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शोध की माने, तो दुनिया भर में एनीमिया के सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं। उनमें भी गर्भवती महिलाएं और बच्चे इस लिस्ट में सबसे ऊपर आते हैं (1)। इसमें कोई शक नहीं कि आयरन शरीर के लिए जरूरी खनिज है और गर्भावस्था में इसकी जरूरत सबसे ज्यादा होती है, लेकिन क्यों? इस सवाल का जवाब आपको मॉमजंक्शन के इस लेख में मिलेगा। इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप अच्छी तरह समझ जाएंगी कि गर्भावस्था में आयरन क्यों जरूरी है और उसकी कमी से क्या समस्या हो सकती है। साथ ही आप यह भी जान जाएंगी कि प्रेगनेंसी में शरीर में आयरन की कमी को किस तरह दूर किया जा सकता है।
लेख के सबसे पहले भाग में जानिए कि गर्भावस्था के दौरान आयरन क्यों होती है।
गर्भावस्था के दौरान आयरन क्यों महत्वपूर्ण है?
शरीर में आयरन की कमी को एनीमिया कहा जाता है। आयरन का उपयोग शरीर में ऑक्सीजन का संचार करने के लिए होता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाने एक प्रोटीन, हीमोग्लोबिन की मदद से पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने का काम करता है। इसके अलावा, यह मायोग्लोबिन (मांसपेशियों में पाया जाने वाले एक तरह का प्रोटीन) की मदद से मांसपेशियों में भी ऑक्सीजन का संचार करने का काम करता है (2)।
शरीर को एक सीमित मात्रा में सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। हालांकि, सामान्य स्थिति की तुलना में गर्भावस्था के दौरान आयरन की जरूरत ज्यादा होती है, क्योंकि महिला को स्वयं के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी आयरन की जरूरत होती है। यह शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी होता है (3)। ऐसे में आयरन की कमी की वजह से गर्भवती महिला और होने वाले शिशु को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनके बारे में लेख में आगे बताया गया है।
लेख के अगले भाग में जानिए कि गर्भावस्था के दौरान शरीर में कितना आयरन होना जरूरी है।
प्रेगनेंसी के दौरान आपको कितना आयरन चाहिए?
सभी महिलाओं की गर्भावस्था अलग-अलग होती है। कुछ महिलाएं गर्भधारण करने से पूर्व अनेमिक होती है, जिस कारण उन्हें गर्भावस्था के दौरान अधिक आयरन की जरूरत पड़ सकती है। शरीर में आयरन की ज्यादा खपत गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में होना शुरू होती है। आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान महिला को प्रतिदिन लगभग 27 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है (3)। ध्यान रहे कि यह मात्रा महिला के स्वास्थ्य और उम्र के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है। इसलिए, इस संबंध में एक बार अपने डॉक्टर से जरूर बात करें।
लेख के अगले भाग में हम आयरन सप्लीमेंट्स के बारे में बात कर रहे हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान आयरन सप्लीमेंट्स ले सकते हैं?
जी हां, गर्भावस्था के दौरान आयरन सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आयरन सप्लीमेंटेशन को सबसे प्रभावी और किफायती माना गया है। शरीर में आयरन का स्तर बढ़ाने के लिए यह आम तरीका है, लेकिन सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर से परामर्श किए बिना करना नुकसानदायक हो सकता है (4)।
आगे आप जानेंगे गर्भावस्था के दौरान आयरन सप्लीमेंट्स लेने के सही समय के बारे में।
गर्भावस्था में आयरन की गोली कब से लें? | Pregnancy Me Iron Ki Goli Kab Le
आयरन की गोली लेने की सलाह सिर्फ अनेमिक महिलाओं को नहीं, बल्कि लगभग सभी गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। दूसरी तिमाही से शरीर को ज्यादा आयरन की जरूरत होती है, जिस वजह से महिला के लिए आयरन सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो जाता है। गर्भावस्था के 13वें हफ्ते (दूसरे तिमाही की शुरुआत) से आयरन की गोलियां लेना शुरू किया जा सकता है, लेकिन इनका सेवन डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही शुरू करना चाहिए (4)।
यह तो आपने जान लिया कि गर्भावस्था में आयरन की गोली लेना कब शुरू करना चाहिए। अब जानिए कि इन गोलियों को कब तक लेना चाहिए।
गर्भावस्था में कब तक आयरन लेना चाहिए?
आमतौर पर प्रसव के बाद डॉक्टर के परामर्श पर आयरन सप्लीमेंट्स लेना बंद किया जा सकता है। वहीं, अगर महिला तीसरे तिमाही तक भी एनीमिया से ग्रसित रहती है, तो प्रसव के चार से छह हफ्ते के बाद डॉक्टर से बात करके आयरन सप्लीमेंट्स लेना बंद किया जा सकता है (5)। किसी भी परिस्थिति में किसी भी दवा या सप्लीमेंट को बिना डॉक्टर से बात किए बिना लेना शुरू न करें और न ही बंद करें।
लेख के अगले भाग में जानिए कि शरीर में आयरन की कमी के लक्षण क्या हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी में आयरन की कमी के लक्षण | Pregnancy Me Iron Ki Kami Ke Lakshan
प्रेगनेंसी में आयरन की कमी के दौरान नीचे बताए गए लक्षण नजर आ सकते हैं (6) :
- थकान
- शारीरिक और मानसिक अस्थिरता
- सिरदर्द
- चक्कर आना (वर्टिगो)
- पैरों में अकड़न
- पगोफेजिया यानी बर्फ खाने की तीव्र इच्छा
- ठंड सहन न कर पाना
- कोइलोनीशिया यानी चम्मच के आकार के नाखून
- त्वचा में पीलापन
- होंठों के आसपास लाल चकत्ते और सूजन
आगे हम गर्भावस्था के दौरान आयरन के फायदों के बारे में बता रहे हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Me Iron Ke Fayde
गर्भावस्था के दौरान आयरन की आवश्यकता अधिक होती है, क्योंकि (7) :
- भ्रूण के लिए आयरन का स्रोत : भ्रूण के विकास के लिए आयरन की आवश्यकता होती है, जो उस तक गर्भवती महिला द्वारा पहुंचता है।
- ऑक्सीजन की आपूर्ति : भ्रूण को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने में मदद होती है।
- खून की आपूर्ति : कई बार प्रसव के दौरान महिला का अधिक खून बह जाता है। ऐसे में शरीर में आयरन की समृद्ध मात्रा प्रसव के लिए खून का बफर रखने में मदद करती है।
- जटिलताओं से बचाए : शरीर में पर्याप्त आयरन होने से गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं, जैसे – समय से पूर्व प्रसव, जन्म के समय शिशु का कम वजन या प्रसवकालीन मृत्यु की आशंका को कम करने में मदद मिल सकती है।
आगे जानिए गर्भावस्था में आयरन युक्त आहार का सेवन करने के बारे में।
गर्भावस्था में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ
नीचे बताए गए खाद्य पदार्थ का सेवन करने से गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है (8) :
- मांस
- सी फूड जैसे मछली
- चिकन और अंडे
- आयरन से समृद्ध अनाज और ब्रेड
- सफेद बीन्स, किडनी बीन्स,
- चने और दाल
- पालक
- नट्स
- किशमिश
नोट: कच्चे या अधपके अंडे, मांस व स्प्राउड्स न खाएं। बिना पाश्चरीकृत किए फल, सब्जी या दूध (या उससे बने उत्पाद) का सेवन न करें।
लेख के अगले भाग में आप जानेंगे कि गर्भावस्था में आयरन की कमी से महिला और गर्भ में पल रहे शिशु को किस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
अगर आप पर्याप्त मात्रा में आयरन नहीं लेती हैं, तो क्या होगा?
पर्याप्त मात्रा में आयरन का सेवन न करने से गर्भवती महिला को नीचे बताई गई समस्या का सामना करना पड़ सकता है (9) :
- थकान
- हीमोग्लोबिन और ऑक्सीजन की कमी की वजह से कार्डियोवस्कुलर तनाव
- संक्रमण का अधिक खतरा
- अधिक रक्तस्त्राव
- सर्जिकल डिलीवरी का खतरा
- अधिक खून चढ़ाने की जरूरत (अगर अधिक आयरन देने पर भी हिमोग्लोबिन नहीं बढ़ता है, तो यह थैलेसीमिया का लक्षण हो सकता है। ऐसे में आयरन नहीं लेना चाहिए)
- सिजेरियन प्रसव का जोखिम
गर्भवती महिला में आयरन की कमी के कारण होने वाले शिशु को निम्न समस्याएं हो सकती हैं (9):
- समय से पूर्व प्रसव
- जन्म के समय शिशु का कम वजन
- प्रसवकालीन मृत्यु
लेख के अगले भाग में जानिए कि आयरन का अधिक सेवन करने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
गर्भावस्था में आयरन का अधिक सेवन करने से होने वाले दुष्प्रभाव
किसी भी वस्तु का सीमित मात्रा में सेवन न करने से उसके नुकसान का सामना करना पड़ सकता है और ऐसा ही आयरन सप्लीमेंट्स के साथ भी है। इनका अधिक मात्रा में सेवन करने से नीचे बताई गई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है (7):
- सीने में जलन
- मलती
- पेट दर्द
- कब्ज
- डायरिया
कुछ मामलों में आयरन का अधिक सेवन करने से लिवर, किडनी और हृदय से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं (10) (11)। इसलिए गर्भावस्था में इसका सीमित मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है।
आइए, अब जानिए कि शरीर में आयरन का सही तरीके से अवशोषण करवाने के लिए क्या जरूरी है।
गर्भावस्था में आयरन का अवशोषण कैसे करें?
विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करने से शरीर में आयरन का अवशोषण बढ़ाया जा सकता है (12)। गर्भावस्था के दौरान विटामिन-सी के लिए नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है :
- सिट्रस फल संतरा, अंगूर, नींबू
- कीवी
- लाल और हरी बेल पेप्पर
- ब्रोकली
- स्ट्रॉबेरी
- मेलन
- बेक्ड आलू
- टमाटर (8)
लेख में आखिरी भाग में जानिए कि आयरन का अवशोषण करने में कौन से खाद्य/पेय पदार्थ बाधा बन सकते हैं।
आयरन के अवशोषण में क्या बाधा बनता है?
कुछ प्रकार के खाद्य और पेय पदार्थ शरीर में आयरन का अवशोषण होने में बाधा बन सकते हैं, जैसे (12):
- पोलिफेनल्स
- हर्बल या काली चाय
- कॉफी
- वाइन
- लीगम्स (फली वाले अनाज)
- सीरिअल्स
- कैल्शियम
- एनिमल प्रोटीन:
- लो फैट दही (casein)
- मट्ठा (whey)
- अंडे का सफेद भाग
- सोय प्रोटीन
जब शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर 11gm% से कम हो जाता है, तब एनीमिया होता है। इससे बचने के लिए आयरन के साथ-साथ गर्भवती महिला को विटामिन-सी और फोलिक एसिड भी लेना चाहिए। साथ ही गर्भधारण करने से पहले से भी पर्याप्त मात्रा में आयरन लेने से गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा, सही खान-पान, व्यायाम और डॉक्टरी परामर्श पर सही दवाइयों का सेवन करके खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है। हम आशा करते हैं कि इस लेख से आपको गर्भावस्था में आयरन की आवश्यकता से जुड़े हर सवाल का जवाब मिल गया होगा।
References
1.Prevalence & consequences of anaemia in pregnancy by NCBI
2.Iron-Status Indicators by CDC
3.Pregnancy and Nutrition by MedlinePlus
4.Iron Deficiency in Pregnancy and the Rationality of Iron Supplements Prescribed During Pregnancy by NCBI
5.Recommended Guidelines For Preventing And Treating Iron Deficiency Anemia In Pregnant Women by NCBI
6.Diagnosis and treatment of iron deficiency anemia during pregnancy and the postpartum period: Iron deficiency anemia working group consensus report by NCBI
7.Iron Nutrition During Pregnancy by NCBI
8.Prenatal Nutrition-Preparing Your Baby for Lifelong Health by University of Michigan
9.Study of the effects of the Nutritional and Socio-economic factors on the prevalence of Iron deficiency anemia among pregnant women by U.S. Department of Energy, Office of Scientific and Technical Information
10.Iron overload: consequences, assessment, and monitoring by NCBI
11.Beyond hereditary hemochromatosis: new insights into the relationship between iron overload and chronic liver diseases by NCBI
12.Biochemistry, Iron Absorption by NCBI
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