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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को फूड क्रेविंग यानी किसी विशेष खाद्य को खाने की तीव्र इच्छा होना आम बात है। ऐसा हार्मोन्स में बदलाव के कारण होता है (1)। इस दौरान कुछ महिलाओं का मीठा खाने का दिल करता है, तो कुछ को खट्टा खाने की इच्छा होती है। ऐसे में बात करें अगर खट्टी चीजों की, तो इसमें इमली का नाम सबसे पहले आता है। हालांकि, गर्भावस्था में इमली का सेवन सुरक्षित है या नहीं, यह सवाल हर गर्भवती के दिमाग में आता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपकी इसी उलझन को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। यहां हम गर्भावस्था में इमली के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में बताएंगे। इससे आप खुद तय कर सकेंगे कि गर्भावस्था में इमली खानी चाहिए या नहीं।
तो आइए लेख में आगे बढ़कर हम पहले इमली गर्भावस्था में सुरक्षित है या नहीं, यह जान लेते हैं।
क्या प्रेगनेंसी में इमली खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Imli Kha Sakte Hai
प्रेगनेंसी में सीमित मात्रा में इमली का सेवन किया जा सकता है। यही नहीं इस दौरान इमली का सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ भी हासिल हो सकते हैं। दरअसल, गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव के कारण ज्यादातर महिलाओं को उल्टी और जी मिचलाना जैसी मॉर्निंग सिकनेस की शिकायत होती हैं (2)। इमली इन परेशानियों से राहत प्रदान करने में मदद कर सकती है (3)।
इसके अलावा इमली में कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे मिनरल्स की उपस्थिति के साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है। इस वजह से इमली के गूदे को गर्भवती के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और सेहत को जल्दी सुधारने के लिए भी उपयोगी माना जाता है (4)। बशर्ते, इसका सेवन सीमित और संतुलित मात्रा में ही किया जाए।
लेख में आगे हम गर्भावस्था में ली जाने वाली इमली की सुरक्षित मात्रा के बारे में बताएंगे।
प्रेगनेंसी में इमली कितनी मात्रा में खानी चाहिए?
विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रेगनेंसी में कैल्शियम की पूर्ति के लिए करीब 89 मिलीग्राम इमली का सेवन किया जा सकता है (5)। इसलिए इसे गर्भावस्था में इमली की सुरक्षित मात्रा के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, इमली का नियमित सेवन किस मात्रा में किया जाना सुरक्षित है, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है। इसलिए अगर कोई नियमित रूप से इमली का सेवन करने के बारे में सोच रहा है तो बेहतर होगा कि इस बारे में एक बार डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श कर लिया जाए।
आइए अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में कब इमली का सेवन करना सुरक्षित रहेगा।
प्रेगनेंसी की कौन सी तिमाही में इमली का सेवन सुरक्षित है?
प्रेगनेंसी की पहली और तीसरी तिमाही में इमली का सेवन लाभकारी माना जाता है। यह बात दो अलग-अलग शोध से स्पष्ट होती है। दरअसल, पहली तिमाही के दौरान कई गर्भवती महिलाओं को जी मिचलाना व उल्टी की परेशानी होती है (2)। इससे राहत पाने के लिए इमली का सेवन किया जा सकता है (3)। वहीं दूसरी ओर इमली में एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव होते हैं, जो गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में होने वाले यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाव करने में लाभकारी हो सकते हैं (6)। इस आधार पर गर्भावस्था की पहली और तीसरी तिमाही में इमली का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है। बशर्ते इसका सेवन सीमित और संतुलित मात्रा में किया जाए, क्योंकि गर्भावस्था में इमली (खासकर कच्ची इमली) का अधिक सेवन भ्रूण के लिए हानिकारक साबित हो सकता है (71)। इसलिए जरूरी है कि प्रेग्नेंसी में इमली का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह जरूर ले ली जाए।
इमली की न्यूट्रिशनल वैल्यू
यहां हम इमली में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। साथ ही यहां 100 ग्राम इमली में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में भी बताएंगे (8):
प्रति 100 ग्राम इमली में 239 किलोकैलोरी ऊर्जा होती है।
- 100 ग्राम इमली में 2.8 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।
- वहीं, इसकी 100 ग्राम मात्रा में 62.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट उपस्थित रहता है।
- विटामिन सी बात करें, तो 100 ग्राम इमली में यह करीब 3.5 मिलीग्राम तक मौजूद रहता है।
- इसके अलावा 100 ग्राम इमली 14 माइक्रोग्राम फोलेट से भी समृद्ध होती है।
- इतना ही नहीं 100 ग्राम इमली की मात्रा में लगभग 5.1 ग्राम फाइबर, 38.8 ग्राम शुगर व 2.8 मिलीग्राम आयरन भी होता है।
लेख के अगले भाग में हम प्रेग्नेंसी में इमली के फायदों के बारे में जानेंगे।
प्रेगनेंसी में इमली खाने के फायदे | Pregnancy Me Imli Khane Ke Fayde
इमली में कई विटामिन और मिनिरल्स मौजूद होते हैं, जो गर्भवती महिला और उसके बच्चे दोनों के लिए जरूरी हो सकते हैं। इसलिए यहां हम क्रमवार प्रेगनेंसी में इमली खाने के फायदे बता रहे हैं।
- एनीमिया से बचाव: गर्भावस्था के दौरान शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया की समस्या होने का खतरा अधिक होता है (9)। वहीं इमली में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान इमली से तैयार ड्रिंक का सेवन करने से एनीमिया के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है (3)।
- विटामिन–सी: एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सामान्य गर्भावस्था और भ्रूण के विकास के लिए शरीर में विटामिन-सी का सही मात्रा में होना बहुत जरूरी होता है। गर्भावस्था के दौरान विटामिन-सी की कमी के कारण भ्रूण के विकास का बाधित होना और कम वजन के साथ बच्चे का जन्म जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं (10)। वहीं इमली विटामिन-सी का अच्छा स्त्रोत होती है। इसलिए गर्भावस्था में विटामिन-सी की कमी को इमली के जरिए पूरा किया जा सकता है (11)।
- फोलेट: गर्भवती महिलाओं के लिए फोलेट बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह बच्चे को तंत्रिका तंत्र के दोष (जैसे:- न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट) से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (12)। इसके अलावा यह समय से पहले जन्म, मिसकैरेज और जन्म के समय बच्चे का कम वजन जैसी परेशानियों को भी काफी हद तक कम करने में मदद कर सकता है (13)। वहीं अन्य पोषक तत्वों के साथ ही इमली में फोलेट भी मौजूद होता है (11)। इस आधार पर गर्भावस्था में भ्रूण के बेहतर विकास के लिए भी इमली को सहायक माना जा सकता है।
- कब्ज से राहत: प्रेगनेंसी में कब्ज की समस्या बेहद आम है (14)। वहीं इमली में मैलिक, टाट्रिक और पोटेशियम एसिड की मौजूदगी के कारण इसमें लैग्जेटिव (मल को ढीला करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण इमली कब्ज की समस्या में राहत पहुंचाने का काम कर सकती है (15)। इस आधार पर प्रेग्नेंसी में इमली का सेवन कब्ज की समस्या में भी उपयोगी माना जा सकता है।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है: गर्भावस्था में होने वाली उच्च रक्तचाप की परेशानी को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन कहते हैं। कुछ मामलों में मां और भ्रूण पर इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं (16)। इमली का सेवन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकता है(17)। इस आधार पर गर्भावस्था में हाई बीपी को नियंत्रित करने के लिए इमली को उपयोगी माना जा सकता है।
- गर्भावधि मधुमेह से बचाव: इमली में पॉलीफेनॉल और फ्लेवोनोइड जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था में मधुमेह को कम करने में काफी हद तक मदद कर सकते हैं (18)। इसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए ब्लड शुगर को कम करने में भी इमली मददगार साबित हो सकती है।
इमली के लाभ जानने के बाद आइए अब प्रेगनेंसी में इमली के नुकसान से जुड़ी जानकारी भी हासिल कर लेते हैं।
प्रेगनेंसी में इमली खाने के नुकसान
प्रेग्नेंसी में इमली खाने के फायदे तो आप जान ही चुके हैं। मगर, इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में इमली के नुकसान को समझना भी जरूरी है। यह नुकसान कुछ इस तरह से देखने को मिल सकते हैं :
- इमली में विटामिन सी पाया जाता है (11)। वहीं गर्भावस्था में विटामिन सी की अधिक मात्रा के कारण समय पूर्व प्रसव होने का जोखिम अधिक हो सकता है (19)।
- इसके अलावा विटामिन-सी की मौजूदगी के कारण इमली को अधिक मात्रा में लेना किडनी में पथरी के जोखिम को भी बढ़ा सकता है (11) (20)।
- गर्भावस्था में रक्तचाप को कम करने में इमली मदद कर सकती है (17)। मगर, अधिक मात्रा में इमली खाना रक्तचाप को काफी कम कर सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक है (21)।
- इमली का एसिडिक नेचर होता है, जिस वजह से लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से दांतों को नुकसान पहुंच सकता है (22)।
अंत में आइए अब हम प्रेग्नेंसी में इमली खाने से पहले ध्यान रखने वाली बातें जान लेते हैं।
प्रेगनेंसी में इमली खाने से पहले सावधानियां
प्रेग्नेंसी में इमली का सेवन करते समय कुछ सावधानियों को ध्यान में रखने आवश्यकता होती है। इन सावधानियों के बारे में हम नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं।
- इमली बाजार में आसानी से उपलब्ध रहती है। ज्यादातर दुकानों पर खुली इमली की बिक्री होती है। ऐसी इमली पर धूल-मिट्टी के साथ ही हानिकारक पदार्थ भी मौजूद हो सकते हैं। इसलिए ऐसी इमली को लेने से बचना चाहिए।
- इमली में टैनिन व अन्य यौगिक होते हैं, जिस वजह से इसके पाचन में परेशानी हो सकती है। इसलिए, इमली को पानी में उबालकर या भिगोकर इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है (22)।
- इमली का अधिक मात्रा में सेवन भ्रूण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए इमली का गर्भावस्था में अधिक सेवन करने से बचना चाहिए (7)।
उम्मीद करते हैं कि अब गर्भावस्था में इमली का सेवन करने से जुड़ा संशय आपके मन में नहीं बचा होगा। साथ ही लेख के माध्यम से आपको गर्भावस्था में इमली खाने के कई फायदों के बारे में भी पता चला। ऐसे में अगर किसी को गर्भावस्था में इमली खाने की इच्छा होती है, तो वे बेझिझक इसका सेवन कर सकती हैं। मगर, इसकी संतुलित मात्रा को ध्यान में रखते हुए। कारण, गर्भावस्था में इमली का अधिक सेवन भ्रूण के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। उम्मीद हैं कि स्वस्थ गर्भावस्था को बनाए रखने में यह लेख काफी हद तक उपयोगी साबित होगा। ऐसे ही अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।
References
1. Nutritional and clinical associations of food cravings in pregnancy By NCBI
2. Nausea and Vomiting of Pregnancy By NCBI
3. Tamarind (Tamarindus indica L.) research – a review By Researchgate
4. Knowledge, attitudes and practices in tamarind (Tamarindus indica L.) use and conservation in Eastern Uganda By Journal of Ethnobiology and Ethnomedicine
5. NUTRITION RISK CRITERIA PREGNANT WOMEN By Georgia Department of Public Health
6. Antimicrobial Activity of Tamarind extract against Urinary Pathogens isolated from Pregnant Women at Al-Hasahisa Women and ObstericsHospital By ATMIRE
7. A test of four evolutionary hypotheses of pregnancy food cravings: evidence for the social bargaining model By NCBI
8. Tamarinds, raw By USDA
9. Anemia By Medlineplus
10. Poor Vitamin C Status Late in Pregnancy Is Associated with Increased Risk of Complications in Type 1 Diabetic Women: A Cross-Sectional Study By NCBI
11. Nutritional composition of tamarind (Tamarindus indica L.) By Edp Sciences
12. Neural tube defects and folate: case far from closed By NCBI
13. Folic Acid Supplementation and Pregnancy: More Than Just Neural Tube Defect Prevention By NCBI
14. Constipation, haemorrhoids, and heartburn in pregnancy By NCBI
15. Tamarindus indica: Extent of explored potential By NCBI
16. High Blood Pressure in Pregnancy By Medlineplus
17. Evaluation on the Effects of Tamarindus Indica L. Fruit on Body Weight and Several Cardiometabolic Risk Factors in Obese and Overweight Adult Patients: A Randomized Controlled Clinical Trial By NCBI
18. Total Polyphenols, Flavonoids and Antioxidant Properties of Different Parts of Tamarindus indica Linn of Nigerian Origin By Researchgate
19. Vitamin C supplementation in pregnancy By NCBI
20. Vitamin C By NIH
21. Does low maternal blood pressure during pregnancy increase the risk of perinatal death? By NCBI
22. Tamarindus indica and its health related effects By Science Direct
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