By Digital access to scholarship at harvard
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