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गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और भ्रूण के विकास की प्रकिया भी जारी रहती है। ऐसे में पोषक तत्वों से भरपूर आहार का होना बहुत जरूरी है। इस दौरान खाद्य पदार्थों के चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है, जिसमें एक नाम मटर का भी है। यह एक बड़ा सवाल हो सकता है कि प्रेगनेंसी में मटर खाना चाहिए या नहीं? अगर हां, तो इसकी सही मात्रा और उपयोग का तरीका क्या होना चाहिए? मटर से जुड़ी ऐसी कई जरूरी जानकारी आपको मॉमजंक्शन के इस लेख में जानने को मिलेंगी। तो बिना देर करते हुए पढ़ें प्रेगनेंसी में मटर के सेवन से जुड़ा यह लेख।

सबसे पहले जानिए प्रेगनेंसी में मटर खाना सुरक्षित है या नहीं?

क्या गर्भावस्था के दौरान मटर का सेवन करना सुरक्षित है? | Pregnancy Mein Matar

हां, गर्भावस्था के दौरान संतुलित मात्रा में मटर का सेवन सुरक्षित हो सकता है (1) गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है और उन्हीं में से एक है जिंक। मटर में जिंक मौजूद होता है, जिंक का सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार, संक्रमण से बचाव और सही शारीरिक विकास में मदद कर सकता है। इतना ही नहीं, यह वक्त से पहले जन्म यानी प्रीमैच्योर डिलीवरी के जोखिम को भी कम कर सकता है (2)। जिंक के अलावा मटर फोलेट का भी अच्छा स्रोत है, जो गर्भावस्था के दौरान भ्रूण को जन्मदोष के जोखिम से बचाने में मदद कर सकता है (3)। इन सबके साथ ही इसमें प्रोटीन और कैल्शियम जैसे कई अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जिनके बारे में आगे आपको जानने को मिलेगा।

गर्भावस्था में मटर खाने की संतुलित मात्रा क्या होनी चाहिए, यह जानकारी नीचे दी जा रही है।

गर्भावस्था में कितनी मात्रा में मटर खाना सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती पूरे दिन में आधा कप मटर का सेवन कर सकती हैं (4)। हालांकि, सबकी गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। ऐसे में मटर की मात्रा की जरूरत कम या ज्यादा हो सकती है, इसलिए हमारी यह राय है कि गर्भवती इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से भी सलाह जरूर लें।

आगे जानिए गर्भावस्था की किस तिमाही में मटर खाना फायदेमंद हो सकता है।

गर्भावस्था में मटर खाने का सबसे अच्छा समय कब है?

जैसा कि हमने बताया कि गर्भावस्था के दौरान मटर का सेवन किया जा सकता है (1)। यह फोलेट, फाइबर, प्रोटीन और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो गर्भवती को स्वास्थ्य लाभ देने का काम करेंगे (5) (6)वहीं, इसका सेवन किस तिमाही में करना सबसे अच्छा होता है, इस संबंध में कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हमारी यही राय है कि गर्भवती महिला इस संबंध में डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

आगे जानिए मटर में ऐसे कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो इसे इतना पौष्टिक बनाते हैं।

मटर के पोषक तत्व

नीचे जानिए प्रति 100 ग्राम मटर में पोषक तत्वों की मात्रा कितनी होती है (5)

  • पानी – 78.86 ग्राम
  • फोलेट- 65 माइक्रोग्राम
  • कैल्शियम- 25 मिलीग्राम
  • जिंक- 1.24 मिलीग्राम
  • फाइबर- 5.7 ग्राम
  • प्रोटीन- 5.42 ग्राम

साथ ही मटर में विटामिन ए – 38 माइक्रोग्राम, विटामिन सी – 40 मिलीग्राम, फास्फोरस – 108 मिलीग्राम, पोटेशियम – 244 मिलीग्राम और विटामिन के – 24.8 माइक्रोग्राम मौजूद होता है।

गर्भावस्था में मटर गर्भवती और भ्रूण के लिए कैसे फायदेमंद है, इसके बारे में जानिए लेख के इस भाग में।

गर्भावस्था के दौरान मटर के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Me Matar Khane Ke Fayde

प्रेगनेंसी में मटर खाने के फायदे क्या-क्या हैं, यह जानकारी हम नीचे दे रहे हैं –

  • फोलिक एसिड (फोलेट) – गर्भावस्था के पहले और गर्भावस्था के दौरान, महिला के लिए फोलिक एसिड यानी विटामिन बी11 काफी जरूरी माना जाता है। दरअसल, गर्भावस्था के पहले महीने से ही भ्रूण की रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में न्यूरल ट्यूब बढ़ने लगता है। ऐसे में फोलिक एसिड शिशु को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural Tube Defects) के जोखिम से बचाव में मदद कर सकता है। यहां मटर की भूमिका देखी जा सकती है, क्योंकि यह फोलेट का एक अच्छा स्रोत है (7)
  • जेस्टेशनल डायबिटीज – गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है। ऐसे में विटामिन, मिनरल, फाइबर और स्वस्थ कार्बोहायड्रेट युक्त संतुलित आहार के सेवन से गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। इसी संतुलित आहार में मटर भी शामिल है (8)। ऐसे में अन्य पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ मटर का सेवन गर्भवती के लिए लाभकारी भी हो सकता है।
  • प्रोटीन – गर्भावस्था के दौरान महिला को प्रोटीन की भी आवश्यकता होती है। प्रोटीन भ्रूण के विकास में मदद कर सकता है (9)। अपने प्रोटीन खाने के रूटीन में बदलाव कर गर्भवती प्रोटीन के अलग-अलग स्रोतों का चुनाव कर सकती है। उन्हीं में से एक स्रोत मटर भी है (10)।
  • फाइबर – गर्भावस्था के दौरान फाइबर गर्भवती और भ्रूण दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान फाइबर का सेवन पाचन के लिए लाभकारी हो सकता है। इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ाने या बढ़ते वजन को संतुलित रखने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित रखने में, हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव और कब्ज की परेशानी को दूर करने में भी फाइबर मददगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही यह बच्चे में एलर्जी के जोखिम से बचाव में भी मदद कर सकता है (11)। ऐसे में फाइबर युक्त आहार जिसमें मटर भी शामिल है, गर्भवती के लिए फायदेमंद हो सकता है (12)
  • आयरन – गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आयरन एक जरूरी पोषक तत्व (6) है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी एनीमिया (खून की कमी) की वजह बन सकती है (13)। इस स्थिति में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूरी हो जाता है। गर्भवती महिलाएं आयरन की पूर्ति के लिए मटर को आहार में शामिल कर सकती हैं (5)
  • कैल्शियम – मटर में कैल्शियम भी मौजूद होता है (5) और इसका सेवन गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर प्रीक्लेम्पसिया (pre-eclampsia – अचानक उच्च रक्तचाप की समस्या) के जोखिम को कम कर सकता है (14)
  • जिंक – मटर में जिंक भी मौजूद होता है (5)। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि प्रेगनेंसी में जिंक इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ भ्रूण के पूर्ण विकास में भी मददगार हो सकता है। इसके अलावा, जिंक का सेवन प्रीमेच्योर बर्थ के जोखिम को भी कम कर सकता है (2)

हर चीज का फायदा और नुकसान दोनों होते हैं। ठीक वैसे ही अगर प्रेगनेंसी में मटर खाने के फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। उन्हीं कुछ नुकसानों के बारे में हम लेख के इस भाग में जानकारी देंगे।

गर्भावस्था के दौरान मटर खाने के साइड इफेक्ट

नीचे पढ़ें प्रेगनेंसी में मटर के कुछ नुकसान।

  • उच्च रक्तचाप का खतरा – इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि मटर में काफी मात्रा में पोटेशियम मौजूद होता है (5)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान पोटेशियम का अधिक सेवन जेस्टेशनल डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाने के साथ गंभीर प्रीक्लेम्पसिया का कारण भी बन सकता है (15)
  • पोषक तत्वों में कमी – जैसा कि हमने ऊपर बताया कि मटर में फाइबर मौजूद होता है और गर्भावस्था में फाइबर की अधिक मात्रा का सेवन कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों जैसे – आयरन, जिंक और कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डाल सकता है (12)
  • पेट की समस्या – मटर का अत्यधिक सेवन पेट संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट में दर्द और गैस जैसी परेशानियां पैदा कर सकता है (12)
  • एलर्जी – अगर किसी महिला को कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के सेवन से एलर्जी की समस्या रही हो तो वो गर्भावस्था के दौरान मटर के सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें। मटर के सेवन से एलर्जी की परेशानी हो सकती है। फिलहाल, इस बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, लेकिन सावधानी के तौर पर इस बात का ख्याल रखना जरूरी है। इसलिए, पहले मटर के कुछ दाने खाकर देखें। अगर पेट में किसी तरह की समस्या या गैस महसूस न हो, तो उसके बाद ही मटर को अपने आहार में करें व उसकी मात्रा बढ़ाएं।

आगे जानिए प्रेगनेंसी में मटर खाने से संबंधित कुछ सावधानियां।

मटर का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

गर्भावस्था के दौरान मटर खाते वक्त नीचे दी गई सावधानियों का रखें ध्यान।

  • मटर खरीदते समय ध्यान रखें कि मटर का छिल्का ताजा और चिकना हो।
  • मटर पर कोई दाग न हो।
  • कभी-कभी मटर में कीड़े भी हो सकते हैं, इसलिए छिल्कों को हटाते वक्त पूरा ध्यान दें।
  • छिल्के से निकालने के बाद मटर को अच्छे से धोकर रखें।
  • मटर को कच्चा खाने से पहले भी एक बार अच्छी तरह से धो लें।

अब जानते हैं कि गर्भवती मटर को खाने में कैसे शामिल कर सकती हैं।

मटर को अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं

नीचे हम गर्भावस्था में मटर को खाने में शामिल करने के कुछ विकल्प साझा कर रहे हैं।

  • मटर को सलाद के साथ कच्चा खा सकते हैं।
  • स्नैक्स के तौर पर मटर का सेवन किया जा सकता है।
  • मटर के पराठें बनाकर खा सकते हैं।
  • मटर के सूप का सेवन किया जा सकता है।
  • मटर को उबाल कर भी खा सकते हैं।
  • मटर की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।

इस लेख को पढ़ने के बाद आपको प्रेगनेंसी में मटर खाने के फायदे के बारे में काफी हद तक जानकारी मिल चुकी होगी। साथ ही ध्यान रखें कि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। ऐसे में बेहतर है कि गर्भवती संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें। इसके अलावा, हमारी राय यह भी है कि गर्भवती इस बारे में एक बार डॉक्टर की सलाह भी जरूर ले। इस लेख को ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक शेयर कर, गर्भावस्था में मटर खाने से संबंधित जानकारियों को दूसरों तक पहुंचाएं।

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