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गर्भावस्था के दौरान खुद को पर्याप्त पोषण कैसे दें? अगर आप इसकाम करता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, लेट प्रगनेंसी में खजूर का सेवन प्रसव में सहायक हो सकता है। बारे में सोच रहे हैं, तो खजूर का सेवन आपके लिए लाभदायक हो सकता है। गर्भावस्था में इसका सेवन आपको पूर्ण रूप से पोषण देने का काम कर सकता है। इससे आपको और आपके शिशु को फायदा हो सकता है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान होने वाली कई समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान खजूर खाने के फायदे के बारे में विस्तार से समझाएंगे।
क्या गर्भावस्था के दौरान खजूर खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Khajoor Khana Chahiye Ya Nahi
जी हां, गर्भावस्था के दौरान खजूर खाना सुरक्षित है। खजूर से होने वाले लाभ का असर गर्भवती और भ्रूण दोनों में दिखाई देता है। खजूर में फ्रुक्टोज नामक कार्बन यौगिक होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर में बदलाव किए बिना शरीर के ऊर्जा देने का साथ ही यह लेबर पेन को बढ़ाने के लिए ऑक्सीटॉसिन (एक प्रकार का हार्मोन) की आवश्यकता को भी कम कर सकता है (1)।
आइए, अब हम खजूर में पाए जाने वाले पोषक तत्व के बारे में बात करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान खजूर कैसे खाएं?
खजूर का पोषण मूल्य
खजूर में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसे हम इस चार्ट के माध्यम से समझेंगे (2)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 21.32 g |
ऊर्जा | 277 kcal |
प्रोटीन | 1.81 g |
टोटल लिपिड (फैट) | 0.15 g |
कार्बोहाइड्रेट | 74.97 g |
फाइबर, टोटल डाइटरी | 6.7 g |
शुगर, टोटल | 66.47 g |
मिनरल | |
कैल्शियम ,Ca | 64 gm |
आयरन ,Fe | 0.90 mg |
मैग्नीशियम , Mg | 54 mg |
फास्फोरस ,P | 62 mg |
पोटैशियम ,K | 696 mg |
सोडियम ,Na | 1 mg |
जिंक ,Zn | 0.44 mg |
विटामिन | |
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड | 0.0 mg |
थाइमिन | 0.050 mg |
राइबोफ्लेविन | 0.060 mg |
नियासिन | 1.610 mg |
विटामिन बी-6 | 0.249 mg |
फोलेट DFE | 15 µg |
विटामिन ए ,RAE | 7 µg |
विटमिन ए ,।U | 149 ।U |
विटामिन डी (D2 +D3) | 0.0 µg |
विटामिन डी | 0 ।U |
विटामिन के (पिल्लोक्विनोने ) | 2.7 µg |
चलिए आगे जानते है कि गर्भावस्था में खजूर खाना कब शुरू करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान आपको खजूर खाना कब शुरू करना चाहिए?
इसका जवाब हम यहां तीनों तिमाही के आधार पर दे रहे हैं, जो इस प्रकार है –
पहली तिमाही– गर्भावस्था के पहले महीने से ही इसका सेवन करना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था में महिलाओं को आयरन की ज्यादा जरूरत होती है। इसकी पूर्ति खजूर के जरिए की जा सकती है। आयरन की कमी से एनीमिया की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे भ्रूण के विकास में बाधा आ सकती है। शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आरयन टैबलेट की जगह खजूर का सेवन एक अच्छा विकल्प हो सकता है (3)। हालांकि, इस दौरान इसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए, यह जानकारी आपका डॉक्टर ही सही बता पाएगा।
दूसरी तिमाही– गर्भावस्था के दूसरी तिमाही में कब्ज संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है (4)। ऐसे में खजूर का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, खजूर में फाइबर पाया जाता है, जो भोजन को पचाने के साथ-साथ कब्ज जैसी समस्याओं पर भी प्रभावी असर दिखा सकता है (3)।
तीसरी तिमाही– गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में खजूर का सेवन करना प्रसव के लिए फायदेमंद हो सकता है। इस समय खजूर के सेवन से रक्तचाप और रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। साथ ही एनीमिया और मतली की समस्या को भी दूर किया जा सकता है। इसका लाभ गर्भवती और भ्रूण के स्वास्थ्य पर हो सकता है (5)।
आगे हम गर्भावस्था के दौरान खजूर खाने के फायदों के बारे में जानेंगे।
गर्भावस्था के दौरान खजूर के फायदे | Pregnancy Me Khajoor Khane Ke Fayde
- शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में : गर्भावस्था के दौरान खजूर का सेवन शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती है (1)।
- कब्ज से राहत : खजूर में फाइबर भरपूर मात्रा में पाई जाता है, जो मल को मुलायम बनाकर कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है (6)।
- शिशु का वजन : गर्भावस्था में फोलेट की कमी होने वाले शिशु में कम वजन का कारण बन सकती है (7)। यहां खजूर की एक अहम भूमिका देखी जा सकती है, क्योंकि इसमें फोलेट की मात्रा पाई जाती है, जो गर्भावस्था के दौरान फोलेट की पूर्ति कर सकता है (2)।
- एनीमिया से छुटकारा : खजूर के सेवन से एनीमिया को दूर रखा जा सकता है। खजूर आयरन का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है। इससे गर्भावस्था में एनीमिया के खतरे से बचा जा सकता है (8)।
- रक्तचाप के लिए : गर्भावस्था के दौरान डैश (DASH) इंटिंग प्लान, जिसमें खजूर का सेवन भी आता है, उच्च रक्तचाप (Hypertension) को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (9) (10)।
- भ्रूण की हड्डियों के निर्माण में: गर्भावस्था के तीसरे व चौथे महीने में गर्भवती को कैल्शियम की अधिक मात्रा की जरूरत होती है। कैल्शियम भ्रूण की हड्डियों के विकास में अहम पोषक तत्व के रूप में काम करता है (11)। ऐसे में खजूर के सेवन से शरीर में कैल्शियम की पूर्ति की जा सकती है (2)।
- जन्म दोष को कम करना: कई शिशुओं में जन्म दोष पाए जाते हैं। यहां खजूर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। खजूर में फोलेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो न्यूरल ट्यब डिफेक्ट (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डियों से जुड़ा जन्म दोष) इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है (12) (2)।
खजूर खाने से प्रसव में कैसे मदद मिलती है, इस बारे में हम आगे पढ़ेंगे।
खजूर खाने से प्रसव में कैसे मदद होती है?
खजूर का सेवन गर्भावस्था के दौरान तो फायदेमंद होता है, साथ ही लेट प्रगेनेंसी में खजूर का सेवन प्रसव में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, लेबर को बढ़ाने के लिए ऑक्सीटॉसिन की आवश्यकता को भी कम कर सकता है (1)।
इस लेख के आगे भाग में गर्भावस्था के दौरान खजूर कैसे खाएं, इसके बारे में जानकारी देंगे।
गर्भावस्था के दौरान खजूर कैसे खाएं?
गर्भावस्था के महिलाओं को खजूर और सूखे मेवे अपने साथ रखने चाहिए, ताकि जब भी हल्की भूख लगे तो उसका सेवन कर सके। महिलाओं के लिए खजूर का सेवन काफी आसान होता है। आप गर्भावस्था में निम्न तरीकों से खजूर को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
- खजूर को ताजा पका हुआ खाया जा सकता है।
- इसे सूखाकर भी खाया जा सकता है।
- खजूर को दही में मिलाकर स्मूदी की तरह भी लिया जा सकता है।
- खजूर को डेजर्ट के रूप में ले सकते हैं।
- खजूर को दूध में मिलकर मिल्कशेक की तरह भी लिया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान खजूर से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। आइए, इस बारे में जानते हैं।
गर्भावस्था के दौरान खजूर के दुष्प्रभाव | Pregnancy Me Khajur Khane Ke Nuksan
गर्भावस्था में खजूर को खाने से निम्न प्रकार के नकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं :
- खजूर में शुगर की मात्रा पाई जाती है, जिस कारण इसका सेवन हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में शुगर की मात्रा का बढ़ना) का कारण बन सकता है (13)।
- इसका अधिक सेवन वजन बढ़ाने का काम कर सकता है, क्योंकि इसमें कैलोरी की अधिक मात्रा पाई जाती है (2)।
- खजूर में फाइबर होता है। अगर इस अधिक मात्रा में खाया जाए, तो दस्त लग सकते हैं (2) (14)। इसलिए, खूजर को सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
- गर्भावस्था में अधिक मात्रा में खजूर का सेवन करने से दांत सड़ने का जोखिम उत्पन्न हो सकता है। फिलहाल, इस तथ्य की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
गर्भावस्था और खूजर से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
गर्भावस्था के दौरान कौन से प्रकार के खजूर खाने चाहिए?
यहां हम दो तरह के खजूर का जिक्र कर रहे हैं, जिसे गर्भावस्था में खाया जा सकता है।
मेडजूल (Medjool) खजूर : गर्भावस्था में मेडजूल खजूर का सेवन लाभदायक हो सकता है। इस खजूर में गर्भावस्था के दौरान आवश्यक सभी तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें वसा और सोडियम की मात्रा कम होती है, जो गर्भवती और भ्रूण दोनों के लिए फायदेमंद हो सकती है (2)।
चाइनीज रेड डेट्स : चाइनीज रेड डेट्स में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो एनीमिया की समस्या को दूर करने में लाभदायक हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है।
नोट : मेडजूल और चाइनीज रेड डेट्स को गर्भावस्था में खाना सुरक्षित है, इस विषय में वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आया है। इसलिए, इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि गर्भावस्था में खजूर का सेवन किस तरह आपको फायदा पहुंचा सकता है। अगर आप इसे अपनी डाइट में शामिल करने का मन बना रहे हैं, तो एक बार पूरे लेख को अच्छे से पंढ़ लें। इसे कैसे खाएं इसकी जानकारी पाकर आप अनेक तरह से इसके स्वाद का लाभ उठा सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। इसे दूसरों के साथ भी शेयर करें और सभी को गर्भावस्था में खजूर से जुड़ी जरूरी जानकारियों से अवगत कराएं।
References
1. Effect of Dates in Late Pregnancy on the Duration of Labor in Nulliparous WomenBy NCBI
2. Dates, medjool BY USDA
3. Can date fruits and 7 dates replace iron tablets in increasing hemoglobin levels BY Researchgate
4. Treating constipation during pregnancy By NCBI
5. The effect of late pregnancy consumption of date fruit on labour and delivery By Researchgate
6. EFFECTS OF DATES FRUIT (PHOENIX DACTYLIFERA L.) IN THE FEMALE REPRODUCTIVE PROCESS By Researchgate
7. Folate Fact Sheet for Health Professionals BY ODS
8. Study of the effects of the Nutritional and socio- economic Factors on the prevalence of Iron Deficiency anaemia Among Pregnant women By OSTI
9. TheDASHEating Plan By VA
10.The effect of DASH diet on pregnancy outcomes in gestational diabetes: a randomized controlled clinical trialBy NCBITreating constipation during pregnancy
11.Pregnancy, Breastfeeding and Bone Health By By NIH
12.Folic Acid Helps Prevent Some Birth DefectsBy CDC
13.The unexpected truth about dates and hypoglycemia By NCBI
14.How to Increase Volume in Your Meals By CDC
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