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किशमिश खाना किसे पसंद नहीं है। यह न सिर्फ स्वाद में अच्छी होती है, बल्कि कई प्रकार के पोषक तत्वों और गुणों से भी भरपूर होती है। स्वास्थ्य के लिए इसका सेवन फायदेमंद माना गया है, लेकिन क्या इसका सेवन गर्भावस्था के दौरान किया जा सकता है? यह एक ऐसा सवाल है, जो किसी भी गर्भवती के मन में आ सकता है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं। यहां आप जान पाएंगे कि गर्भावस्था में किशमिश का सेवन कितना सुरक्षित है? इसके अलावा, आप जान पाएंगे कि प्रेगनेंसी में किशमिश के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं। वहीं, इस लेख में गर्भावस्था में किशमिश के नुकसान भी बताए गए हैं। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
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सबसे पहले जानते हैं कि गर्भावस्था में किशमिश का सेवन किया जाता सकता है या नहीं?
क्या किशमिश खाना गर्भावस्था में सुरक्षित है?
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, गर्भावस्था और प्रीटर्म डिलीवरी यानी समय पूर्व डिलीवरी के दौरान कई प्रकार के संक्रमण का खतरा बना रहता है। वहीं, शोध में जिक्र मिलता है कि किशमिश एंटीमाइक्रोबियल गुणों से समृद्ध होती है, जिससे माइक्रोबियल (सूक्ष्मजीव) संक्रमण से जुड़े प्रीटर्म डिलीवरी के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है (1)।
इसके अलावा, माना जाता है कि गर्भावस्था में कम वजन के कारण कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। इस दौरान कम वजन को बढ़ाने के लिए किशमिश फायदेमंद हो सकती है (2)। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि किशमिश का सेवन गर्भावस्था में सुरक्षित और फायदेमंद हो सकता है।
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स्क्रॉल करके जानिए गर्भावस्था में कितनी किशमिश खाई जा सकती है।
गर्भावस्था में एक दिन में किशमिश की कितनी मात्रा लेनी चाहिए?
गर्भावस्था में अन्य ड्राई फ्रूट्स के साथ 5 से 7 किशमिश पूरे दिन में ली जा सकती है। चाहें, तो इस दौरान इसकी सही मात्रा से जुड़ी जानकारी के लिए संबंधित डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है।
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अब आप विस्तार से जानिए गर्भावस्था में किशमिश के फायदे।
प्रेगनेंसी में किशमिश के 11 स्वास्थ्य लाभ – 11 Health Benefits of Eating Raisins/Dry Grapes During Pregnancy In Hindi
किशमिश में कई प्रकार के पोषक तत्व और गुण पाए जाते हैं, जिनका गर्भावस्था में बहुत महत्व होता है। यहां हम सबसे पहले गर्भवती के लिए किशमिश के फायदे बता रहे हैं। इसके बाद हम गर्भावस्था में किशमिश के सेवन से भ्रूण को होने वाले स्वास्थ्य फायदे के बारे में जिक्र करेंगे। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि किशमिश किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। इसका सेवन शरीर को स्वस्थ रखने और बताई जा रहीं समस्याओं से बचने व उनके प्रभाव को कम करने के लिए किया जा सकता है। अब पढ़ें आगे –
किशमिश के सेवन से गर्भवती को होने वाले स्वास्थ्य फायदे
नीचे क्रमवार जानिए प्रेगनेंसी में किशमिश का सेवन कर गर्भवती कौन-कौन से स्वास्थ्य फायदे प्राप्त कर सकती है।
1. दांतों के लिए
दांतों के लिए किशमिश फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यूएसए डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड न्यूट्रिशन के एक अध्ययन का पता चलता है, जिसमें किशमिश में मौजूद फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण को दांतों के टूटने का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को रोकने में प्रभावकारी पाया गया है। इसके अलावा, अध्ययन में इस बात की पुष्टि भी की गई कि किशमिश का सेवन कैविटी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया एस. म्यटंस (S.mutans) को दूर करने में भी फायदेमंद हो सकता है (3)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी में किशमिश का सेवन दांतों के स्वास्थ्य को बरकरार रखने में मदद कर सकता है।
2. कब्ज की समस्या में
प्रेगनेंसी में कब्ज को दूर करने में भी किशमिश फायदेमंद साबित हो सकती है। दरअसल, किशमिश फाइबर से समृद्ध होती है और फाइबर मल निकासी की प्रक्रिया का आसान बनाकर कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है (4)।
3. एनीमिया
शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए भी किशमिश का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, किशमिश में आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। किशमिश का सेवन शरीर में आयरन की पूर्ति कर आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के जोखिम को कम कर सकता है (5) (6)।
4. एसिडिटी में किशमिश के फायदे
एसिडिटी की समस्या से निजात पाने के लिए भी किशमिश का सेवन लाभदायक हो सकता है। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि किशमिश में एल्कलाइन (Alkaline) गुण होता है, जो शरीर में बढ़े हुए अल्मीय स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (7)। इससे, एसिडिटी से निजात मिल सकता है।
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5. पाचन के लिए
पाचन की समस्या में भी किशमिश के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि यह आंतों में बैक्टीरियल संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकती है। इसे शोध में बिफिडोबैक्टीरिया को बढ़ाने में सहायक पाया गया है। बिफिडोबैक्टीरिया, बैक्टीरिया का एक समूह है। ये बैक्टीरिया आंतों में रहते हैं और पाचन को बढ़ावा देने का काम कर सकते हैं (8)। इससे हम यह कह सकते हैं कि किशमिश का सेवन पाचन के लिए भी किया जा सकता है।
6. ऊर्जा के स्रोत के रूप में
किशमिश का उपयोग ऊर्जा के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में इसे कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत माना गया है। किशमिश का सेवन एक्सरसाइज के दौरान रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है, जिस कारण शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बना रह सकता है (9)। शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने के लिए आहार में किशमिश को शामिल किया जा सकता है।
7. मॉर्निंग सिकनेस में
गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस होना एक आम समस्या है। इसमें मतली और उल्टी की शिकायत होती है। इस समस्या में किशमिश के फायदे देखे गए हैं। माना जाता है कि किशमिश में विटामिन बी6 की मात्रा पाई जाती है। विटामिन बी6 मॉर्निंग सिकनेस की समस्या में फायदेमंद हो सकता है । हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है।
8. हृदय को स्वस्थ रखने में
किशमिश का सेवन हृदय के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि जरूरी फेनॉलिक कंपाउंड और फाइबर की मौजूदगी की वजह से किशमिश शरीर में एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को बढ़ाकर, कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करके और रक्तचाप को कम कम हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है (10)। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि नियंत्रित मात्रा में किया गया किशमिश का सेवन प्रेगनेंसी में हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
9. कैंसर से बचाव में
कैंसर से बचाव में भी किशमिश के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि किशमिश का मेथनॉल एक्सट्रैक्ट गैस्ट्रिक कैंसर के सेल को रोकने में मददगार हो सकता है। किशमिश के इस अर्क में कैंसर कोशिका के प्रसार को रोकने की क्षमता पाई गई है (11)। वहीं, इस बात को ध्यान में रखा जाए कि किशमिश का सेवन कुछ हद तक कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है। वहीं, अगर कोई इस बीमारी की चपेट में आ गया है, तो डॉक्टरी उपचार बहुत जरूरी है।
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यहां हम आपको बता रहे हैं कि किशमिश किस प्रकार भ्रूण के लिए फायदेमंद हो सकती है।
भ्रूण के लिए किशमिश के फायदे
किशमिश न सिर्फ मां के लिए बल्कि भ्रूण के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। यहां हम बता रहे हैं कि किस प्रकार से किशकिश का सेवन भ्रूण के लिए लाभदायक हो सकता है।
10. आंखों के लिए
भ्रूण की आंखों के विकास के लिए गर्भावस्था में किशिमिश का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि प्रेगनेंसी में कोलीन (Choline) का सेवन भ्रूण के मस्तिष्क के साथ आंखों के विकास में मददगार हो सकता है (12)। वहीं, किशमिश मे कोलीन की मात्रा पाई जाती है (13)। ऐसे में हम कह सकते हैं कि शरीर में कोलीन की पूर्ति कर किशमिश भ्रूण की आंखों के विकास में मदद कर सकती है।
11. हड्डियों के विकास के लिए
भ्रूण की हड्डियों के विकास के लिए भी किशमिश फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, किशमिश में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है (13)। वहीं, इससे जुड़े एक शोध के अनुसार, भ्रूण की हड्डियों के विकास में कैल्शियम एक अहम भूमिका निभाता है (14)। ऐसे में, हम कह सकते हैं कि गर्भावस्था में किया गया किशमिश का सेवन भ्रूण की हड्डियों के विकास में मदद कर सकता है। फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है।
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यहां हम आपको किशमिश में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।
किशमिश के पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम
नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से जानिए किशमिश में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (14)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 15.43 ग्राम |
कैलोरी | 299 केसीएएल |
प्रोटीन | 3.07 ग्राम |
फैट | 0.46 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 79.18 ग्राम |
फाइबर | 3.7 ग्राम |
शुगर | 59.19 ग्राम |
कैल्शियम | 50 मिलीग्राम |
आयरन | 1.88 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 32 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 101 मिलीग्राम |
पोटेशियम | 749 मिलीग्राम |
सोडियम | 11 मिलीग्राम |
जिंक | 0.22 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.318 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 0.6 माइक्रोग्राम |
विटामिन-सी | 2.3 मिलीग्राम |
थियामिन | 0.106 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.125 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.766 मिलीग्राम |
विटामिन-बी 6 | 0.174 मिलीग्राम |
फोलेट | 5 माइक्रोग्राम |
विटामिन- ई | 0.12 मिलीग्राम |
विटामिन- के | 3.5 माइक्रोग्राम |
फैटी एसिड टोटल, सैचुरेटेड | 0.058 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल, मोनोअनसैचुरेटेड | 0.051 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल, पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.037 ग्राम |
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चलिए, अब यह जान लेते हैं कि गर्भावस्था में किशमिश का सेवन कैसे करें।
गर्भावस्था में किशमिश को अपने आहार में कैसे शामिल करें?
निम्नलिखित रूप से प्रेगनेंसी में किशमिश का सेवन किया जा सकता है –
- एक घंटे के लिए ठंडे पानी में किशमिश भिगोएं और सोने से पहले इसे गर्म दूध के साथ खाएं।
- किशमिश का सेवन सीधे किया जा सकता है।
- एक स्वस्थ नाश्ते में अन्य ड्राई फ्रूट्स के साथ किशमिश को भी शामिल किया जा सकता है।
- किशमिश को शहद के साथ सेवन किया जा सकता है।
जानकारी बाकी है
अब जानते हैं कि किशमिश गर्भावस्था में किस प्रकार नुकसानदायक हो सकती है।
प्रेगनेंसी में किशमिश खाने के नुकसान – Side Effects of Eating Raisins While Pregnant In Hindi
इसमें कोई दो राय नहीं है कि किशमिश का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा का सेवन निम्नलिखित किशमिश के नुकसान का कारण बन सकता है। नीचे जानिए प्रेगनेंसी में किशमिश से होने वाले संभावित नुकसानों के बारे में –
- किशमिश को हाई ग्लाइसेमिक खाद्य-पदार्थों (जो ब्लड ग्लूकोज को बढ़ाने का काम करते हैं) में शामिल किया गया है (15)। ऐसे मे इसका अधिक सेवन मधुमेह के जोखिम को बढ़ाने का काम कर सकता है।
- किशमिश एलर्जी का कारण भी बन सकती है (16)।
- किशमिश के अधिक सेवन से डायरिया और गैस की समस्या भी हो सकती है (17)।
- किशमिश में फ्रुक्टोज की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन वजन को बढ़ाने का काम कर सकता है (18)।
उम्मीद है कि अब आप गर्भावस्था में किशमिश खाने के फायदे अच्छी तरह समझ गए होंगे। साथ ही इस दौरान इसका सेवन किस प्रकार किया जा सकता है, इस सवाल का जवाब भी मिल गया होगा। अब आप चाहें, तो प्रेगनेंसी की हेल्दी डाइट की लिस्ट में इसे शामिल कर सकती हैं। वहीं, इसके सेवन की मात्रा का पूरा ध्यान रखें, क्योंकि इसकी अधिक मात्रा किशमिश के नुकसान का कारण बन सकती है। सावधानी के लिए, आप संबंधित डॉक्टर से इसके सेवन की सही मात्रा और सही समय से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। आशा करते हैं कि गर्भावस्था में किशमिश के ऊपर लिखा यह लेख आपके लिए फायदेमंद रहा होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या किशमिश गर्भपात का कारण बन सकती है?
गर्भावस्था में किशमिश के कई फायदे देखे गए हैं और कुछ स्थितियों में यह नुकसानदायक भी हो सकती है। लेकिन, किशमिश के सेवन से गर्भपात के जोखिम से जुड़ा कोई शोध उपलब्ध नहीं है।
किशमिश किसे नहीं खाना चाहिए?
जिन गर्भवती महिलाओं को मधुमेह की समस्या है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
क्या गर्भावस्था के दौरान दूध के साथ मुनक्का (किशमिश) खा सकते हैं?
हां, गर्भावस्था में दूध के साथ मुनक्का का सेवन किया जा सकता है। हालांकि, किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए एक बार डॉक्टरी परामर्श भी जरूर लें।
क्या किशमिश को पानी में भिगो कर खा सकते हैं?
बिना साफ की गई किशमिश पर कई प्रकार के बैक्टीरिया हो सकते हैं। इसलिए, उन्हें पानी में धोकर ही खाना चाहिए। इसके अलावा, इसे रात को पानी में भिगोकर सुबह खाया जा सकता है।
References
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