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वैसे तो महिलाओं को हमेशा ही अपना ध्यान रखना चाहिए, लेकिन गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को खुद का ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था का मतलब ही है ‘स्वास्थ्य के प्रति एक महिला की दोगुनी जिम्मेदारी’। ऐसे में खाने-पीने की बात हो, तो गर्भवती को और चौकन्ने रहना पड़ता है। खाद्य पदार्थों की बात करें, तो भारत में पौष्टिक खाद्य पदार्थों की कमी नहीं है। इन्हीं में शामिल है ‘कद्दू’, जिसकी गिनती पौष्टिक सब्जियों में होती है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या प्रेगनेंसी में कद्दू सुरक्षित है? ऐसे में इस जरूरी सवाल का जवाब हम मॉमजंक्शन के इस लेख में दे रहे हैं। इस आर्टिकल में आपको मिलेगी प्रेगनेंसी के दौरान कद्दू खाने से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां। प्रेगनेंसी में कद्दू खाना चाहिए या नहीं, यह जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
सबसे पहले जान लेते हैं कि कद्दू किस सब्जी को कहा जाता है।
कद्दू क्या है? | What Is Pumpkin In Hindi
कद्दू एक सब्जी है, कई लोग इसे फल भी मानते हैं। इसे हिंदी में कुम्हड़ा भी कहा जाता है। वहीं, अंग्रेजी में इसे पंपकिन कहते हैं। कद्दू का छिलका मोटा और चिकना होता है और इसका गूदा पीला, सफेद, हरा, नारंगी या लाल रंग का हो सकता है। कद्दू, खरबूजा और तरबूज ये तीनों एक ही प्रजाति की हैं। कद्दू कई सारे पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी होता है (1)।
लेख के इस भाग में जानते हैं कि गर्भावस्था में कद्दू का सेवन सुरक्षित है या नहीं।
क्या गर्भावस्था में कद्दू (पंपकिन) खाना सुरक्षित है? | Pumpkin In Pregnancy In Hindi
गर्भावस्था के दौरान सीमित मात्रा में कद्दू खाना सुरक्षित हो सकता है। कद्दू में कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह प्रोविटामिन-ए और कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है। वहीं, कद्दू के बीज विटामिन-ई से भरपूर होते हैं। इसी आधार पर स्वस्थ प्रेगनेंसी में कद्दू का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है (2)। हालांकि, अगर किसी की गर्भावस्था में जटिलताएं हैं, तो वो कद्दू का सेवन डॉक्टरों की सलाह के बाद ही करें। लेख में आगे गर्भावस्था में कद्दू के सेवन से जुड़ी मात्रा के बारे में भी जानकारी दी गई है।
अब हम जानेंगे प्रेगनेंसी में कद्दू की सुरक्षित मात्रा के बारे में।
गर्भावस्था में एक दिन में कितना कद्दू खाया जा सकता है?
अगर गर्भावस्था में कद्दू खाने की खुराक की बात की जाए, तो अन्य सब्जियों के साथ गर्भवती महिला एक दिन में आधे कप कद्दू का सेवन कर सकती है (3)। गर्भवती की शारीरिक स्थिति के अनुसार इस मात्रा में बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में इस बारे में एक बार डॉक्टरी सलाह लेना भी अच्छा विकल्प हो सकता है।
गर्भावस्था में कद्दू कब खाना चाहिए, यह जानकारी मिलेगी लेख के इस भाग में।
गर्भावस्था में कौन-सी तिमाही में कद्दू खाना चाहिए? | Pregnancy Mein Pumpkin Khana Chahiye Ya Nahi
इसमें कोई शक नहीं है कि कद्दू एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण इसे प्रेगनेंसी के दौरान सुरक्षित और उपयोगी माना गया है। अगर इसके सेवन की बात की जाए, तो गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे तिमाही में इसका सेवन किया जा सकता है (4)। ध्यान रहे कि हर किसी की गर्भावस्था एक समान नहीं होती है। ऐसे में बेहतर है कि इस बारे में एक बार डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।
प्रेगनेंसी में पंपकिन सुरक्षित है, यह तो हमने बता दिया। अब इसके पौष्टिक तत्वों के बारे में बात करते हैं।
कद्दू के पोषक तत्व
जैसे कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि कद्दू कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ऐसे में यहां हम प्रति 100 ग्राम कद्दू की मात्रा के अनुसार पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। कद्दू में मौजूद पोषक तत्व कुछ इस प्रकार हैं (5) :
- कद्दू का सेवन शरीर को एनर्जी दे सकता है। 100 ग्राम कद्दू में 26 केसीएएल ऊर्जा की मात्रा पाई जाती है।
- 100 ग्राम कद्दू में पानी की मात्रा 91.6 ग्राम है।
- वहीं, 100 ग्राम कद्दू में 1 ग्राम प्रोटीन, 6.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 2.76 ग्राम शुगर मौजूद होता है।
- साथ ही इसमें 21 मिलीग्राम कैल्शियम, 12 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 44 मिलीग्राम फास्फोरस, 340 मिलीग्राम पोटेशियम, 1 मिलीग्राम सोडियम और 0.8 मिलीग्राम आयरन मौजूद होता है।
- इसके अलावा, कद्दू में विटामिन-सी 9 मिलीग्राम, विटामिन-ई 1.06 मिलीग्राम, विटामिन-ए आरएई की मात्रा 426 माइक्रोग्राम और विटामिन-ए आईयू की मात्रा 8513 आईयू है।
- गर्भावस्था के दौरान मुख्य पोषक तत्वों में से एक फोलेट की बात की जाए, तो इसमें 16 माइक्रोग्राम फोलेट मौजूद होता है।
- साथ ही इसमें जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, राइबोफ्लेविन, सेलेनियम और मैंगनीज जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।
अब हम लेख के इस भाग में प्रेगनेंसी में कद्दू खाने के फायदे के बारे में बताएंगे।
गर्भावस्था के दौरान कद्दू खाने के स्वास्थ्य लाभ | Pumpkin Benefits In Pregnancy In Hindi
यह तो आप जान ही गए हैं कि प्रेगनेंसी में कद्दू खाना सुरक्षित हो सकता है। अब बारी आती है प्रेगनेंसी में कद्दू खाने के फायदे जानने की। चलिए, यहां जानते हैं कि प्रेगनेंसी में कद्दू खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
- डायबिटीज से बचाव : गर्भावस्था के दौरान कद्दू का सेवन मधुमेह के जोखिम को कम कर सकता है। दरअसल, कद्दू में एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होता है, जिस कारण यह डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है (6)। ऐसे में गर्भकालीन मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए कद्दू का सेवन एक स्वादिष्ट और पौष्टिक विकल्प हो सकता है।
- ब्लड प्रेशर के लिए : प्रेगनेंसी के दौरान महिला को उच्च रक्तचाप का जोखिम भी हो सकता है। यह खतरा ज्यादातर गर्भावस्था के 20वें हफ्ते के बाद हो सकता है (7)। ऐसे में रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए गर्भवती महिलाएं कद्दू का सेवन कर सकती है। कद्दू में एंटी-हाइपरटेंशन गुण मौजूद होता है, जो उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम कर सकता है (6)। इसके अलावा, हमने पहले ही जानकारी दी है कि कद्दू में पोटेशियम भी पाया जाता है। दरअसल, पोटेशियम की उचित खुराक लेने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचाव हो सकता है (8)। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए कद्दू का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
- कब्ज के लिए : अगर गर्भावस्था के लक्षणों की बात की जाए, तो इसमें कब्ज की परेशानी भी शामिल है। गर्भावस्था में हॉर्मोन परिवर्तन से महिला का पाचन तंत्र धीमा हो सकता है, जिस कारण प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या हो सकती है (9)। ऐसे में सही पाचन और कब्ज से राहत के लिए फाइबर युक्त कद्दू का सेवन लाभकारी हो सकता है (10)।
- हृदय के लिए : गर्भावस्था के दौरान हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी कद्दू का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, कद्दू में मौजूद पोटेशियम, विटामिन-सी व फाइबर हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकता है। इतना ही नहीं, कद्दू का सेवन हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकता है (1)।
- इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए : प्रेगनेंसी के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी कद्दू का सेवन उपयोगी हो सकता है। कद्दू में बीटा-कैरोटीन और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इन दोनों का मिश्रण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है (1)। इसके साथ ही कद्दू, मधुमेह, हृदय रोग व मोटापे के जोखिम को कम कर इम्यून पावर को बढ़ाने में सहायक हो सकता है (11)।
- आंखों के लिए : गर्भवती महिलाओं में आंखों की समस्या होना भी सामान्य है (12)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान आंखों को स्वस्थ रखने और दृष्टि से संबंधित समस्या से बचाव के लिए कद्दू का सेवन किया जा सकता है। कद्दू में एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट बीटा-कैरोटीन होता है, जो शरीर में जाते ही विटामिन-ए में बदल जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट आंखों को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है (13)।
- त्वचा के लिए : गर्भावस्था के दौरान होने वाले हॉर्मोनल बदलावों का असर त्वचा पर भी हो सकता है (9)। ऐसे में त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए कद्दू का सेवन किया जा सकता है। इसमें मौजूद बीटा-कैरोटीन प्राकृतिक तौर पर सनब्लॉक का कार्य कर सकता है और सूरज के हानिकारक किरणों के प्रभाव से बचाव कर सकता है। वहीं, इसमें विटामिन-सी और विटामिन-ई के साथ-साथ ल्यूटिन और जियाजैंथिन भी शामिल है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकते हैं (1)।
- फोलेट का स्रोत : गर्भावस्था के पहले और दौरान फोलेट या फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूरी है। गर्भावस्था में फोलेट का सेवन होने वाले शिशु में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (रीढ़ और दिमाग संबंधित समस्या) के जोखिम को कम कर सकता है (14)। ऐसे में हमने पहले ही जानकारी दी है कि कद्दू में कुछ मात्रा में फोलेट भी मौजूद होता है (5)। ऐसे में अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ फोलेट युक्त कद्दू का सेवन भी उपयोगी हो सकता है।
चलिए, अब जानते हैं कि क्या प्रेगनेंसी में पंपकिन खाने के कोई नुकसान भी है।
क्या प्रेगनेंसी में कद्दू का सेवन करने के कोई दुष्प्रभाव हैं?
गर्भावस्था में कद्दू खाने से किस तरह के साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं, इसके बारे में उचित शोध उपलब्ध नहीं है। हां, अगर गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ को अधिक मात्रा में खाया जाए, तो इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। यह बात कद्दू पर भी लागू होती है। ऐसे में गर्भावस्था में कद्दू का अधिक सेवन करने से क्या नुकसान हो सकते हैं, इनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।
- जैसा कि हमने जानकारी दी है कि कद्दू में कैल्शियम मौजूद होता है। वहीं, कैल्शियम की अधिकता की वजह से किडनी स्टोन का जोखिम बढ़ सकता है (15)।
- अगर किसी महिला का शरीर संवेदनशील है या नए खाद्य पदार्थों से जल्द एलर्जी की परेशानी है, तो कद्दू से एलर्जी हो सकती है। इससे खुजली, चेहरे व होंठ में सूजन और सांस फूलने की समस्या हो सकती है (16)।
अब जानते हैं गर्भावस्था के दौरान कद्दू खाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
कद्दू खाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान कद्दू के नुकसान से बचने के लिए कुछ सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसे में हम यहां प्रेगनेंसी में कद्दू खाने से जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। गर्भावस्था के दौरान कद्दू के सेवन से जुड़ी सावधानियां कुछ इस प्रकार है :
- कद्दू को खरीदते वक्त ध्यान रखें कि उस पर किसी प्रकार का दाग न हो और कद्दू गला या सड़ा हुआ न हो।
- कद्दू को काटने से पहले अच्छी तरह धो लें।
- काटने वाले चाकू और चॉपिंग ट्रे को भी अच्छी तरह से धो लें।
- कद्दू को काटने के बाद और उपयोग से पहले भी एक बार धो लें।
- चाहें तो कद्दू के बीज निकालकर उसका उपयोग कर सकते हैं।
- कद्दू को हमेशा अच्छी तरह से पकाकर ही सेवन करें।
- इसका सेवन करते वक्त मात्रा का ध्यान रखें और जरूरत से ज्यादा या हर रोज इसका सेवन न करें।
अब यह भी जान लेते हैं कि गर्भावस्था में कद्दू को किस प्रकार खाना चाहिए।
गर्भावस्था में कद्दू का आनंद लेने के सर्वोत्तम तरीके
कद्दू को पका हुआ, भुना हुआ, सूप के रूप में, उबालकर या पसंदीदा तरीके से सब्जी बना कर सेवन किया जा सकता है। ऐसे में हम यहां कद्दू की कुछ आसान रेसिपी आपके साथ साझा कर रहे हैं। नीचे बताई कद्दू की रेसिपी से आप प्रेगनेंसी के दौरान पंपकिन के पोषक तत्वों और स्वाद का आनंद ले सकते हैं।
1. कद्दू की सब्जी
सामग्री :
- लगभग 300 ग्राम कद्दू (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)
- स्वादानुसार नमक
- आधा छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
- आधा छोटा चम्मच धनिया पाउडर
- एक चौथाई चम्मच अदरक (कद्दूकस किया हुआ)
- आधा छोटा चम्मच गरम मसाला
- 1 से 2 कटी हुई हरी मिर्च
- 1 बारीक कटा हुआ प्याज
- 1 कटा हुआ टमाटर
- एक चौथाई चम्मच जीरा
- एक तेजपत्ता
- एक से दो चम्मच बारीक कटा हुआ धनिया पत्ता
- आवश्यकतानुसार खाना पकाने का तेल
- जरूरत के अनुसार पानी
विधि :
- सबसे पहले कटे हुए कद्दू को साफ पानी से धो लें।
- अब एक कड़ाही को गैस पर रखें और उसमें जरूरत के अनुसार तेल डालें।
- तेल जब गर्म होने लगे, तो उसमें जीरा डालकर चम्मच से चलाते रहें।
- कुछ सेकंड बाद इसमें कटा हुआ प्याज, हरी मिर्च और अदरक डाल दें ।
- सारी सामग्रियां डालने के बाद उन्हें कुछ सेकंड के लिए चम्मच से चलाते रहें।
- अब इसमें टमाटर डालें और थोड़ी देर चलाएं।
- फिर इसमें कद्दू डालें और सभी सामग्रियों को मिक्स कर लें।
- अब इसमें सभी मसाले और स्वादानुसार नमक डालें।
- सभी सब्जियों और मसालों को चम्मच की मदद से अच्छी तरह से मिक्स कर लें।
- जब मसालों के किनारों से तेल अलग होने लगे, तो आवश्यकतानुसार पानी डालें और फिर कड़ाही को किसी प्लेट या ढक्कन से कवर कर दें।
- गैस के मध्यम आंच पर सब्जी को तब तक पकाना है, जब तक कद्दू नर्म न हो जाए।
- सब्जी को बीच-बीच में ढक्कन हटाकर चम्मच से चलाते रहें।
- जब सब्जी पक जाए, तो गैस बंद कर दें।
- सब्जी पक जाने के बाद इसे एक कटोरे में निकाल लें और धनिए की पत्तियां डालकर सर्व करें।
- तैयार है गर्भवती के लिए पौष्टिक और स्वादिष्ट कद्दू की सब्जी।
- इसे रोटी, पराठे या चावल के साथ खाएं।
2. कद्दू की खीर
सामग्री :
- 1 कप कद्दू का गूदा
- 1 लीटर पाश्चराइज्ड दूध
- स्वादनुसार चीनी
- 1 बड़ा चम्मच घी
- 2 इलायची
- 1 या 2 केसर के रेशे
- 4 से 5 बारीक कटे हुए बादाम
विधि :
- कद्दू को छीलकर उसे धो लें।
- अब कद्दू को घिस लें। इसके बाद एक बार साफ पानी से इसे धोकर पानी से अलग कर दें।
- अब घिसे हुए कद्दू को निचोड़कर उससे पानी निकाल दें।
- फिर एक कड़ाही को गैस पर रखें और इसमें आवश्यकतानुसार घी डालें।
- ध्यान रहे कि इस दौरान गैस को मध्यम आंच पर रखें।
- घी गर्म होने के बाद उसमें कद्दू डालें और धीमी आंच पर कद्दू को भूनें।
- थोड़ी देर तक इसे भूनने के बाद इसमें चीनी मिलाएं।
- फिर थोड़ी देर और इसे भूनें।
- ध्यान रहे कि यह कड़ाही में चिपके नहीं।
- अब इसमें दूध मिलाएं, फिर हर थोड़ी देर में चलाते रहें।
- इसे तब तक पकाइएं, जब तक कि कद्दू सॉफ्ट न हो जाए।
- थोड़ी देर चलाने के बाद इसमें इलायची और केसर डालें।
- फिर इस मिश्रण को थोड़ा गाढ़ा होने तक पकाएं।
- जब यह गाढ़ा हो जाए, तो गैस बंद कर दें।
- अब इसे सर्विंग बाउल में निकालें और बारीक कटे हुए बादाम के साथ सर्व करें।
- तैयार है स्वादिष्ट और पौष्टिक कद्दू की खीर।
3. कद्दू का सूप
सामग्री :
- 1 कटोरी कद्दू के टुकड़े (इसके बीज निकालकर अलग कर दें)
- 1 टमाटर चार भाग में कटा हुआ
- 1 प्याज छोटे टुकड़ों में कटा हुआ
- आवश्यकतानुसार पानी
- स्वादानुसार नमक
विधि :
- कद्दू का छिलका और बीज निकाल कर उसे छोटे टुकड़ों में काट लें।
- फिर कद्दू, प्याज और टमाटर को साफ पानी से धो लें।
- अब प्रेशर कुकर में कद्दू, प्याज और टमाटर डालें।
फिर इसमें आवश्यकतानुसार नमक डालें और थोड़ी देर के लिए सभी सब्जियों को भूनें। - अब इसमें पानी डालकर 3 से 4 सीटी तक इसे पकाएं।
- जब कुकर की गैस निकल जाए, तो बचे हुए पानी समेत सब्जियों को एक बर्तन में निकाल लें और थोड़ा ठंडा होने दें।
- जब सब्जियां ठंडी हो जाए, तो इन्हें मिक्सर में अच्छे से पीस लें।
- पीसने के बाद एक बार फिर से एक पैन में इस मिश्रण को निकालें और 3 से 4 उबाल आने तक मध्यम आंच पर इसे पकाएं।
- कुछ देर बाद गैस बंद कर दें और फिर एक कटोरी में इस सूप को निकालें और गरमा-गरम इसका सेवन करें।
नोट : अगर ऊपर बताए गए किसी भी सामग्री से गर्भवती को एलर्जी हो, तो उसे रेसिपी में शामिल न करें।
गर्भावस्था में कद्दू का सेवन करना पूरी तरह से गर्भवती महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि कद्दू एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, लेकिन इसके बारे में उचित जानकारी होनी जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, हमने इस लेख के माध्यम से अपने पाठकों तक ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचाने की कोशिश की है। उम्मीद करते हैं कि यहां दी गई जानकारी से आपको काफी मदद मिलेगी। हमारे लेख का उद्देश्य बस गर्भवती और होने वाले शिशु की सुरक्षा का ख्याल रखना है। ऐसे में इस लेख को दूसरों के साथ शेयर कर इन मुख्य जानकारियों को दूसरों तक भी पहुंचाएं और हमारे उद्देश्य को सफल बनाएं।
References
1. Prophetic vegetable Pumpkin, Its impressive health benefits and total analysis BY ACADEMIA
2. Proper Maternal Nutrition during Pregnancy Planning and Pregnancy BY WHO
3. Healthy eating during your pregnancy BY EAT FOR HEALTH
4. Healthy Eating During Pregnancy and Breastfeeding BY FAMILY HEALTH SERVICE
5. Pumpkin, raw BY FOOD DATA CENTRAL
6. Local knowledge of pumpkin production, performance and utilization systems for value addition avenues from selected agro-ecological zones of Uganda BY AFRICAN JOURNAL OF AGRICULTURAL RESEARCH
7. High Blood Pressure in Pregnancy BY MEDLINEPLUS
8. Potassium in preventing and treating high blood pressure BY PUBMED
9. Common symptoms during pregnancy BY MEDLINEPLUS
10. High-fiber foods BY MEDLINEPLUS
11. Quality characteristics and storage stability of reduced-calorie mung bean marzipan incorporated with konjac flour and pumpkin BY INTERNATIONAL FOOD RESEARCH JOURNAL
12. Pregnancy and the Eye BY NCBI
13. Skin and hair changes during pregnancy BY MEDLINEPLUS
14. Folate for pregnant women BY BETTER HEALTH
15. Calcium in diet BY MEDLINEPLUS
16. Allergy to pumpkin and cross-reactivity to other Cucurbitaceae fruits BY JOURNAL OF ALLERGY AND CLINICAL IMMUNOLOGY
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