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गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं का मन मसालेदार भोजन करने को करता हैं, लेकिन प्रेगनेंसी के लिए ऐसा भोजन सुरक्षित नहीं होता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं का सबसे अच्छा विकल्प काली मिर्च हो सकता है। काली मिर्च में कई प्रकार के औषधीय गुण भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने गए हैं (1)। वहीं, गर्भावस्था में इसके सेवन को लेकर कुछ सावधानियां रखना भी जरूरी है। इसलिए, अगर अपने गर्भावस्था के आहार में काली मिर्च को शामिल करना चाहते हैं, मॉमजंक्शन का आर्टिकल फायदेमंद हो सकता है। यहां हम गर्भावस्था के दौरान काली मिर्च सेवन से होने वाले फायदे बता रहे हैं। साथ ही इसे उपयोग करते समय बरती जाने वाली सावधानियों पर भी प्रकाश डालेंगे।
इस लेख में सबसे पहले जानते हैं कि क्या काली मिर्च का सेवन गर्भावस्था में सुरक्षित होता है।
क्या प्रेगनेंसी में काली मिर्च खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Kali Mirch Kha Sakte Hai
हां, गर्भावस्था में अन्य खाद्य सामग्री के साथ काली मिर्च का सीमित मात्रा में सेवन करना सुरक्षित माना जा सकता है। यदि इसे अधिक मात्रा में लिया जाता है, तब इसके सुरक्षा को लेकर चिंता हो सकती हैं (2)। वहीं, इसे गर्म खाद्य पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है, जिस कारण यह गर्भावस्था के दौरान दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन जैसी कई प्रकार की समस्या का कारण बन सकती है (3)। ऐसे में बेहतर होगा कि गर्भावस्था में काली मिर्च का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
आगे हम काली मिर्च में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।
काली मिर्च की न्यूट्रिशनल वैल्यू
काली मिर्च में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो गर्भावस्था के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। ये पोषक तत्व कुछ इस प्रकार से हैं (4)।
- प्रति 100 ग्राम काली मिर्च में 12.46 ग्राम पानी, 251 केसीएएल (kcal) ऊर्जा, 10.39 ग्राम प्रोटीन, 63.95 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 25.3 ग्राम फाइबर व 0.64 ग्राम चीनी की मात्रा होती है।
- मिनरल्स की बात करें, तो प्रति 100 ग्राम काली मिर्च में 443 मिलीग्राम कैल्शियम, 9.71 मिलीग्राम आयरन, 171 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 158 मिलीग्राम फास्फोरस, 1329 मिलीग्राम पोटेशियम, 20 मिलीग्राम सोडियम पाया जाता है।
- जिंक की 1.19 मिलीग्राम, कॉपर की 1.33 मिलीग्राम, मैंगनीज की 12.753 मिलीग्राम और सेलेनियम की 4.9 माइक्रोग्राम मात्रा 100 ग्राम काली मिर्च में पाई जाती है।
- वहीं, 100 ग्राम काली मिर्च में 0.291 मिलीग्राम विटामिन-बी 6, 27 माइक्रोग्राम विटामिन-ए , 163.7 माइक्रोग्राम विटामिन-के और 17 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा पाई जाती है।
आर्टिकल के अगले हिस्से में पढ़िए गर्भावस्था में काली मिर्च के सेवन की मात्रा के बारे में।
प्रेगनेंसी के दौरान काली मिर्च का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए? | Pregnancy Me Kali Mirch Kitni Khani Chahiye
काली मिर्च को विभिन्न पकवानों में एक चुटकी जितना लिया जा सकता है। हालांकि, गर्भावस्था में काली मिर्च का सेवन कितना करना चाहिए, इस विषय पर वैज्ञानिक शोध किया जा रहा है। इसलिए, यहां हम यही कहेंगे कि प्रेगनेंसी में काली मिर्च के सेवन की सही मात्रा की जानकारी आहार विशेषज्ञ से प्राप्त की जा सकती है।
आगे पढ़ें प्रेगनेंसी में काली मिर्च से होने वाले फायदों के बारे में।
प्रेगनेंसी के दौरान काली मिर्च खाने के फायदे | Pregnancy Me Kali Mirch Ke Fayde
काली मिर्च का सेवन करने पर कई फायदे हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आगे बता रहे हैं। हालांकि, गर्भावस्था में काली मिर्च का उपयोग करने पर क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, इस विषय पर कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। इसलिए यहां काली मिर्च से होने वाले सामान्य फायदों की जानकारी दी जा रही है।
- पाचन के लिए: काली मिर्च का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक, काली मिर्च में पाइपरिन नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह कंपाउंड अग्न्याशय के पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करता है, जो पाचन क्षमता को बढ़ाने में लाभदायक हो सकता है (5)। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, काली मिर्च से काइमोट्रिप्सिन, पैंक्रियाटिक लाइपेज और एमिलेज नामक पाचन एंजाइम की गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। इन एंजाइम से पाचन प्रक्रिया को बेहतर किया जा सकता है (6)।
- सर्दी और खांसी से छुटकारा: काली मिर्च में ऐसे कई औषधि गुण होते हैं, जो सर्दी-खांसी की समस्या में फायदेमंद हो सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च में पाया गया कि काली मिर्च में पाइपरिन (Piperine) नामक कंपाउंड होता है, जो सर्दी और खांसी की परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है। सर्दी और खांसी के लिए इसे मेडिसिन के रूप में उपयोग कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि, यह गले में खराश की समस्या को कम करने का काम भी कर सकती है (7)।
- मधुमेह की समस्या में: काली मिर्च का उपयोग मधुमेह की समस्या को कम करने में लाभकारी हो सकता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि काली मिर्च ब्लड शुगर को सामान्य रखने में मददगार हो सकती है। दरअसल, रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि काली मिर्च में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव होता है, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। इससे मधुमेह की समस्या को कुछ हद नियंत्रित किया जा सकता है (8)।
- इम्यून सिस्टम के लिए: काली मिर्च का उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए भी किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार काली मिर्च में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने और उसे सही तरह से काम करने में मदद कर सकता है (9)। ऐसे में कहा जा सकता है कि काली मिर्च शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर कर सकता है।
- रक्तचाप को नियंत्रित करे: उच्च रक्तचाप की समस्या में भी काली मिर्च के लाभ देखे गए हैं। रिसर्च में पाया गया कि काली मिर्च में पाइपरिन नामक कंपाउंड पाया जाता है। ऐसा माना गया है कि पाइपरिन रक्तचाप को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि काली मिर्च का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (10)।
- जोड़ों के दर्द के लिए: काली मिर्च को जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, रिसर्च में पाया गया है कि काली मिर्च में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थराइटिस प्रभाव होता है। ये दोनों ही प्रभाव जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के साथ-साथ गठिया की समस्या में भी लाभदायक हो सकते हैं (11) (12)।
- संक्रमण से बचाएं: काली मिर्च को ई. कोलाई और स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे कई प्रकार के बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण को दूर करने के लिए भी जाना जाता है। शोध में पाया गया है कि काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल प्रभाव पाया जाता है। काली मिर्च में पाया जाने वाला यह प्रभाव बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण को कम करने में लाभदायक हो सकता है (13)। इससे हम मान सकते हैं कि काली मिर्च का सेवन करने से गर्भावस्था के इंफेक्शन को कम करने में मदद मिल सकती है।
- धूम्रपान छुड़ाने में मदद करे: कुछ महिलाओं को सामान्य जीवन के अलावा गर्भावस्था में भी धूम्रपान करने की तलब होती है (14)। वहीं, काली मिर्च का उपयोग करने पर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। दरअसल, रिसर्च में पाया गया कि काली मिर्च के पाउडर की भाप लेने पर यह धूम्रपान की तलब को धीरे-धीरे कम हो सकती है (15)।
स्क्रॉल करके जानें की गर्भावस्था में काली मिर्च के सेवन से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान काली मिर्च खाने के नुकसान
प्रेगनेंसी में काली मिर्च का सेवन करना केवल फायदेमंद नहीं होता है( कुछ वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इसका सेवन हानिकारक भी हो सकता है। यहां हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में काली मिर्च का सेवन करने पर क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- एक रिसर्च के अनुसार काली मिर्च को गर्म खाद्य पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है। इनका अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द, दस्त और ऐंठन जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं (3)।
- एक शोध में यह भी पाया गया कि काली मिर्च का अधिक मात्रा में सेवन करना उल्टी और कुछ मामलों में गर्भपात का कारण बन सकता है (3)।
- काली मिर्च का अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन का कारण बन सकता है (16)।
- इसे आंखों के संपर्क से दूर रखना चाहिए नहीं, तो इसके कारण आंखों में जलन की समस्या हो सकती है (16)।
- गर्भवति महिलाओं को इसके कारण जलन के साथ ही खुजली की समस्या हो सकती है (16)।
नीचे पढ़ें गर्भावस्था में काली मिर्च का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में।
गर्भावस्था के दौरान काली मिर्च खाते समय बरती जाने वाली सावधानियां
काली मिर्च का सेवन करने से पहले और सेवन करते समय दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। यहां हम उन्हीं बातों पर प्रकाश डाल रहे हैं।
- सबसे पहली बात कि काली मिर्च का चयन सही होना चाहिए। बेहतर होगा कि बाजार से काली मिर्च का पाउडर लेने की जगह साबुत काली मिर्च लेकर आएं और उसे पीसकर इस्तेमाल करें। इससे मिलावट की आशंका कम होती है।
- काली मिर्च का उपयोग करने के पहले इसे अच्छी तरह से साफ कर लें।
- किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए इसे सीमित मात्रा में ही उपयोग करें।
- काली मिर्च का सेवन करने के पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- इसके सेवन से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव होने पर डॉक्टर को दिखा देना चाहिए।
- इसे अपनी आंखों के संपर्क में लाने से भी बचना चाहिए।
गर्भावस्था में खानपान पर ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि यह समय बच्चे और मां के लिए बेहद खास होता है। इस खानपान में मसालेदार खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं, जिनमें से एक काली मिर्च भी है। इसके बारे में लेख के जरिए हमने जानकारी देने की कोशिश की। हालांकि, सीमित मात्रा में काली मिर्च के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। लेकिन यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में किया गया, तो दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं, जिनका असर मां और बच्चे दोनों पर हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में काली मिर्च का सेवन करने के पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। आशा करते हैं कि काली मिर्च से जुड़ी जानकारी आपके लिए फायदेमंद रही होगी। मां और शिशु की सेहत से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए बने रहें माॅमजंक्शन के साथ।
References
1. Black pepper and health claims: a comprehensive treatise By PubMed
2. Piperine, Black Pepper (Piper nigrum) By AARM
3. Addressing barriers to maternal nutrition in low‐ and middle‐income countries: A review of the evidence and programme implications By NCBI
4. Spices, pepper, black By USDA
5. Black pepper and its pungent principle-piperine: a review of diverse physiological effects By PubMed
6. Digestive stimulant action of three Indian spice mixes in experimental rats By PubMed
7. Piper Species: A Comprehensive Review on Their Phytochemistry, Biological Activities and Applications By NCBI
8. Antidiabetic and antihyperlipidemic activity of Piper longum root aqueous extract in STZ induced diabetic rats By NCBI
9. In vitro investigation of the potential immunomodulatory and anti-cancer activities of black pepper (Piper nigrum) and cardamom (Elettaria cardamomum) By PubMed
10. Piperine, active substance of black pepper, alleviates hypertension induced by NO synthase inhibition By PubMed
11. Anti-inflammatory and antiarthritic effects of piperine in human interleukin 1β-stimulated fibroblast-like synoviocytes and in rat arthritis models By NCBI
12. anti-inflammatory agent By NHS
13. Antibacterial mechanism and activities of black pepper chloroform extract By NCBI
14. Smoking cessation in pregnancy: a continuing challenge in the United States By NCBI
15. Inhalation of vapor from black pepper extract reduces smoking withdrawal symptoms By PubMed
16 Piper Nigrum-King of Spice By OPAST
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