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गर्भावस्था के दौरान खानपान का ध्यान रखना सबसे अहम होता है। लगभग हर कोई जानता है कि गर्भवती को पौष्टिक आहार की सख्त जरूरत होती है। इसी आहार में कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें लेकर मन में संशय बना रहता है। इसी में शामिल है इलायची। इसमें कोई शक नहीं है कि इलायची गुणकारी होती है, लेकिन असमंजस यह है कि प्रेगनेंसी में इलायची खाना कितना सुरक्षित व लाभकारी हो सकता है। इसी दुविधा का हल हम मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में दे रहे हैं। ऐसे में प्रेगनेंसी में इलायची खाना सुरक्षित है या नहीं, प्रेगनेंसी में इलायची खाने के फायदे और इससे जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
सबसे पहले जानिए कि गर्भावस्था में इलायची खाना चाहिए या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में इलायची खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Elaichi Kha Skte Hain
गर्भावस्था में इलायची खाना सुरक्षित माना जा सकता है। हालांकि, इसके लिए इसकी मात्रा व उपयोग करने के तरीके का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। वहीं, अध्ययनों के मुताबिक प्रेगनेंसी में इलायची पाउडर खाने से गर्भावस्था में उल्टी व मतली की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है (1)। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से भी होती है। दरअसल, इलायची का उपयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए कई सालों से किया जाता रहा है। वहीं, एनसीबीआई के इस शोध में, इस बात का जिक्र मिलता है कि दिन में तीन बार 500 मिलीग्राम इलायची पाउडर युक्त कैप्सूल के सेवन से गर्भावस्था के दौरान उल्टी और मतली के लक्षणों में सुधार हो सकता है। वहीं, इलायची तेल के अरोमाथेरेपी से कैंसर के रोगियों में कीमोथेरेपी के कारण होने वाली मतली से राहत पाने की बात भी सामने आई है (2)।
हालांकि, इन स्टडीज में इलायची पाउडर, कैप्सूल और तेल का जिक्र किया गया है। वहीं, सीधे तौर पर इलायची खाने को लेकर शोध की कमी है। ऐसे में इन स्टडीज के आधार पर यह माना जा सकता है कि प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाएं इलायची पाउडर का सेवन कर सकती हैं। वहीं, अगर किसी महिला को इलायची के सेवन से किसी तरह की समस्या है, तो वह डॉक्टरी सलाह पर इलायची के तेल की अरोमाथेरेपी भी ले सकती है।
लेख के इस भाग में जानिए कि प्रेगनेंसी में इलायची खाने से गर्भपात होने का जोखिम है या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में इलायची खाने से गर्भपात हो सकता है? | Elaichi Khane Se Garbhpat hota Hai
गर्भावस्था में इलायची खाने से गर्भपात का खतरा कितना हो सकता है, इस बारे में उचित शोध की कमी है। यह तो सभी जानते हैं कि गर्भावस्था में किसी भी आहार की अधिकता नुकसानदायक हो सकती है। वहीं, बात करें इलायची की, तो अध्ययनों के अनुसार, इलायची के सेवन से ब्लड प्लेटलेट्स और टोटल वाइट ब्लड काउंट कम हो सकता है। इसका प्रभाव प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक भी पहुंच सकता है। ऐसे में गर्भवती को सावधानीपूर्वक इलायची का सेवन करने की सलाह दी जाती है (3)।
वहीं, इलायची खाने से गर्भपात हो सकता है या नहीं, इस बारे में सीधे तौर पर अभी शोध की आवश्यकता है। ऐसे में बेहतर है कि गर्भावस्था के दौरान इलायची के सेवन से पहले महिला एक बार डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें, क्योंकि हर महिला का शरीर और गर्भावस्था अलग होती है। ऐसे में अलग-अलग शरीर पर हर चीज का असर भी भिन्न हो सकता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान किसी भी चीज का अधिक सेवन फायदे की जगह नुकसान का कारण भी बन सकता है।
प्रेगनेंसी में कितनी मात्रा में इलायची खा सकते है?
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के लिए दिनभर में एक से दो बार 500 मिलीग्राम इलायची का सेवन करना सुरक्षित माना जा सकता है (2)। ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी में इलायची की मात्रा गर्भवती के स्वास्थ्य के अनुसार कम या ज्यादा भी की जा सकती है। ऐसे में बेहतर है इस बारे में एक बार डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।
लेख के इस भाग में पढ़ें गर्भावस्था में इलायची खाने के नुकसान।
प्रेगनेंसी में इलायची खाने के नुकसान | Pregnancy Me Elaichi Khane Ke Nuksan
गर्भावस्था में अगर इलायची की अधिक मात्रा का सेवन किया जाए, तो इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखे जा सकते हैं, जिसके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गई है :
1. त्वचा संबंधी समस्या
इलायची के अधिक सेवन से त्वचा संबंधी परेशानियां जैसे – डर्मेटाइटिस (एक प्रकार का एक्जिमा) की समस्या हो सकती है। दरअसल, इलायची के सूखे पके बीज में टर्पीन्स (Terpenes-एक प्रकार का यौगिक) होता है। यह त्वचा में एलर्जी की समस्या का कारण बन सकता है (4)। ऐसे में गर्भावस्था में इलायची खाते वक्त सावधानी बरतें, इसके स्वाद की वजह से अधिक मात्रा में या बार-बार इसका सेवन न करें।
2. दवाओं के साथ रिएक्शन
कुछ अध्ययनों से यह संकेत मिलता है कि इलायची कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है, जिसकी वजह से दवाओं का रिएक्शन हो सकता है। खासतौर पर यह कुछ खास तरह की दवाइयों जैसे- लिवर इंफ्लामेशन और पित्ताशय की पथरी की दवा के साथ मिलकर रिएक्शन का कारण बन सकती है (5)। वहीं, गर्भावस्था में डॉक्टर महिलाओं को कई तरह की दवाइयां देते हैं और कौन सी दवा के साथ इलायची कैसी प्रतिक्रिया करे, यह कह पाना मुश्किल है। ऐसे में गर्भवती द्वारा डॉक्टर से इलायची खाने के बारे में पूछना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
3. एलर्जी का जोखिम
अधिक मात्रा में इलायची का सेवन करना न सिर्फ त्वचा में एलर्जी का कारण बन सकता है, बल्कि यह स्वास्थ्य से जुड़े अन्य दुष्प्रभावों का भी जोखिम बढ़ा सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में, इलायची के कारण हल्के-फुल्के एलर्जी होने का जिक्र मिलता है। इसमें जीभ की सूजन (Glossitis-ग्लोसाइटिस) के साथ ही डायरिया यानी दस्त और कब्ज की समस्या भी शामिल है (6)। ऐसे में बेहतर है गर्भावस्था के दौरान इलायची के सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।
इलायची के नुकसान के बाद अब लेख के इस भाग में हम प्रेगनेंसी में इलायची खाने के फायदे से जुड़ी जानकारियां दे रहे हैं।
क्या प्रेगनेंसी में इलायची खाने के कुछ फायदे भी हैं? | Pregnancy Me Badi Elaichi Khane Ke Fayde
प्रेगनेंसी में इलायची के नुकसान जानने के बाद, कई लोगों के मन में दुविधा होगी कि गर्भावस्था में इलायची खाने के फायदे है भी या नहीं। तो हम यह स्पष्ट कर दें कि प्रेगनेंसी में इलायची खाने के फायदे हो सकते हैं। दरअसल, प्रेगनेंसी में इलायची खाने के फायदे पाने के लिए इसका सेवन आहार में मसाले व स्वाद बढ़ाने वाले तत्व के रूप में कम मात्रा में किया जा सकता है। ऐसे में इलायची के क्या फायदे हो सकते हैं, इसकी जानकारी लेख के इस भाग में दी गई है। गर्भावस्था में इलायची खाने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं :
1. मतली व उल्टी की समस्या के लिए
लेख में हम यह पहले ही बता चुके हैं कि इलायची का सेवन करने से गर्भवती महिलाएं मतली व उल्टी से राहत पा सकती हैं। इस बात की पुष्टि एक शोध में होती है, जिसमें गर्भवती महिलाओं द्वारा इलायची पाउडर का सेवन उल्टी और मतली की समस्या में लाभकारी पाया गया है (1)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान थोड़ी मात्रा में इलायची पाउडर का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, इलायची में एंटीस्पास्मोडिक (पेट में दर्द और ऐंठन कम करने वाला) और एंटी-ब्लोटिंग (सूजन की समस्या से बचाव करने वाला) गुण मौजूद हैं (2)। ऐसे में इस आधार पर कह सकते हैं कि इलायची के इन गुणों के कारण गर्भावस्था के दौरान गैस या पेट में ऐंठन की समस्या से बचाव भी हो सकता है।
2. संक्रमण से बचाव के लिए
इलायची का एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव स्टेफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus Aureus) बैक्टीरिया को खत्म करने में या उससे बचाव करने में भी मदद कर सकता है (7)। यह बैक्टीरिया त्वचा से जुड़े संक्रमणों से लेकर, हड्डी के संक्रमण और फेफड़ों के संक्रमण का भी कारण बन सकता है। इस तरह का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों में फैल सकता है (8)। ऐसे में इससे बचाव के लिए गर्भवती इलायची को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं।
इसके अलावा, इलायची का एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लामेटरी प्रभाव ओरल बैक्टीरिया से संबंधित विभिन्न कीटाणुओं से बचाव कर सकता है। यह मसूड़ों और दांत से संबंधित समस्याओं से कुछ हद तक बचाव करने में सहायक हो सकता है (9)। वहीं गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण दांत या मसूड़ों से जुड़ी परेशानियां हो सकती है (10)। ऐसे में इनसे बचाव के लिए भी गर्भावस्था के दौरान इलायची का सेवन करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
3. प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ना
इलायची का उपयोग महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ा सकता है (3)। वहीं, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन गर्भधारण की प्रक्रिया से लेकर गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास के लिए भी जरूरी माना जाता है। साथ ही प्रोजेस्टेरोन की सही मात्रा होने से समय पूर्व प्रसव (प्री मौच्योर) का जोखिम कम किया जा सकता है (11)। इतना ही नहीं, यह गर्भाशय को गर्भधारण करने के लिए भी तैयार करता है। वहीं, अगर प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो तो गर्भपात का जोखिम भी हो सकता है (12)। ऐसे में इन जोखिमों को कम करने के लिए इलायची का सेवन उपयोगी हो सकता है।
4. पोषक तत्वों से भरपूर
इलायची में कई आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिस वजह से इसे “मसालों की रानी” के रूप में जाना जाता है। इसका एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव जहां रोग की रोकथाम करने और व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, वहीं इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज और आयरन जैसे पोषक तत्व भी मौजूद है। साथ ही, यह भी बता दें कि पोटेशियम शरीर की कोशिकाओं और शरीर के तरल पदार्थों की मात्रा को संतुलित रखने के लिए जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। यह हृदय गति और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है (13)। ऐसे में गर्भवती सही पोषक तत्वों के आहार में पौष्टिक इलायची को भी शामिल कर सकती है।
5. पाचन स्वास्थ्य के लिए
एक शोध के अनुसार, बड़ी इलायची का एंटी-अल्सरोजेनिक (अल्सर के कारकों को कम करने वाला) गुण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (पेट से जुड़ी समस्याएं) में लाभकारी हो सकता है। इसके साथ ही इसका सेवन लिवर को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है (14)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान इलायची का सेवन कर पाचन से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
6. कैंसर से बचाव के लिए
इलायची और इलायची के एसेंशियल ऑयल में एंटी कार्सिनोजेनिक (Anticarcinogenic – एंटी कैंसर प्रभाव) गुण होता है, जो विभिन्न प्रकार के कैंसर से बचाव व रोकथाम करने में मदद कर सकते हैं (15)। वहीं, इलायची कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में सहायक पाई गई है। इसके अलावा, यह पेट के कैंसर से बचाव में भी उपयोगी हो सकती है (16)। इसके साथ ही इलायची में पाए जाने वाले लिमोनेन (Limonene), सिनोल (Cineole), एस्टर्स (Esters) जैसे यौगिक कैंसर और अन्य कई तरह की बीमारियों से बचाव के लिए उपयोगी हो सकते हैं (17)। ऐसे में गर्भावस्था में कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए आहार में इलायची को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
7. उच्च रक्तचाप के लिए
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का जोखिम भी बना रहता है (18)। ऐसे में इस जोखिम से बचाव के लिए इलायची का सेवन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में छोटी इलायची को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के लिए उपयोगी पाया गया (19)। वहीं, इसमें पोटेशियम भी मौजूद होता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (13)। ऐसे में प्रेगनेंसी में हाई बीपी के जोखिम को कम करने के लिए इलायची का सेवन उपयोगी हो सकता है।
8. चिंता कम करे
गर्भावस्था के चरणों के दौरान महिलाओं में कई तरह के शारीरिक और भावनात्मक बदलाव होते रहते हैं। शायद यही वजह भी है कि लगभग 15 फीसदी महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अवसाद और चिंता की समस्या का सामना कर सकती हैं (20)। इसके अलावा, लगभग 8 फीसदी गर्भवती महिलाओं में पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD – मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या) का जोखिम हो सकता है (21)। वहीं, इस संबंध में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि इलायची के अर्क का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव तनाव या चिंता से जुड़े पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर को कम करने में प्रभावकारी हो सकता है (22)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान तनाव से बचाव के लिए इलायची का सेवन लाभकारी हो सकता है।
लेख के आखिरी भाग में गर्भवती को इलायची खाने से पहले कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए, ये बता रहे हैं।
प्रेगनेंसी में इलायची खाने से पहले सावधानियां
- गर्भावस्था के दौरान सीधे तौर पर इलायची का सेवन करने से बचें। इसके बदले इलायची के पाउडर का इस्तेमाल चाय व अन्य आहार में मिलाकर कर सकती हैं।
- लेख में बताई गई इलायची की खुराक से अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें। हो सके तो इलायची की मात्रा के बारे में डॉक्टरी परामर्श का विकल्प भी चुन सकती हैं।
- अगर गर्भावस्था से पहले ही इलायची से एलर्जी की समस्या है, तो गर्भावस्था के दौरान भी इसका सेवन न करें।
- गर्भावस्था के दौरान इलायची युक्त किसी भी आहार का सेवन करने से, अगर एलर्जी के लक्षण दिखे, तो इसका सेवन तुरंत बंद करें व डॉक्टरी परामर्श लें।
तो अगर कोई महिला गर्भावस्था की योजना बना रही हैं या गर्भवती हैं, तो इस लेख में गर्भावस्था में इलायची खाने के फायदे व नुकसान से जुड़ी बातों का ध्यान रख सकती हैं। इसमें दोराय नहीं है कि इलायची खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन गर्भावस्था के नाजुक दौर में किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ के सेवन के दौरान सावधानी बरतनी जरूरी है। इस लेख में गर्भावस्था में इलायची के सेवन से जुड़ी जानकारी के आधार पर पाठकों को इलायची के नुकसान व फायदों के बारे में पता चल चुका होगा। ऐसे में यहां दी गई जानकारियों को अन्य महिलाओं के साथ साझा कर, हर किसी को इसके बारे जानकारी दें। अगर जरूरत पड़े तो इलायची के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें। उम्मीद है कि यह लेख पाठकों के लिए उपयोगी होगा। ऐसे ही अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन की वेबसाइट विजिट करते रहें।
References
1. Cardamom powder effect on nausea and vomiting during pregnancy By Complementary Medicine Journal Arak University of Medical Sciences
2. Effects of Complementary Medicine on Nausea and Vomiting in Pregnancy: A Systematic Review By NCBI
3. Effects of Perinatal Cardamom Exposure on Social Behavior, Anxiety, Locomotor Activity, Blood Biochemical Parameters and Brain Acetylcholinesterase of Mice Offspring By Pubmed
4. Allergic contact dermatitis from cardamom By Pubmed
5. Cardamom (Elettaria cardamomum) perinatal exposure effects on the development, behavior and biochemical parameters in mice offspring By NCBI
6. The effect of cardamom supplementation on serum lipids, glycemic indices and blood pressure in overweight and obese pre-diabetic women: a randomized controlled trial By NCBI
7. Anti-Microbial Effect of Cardamom Extract on Staphylococcus Aureus: An Original Research
8. Study By International Journal of Oral Health and Medical Research
9. Staphylococcal Infections By Medlineplus
10. Antibacterial and anti-inflammatory activities of cardamom (Elettaria cardamomum) extracts: Potential therapeutic benefits for periodontal infections By Sciencedirect
11. Pregnancy and Oral Health By CDC
12. Hormones in pregnancy By NCBI
13. Serum progesterone By Medlineplus
14. A Review – Recent Advances in Nutrition of Health Benefits and their Significance of Indian Spices in Foods By INTERNATIONAL JOURNAL OF PURE & APPLIED BIOSCIENCE
15. Processing and Medicinal Uses of Cardamom and Ginger – A Review By Academia
16. Therapeutic Interventions of Cardamom in Cancer and Other Human Diseases By Researchgate
17. Spices as an Alternative Therapy for Cancer Treatment By Systematic Reviews in Pharmacy
18. Therapeutic Interventions of Cardamom in Cancer and Other Human Diseases By Journal of Pharmaceutical Research International
19. High Blood Pressure in Pregnancy By Medlineplus
Blood pressure lowering, fibrinolysis enhancing and antioxidant activities of cardamom (Elettaria cardamomum) By Pubmed
20. Pregnancy stages and changes By Betterhealth
21. Pregnant Women With Posttraumatic Stress Disorder and Risk of Preterm Birth By NCBI
22. The effect of Elettaria cardamomum extract on anxiety-like behavior in a rat model of post-traumatic stress disorder By Pubmed
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