विषय सूची
- प्रेगनेंसी में पीठ या कमर दर्द होना सामान्य है या नहीं?
- गर्भावस्था में किन कारणों से पीठ या कमर दर्द होता है?
- गर्भावस्था में पीठ या कमर दर्द का इलाज
- गर्भावस्था के दौरान पीठ या कमर दर्द के लिए व्यायाम
- प्रेगनेंसी में पीठ या कमर दर्द होने पर डॉक्टर से कब संपर्क करें?
गर्भावस्था के शुरुआती चरण में मॉर्निंग सिकनेस, जी-मिचलाना व उल्टी आना समस्या है। दूसरी तिमाही के आते-आते ये समस्याएं कुछ कम हो जाती हैं, लेकिन कमर या पीठ दर्द की समस्या ऐसी है, जिससे गर्भवती को डिलीवरी तक जूझना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए महिला न जाने कितने उपाय करती है, जिसमें से कुछ कारगर साबित होते हैं तो कुछ नहीं होते। कभी-कभी गर्भावस्था में पीठ दर्द इतना बढ़ जाता है कि गर्भवती से सहन नहीं किया जाता। यह समस्या अधिकतर गर्भवती महिला के साथ होती ही है। इसके चलते गर्भवती को उठने-बैठने, लेटने व सोने में परेशानी होती है। इसलिए, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान होने वाले कमर दर्द के बारे में बात करेंगे। जानेंगे कि किन कारणों से गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द होता है और इसका इलाज क्या है।
प्रेगनेंसी में कमर दर्द होना सामान्य है या नहीं? | Pregnancy Me Kamar Dard
प्रेगनेंसी में कमर दर्द होना बिल्कुल सामान्य है। आधी से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को किसी न किसी तरह का कमर दर्द रहता ही है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इससे राहत पाने के लिए बहुत से उपाय अपनाए जा सकते हैं। सही समय पर सही इलाज किया जाए, तो गर्भावस्था के दौरान होने वाले पीठ दर्द से राहत पाई जा सकती है।
गर्भावस्था में पीठ दर्द के दो मुख्य प्रकार होते हैं :
- सच्चा पीठ दर्द (True back pain) : यह दर्द अस्थिबंध (यह रेशेदार संयोजी ऊतकों से बना होता है, जो हड्डियों को जोड़ता है, इसे अंग्रेज़ी में लिगामेंट कहते हैं), डिस्क, मांसपेशियों या जोड़ों पर दबाव पड़ने से होता है। यह दर्द तब भी ही सकता है, जब महिला को गर्भधारण करने से पहले भी पीठ में दर्द रहता हो।
- श्रोणि करधनी दर्द (Pelvic girdle pain) : यह दर्द श्रोणि अस्थि (शरीर का वह हिस्सा, जहां कूल्हे की दो हड्डियां स्थित होती हैं) से शुरू होकर पीठ के निचले हिस्से तक जा सकता है (1)।
पीठ दर्द के प्रमुख कारकों को जानने के बाद अब समय है यह पता करने का कि आखिर कमर दर्द होता क्यों है।
गर्भावस्था में किस कारण से पीठ दर्द होता है? | Pregnancy Me Kamar Dard Hona Ke Karan
हर गर्भवती महिला को अलग-अलग कारणों से पीठ दर्द से जूझते पाया जाता है। ज्यादातर बढ़ता वजन गर्भवती महिला के लिए पीठ दर्द का कारण बनता है। इसके अलावा, पहले से ही पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना, ज्यादा काम करना व श्रोणि में चोट लगना आदि गर्भावस्था में कमर दर्द के कारण हो सकते हैं। नीचे हम गर्भावस्था में होने वाले पीठ दर्द के कारणों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं :
- वजन बढ़ना : प्रेगनेंसी के दौरान पीठ और कमर दर्द का सबसे आम कारण वजन बढ़ना होता है। आमतौर पर गर्भावस्था में 11.5 से 16 किलो के बीच वजन बढ़ता है, जिस कारण कमर दर्द की समस्या होती है (2)। बढ़े हुए वजन को रीढ़ की हड्डी ही सपोर्ट करती है, जिस कारण गर्भवती को पीठ दर्द होने लगता है।
- हार्मोन में परिवर्तन : पीठ दर्द होने का एक कारण हार्मोन में परिवर्तन होना भी है। इस दौरान, शरीर में रिलैक्सिन (Relaxin) नाम का हार्मोन बनता है, जो बच्चे के जन्म के लिए श्रोणि भाग को ढीला करता है। इस हार्मोन के कारण गर्भवती को पीठ में दर्द हो सकता है (3)।
- मांसपेशियां अलग होना : गर्भाशय बढ़ने के कारण मांसपेशियां अलग होने लगती हैं, जिससे पीठ दर्द और तेज होने लगता है।
- तनाव के कारण : गर्भावस्था में अधिकतर महिलाएं किसी न किसी बात को लेकर तनाव में आ ही जाती हैं। कभी डिलीवरी को लेकर डर, तो कभी होने वाले बच्चे की सेहत को लेकर। इस कारण भी गर्भवती को पीठ में दर्द हो सकता है। ऐसे में पीठ में ऐंठन होना आम बात है। (4)
- सही मुद्रा में न रहना : गर्भावस्था के दौरान आप कैसे बैठ रही हैं और कैसे लेट रही हैं, इसका असर भी पीठ पड़ता है। गलत मुद्रा में रहने के कारण भी पीठ दर्द की समस्या होने लगती है।
आइए, अब आगे जानते हैं कि इस दर्द से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है।
गर्भावस्था में पीठ दर्द का इलाज | Pregnancy Me Kamar Dard Ka Ilaj
बेशक, यह ऐसी समस्या है, जिससे हर दूसरी गर्भवती महिला परेशान रहती है और इससे राहत पाने का उपाय वो जानना चाहती हैं। नीचे हम पीठ दर्द से राहत पाने के लिए कुछ उपाय बता रहे हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं :
- व्यायाम : गर्भावस्था में पीठ और कमर दर्द कम करने के लिए व्यायाम बहुत कारगर साबित होता है। श्रोणि मांसपेशियों और पेट के लिए किए जाने वाले व्यायाम, इस दर्द से राहत दिलाते हैं। आप डॉक्टर की सलाह से स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम कर सकती हैं। इससे आपको पीठ दर्द से राहत मिलेगी।
- मालिश : गर्भावस्था में पीठ दर्द से राहत पाने के लिए आप मालिश का सहारा ले सकती हैं। मालिश से आपको दर्द हो रही मांसपेशियों में आराम मिलता है। आप पीठ की मालिश कराने के लिए घर के किसी सदस्य की मदद ले सकती हैं या चाहें तो प्रशिक्षित थैरेपिस्ट के पास भी जा सकती हैं (5)।
- सही मुद्रा में रहें : आप कैसे बैठती हैं या फिर कैसे लेटती हैं, इन सभी मुद्राओं का असर आपकी पीठ पर होता है। इसलिए, हमेशा सही मुद्रा में रहें। अगर आप बैठ रही हैं, तो आरामदायक तकिये को पीठ के पीछे लगाकर बैठें। वहीं, लेटते समय बाईं ओर करवट लेकर लेटें (6)। आप चाहें तो लेटते समय दोनों पैरों के बीच तकिया लगा सकती हैं।
- मेटरनिटी बेल्ट : आपको बाजार में आसानी से गर्भावस्था के दौरान पेट पर बांधने वाली बेल्ट मिल जाएगी। आप इस बेल्ट का इस्तेमाल पीठ दर्द में राहत पाने के लिए कर सकती हैं। यह बेल्ट बढ़े हुए पेट का भार संभाल लेती है, जिससे आपको पीठ दर्द से राहत मिल सकती है (7)।
- आरामदायक जूते व चप्पल पहनें : गर्भावस्था के दौरान आपको आरामदायक चप्पल या फिर जूते पहनने चाहिए। ऊंची हील पहनने से आपका पॉश्चर बिगड़ सकता है, जिस कारण पीठ दर्द हो सकता है।
- एक्यूपंक्चर : आप किसी प्रशिक्षक से एक्यूपंक्चर थैरेपी करा सकती हैं। इससे आपको कमर दर्द से राहत मिलेगी (8)।
- भारी सामान न उठाएं : गर्भावस्था में भारी सामान उठाने से बचना चाहिए। इससे आपकी पीठ पर बुरा असर पड़ता है और दर्द बढ़ सकता है।
- पीठ के बल न झुकें : कोशिश करें कि पीठ के बल न झुकें। अगर आपको झुककर कोई सामान उठाना भी पड़े, तो पहले घुटने के बल झुकें और फिर सामान उठाएं। इस दौरान अपनी पीठ पर दबाव न पड़ने दें।
- सहारा लेकर बैठें : अगर आप कुर्सी पर बैठती हैं, तो कमर के पीछे आरामदायक तकिया लगाकर बैठें। इससे आपकी कमर को आराम मिलेगा।
- ज्यादा देर तक खड़ी न रहें : अगर आप कामकाजी महिला हैं और आपका काम ज्यादा देर तक खड़े रहने का है, तो कोशिश करें कि अपने पैरों की स्थिति बदलते रहें। आप एक ही पैर पर वजन न पड़ने दें। इसके अलावा, कोशिश करें कि आप बीच-बीच में बैठती रहें।
- तंग कपड़े न पहनें : गर्भावस्था में हमेशा ढीले-ढाले कपड़े ही पहनें। तंग कपड़े पहने से आपकी पीठ में दर्द बढ़ सकता है।
- उठने का तरीका : अगर आप लेटी हैं और उठना चाहती हैं, तो झटके से न उठें। पहले एक तरफ करवट लें, फिर धीरे-धीरे बैठने की स्थिति में आएं और आराम से खड़ी हो जाएं।
हमारे लिए यह जानना भी जरूरी है कि पीठ दर्द होने पर गर्भवती महिला को किस तरह के व्यायाम करने चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द के लिए व्यायाम
गर्भावस्था में कमर दर्द से राहत पाने के लिए व्यायाम काफी कारगर साबित होता है। आपको सही मुद्रा अपनाकर प्रशिक्षक की निगरानी में रहकर व्यायाम करना चाहिए। नीचे हम कुछ व्यायाम बता रहे हैं, जिन्हें आप पीठ दर्द से राहत पाने के लिए कर सकती हैं (9):
- कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज : थोड़ी देर के लिए सैर करना फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर आप स्विमिंग जानती हैं, तो इसे भी कर सकी हैं। इन शारीरिक गतिविधियों के करने से पीठ दर्द में राहत मिल सकती हैं (10)। आप ये व्यायाम 20 से 25 मिनट के लिए सप्ताह में तीन बार कर सकती हैं।
- श्रोणि तल : गर्भावस्था में कमर दर्द से राहत पाने के लिए श्रोणि तल के व्यायाम भी मदद कर सकती हैं। इसके लिए आपको पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाना है। अब घुटनों को मोड़ लें और तलवों को जमीन पर लगाएं। इसके बाद कमर को थोड़ा ऊपर उठाने की कोशिश करें। जितना आराम से हो सके, कमर को ऊपर उठाएं और फिर से पहली वाली स्थिति में लौट आएं। इस व्यायाम से आपको कमर के निचले हिस्से में दर्द से राहत मिल सकती है।
- किगल व्यायाम : गर्भावस्था में कमर दर्द से राहत पाने के लिए किगल व्यायाम भी कर सकते हैं। इसके लिए पहले आप फर्श पर बैठ जाएं या लेट जाएं। अब अपने श्रोणि तल में अंदर की ओर खिंचाव लाएं, लेकिन ध्यान रहे कि किगल व्यायाम करते समय आपके जांघों, पेट या कूल्हों पर किसी तरह की परेशानी महसूस न हो (11) (12)।
- दीवार पर स्क्वाट : गर्भावस्था में दीवार का सहारा लेकर स्क्वाट करने से कमर दर्द में राहत मिल सकती है। इसके लिए आपको दीवार पर कमर लगाकर एकदम सीध खड़े होना है और पैरों के बीच एक से दो फुट का अंतर रखें। अब कमर से दीवार को धकेलते हुए घुटनों के बल 90 डिग्री की अवस्था में आएं। कुछ सेकंड बाद अपनी अवस्था में फिर से लौट आएं। इस व्यायाम से आपको कमर दर्द से राहत मिल सकती है।
- बिल्ली और ऊंट व्यायाम : यह व्यायाम करने से भी गर्भावस्था के दौरान होने वाले कमर दर्द से राहत मिल सकती है। इसके लिए आपको नीचे झुकना है और चार पैर जैसे जानवर की अवस्था में आना है। अब सिर ऊपर उठाते हुए छत को देखने की कोशिश करें और साथ ही कमर को नीचे की तरह झुकाते हुए धनुष का आकार बनाने की कोशिश करें। इसके बाद सिर को नीचे झुकाते हुए नाभी को देखने की कोशिश करें और पीठ को ऊपर की तरफ उठाएं। 10-15 सेकंड इसी अवस्था में रहने की कोशिश करें और फिर सामान्य अवस्था में लौट आएं।
नोट : ध्यान रहे कि गर्भावस्था एक नाजुक दौर है और हर महिला की शारीरिक स्थिति अलग होती है। इसलिए, कोई भी व्यायाम करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें और प्रशिक्षक की निगरानी में रहकर ही व्यायाम करें।
अब लेख के इस भाग में जानेंगे कि कमर दर्द होने पर किन परिस्थितियों में डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है।
प्रेगनेंसी में कमर दर्द होने पर डॉक्टर से कब संपर्क करें?
जरूरी नहीं कि गर्भावस्था में होने वाला कमर दर्द सामान्य ही हो। कभी-कभी यह आने वाली परेशानी का संकेत भी हो सकता है। इसलिए, कमद दर्द को गंभीरता से लें और इन लक्षणों को पहचानें। नीचे बताई गई स्थितियों में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए :
- अगर यह दर्द गंभीर और असहनीय हो।
- अगर यह दर्द अचानक से शुरू हुआ हो और लगातार बढ़ रहा हो।
- अगर आपको पेशाब करने में चुभन या किसी अन्य तरह की तकलीफ हो रही हो।
- अगर दर्द कमर से होता हुआ जांघों की तरफ जाए और पेट के निचले हिस्से में भी दर्द हो, तो यह लेबर पैन का भी संकेत हो सकता है।
लगातार और तेज दर्द होना समय से पहले प्रसव का संकेत भी हो सकता है। ऐसा तब हो सकता है जब मां या बच्चे को गर्भावस्था के दौरान कोई मेडिकल परेशानियां ज्यादा हो रही हो।
गर्भावस्था में कमर दर्द होना सामान्य है, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके काम आएगा और इसमें दिए गए टिप्स पीठ दर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगे। वहीं, अगर दर्द अधिक हो और गर्भवती महिला को परेशानी महसूस हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, यह लेख आप उन सभी परिचित गर्भवती महिलाओं के साथ जरूर शेयर करें, जिन्हें कमर दर्द की समस्या रहती है।
References
1. Pregnancy-related pelvic girdle pain: an update By US National Library of Medicine National Institutes of Health
2. Pregnancy and birth: Weight gain in pregnancy By US National Library of Medicine National Institutes of Health
3. Back Pain in Pregnancy By university of rochester medical center
4. Back Pain During Pregnancy By Lifespan
5. Pregnancy massage By Health direct
6. Survey of maternal sleep practices in late pregnancy in a multi-ethnic sample in South Auckland, New Zealand By NCBI
7. Effectiveness of maternity support belts in reducing low back pain during pregnancy By NCBI
8. Acupuncture for pelvic and back pain in pregnancy: a systematic review. By US National Library of Medicine National Institutes of Health
9. The effect of exercise on the intensity of low back pain in pregnant women By NCBI
10. Back pain prevention By Health direct
11. Kegel exercises – self-care By Medline Plus
12. Kegel (“kay-gill”) exercises: How to strengthen your pelvic floor muscles By university of rochester medical center
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