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किडनी स्टोन किसी को भी हो सकता है, जिसमें गर्भावस्था भी शामिल है। यूं तो प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन होना आम नहीं है, लेकिन खराब जीवनशैली और कुछ बातों को नजरअंदाज करने से गर्भावस्था में गुर्दे की पथरी हो सकती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन के लक्षण क्या हैं और यह कितना जोखिम भरा हो सकता है? प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन से जुड़े इन सभी सवालों के जवाब हम मॉमजंक्शन के इस लेख में लेकर आए हैं। गर्भावस्था में गुर्दे की पथरी के घरेलू उपचार और इससे जुड़ी अन्य सभी जरूरी जानकारियों के लिए अंत तक पढ़ें यह लेख।
सबसे पहले जानते हैं कि किडनी स्टोन आखिर क्या है।
किडनी स्टोन क्या है?
गुर्दे की पथरी एक तरह का ठोस पदार्थ है, जो पेशाब में मौजूद पदार्थों से किडनी में बनती है। यह स्टोन रेत के दाने जितना छोटा या मोती जितना बड़ा हो सकता है। यूं तो छोटे आकार की पत्थरी पेशाब मार्ग से आसानी से निकल जाती है, लेकिन कभी-कभी यह पेशाब मार्ग में फंसकर पेशाब के प्रवाह को रोक सकती है (1)।
अब जानते हैं कि गर्भावस्था में किडनी स्टोन होना कितना सामान्य है।
प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होना कितना आम है?
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन होना आम नहीं है। गर्भावस्था में कुछ ही महिलाओं को किडनी स्टोन होता है। एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि प्रेगनेंसी में यह 1500 में से 1 महिला को हो सकता है। गुर्दे की पत्थरी होने का खतरा दूसरी या तीसरी बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को अधिक होता है। करीब 80 से 90 प्रतिशत किडनी स्टोन दूसरी या तीसरी तिमाही में होते हैं। इसका इलाज चुनौतीपूर्ण हो सकता है (2)।
आगे पढ़िए कि गर्भावस्था में किडनी स्टोन होने के लक्षण क्या-क्या हैं।
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन के लक्षण
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन के लक्षण आम दिनों से अलग नहीं होते हैं। यह लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि कई बार किडनी स्टोन का पता लगा पाना भी मुश्किल हो जाता है (2) (3)।
- बुखार
- मतली या उल्टी
- लगातार पेट दर्द
- कमर में दर्द
- पेशाब में खून आना
- पेशाब के रंग में बदलाव होना
- ठंड लगना
- पेशाब में रुकावट होना
लेख के इस भाग में आप जानेंगे कि गर्भावस्था में किडनी स्टोन किन कारणों से होता है।
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन के कारण
गर्भावस्था में किडनी स्टोन कई कारणों से हो सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (4):
- आनुवंशिक – गर्भवती के परिवार के किसी सदस्य को किडनी स्टोन की समस्या रही हो, तो उसे भी किडनी स्टोन हो सकता है।
- पानी कम पीना – अगर महिलाएं कम पानी पी रही हैं, तो भी किडनी स्टोन हो सकता है। ऐसे में गर्भावस्था के समय पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। वरना गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ सकता है।
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन – यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की समस्या से जूझ रही गर्भवतियों को भी किडनी स्टोन हो सकता है। यूटीआई एक प्रकार का बैक्टीरियल संक्रमण है। ऐसे में इस समस्या से जूझ रही महिलाओं को सतर्क रहना चाहिए।
- डाइट – खानपान भी प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन का एक कारण है। अधिक सोडियम, कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों या मीट के सेवन से किडनी स्टोन हो सकता है।
- बढ़ता वजन – गर्भावस्था से पहले व इस दौरान बढ़ता वजन भी किडनी स्टोन की वजह बन सकता है।
- मधुमेह – अगर गर्भवती को मधुमेह की समस्या हो, तो भी किडनी स्टोन का जोखिम हो सकता है। ऐसे में गर्भकालीन मधुमेह की समस्या वाली महिलाओं को सतर्क रहना चाहिए।
नीचे पढ़ें गर्भावस्था में किडनी स्टोन की जांच से जुड़ी कुछ विशेष बातें।
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन की जांच
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन के निदान या जांच करना आसान नहीं है। ऐसे में डॉक्टर इसके निदान का विकल्प बहुत ही सावधानी से चुनते हैं। डॉक्टर नीचे बताए गए टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं (2) (4):
- यूरिन टेस्ट
- ब्लड टेस्ट
- लो डोज सीटी स्कैन
- अल्ट्रासोनोग्राफी
- ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड स्कैन (योनि के माध्यम से किया जाने वाला स्कैन)
अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान गुर्दे की पथरी को निकलने में कितना वक्त लग सकता है।
प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी को निकलने में कितना समय लगता है?
किडनी स्टोन का आकार 5 mm से कम होने पर यह प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते में निकल सकती है। कुछ मामलों में किडनी स्टोन गर्भावस्था के बाद भी निकलते हैं (2)। अगर गुर्दे की पथरी का साइज 5 से 10 मिमी के बीच है, तो इसके पेशाब से निकलने की संभावना 47 प्रतिशत ही होती है। इसी वजह से इतनी या इससे बड़े साइज वाले किडनी स्टोन का इलाज करने के लिए मेडिकल उपचार व अन्य विकल्प की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं।
अब बारी आती है प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन के इलाज पर गौर करने की।
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन का इलाज | Pregnancy Me Kidney Stone Ka Ilaj
गर्भावस्था में किडनी स्टोन का इलाज डॉक्टर स्टोन के कारण, उसके लक्षण और गंभीरता के आधार पर कर सकते हैं। लेख के इस भाग में हम इसी बारे में जानकारी दे रहे हैं (4):
मेडिकल उपचार
गर्भावस्था के दौरान किडनी स्टोन के मेडिकल उपचार के तौर पर डॉक्टर दर्द कम करने वाली दवाइयां दे सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थ लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर संक्रमण हो गया है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक लेने को भी कह सकते हैं।
सर्जिकल उपचार
- नेफ्रोस्टोमी – परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर नेफ्रोस्टोमी की सलाह दे सकते हैं। इसमें एक या दोनों किडनी में ट्यूब डाली जाती है और उस ट्यूब की मदद से एक थैली (कैथेटर) में पेशाब निकाला जाता है (4)।
- यूरेटेरोस्कोपी – गर्भावस्था में स्टोन की समस्या से निजात पाने के लिए यह एक सुरक्षित तरीका हो सकता है (5)। यूरेटेरोस्कोप नाम की एक छोटी सी लेजर ट्यूब किडनी में डाली जाती है, जिसकी मदद से स्टोन को तोड़ा जाता है।
आगे गर्भावस्था में किडनी स्टोन से जुड़े कुछ घरेलू उपचार जानते हैं।
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन के घरेलू उपचार | Pregnancy Main Gurde Ki Pathri Ke Upay
किडनी स्टोन से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय के तौर पर डाइट में तरल पदार्थों को शामिल किया जाना चाहिए। ऐसे में आगे जानिए कि प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन से छुटकारा पाने के लिए कौन से तरल पदार्थ लिए जा सकते हैं (6):
- पानी – ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी और अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें। अपने आप को जितना हो सके हाइड्रेट रखने की कोशिश करें।
- नींबू – किडनी स्टोन से बचाव के लिए गर्भावस्था में नींबू पानी का सेवन भी कर सकते हैं। इससे शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा के साथ ही यूरिन सिट्रेट लेवल भी बढ़ाता है, जिससे किडनी में स्टोन को बनने से रोका जा सकता है (7)।
- अनार – गर्भावस्था में किडनी स्टोन से राहत पाने के लिए अनार या अनार के जूस का सेवन भी किया जा सकता है (8)। यह न सिर्फ किडनी स्टोन के लिए उपयोगी है, बल्कि गर्भावस्था के लिए अनार एक पौष्टिक आहार भी साबित हो सकता है (9)।
- गन्ने का रस – किडनी स्टोन के लिए गन्ने का रस भी अच्छा विकल्प है। यह किडनी स्टोन की समस्या से काफी हद तक राहत दिलाने में सहायक हो सकता है। दरअसल, इसमें मूत्रवर्धक गुण होता है। इस प्रभाव के कारण पेशाब ज्यादा आता है, जिसके माध्यम से पथरी निकल सकती है। साथ ही यह किडनी संबंधित अन्य बीमारी के जोखिम को कम करने और मॉर्निंग सिकनेस से भी राहत दिला सकता है (10)।
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन का प्रभाव क्या हो सकता है, जानने के लिए लेख को आगे पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान गुर्दे की पथरी से होने वाले जोखिम
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन होने के लक्षण, इलाज और घरेलू उपाय के बाद अब यह जानना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान किडनी स्टोन होने से क्या जोखिम हो सकते हैं। ये जोखिम कुछ इस प्रकार हैं (2) :
- गर्भपात होने का जोखिम
- माइल्ड प्री-एक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप संबंधी विकार)
- गर्भकालीन मधुमेह की समस्या
- सी-सेक्शन का जोखिम
- लो बर्थ वेट (शिशु का जन्म के वक्त वजन कम होना)
- जन्मजात विकृतियां या दोष (Congenital Malformations)
अब जानते हैं प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन से बचाव करने के कुछ टिप्स।
गर्भावस्था के दौरान किडनी की पथरी से बचाव
अब सवाल यह उठता है कि ऐसा क्या किया जाए, जिससे प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन होने का जोखिम कम हो सके। लेख के इस भाग में हम गर्भावस्था में किडनी की पथरी से बचाव के कुछ टिप्स दे रहे हैं (4) :
- खानपान का ध्यान – अत्यधिक कैल्शियम और सोडियम युक्त आहार का सेवन न करें (4)। जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन से बचें और विकल्प के तौर पर प्लांट प्रोटीन लें। डाइट में फाइबर युक्त आहार को शामिल करें। इससे किडनी स्टोन का जोखिम कम हो सकता है (11)। जरूरत पड़े तो, डॉक्टर से डाइट चार्ट के बारे में जानकारी लें।
- जीवनशैली में बदलाव – सही डाइट के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं। समय-समय पर पानी पीने के साथ ही फलों के जूस को भी अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर व्यायाम व योग भी करें।
- डायबिटीज पर ध्यान दें – अगर किसी महिला को मधुमेह की समस्या है, तो शुगर लेवल को नियंत्रित करने की कोशिश करें। ज्यादा मीठा न खाएं और डॉक्टर द्वारा बताई बातों पर अमल करें।
अब जानते हैं कि गर्भावस्था में किडनी स्टोन के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना कब जरूरी है।
डॉक्टर से कब परामर्श करें
प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन के लक्षण नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सभी लक्षणों के बारे में हम ऊपर बता ही चुके हैं। उनके अलावा, ये लक्षण नजर आएं, तो उनकी अनदेखी न करें (3):
- कमर दर्द का बढ़ता ही जाना
- पेशाब करते समय जलन का एहसास
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या गुर्दे की पथरी का इलाज न किया जाए, तो मेरे अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है?
हां, गर्भवती में गुर्दे की पथरी का इलाज न किया जाए, तो शिशु को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं (2)। इनके बारे में हम लेख में ऊपर बता चुके हैं।
2. क्या प्रारंभिक गर्भावस्था में गुर्दे की पथरी के कारण गर्भपात हो सकता है?
प्रारंभिक गर्भावस्था में गुर्दे की पथरी के कारण गर्भपात होता है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। गर्भावस्था के दौरान अधिकांश मामलों में गुर्दे में पथरी दूसरे या तीसरे तिमाही में होती है। अगर इसका सही वक्त पर उपचार न किया जाए, तो समय पूर्व प्रसव और गर्भपात का जोखिम हो सकता है (2)।
प्रेगनेंसी के कुछ लक्षण अन्य बीमारियों के संकेत से मिलते-जुलते होते हैं। कुछ ऐसा ही गर्भावस्था के दौरान होने वाले किडनी स्टोन के साथ भी है। इसी वजह से गर्भावस्था में हर छोटी बात पर खास ध्यान देने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आप इस लेख को पढ़कर प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन और इससे संबंधित जोखिम के बारे में जान सकते हैं। अगर कभी भी पेट दर्द, कमर दर्द, बुखार जैसे किडनी स्टोन के लक्षण ज्यादा दिनों तक महसूस हों, तो बिना वक्त जाया किए डॉक्टर से संपर्क करें। इस तरह के संकेतों की अनदेखी करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
References
1. Kidney Stones By Medlineplus
2. Renal stones in pregnancy By NCBI
3. Kidney Stones By Medlineplus
4. Urolithiasis in pregnancy By Science Direct
5. Ureteroscopy during pregnancy By NCBI
6. Kidney stones – self-care By Medlineplus
7. Medical and Dietary Therapy for Kidney Stone Prevention By NCBI
8. Herbal Medicines in the Management of Urolithiasis: Alternative or Complementary? By NCBI
9. Health Benefits of Pomegranate By Researchgate
10. Potential Health Benefits of Sugarcane By Researchgate
11. Which Diet for Calcium Stone Patients: A Real-World Approach to Preventive Care By NCBI
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