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किसी भी महिला के मन में प्रेगनेंसी जितना खुशी का एहसास जगाती है, उससे कहीं ज्यादा यह सतर्कता और चिंता का भाव भी लाती है। ऐसे में स्वस्थ बच्चे को जन्म देने की चाह में महिलाओं को चलने-फिरने, उठने-बैठने से लेकर खाने-पीने का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसी कड़ी में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ भी अहम भूमिका अदा करती है और महिलाओं की स्थिति और स्वास्थ्य को देखते हुए कुछ विशेष दवा लेने की सलाह देती हैं। इन्हीं दवाओं में डायड्रोबून टैबलेट भी शामिल है। अब डायड्रोबून है क्या और गर्भावस्था में इसे लेने की जरूरत क्यों पड़ती है, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम यही बताने जा रहे हैं। साथ ही यहां हम गर्भावस्था में डायड्रोबून के नुकसान भी समझाएंगे।
तो आइये, सबसे पहले हम डायड्रोबून टैबलेट के विषय में थोड़ा जान लेते हैं।
डायड्रोबून टैबलेट क्या है?
डायड्रोबून को डायड्रोजेस्ट्रोन के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का सिंथेटिक यानी कृत्रिम रूप है, जिसे शरीर में प्रोजेस्ट्रोन की कमी को पूरा करने के लिए उपयोग में लाया जाता है (1)।
आइये, जान लें कि प्रेगनेंसी में डायड्रोबून सुरक्षित है या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट खाना सुरक्षित है?
प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट के कई नुकसान भी हैं, लेकिन होने वाले नुकसान के मुकाबले इससे होने वाले अधिक फायदे को ध्यान में रखते हुए ही इसे इस्तेमाल में लाया जाता है। यही वजह है कि इस दवा को डॉक्टर गर्भवती की शारीरिक स्थिति और होने वाले संभावित लाभ को देखते हुए ही लेने की सलाह देते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को नहीं लेना चाहिए (2)।
अब हम प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट के उपयोग के विषय में जानेंगे।
प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट का उपयोग क्यों किया जाता है?
गर्भावस्था में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी प्रेगनेंसी से जुड़ी जटिलताओं का कारण बन सकती है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि प्रेगनेंसी में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी गर्भपात का कारण बन सकती है। इसलिए, प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट लेने की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं (2)।
अगले भाग में अब हम गर्भावस्था में डायड्रोबून की सुरक्षित खुराक के बारे में जानेंगे।
प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट की कितनी खुराक जरूरी है?
प्राकृतिक गर्भपात की समस्या से बचाव के तौर पर शुरुआत में त्वरित 40 मिलीग्राम की खुराक डॉक्टर द्वारा दी जा सकती है। इसके बाद गर्भावस्था में करीब एक हफ्ते तक 10 मिलीग्राम डायड्रोबून की टैबलेट दिन में दो बार लेने की सलाह दी जा सकती है (3)। हालांकि, गर्भावस्था की तिमाही और महिला के स्वास्थ्य के अनुसार इसकी मात्रा में बदलाव भी हो सकता है। इसलिए, डायड्रोबून की सही खुराक की जानकारी संबंधित डॉक्टर सही दे सकता है।
यहां अब हम प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट के लाभ बताएंगे।
प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट के लाभ
लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि डायड्रोबून टैबलेट को मुख्य रूप से गर्भावस्था में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी को दूर करने के लिए किया जाता है ताकि इस हार्मोन की कमी के कारण होने वाली प्राकृतिक गर्भपात की समस्या को दूर करने में मदद मिल सके। इसके अलावा, यह गर्भावस्था में निम्न समस्याओं में भी लाभकारी हो सकती है, जो कुछ इस प्रकार हैं (1) :
- गर्भाशय की भीतरी परत (लाइनिंग) के हटने की सामान्य प्रक्रिया को नियंत्रित करना।
- प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों (जैसे :- भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक बदलाव) को कम करे।
- एंडोमेट्रिओसिस (गर्भाशय की भीतरी लाइनिंग का बाहर की ओर विकसित होना) से बचाव।
आगे अब हम डायड्रोबून टैबलेट के नुकसान जानने का प्रयास करेंगे।
डायड्रोबून टैबलेट के साइड इफेक्ट
डायड्रोबून टैबलेट के कुछ सामान्य संभावित दुष्परिणाम भी हैं, जो गर्भावस्था में भी देखने को मिल सकते हैं। डायड्रोबून टैबलेट के अधिक मात्रा में उपयोग के नुकसान कुछ प्रकार दिखने को मिल सकते हैं (4) :
- गर्भावस्था में मतली और उल्टी की समस्या।
- गर्भावस्था में सिरदर्द।
- अधिक नींद आना।
यहां अब हम गर्भावस्था में डायड्रोबून टैबलेट को इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में बताएंगे।
प्रेगनेंसी में डायड्रोबून टैबलेट का इस्तेमाल कैसे करें?
लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि बचाव के तौर पर शुरुआत में त्वरित 40 मिलीग्राम की खुराक डॉक्टर द्वारा दी जा सकती है। इसके बाद गर्भावस्था में करीब एक हफ्ते तक 10 मिलीग्राम डायड्रोबून की टैबलेट दिन में दो बार लेने की सलाह दी जा सकती है (3)। वहीं, विशेषज्ञ इसे खाली पेट लेना अधिक लाभकारी बताते हैं। हालांकि, इसे लेने से पूर्व इस संबंध में डॉक्टर से परामर्श कर लेना आवश्यक है।
आइये, अंत में डायड्रोबून टैबलेट के इस्तेमाल से पूर्व की सावधानियों को जान लें।
डायड्रोबून टैबलेट इस्तेमाल करने से पहले बरती जाने वाली सावधानी
कुछ विशेष परिस्थितियों में डायड्रोबून टैबलेट का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जा सकती है। ये स्थितियां कुछ इस प्रकार हैं (5) :
- लिवर से जुड़ी समस्या होने पर इसे नहीं लेना चाहिए।
- पोरफायरिया (porphyria) में डायड्रोबून टैबलेट के इस्तेमाल से बचना चाहिए। यह लिवर से जुड़ा एक विकार है, जिसमें शरीर में पोरफाइरिन (एक प्रकार का रसायन, जो हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है) की अधिकता हो जाती है।
- अवसाद की स्थिति में इसे न लेने की सलाह दी जाती है।
अब तो आप अच्छे से समझ गए होंगे कि डायड्रोबून टैबलेट क्या है और इसे गर्भावस्था में क्यों उपयोग किया जाता है। मगर, इसका अर्थ यह नहीं है कि इसे आप बेधड़क इस्तेमाल में ला सकते हैं। यह एक सिंथेटिक हार्मोन है, जो प्रोजेस्ट्रोन के स्तर को बढ़ाने का काम करता है। इसलिए, इसका गलत इस्तेमाल कई समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए, बेहतर होगा कि अगर आप इसे लेना चाह रहे हैं, तो एक बार इस संबंध में अपने डॉक्टर से बात करें। अगर डॉक्टर इस दवा को लेने की आपको सलाह देता है, तो ही इसे इस्तेमाल में लाएं। उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा।
References
1. Dydrogesterone By Ncbi
2. Dydrogesterone use in early pregnancy By Ncbi
3. Dydrogesterone in threatened abortion: pregnancy outcome By Ncbi
4. A systematic review of dydrogesterone for the treatment of threatened miscarriage By Ncbi
5. Duphaston in Cycle Regularization: A Post-marketing, Prospective, Multicenter, Observational Study By Clinicaltrials
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