विषय सूची
गर्भावस्था में अन्य पोषक तत्वों की तरह आयोडीन भी जरूरी होता है। इसकी कमी से गर्भवती और उसके गर्भस्थ शिशु पर क्या प्रभाव पड़ता है, जानने के लिए मॉमजंक्शन के इस लेख को पढ़ें। यहां हम प्रेगनेंसी में आयोडीन संबंधी सभी जानकारी देंगे। यहां प्रेगनेंसी में आयोडीन का क्या महत्व है, इसकी मात्रा क्या होनी चाहिए, आयोडीन के सेवन से होने वाले फायदे और इसकी कमी के नुकसान, जैसी सभी सवालों के जवाब मौजूद हैं। बस तो इन सभी प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए गर्भावस्था में आयोडीन से संबंधित इस लेख को अंत तक पढ़ें।
चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि गर्भावस्था में आयोडीन क्यों जरूरी है।
प्रेगनेंसी में आयोडीन क्यों जरूरी है? | Iodine Deficiency in Pregnancy in hindi
गर्भावस्था के दौरान आयोडीन गर्भवती और भ्रूण दोनों के लिए जरूरी होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, भ्रूण के मस्तिष्क विकास के लिए आयोडीन आवश्यक है (1)। आगे हम कुछ बिंदुओं के माध्यम से गर्भवास्था में आयोडीन के महत्व के बारे में बता रहे हैं (2) (3) (4)।
- आयोडीन सेंट्रल नर्वस सिस्टम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- गर्भवती को उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
- शिशु के मानसिक विकास में बाधा आ सकती है।
- घेंघा से बचने के लिए आयोडीन जरूरी है।
- नवजात को हाइपोथायरायडिज्म (थायरायड हार्मोन का पर्याप्त मात्रा में न बनना) से बचाने में मददगार है।
- प्रेगनेंसी लॉस यानी 20वें हफ्ते में गर्भपात से बचाव के लिए आवश्यक है।
- गर्भावस्था में आयोडीन की कमी होने से शिशु मृत्यु दर बढ़ने का जोखिम बढ़ सकता है।
- भोजन को ऊर्जा में बदलने के लिए कोशिकाओं को आयोडीन की आवश्यकता पड़ती है।
- सामान्य थायराइड फंक्शन और थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन जरूरी है।
आगे हम आपको बता रहे हैं कि गर्भवतियों में आयोडीन की कमी के क्या-क्या कारण होते हैं।
गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी के कारण
गर्भावस्था में आयोडीन कितना जरूरी है, आप जान ही गए हैं। शरीर में इसकी कमी कैसे होती है, जानने के लिए इस लेख को आगे पढ़ें। आयोडीन की कमी के कुछ कारण इस प्रकार हैं (1) (5) (6) (7)।
- डाइट में आयोडीन की कम होना।
- शरीर में आयोडीन का अवशोषण न हो पाना।
- दूषित पानी व कुछ खाद्य पदार्थों में मौजूद गॉइटरोजन्स रसायन से थायरायड ग्रंथि में आयोडीन उत्पादन बाधित होना।
- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का थायरायड ग्रंथि पर हमला करना (ऑटोइम्यून संबंधी समस्या)।
- धूम्रपान करना।
- ब्रोकोली, गोभी, सोया और मूंगफली जैसे खाद्य पदार्थों का बड़ी मात्रा में सेवन करना
- कुछ दवाओं का सेवन करने से भी आयोडीन की कमी हो सकती है।
आर्टिकल के इस भाग में हम गर्भावस्था में आयोडीन की जरूरी मात्रा की जानकारी दे रहे हैं।
प्रेगनेंसी में कितनी मात्रा में आयोडीन लेना चाहिए? | Pregnancy Me Iodine Kitna Lena Chahiye
गर्भावस्था में आयोडीन की कमी ही नहीं, बल्कि आयोडीन की अधिक मात्रा भी समस्या का कारण बन सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के समय आयोडीन की सही मात्रा लेना जरूरी होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्भवती एक दिन में 200 से 250 माइक्रोग्राम आयोडीन की मात्रा ले सकती है (8)। आयोडीन की गंभीर कमी होने पर व गर्भवती के स्वास्थ्य को देखते हुए यह मात्रा कम व ज्यादा हो सकती है।
आयोडीन की सही मात्रा के बाद आगे जानिए कि गर्भावस्था में आयोडीन की कमी के क्या लक्षण नजर आते हैं।
प्रेगनेंसी में आयोडीन की कमी के लक्षण
गर्भावस्था में आयोडीन की कमी के कई लक्षण नजर आ सकते हैं। नीचे प्रेगनेंसी में आयोडीन की कमी के लक्षणों को बताया जा रहा है (9) (10)।
- गर्भावस्था में थायरायड ग्रंथि का बढ़ना यानी गॉइटर है। इसके कारण गला सूजा हुआ दिखाई देता है।
- आवाज में बदलाव होना।
- त्वचा का रूखा व खुरदुरा होना।
लेख में आगे बढ़ते हुए पढ़ें कि गर्भावस्था में आयोडीन के सेवन से क्या-क्या फायदे होते हैं।
प्रेगनेंसी में आयोडीन के फायदे
गर्भावस्था में आयोडीन की सही मात्रा लेने से इसके कई फायदे देखने को मिल सकते हैं। नीचे हम प्रेगनेंसी में आयोडीन के फायदों को विस्तार से बता रहे हैं।
1. भ्रूण के मानसिक विकास के लिए
गर्भावस्था में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन लेने से भ्रूण के मस्तिष्क विकास में मदद मिल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे भ्रूण के मेंटल ग्रोथ के लिए जरूरी बताया है (1)। एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, आयोडीन मस्तिष्क के लिए आवश्यक न्यूट्रिएंट है, जिसकी जरूरत गर्भवती और उसके भ्रूण दोनों को पड़ती है। इसकी कमी होने से भ्रूण व शिशु के मानसिक विकास में रूकावट पैदा हो सकती है (11)।
2. हाइपोथायरायडिज्म से बचाव
आयोडीन का सेवन करने से हाइपोथायरायडिज्म की समस्या से बचा जा सकता है (4)। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि हाइपोथायरायडिज्म का मतलब थायरायड ग्रंथि का पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन न कर पाना होता है। इस परेशानी के कारण कई प्रकार की बीमारियां और समस्याएं हो सकतीं हैं, जैसे – कब्ज, ठंड लगना, थकान, मांसपेशियों में दर्द और शुष्क त्वचा (12)। ऐसे में इन सभी से बचने के लिए आयोडीन को जरूरी माना जा सकता है।
3. भ्रूण के शारीरिक विकास के लिए
गर्भावस्था में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा लेने से यह भ्रूण के मानसिक विकास के साथ ही शारीरिक विकास के लिए भी लाभदायक साबित हो सकता है। बताया जाता है कि प्रेगनेंसी में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा से शिशु के शारीरिक विकास के अलावा उसके सुनने की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यही नहीं आयोडीन से शिशु को सीखने में होने वाली कठिनाई भी दूर हाे सकती है (13)।
4. स्टिलबर्थ से बचाए
प्रेगनेंसी में आयोडीन की कमी के कारण स्टिलबर्थ यानी शिशु का मृत जन्म हो सकता है (14)। यदि गर्भावस्था में आयोडीन की उचित खुराक ली जाती है, तो स्टिलबर्थ के साथ ही गर्भपात की स्थिति से भी कुछ हद तक बचा जा सकता है (13)।
5. क्रेटिनिज्म की स्थिति से बचाए
आयोडीन की कमी के कारण भ्रूण को होने वाली गंभीर शारीरिक और मानसिक विकलांगता यानी क्रेटिनिज्म हो सकता है। ऐसे में गर्भावस्था में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा से क्रेटिनिज्म से बचने में मदद मिल सकती है (15)।
गर्भावस्था में आयोडीन के फायदे के बाद जानते हैं कि आयोडीन की कमी से भ्रूण पर क्या असर पड़ता है।
प्रेगनेंसी में आयोडीन की कमी का बच्चे पर क्या प्रभाव होता है?
गर्भावस्था में आयोडीन की कमी होने पर यह न सिर्फ गर्भवती के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है, बल्कि भ्रूण की सेहत पर भी इसका बुरा असर हो सकता है। यहां हम बता रहे हैं प्रेगनेंसी में आयोडीन की कमी के कारण बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में।
- सोचने, समझने और सीखने की क्षमता प्रभावित होना (13)
- आयोडीन की कमी बच्चे के यौन विकास को प्रभावित कर सकती है (13)।
- बौद्धिक यानी इंटेलेक्चुअल विकलांगता का जोखिम बढ़ना (13)।
- क्रेटिनिज्म की स्थिति (15)।
- मां के साथ बच्चे में हाइपोथायरायडिज्म होना (15)।
- बच्चे का वजन कम हो सकता है (16)।
- बच्चे का मानसिक और सामान्य विकास बाधित हो सकता है (17)।
आगे पढ़िए आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है।
आयोडीन की कमी का उपचार कैसे किया जाता है?
आयोडीन की कमी का उपचार आहार में इस न्यूट्रिएंट को शामिल करना है। साथ ही डॉक्टर की सलाह पर आयोडीन के सप्लीमेंट को शामिल करके भी इसकी कमी को दूर किया जा सकता है। यही नहीं, विशेषज्ञ आयोडीन की कमी का कारण पता लगाकर भी इसका उपचार कर सकते हैं (10)।
आर्टिकल में अब बारी है उन स्रोतों को जानने की जिनमें आयोडीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
आयोडीन के अच्छे स्रोत क्या हैं? | Iodine Kis Kis Cheez Mein Hota Hai
कई पदार्थों में आयोडीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यहां हम आपको उन्हीं पदार्थों के बारे में बता रहे हैं (4) (9)।
- आयोडीन साल्ट इसका मुख्य स्रोत है और यह आसानी से मिल सकता है।
- सी फूड में आयोडीन स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। इनमें कॉड और टूना जैसे सी फूड शामिल हैं। इनका सेवन गर्भावस्था में डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
- केल्प नामक समुद्री शैवाल आयोडीन का एक समृद्ध स्रोत है।
- डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और पनीर को भी आयोडीन का अच्छा स्रोत माना जाता है।
- आयोडीन युक्त मिट्टी में उगाए गए पौधों में भी आयोडीन होता है।
अंत में जानिए गर्भावस्था में आयोडीन की अधिक मात्रा लेने से क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी में अधिक मात्रा में आयोडीन लेने के नुकसान
एक ओर गर्भावस्था में आयोडीन की कमी कई समस्याओं का कारण बनती है। दूसरी ओर इसकी अधिकता भी नुकसानदायक साबित हाे सकती है। यहां जानते हैं प्रेगनेंसी में आयोडीन की अधिक मात्रा लेने पर क्या नुकसान होते हैं (15) (3) (18) (9)।
- थायराइड ऑटोइम्यूनिटी (इम्यून सिस्टम का थायराइड ग्रंथी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करना)।
- गर्भावस्था में ज्यादा आयोडीन लेने से नवजात शिशुओं में जन्मजात हाइपोथायरायडिज्म होना।
- थायराइड हार्मोन के उत्पादन का अस्थायी रूप से बाधित होना।
- किडनी का सामान्य प्रक्रिया के मुकाबले तेजी से आयोडाइड को निकालना।
- थायरॉइड ग्रंथि में सूजन।
- मुंह, गले और पेट में जलन।
- बुखार।
- पेट दर्द।
- जी मिचलाना।
- गर्भावस्था में उल्टी– दस्त की समस्या।
- पल्स का कमजोर पड़ना।
लेख के माध्यम से आप समझ ही गए होंगे कि प्रेगनेंसी में आयोडीन का क्या महत्व होता है। इन सभी फायदों और इसकी कमी से होने वाले नुकसान को जानने के बाद इसे एक जरूरी पोषक तत्व कहना गलत नहीं होगा। आप गर्भावस्था में अन्य पोषक तत्वों के साथ ही आयोडीन को भी अपने आहार में जरूर शामिल करें। साथ ही इसकी कमी का पता लगाने के लिए डॉक्टर से नियमित रूप से चेकअप भी करवाते रहें। ऐसा करने से प्रेगनेंसी में आयोडीन की कमी से होने वाले नुकसानों से बचा जा सकता है। हैप्पी प्रेगनेंसी!
References
2. Iodine By MedlinePlus
3. Consequences of iodine deficiency and excess in pregnant women: an overview of current knowns and unknowns1,2 By NCBI
4. Iodine in diet By MedlinePlus
5. Thyroid and Pregnancy By Hindawi
6. Health Consequences of Iodine Deficiency By NCBI
7. Simple goiter By MedlinePlus
8. Prevention and control of iodine deficiency in pregnant and lactating women and in children less than 2-years-old: conclusions and recommendations of the Technical Consultation By WHO
9. Iodine By NIH
10. Iodine Deficiency in Pregnancy: The Effect on Neurodevelopment in the Child By NCBI
11. Iodine and Pregnancy—A Qualitative Study Focusing on Dietary Guidance and Information By NCBI
12. Hypothyroidism By MedlinePlus
13. Iodine By Betterhealth
14. Iodine and Pregnancy By NCBI
15. Iodine in pregnancy and lactation By WHO
16. Iodine Supplementation in the Newborn By NCBI
17. Iodine deficiency in children By pubMed
18. Iodine excess exposure during pregnancy and lactation impairs maternal thyroid function in rats By NCBI
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.