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गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए सबसे सुखद एहसास होता है। वहीं, इस दौरान महिलाओं को एक नहीं, बल्कि कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं से भी गुजरना पड़ता है। पैरों में ऐंठन की समस्या भी इन्हीं में से एक है। यह एकदम अचानक से हो सकती है और असहनीय दर्द के साथ गर्भवती महिला को परेशान कर सकती है। इसलिए, इसके बारे में गर्भवती महिला को जानकारी होना जरूरी है, जो उन्हें मॉमजंक्शन के इस लेख में मिल सकती है। यहां हम समझाएंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान पैरो में ऐंठन होना क्या है और यह कितना सामान्य है। इसके अलावा, ऐंठन के कारण, इलाज और इससे बचाव के तरीके भी यहां बताए गए हैं।

लेख में सबसे पहले पैरों में ऐंठन की परिभाषा को समझेंगे।

प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में ऐंठन होना क्या है और क्या यह सामान्य है?

पैरों में ऐंठन को अगर आसान भाषा में समझें, तो यह तब होती है जब पिंडली यानी घुटने से नीचे के हिस्से की मांसपेशियों में अचानक जकड़न होने लगती है। यह कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रह सकती है। आमतौर पर पैरों में ऐंठन रात के समय में होती है (1)। गर्भावस्था के दौरान पैरों में ऐंठन होना बेहद सामान्य माना जाता है। इस विषय को लेकर एक शोध भी किया गया, जिसमें 120 महिलाओं को शामिल किया गया था। वहीं, इनमें से 45 प्रतिशत महिलाओं ने प्रसव के बाद बताया कि उन्हें प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में ऐंठन की समस्या हुई थी (2)

अब बारी है गर्भावस्था के दौरान पैरों में ऐंठन और दर्द के समय के बारे में जानने की।

प्रेगनेंसी के दौरान पैरो में ऐंठन और दर्द कब शुरू और खत्म होता है?

अगर बात करें प्रेगनेंसी के दौरान पैरो में ऐंठन और दर्द के शुरू होने के समय की, तो एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में इसकी शुरुआत हो सकती है (3)। इसके अलावा, गर्भावस्था के अंतिम महीनों में भी पैर में ऐंठन होना आम माना जाता है (4)। वहीं, डिलीवरी के बाद यह समस्या आमतौर पर अपने आप खत्म हो सकती है (5)

लेख के इस हिस्से में हम पैरों की ऐंठन के कारण की चर्चा करेंगे।

गर्भावस्था में पैरों की ऐंठन के कारण

प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में ऐंठन के कारण स्पष्ट नहीं है (1)। हालांकि, कुछ अन्य कारण हैं, जिन्हें पैरों में ऐंठन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। वे सभी कारण निम्नलिखित हैं (6) (5) :

  • अधिक वजन होना
  • नर्व कम्प्रेशन (नसों पर दबाव पड़ने से)
  • मांसपेशियों में अपर्याप्त रक्त प्रवाह
  • क्रॉनिक कम्पार्टमेंट सिंड्रोम (अधिक व्यायाम के कारण होने वाला दर्द)

इसके अलावा कुछ अन्य कारणों की वजह से भी पैरों में ऐंठन की समस्या हो सकती है (7) :

चलिए अब जरा पैरों में ऐंठन के लक्षणों को जान लीजिए।

प्रेगनेंसी के दौरान पैरो में ऐंठन के लक्षण

प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में ऐंठन के लक्षण निम्नलिखित हैं (8) (6) :

अब बारी आती है पैरों में ऐंठन के उपाय जानने की।

प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में ऐंठन के उपाय

गर्भावस्था के दौरान अगर किसी महिला को पैरों में ऐंठन की समस्या हो रही है, तो यहां बताए गए उपायों को अपनाकर इस समस्या से कुछ हद तक आराम जा सकता है (7) (9) :

  • पैरों में ऐंठन के समय जितना हो सके आराम करें।
  • इसके अलावा, पैरों में ऐंठन के दौरान तकिए की मदद से रात में सोते समय अपने पैरों को थोड़ा ऊपर उठाकर रखें।
  • ऐंठन के समय प्रभावित हिस्से पर कुछ देर के लिए बर्फ लगा सकते हैं।
  • ऐंठन वाली मांसपेशियों में हल्की-हल्की मालिश करें।
  • खड़े हो जाएं या फिर विपरीत दिशा में पैर को मोड़ें।
  • फॉस्फेट युक्त खाद्य पदार्थों में कमी (जैसे – सॉफ्ट ड्रिंक और पैकेट वाले खाद्य पदार्थ) में कमी करें।

 पैरों में ऐंठन के उपाय जानने के बाद इसका इलाज भी जान लीजिए।

प्रेगनेंसी के दौरान पैरों की ऐंठन का उपचार | Leg Cramps Treatment During Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दौरान पैरों में ऐंठन का इलाज निम्न तरीकों से किया जा सकता है :

  • कैल्शियम का सेवन : शरीर में कैल्शियम की कमी भी पैरों में ऐंठन का कारण बन सकती है। ऐसे में कैल्शियम का सेवन भी पैरों में ऐंठन का इलाज करने में सहायक साबित हो सकता है। इससे संबंधित एक शोध में भी बताया गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान कैल्शियम का सेवन पैरों में ऐंठन की समस्या के इलाज के लिए फायदेमंद माना जा सकता है (10)
  • मैग्नीशियम का सेवन : पैरों में ऐंठन के इलाज के लिए मैग्नीशियम का सेवन भी लाभकारी माना गया है। इस बात की जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से मिलती है। इस शोध में पाया गया है कि जिन महिलाओं को मैग्नीशियम का सेवन कराया गया उन्हें क्रैम्प की समस्या में कमी देखी गई (11)। इसके लिए डॉक्टरी परामर्श पर मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है।
  • दवा : गर्भावस्था के दौरान पैरों के ऐंठन का इलाज करने के लिए दर्द निवारक दवाओं का भी उपयोग किया जा सकता है (7)

अब जरा गर्भावस्था में पैरों की ऐंठन को कम करने के लिए घरेलू उपचार के बारे में भी जान लीजिए।

गर्भावस्था में पैरों की ऐंठन के लिए घरेलू उपाय

जैसा कि हमने लेख में बताया कि गर्भावस्था के दौरान पैरों में ऐंठन ज्यादातर रात के समय होती है और कुछ सेकंड से कुछ मिनट के लिए भी हो सकती है। ऐसे में घरेलू उपचार की मदद से कुछ हद तक इसे कम किया जा सकता है। यहां हम उन्हीं घरेलू उपचारों की चर्चा करने वाले हैं :

  • गुनगुने पानी से स्नान : एक शोध से जानकारी मिलती है कि सोने से पहले गुनगुने पानी से स्नान करने से पैरों में ऐंठन की समस्या से कुछ हद आराम मिल सकता है (12)
  • मसाज या स्ट्रेचिंग : गर्भावस्था के दौरान पैरों में ऐंठन से राहत पाने के लिए प्रभावित जगह पर हल्की मालिश की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, पैरों की स्ट्रेचिंग करके भी इस समस्या से थोड़ी राहत मिल सकती है (12)
  • कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ : प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में ऐंठन की समस्या को कम करने के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की भी सलाह भी दी जाती है (13)। गर्भवती महिलाएं इसके लिए अपने आहार में कम वसा वाले डेयरी उत्पाद (जैसे दूध, दही व पनीर), हरी सब्जियां (जैसे-ब्रोकली), टोफू, बादाम, मकई, संतरे का रस, अनाज और ब्रेड शामिल कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान ये खाद्य पदार्थ सुरक्षित माने जाते हैं (14)
  • आइस पैक : कोल्ड कम्प्रेस की मदद से भी पैरों में ऐंठन की समस्या छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए प्रभावित जगह पर थोड़े-थोड़े देर के अंतराल में 15 मिनट तक आइस पैक लगाएं। ऐसा रोजाना 4 बार किया जा सकता है (7)

स्क्रॉल करें और पढ़ें मांसपेशियों के दर्द को कम करने के उपाय।

ऐंठन खत्म होने के बाद आप मांसपेशियों में दर्द को कम करने के लिए क्या कर सकती हैं?

पैरों की ऐंठन खत्म होने के बाद कुछ समय तक महिलाओं को पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसे में दर्द से राहत पाने के लिए दर्द निवारक दवाओं का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है। हालांकि, इस तरह की दवाओं का सेवन डॉक्टरी परामर्श पर ही करना बेहतर माना जाता है। इसके अलावा, गुनगुने पानी से स्नान करके भी दर्द को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

 अंत में जानें गर्भावस्था के समय पैरो में ऐंठन से बचाव कैसे किया जा सकता है।

प्रेगनेंसी के दौरान पैरो में ऐंठन के बचाव

गर्भावस्था के समय पैरों में ऐंठन की समस्या से बचाव के लिए इन उपायों को अपनाया जा सकता है (8) :

  • महिलाओं को अपनी शारीरिक फिटनेस को बरकरार रखना चाहिए।
  • ऐंठन से बचने के लिए नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करना चाहिए।
  • व्यायाम से पहले और बाद में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। साथ ही फलों और सब्जियों को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
  • मालिश से भी मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे ऐंठन से बचा जा सकता है।
  • सही जूतों का चुनाव करें और हाई हिल के उपयोग से बचें।

गर्भावस्था के दौरान पैरों की ऐंठन किसी भी महिला को परेशान कर सकती है। ऐसे में बिना घबराए लेख में बताए गए तरीकों के माध्यम से इससे निजात पाया जा सकता है। वहीं, किसी महिला को अगर इस समस्या से राहत नहीं मिल रही है और पैरों की ऐंठन बढ़ती ही जा रही है, तो बिना देर किए डॉक्टर के संपर्क करना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं जितनी सजग रहेंगी उतना ही स्वस्थ उनका शरीर होगा। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन के साथ जुड़े रहें। 

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