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गर्भावस्था के दौरान कुछ विशेष खाद्य पदार्थों को लेकर गर्भवतियों में उन्हें खाने की लालसा बढ़ सकती है, जिसमें एक नाम जामुन का भी हो सकता है। ऐसे में, यह सवाल उठता है कि क्या प्रेगनेंसी में जामुन का सेवन सुरक्षित है? प्रेगनेंसी में मां और भ्रूण के स्वास्थ्य को देखते हुए यह सवाल गंभीर हो सकता है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में जामुन खाने से जुड़ी विस्तारपूर्वक जानकारी लेकर आए हैं। यहां आप प्रेगनेंसी में जामुन के फायदे-नुकसान अच्छी तरह समझ पाएंगे। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

सबसे पहले जानिए कि गर्भावस्था में जामुन खाना चाहिए या नहीं।

क्या गर्भावस्था के दौरान जामुन खाना चाहिए?

गर्भावस्था में जामुन खाना चाहिए या नहीं, इसे लेकर वैज्ञानिक शोध दो तरह के मत रखते हैं। प्रेगनेंसी में डाइट को लेकर किए गए एक शोध में जामुन को इस दौरान लिए जाने वाले सुरक्षित खाद्य-पदार्थों में शामिल किया गया है। शोध में जामुन, शहद और आम की पत्तियों के मिश्रण का उपाय प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में उल्टी से निजात पाने के लिए बताया गया है (1)

वहीं, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कंप्लीमेंट्री एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के एक शोध में जामुन को प्रेगनेंसी के दौरान हानिकारक माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि इस दौरान जामुन का किया गया सेवन बुखार के साथ खांसी और अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है (2)। इसलिए, प्रेगनेंसी में इसका सेवन डॉक्टरी परामर्श पर ही करें।

अब हम जामुन में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बताने जा रहे हैं।

जामुन के पोषक तत्व

जामुन में मौजूद विभिन्न पोषक तत्वों की जानकारी नीचे दी गई है (3) :

  • जामुन की प्रति 100 ग्राम मात्रा में 83.13 ग्राम पानी मौजूद होता है।
  • वहीं, 100 ग्राम जामुन में 60 Kcal ऊर्जा पाई जाती है।
  • इसकी 100 ग्राम मात्रा में 0.72 ग्राम प्रोटीन, 0.23 ग्राम फैट और 15.56 कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है।
  • वहीं, जामुन की 100 मात्रा में 19 मिलीग्राम कैल्शियम 0.19 मिलीग्राम आयरन, 15 मिलीग्राम मैग्नीशियम 17 मिलीग्राम फास्फोरस, 79 मिलीग्राम पोटैशियम और 14 मिलीग्राम सोडियम मौजूद होता है।
  • इसके अलावा, 100 ग्राम जामुन में 14.3 मिलीग्राम विटामिन-सी पाया जाता है।
  • साथ ही इसमें विटामिन-बी 6, थियामिन, नियासिन और राइबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।

प्रेगनेंसी में जामुन खाने के फायदे नीचे बताए गए हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान जामुन का सेवन करने के स्वास्थ्य लाभ

प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टरी सलाह पर सीमित मात्रा में जामुन के सेवन से निम्नलिखित जामुन के फायदे हो सकते हैं :

  • गर्भकालीन मधुमेह : प्रेगनेंसी में जामुन का सेवन मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध में जिक्र मिलता है कि जामुन एंटी-डायबिटिक गुण प्रदर्शित कर सकता है, जिससे प्रेगनेंसी में मधुमेह से बचे रहने में मदद मिल सकती है (4)
  • हृदय के लिए : जामुन का सेवन गर्भावस्था में हृदय को स्वस्थ रखने का काम भी कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो जामुन में एंटी-हाइपरटेंसिव (रक्तचाप कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो प्रेगनेंसी में हाई बीपी को नियंत्रित कर हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है (5) ऐसे में माना जा सकता है कि इस दौरान हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में जामुन मददगार हो सकता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए : शरीर को रोगों से बचाए रखने और लड़ने के लिए शरीर की इम्यूनिटी का मजबूत बने रहना बहुत जरूरी है। वहीं, प्रेगनेंसी के दौरान इसका महत्व और बढ़ जाता है। दरअसल, जैसा कि हमने ऊपर बताया कि जामुन में विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है और प्रेगनेंसी में विटामिन-सी इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। यह गुण प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती के इम्यून सिस्टम में सुधार और उसे मजबूत बनाए रखने में सहायक हो सकता है (6)
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाव : प्रेगनेंसी के दौरान ऑक्सीडेटिव तनाव गर्भपात का जोखिम, समय से पहले प्रसव पीड़ा, भ्रूण का विकास बाधित होना व प्री-एक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप विकार) जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। यहां जामुन कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट क्षमता पाई जाती है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर इससे होने वाले जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकते हैं (7)
  • दस्त से राहत : गर्भावस्था के दौरान दस्त से निजात पाने के लिए जामुन कुछ हद तक लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि जामुन में एंटीडायरियल गुण पाए जाते हैं, जो दस्त से निजात दिलाने में मददगार हो सकते हैं (8)

नीचे जानिए प्रेगनेंसी में कितना जामुन खाया जा सकता है।

प्रेगनेंसी में कितना जामुन खा सकती हैं?

गर्भावस्था में सीमित मात्रा में डॉक्टरी परामर्श पर जामुन का सेवन किया जा सकता है। हालांकि, प्रेगनेंसी में इसके सेवन की सटीक मात्रा कितना होनी चाहिए, इससे जुड़े सटीक वैज्ञानिक शोध का अभाव है। ऐसे में अपने स्वास्थ्य अनुसार इसकी सही मात्रा जानने के लिए डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

चलिए, अब जानते हैं गर्भावस्था के दौरान जामुन के नुकसान के बारे में।

क्या गर्भावस्था के दौरान जामुन के कोई दुष्प्रभाव हैं?

गर्भावस्था में जामुन का सेवन कुछ दुष्प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है, जिसकी जानकारी हम नीचे दे रहे हैं (2) :

  • इसकी अधिक मात्रा खांसी का कारण बन सकती है।
  • जामुन का अधिक सेवन फेफड़ों में बलगम के जमने का जोखिम बढ़ा सकता है।
  • इसके अलावा, इसकी अधिक मात्रा शरीर में दर्द का कारण बन सकती है।
  • जामुन में मूत्रवर्धक गुण पाए जाते हैं (9)। ऐसे में इसका अधिक सेवन बार-बार यूरिन पास की समस्या का कारण बन सकता है।

प्रेगनेंसी में जामुन के सेवन से संबंधित जानकारी नीचे दी गई है।

प्रेगनेंसी के दौरान जामुन खाने के समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

गर्भावस्था में जामुन खाने से पहले कुछ बातों को ध्यान रखना जरूरी है। इससे जामुन से होने वाले नुकसान से बचने में मदद मिल सकती है। पढ़ें नीचे :

  • डॉक्टरी सलाह पर ही जामुन को प्रेगनेंसी के आहार में शामिल करें।
  • जामुन अच्छी तरह पका होना चाहिए।
  • जामुन का सेवन खाली पेट में न करें (2)
  • दूध पीने के बाद जामुन का सेवन न करें (2)
  • इसके सेवन के बाद किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर इसका सेवन बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें।

आइये, जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान जामुन कब नहीं खाना चाहिए।

प्रेगनेंसी में महिलाओं को जामुन कब नहीं खाना चाहिए?

निम्नलिखित स्थितियों में जामुन का सेवन एक गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए :

  • अगर डॉक्टर प्रेगनेंसी में जामुन खाने की सलाह नहीं देता है, तो इसका सेवन न करें।
  • लो बीपी की समस्या होने पर गर्भवती को जामुन के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें रक्तचाप को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं (5)। ऐसे में इसका सेवन रक्तचाप को और कम कर सकता है।
  • जिन गर्भवतियों का ब्लड शुगर पहले से ही कम है, उन्हें जामुन के सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इसमें रक्त शर्करा को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है (4)। ऐसे में इसका सेवन ब्लड शुगर से स्तर को और कम कर सकता है।
  • इसके अलावा, जिन महिलाओं को जामुन से एलर्जी है, उन्हें भी प्रेगनेंसी के दौरान जामुन से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

नीचे जानिए अच्छे जामुन को चुनने का तरीका।

अच्छे जामुनों का चुनाव कैसे करें?

जामुन का फायदा तभी हो सकता है, जब सही गुणवत्ता वाले जामुन का चयन किया जाए। नीचे जानिए अच्छे जामुन को किस प्रकार चुना जा सकता है :

  • जामुन गहरे काले रंग का होना चाहिए।
  • इसे खरीदते समय ध्यान रखें कि यह ऊपर से मजबूत हो।
  • जामुन पर किसी तरह का दाग या छेद नहीं होना चाहिए।
  • बहुत देर तक पेड़ के नीचे पड़े जामुन को खाने के लिए न चुनें।

प्रेगनेंसी में जामुन के सेवन के तरीके नीचे बताए गए हैं।

गर्भावस्था में जामुन खाने के तरीके

गर्भावस्था के दौरान जामुन खाने के तरीके कुछ इस प्रकार है :

  • जामुन को धोकर सीधा खाया जा सकता है।
  • जामुन के ऊपर थोड़ा नमक छिड़ककर सेवन किया जा सकता है।
  • अन्य फलों के साथ फ्रूट सलाद के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है।
  • इसका जूस बनाकर भी पीया जा सकता है।

प्रेगनेंसी में जामुन से जुड़ी तमाम जानकारी के बाद, अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि आप प्रेगनेंसी में जामुन के फायदे और जामुन के नुकसान अच्छी तरह समझ गए होंगे। ऐसे में, इस दौरान इसका सेवन करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। डॉक्टरी परामर्श के बाद आप लेख में बताए गए तरीकों से प्रेगनेंसी में जामुन का लुत्फ उठा सकती हैं। वहीं, किसी भी तरह के जामुन के नुकसान दिखने पर इसका सेवन बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।

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