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महिलाओं के लिए गर्भावस्था को बदलाव का दौर माना जाता है। वजह यह है कि इस दौरान गर्भवती बाहरी और आंतरिक रूप से कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों का सामना करती है। इन्हीं परिवर्तनों में से एक है, आंखों के नीचे डार्क सर्कल की समस्या। यह महिला की खूबसूरती को भी प्रभावित करती है, इसलिए यह गर्भवतियों को थोड़ा बेचैन कर सकती है। इसी बेचैनी को कम करने के उद्देश्य से मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी में डार्क सर्कल के कारण और इलाज से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
आइए, लेख में आगे बढ़ने से पहले हम डार्क सर्कल के विषय में थोड़ा जान लेते हैं।
डार्क सर्कल या आंखों के काले घेरे क्या होते हैं?
आंखों के निचला हिस्से का रंग जब त्वचा के रंग के मुकाबले गहरा हो जाता है, तो उसे डार्क सर्कल या आंखों के काले घेरे कहा जाता है। काले घेरे दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें आंखों के नीचे के हिस्सों के आधार पर निर्धारित किया गया है (1)।
पहला है पेरिऑर्बिटल डार्क सर्कल। इसमें पेरीफेरल यानी पलक के ठीक नीचे का हिस्सा गहरे रंग का नजर आने लगता है। दूसरा है इंफ्राऑर्बिटल डार्क सर्कल, जिसमें आंखों के गहराई वाले भाग के निचले हिस्से में काले घेरे दिखाई देते हैं। मतलब यह पलकों के ठीक नीचे नहीं, बल्कि उसके आगे के हिस्से में होता है (1)।
लेख के अगले भाग में अब हम गर्भावस्था में डार्क सर्कल के विषय में बात करेंगे।
क्या प्रेगनेंसी में डार्क सर्कल हो सकते हैं?
हां, प्रेगनेंसी में डार्क सर्कल की समस्या हो सकती है। इसके पीछे कई कारण या स्थितियां जिम्मेदार होती हैं, जिनके बारे में हम लेख में आगे विस्तार से बताएंगे (2)।
आगे अब हम प्रेगनेंसी में डार्क सर्कल के कारण जानने का प्रयास करेंगे।
प्रेगनेंसी में डार्क सर्कल होने के कारण?
डार्क सर्कल का मुख्य कारण आंखों के नीचे की त्वचा में पिगमेंटेशन (असामान्य रंग) को माना जाता है, प्रेगनेंसी में मेलेनिन पिग्मेंट अधिक मात्रा में त्वचा में जमा होने लगती है (मेलास्मा) जिसके कारण आंखों के नीचे पिगमेंटेशन यानी डार्क सर्किल बन जाता है। इसके अलावा, गर्भावस्था में ऐसा होने की कई अन्य वजह भी हो सकती हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (2):
- हॉर्मोन में बदलाव : गर्भावस्था में हॉर्मोनल बदलाव डार्क सर्कल की समस्या का मुख्य कारण हो सकता है (2)। दरअसल, हॉर्मोनल असंतुलन की वजह से आंखों के नीचे की सतह में छोटी रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ने लगती है और क्योंकि आँखों के नीचे की त्वचा बहुत ज्यादा पतली व संवेदनशील होती है, वो हिस्सा गहरा दिखाई देता है, जिसे डार्क सर्कल कहा जाता है (3)।
- नींद की कमी : आंखों के नीचे काले घेरे के पीछे की एक वजह नींद की कमी या अपर्याप्त नींद भी हो सकती है। एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि गर्भावस्था में नींद की कमी के कारण आंखों के नीचे का हिस्सा काला दिख सकता है। साथ ही उसमें सूजन आ जाती है। ऐसे में आंखों के निचला हिस्सा सामान्य से अधिक उभरा हुआ और गहरा दिखाई दे सकता है (4)।
- धूप में अधिक देर तक रहना : धूप में अधिक देर रहने के कारण भी आंखों के नीचे काले घेरे की समस्या हो सकती है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) द्वारा प्रकाशित एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है । दरअसल, त्वचा की रंगत में मेलेनिन पिगमेंट की अहम भूमिका होती है। सूर्य के संपर्क में आने से यह मेलेनिन बढ़ने लगता है, जिसके कारण धूप में रहने से डार्क सर्कल होने लगते हैं (5)।
- पानी की कमी : काले घेरे आंखों के नीचे के टिश्यू में पानी की कमी के कारण भी होते हैं। डार्क सर्कल से संबंधित एक शोध के मुताबिक, आंखों के नीचे की त्वचा में मौजूद ऊतकों में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन होना भी काले घेरों का कारण हो सकता है। इन ऊतकों में पानी की कमी किसी गंभीर बीमारी के कारण भी हो सकती है (5)।
चलिए, अब डार्क सर्कल को ठीक करने के कुछ घरेलू उपायों पर एक नजर डाल लेते हैं।
गर्भावस्था में आंखों के नीचे काले घेरों को ठीक करने के लिए सुझाव
नीचे हम कुछ आसान से उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर गर्भावस्था में डार्क सर्कल की समस्या से कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है।
- विटामिन सी : विटामिन सी युक्त क्रीम, लोशन या फल का इस्तेमाल प्रभावित त्वचा पर करके डार्क सर्कल्स की समस्या को कुछ कम करने में मदद मिल सकती है। यह रक्त के ठहराव के कारण गहरे हुए आंखों के नीचे की त्वचा के रंग को हल्का कर सकता है (2)। साथ ही गर्भावस्था में सुरक्षित विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करके भी त्वचा को स्वस्थ बनाने और मेलेनिन पिगमेंट की मात्रा को कम करने में मदद मिल सकती है (6)।
- सोयाबीन : सोयाबीन के पेस्ट को डार्क सर्कल पर लगाने से समस्या को कम किया जा सकता है। इस बात की पुष्टि त्वचा की असमान रंगत के उपचार संबंधी एक शोध में भी हुई है। रिसर्च के मुताबिक सोयाबीन का अर्क त्वचा में बढ़े हुए मेलेनिन (त्वचा का रंग गहरा करने वाले पिगमेंट) को कम कर सकता है (7)। इस आधार पर डार्क सर्कल से राहत पाने में भी सोयाबीन के अर्क को सहायक माना जा सकता है।
- हल्दी : हल्दी के फायदे में त्वचा की रंगत में सुधार भी शामिल है। इस बात का जिक्र हाइपरपिगमेंटेशन यानी गहरे रंग को कम करने के उपाय से संबंधित एनसीबीआई के एक शोध में मिलता है। स्टडी में कहा गया है कि हल्दी का अर्क त्वचा पर दिखने वाली फाइन लाइंस, झुर्रियों और असामान्य रंगत को सुधारने में सहायक हो सकता है (7)। इस आधार पर माना जा सकता है कि हल्दी का पेस्ट डार्क सर्कल को कुछ कम करने में मददगार हो सकता है।
- ग्रीन टी : त्वचा की असमान रंगत को सुधारने में ग्रीन टी का अर्क सहायक माना जाता है। साथ ही यह त्वचा पर पड़ने वाले अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रभाव को रोकने में भी मददगार हो सकता है। इसके अलावा, ग्रीन टी स्किन की असमान रंगत को ठीक कर सकती है (7)। इस आधार पर गर्भावस्था में ग्रीन टी के अर्क को डार्क सर्कल पर लगाना फायदेमंद माना जाता है।
- बादाम तेल : डार्क सर्कल्स पर बादाम तेल लगाने से भी काफी हद तक राहत मिल सकती है। नई दिल्ली स्थित हमदर्द विश्वविद्यालय द्वारा चूहों पर किए गए एक शोध से यह बात साफ होती है। उसमें बताया गया है कि बादाम तेल का उपयोग करने से अल्ट्रावायलेट किरणों के कारण होने वाले त्वचा की क्षति को ठीक किया जा सकता है (8)। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा कि धूप में अधिक देर तक रहने के कारण पड़ने वाले डार्क सर्कल को कम करने में बादाम तेल उपयोगी हो सकता है।
- जैतून का तेल : जैतून के तेल में भी त्वचा की रंगत को सुधारने का गुण होता है। इसे त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बों को दूर करने के लिए घरेलू उपाय के विकल्प के तौर पर उपयोगी माना जाता है (9)। ऐसे में कहा जा सकता है कि डार्क सर्कल पर जैतून का तेल लगाने से कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है।
घरेलू उपाय के बाद अब हम डार्क सर्कल के लिए उपयोगी फेस पैक के बारे में बताएंगे।
प्रेगनेंसी में डार्क सर्कल कम करने के लिए घर में बने आसान 3 फेस पैक
यहां हम डार्क सर्कल से बचाव के लिए उपयोग में लाए जाने वाले तीन फेस पैक के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
1. हल्दी और शहद का फेस पैक
सामग्री :
- एक चम्मच हल्दी पाउडर
- एक चम्मच शहद
इस्तेमाल करने का तरीका :
- सबसे पहले एक कटोरे में हल्दी और शहद को डालकर अच्छे से मिलाएं।
- जब पेस्ट तैयार हो जाए, तो उसे चेहरे पर लगा लें।
- पेस्ट लगाने के बाद इसे करीब 15 से 20 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- जब फेस पैक सूख जाए, तो चेहरे को धो लें और तौलिए से चेहरे को थपथपाते हुए पोछ लें।
- बाद में चेहरे पर रोजाना लगाने वाला मॉइस्चराइजर लगा लें।
कैसे है फायदेमंद :
लेख में हम पहले भी बता चुके हैं कि हल्दी का अर्क त्वचा पर दिखने वाली फाइन लाइंस, झुर्रियों और असामान्य रंगत को सुधारने में सहायक हो सकता है (7)। साथ ही इस पैक में इस्तेमाल हुए शहद को सीधे तौर पर डार्क सर्कल के लिए उपयोगी माना जाता है (4)। इस आधार पर हल्दी और शहद से तैयार यह मास्क को डार्क सर्कल के लिए फायदेमंद हो सकता है।
2. पपीता और एलोवेरा फेस पैक
सामग्री :
- छिलके के साथ पपीता के दो से तीन छोटे कटे टुकड़े
- एक चम्मच एलोवेरा जेल
- एक चम्मच शहद
इस्तेमाल करने का तरीका :
- सभी सामग्रियों को ब्लेंडर में डालकर अच्छे से मिक्स कर लें।
- अब तैयार पेस्ट को चेहरे पर लगाएं।
- करीब 15 से 20 मिनट तक इस पेस्ट को चेहरे पर लगा रहने दें।
- फिर इस चेहरे को साफ पानी से धो लें।
कैसे है फायदेमंद :
पपीता त्वचा के लिए काफी उपयोगी होता है। माना जाता है कि पपीते में मौजूद विटामिन ए त्वचा को पुनर्जीवित करने का काम कर सकता है। साथ ही इसके छिलके में मौजूद व्हाइटनिंग प्रभाव त्वचा की रंगत को सुधार सकता है (10)।
इस पैक में मौजूद एलोवेरा को भी त्वचा पर निखार लाने के लिए जाना जाता है। यह स्किन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से भी बचा सकता है (11)। इसी वजह से पपीता और एलोवेरा के इस फेस पैक को भी डार्क सर्कल के लिए अच्छा माना जाता है।
3. खीरा और नींबू का फेस पैक
सामग्री :
- छोटे टुकड़ों में कटा हुआ एक खीरा
- एक चम्मच नींबू का रस
इस्तेमाल करने का तरीका :
- सबसे पहले खीरे के टुकड़ों को मिक्सर में डालकर अच्छे से पीस लें।
- बाद में पिसे हुए खीरे को सूती के कपड़े में डालकर रस निकाल लें।
- फिर खीरे के रस में एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं।
- अब खीरे और नींबू के रस के मिश्रण में रुई का टुकड़ा डुबोकर आंखों के नीचे लगाएं।
- इसके बाद करीब 15 से 20 मिनट इसे ऐसे ही लगा रहने दें।
- समय पूरा होने के बाद इसे साफ पानी से धो लें।
कैसे है फायदेमंद :
खीरे से संबंधित एक शोध के मुताबिक, यह त्वचा को पोषण देने और त्वचा की सूजन को कम कर सकता है (12)। साथ ही यह त्वचा को हाइड्रेट करके सीधे डार्क सर्कल से राहत दिला सकता है। इसके अलावा, खीरे में मौजूद विटामिन के को डार्क सर्कल कम करने में सहायक माना जाता है (13)। वहीं, नींबू का रस त्वचा की असमान रंगत को सुधारने में मदद कर सकता है (14)। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा कि खीरे और नींबू के रस से तैयार यह फेस पैक डार्क सर्कल से राहत दिला सकता है।
फेस पैक के बाद हम प्रेगनेंसी में डार्क सर्कल से बचाव की कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को रोका जा सकता है?
हां, कुछ टिप्स को अपनाकर गर्भावस्था में डार्क सर्कल को होने से रोका जा सकता है। यह टिप्स कुछ इस प्रकार हैं :
- नियमित रूप से गर्भावस्था में सुरक्षित व्यायाम करें।
- सही समय पर सोएं और पर्याप्त नींद लें।
- तनाव लेने से बचें।
- त्वचा की नमी को बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पानी पिएं।
- तौलिया या किसी अन्य कपड़े को भिगोकर कुछ देर आंखों पर रखकर इन्हें आराम दें।
- सोने से पहले आंखों पर कुछ देर फ्रिज में रखे ठंडे खीरे या नींबू के टुकड़े रखें।
- अधिक देर तक धूप में न रहें।
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें।
आगे जानिए डार्क सर्कल के लिए डॉक्टर से कब सलाह लेनी चाहिए।
चिकित्सक से कब परामर्श करें?
सामान्य स्थिति में उपरोक्त उपायों को अपनाने के बाद भी एक से दो हफ्ते में कोई प्रभाव नजर नहीं आता है, तो डॉक्टर से संपर्क करना उचित होगा। कुछ मामलों में एलर्जी या किसी दवा के दुष्प्रभाव के कारण भी डार्क सर्कल की समस्या हो सकती है (2)। ऐसी समस्या की स्थिति में भी बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अब आपको यह समझ आ ही गया होगा कि डार्क सर्कल एक आम समस्या है, जिससे राहत पाने के लिए कुछ बचाव के तरीकों और घरेलू उपायों को अपनाया जा सकता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए लेख में दी गई जानकारी को ध्यान में रखते हुए इलाज की दिशा में सही कदम उठाने की जरूरत है। ऐसा करने से डार्क सर्कल को काफी हद तक कम किया जा सकता है। गर्भवती और नवजात से जुड़े ऐसे ही अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिए मॉमजंक्शन।
References
1. Infraorbital Dark Circles: A Review Of The Pathogenesis, Evaluation And Treatment By Ncbi
2. Periorbital Hyperpigmentation: A Comprehensive Review By Ncbi
3. An Approach To Dark Circles Under The Eyes By Researchgate
4. Treatment Of Periorbital Hyperpigmentation By Oxford University
5. Determination Of Melanin And Haemoglobin In The Skin Of Idiopathic Cutaneous Hyperchromia Of The Orbital Region (Ichor): A Study Of Indian Patients By Ncbi
6. The Roles Of Vitamin C In Skin Health By Ncbi
7. Are Natural Ingredients Effective In The Management Of Hyperpigmentation? A Systematic Review By Ncbi
8. Effect Of Pre-treatment Of Almond Oil On Ultraviolet B-induced Cutaneous Photoaging In Mice By Ncbi
9. Acanthosis Nigricans: An Edifying Review By Mcmed
10. In Vitro Evaluation Of Sun Protection Factor Of Fruit Extract Of Carica Papaya L. As A Lotion Formulation By Imedpub
11. Aloe Vera: A Short Review By Ncbi
12. Phytochemical And Therapeutic Potential Of Cucumber By Ncbi
13. Evaluating The Potential Benefits Of Cucumbers For Improved Health And Skin Care By Jarlife
14. Asymptomatic Hyperpigmentation Without Preceding Inflammation As A Clinical Feature Of Citrus Fruits-induced Phytophotodermatitis By Ncbi
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