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गर्भावस्था ऐसा नाजुक समय होता है, जब महिलाओं को खाने-पीने में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। साथ ही इस समय कुछ अलग और नया खाने की लालसा भी चरम पर होती है। इसी वजह से कई बार महिलाएं गलत खाद्य पदार्थों का चुनाव कर लेती हैं, तो कभी असमंजस की वजह से कुछ खास खाद्य पदार्थों और मसालों के सेवन से बचती हैं। इसलिए, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी में लहसुन के बारे में बात कर रहे हैं। इस लेख में हम जानने का प्रयास करेंगे कि प्रेगनेंसी में लहसुन खाना सुरक्षित है या नहीं? अगर हां, तो इसके सेवन से होने वाले फायदे, इसकी सुरक्षित मात्रा और इसे आहार में कैसे शामिल किया जाए, इन सभी विषय के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। बस इन सवालों के जवाब पाने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
क्या प्रेगनेंसी में लहसुन खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Lehsun Kha Sakte Hai
हां, गर्भावस्था के दौरान लहसुन को सुरक्षित माना जाता है। दरअसल, गर्भावस्था में लहसुन का सेवन मां और बच्चे के वजन को संतुलित बनाए रखता है और वजन को बढ़ने नहीं देता। इसका सेवन रक्त कोशिकाओं के लिए भी अच्छा माना जाता है। साथ ही यह गर्भावस्था में व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ाने का काम करता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली यानी रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ती है (1)। वहीं, दूसरी ओर यह गर्भावस्था में हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे को कम करने के साथ ही इसकी वजह से होने वाली परेशानियों को ठीक करने में भी मदद कर सकता है (2)। बशर्ते इसे कम मात्रा में लिया जाए, क्योंकि इसके अधिक सेवन से गर्भपात जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है, जिसके बारे में लेख के अंत में विस्तार से बताया गया है।
प्रेगनेंसी में लहसुन खा सकते हैं या नहीं, इसका जवाब तो मिल ही गया होगा। अब यह भी जान लेते हैं कि इसे कितना खाना चाहिए।
प्रेगनेंसी में लहसुन कितनी मात्रा में खाना चाहिए?
गर्भावस्था पर किए गए अध्ययनों के अनुसार, दैनिक खुराक के रूप में लहसुन को 600 मिलीग्राम से 1000 मिलीग्राम तक खाया जा सकता है (3)। एक स्टडी में गर्भावस्था के तीसरे तिमाही के दौरान प्रतिदिन लहसुन से बनी 800 मिलीग्राम गोलियां दी गईं। इस नियंत्रित अध्ययन में लहसुन की गोलियों का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नजर नहीं आया (4)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि इससे अधिक मात्रा में लहसुन का सेवन गर्भावस्था में नहीं किया जाना चाहिए।
वहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, सामान्य रूप से एक दिन में ताजा लहसुन 2 से 5 ग्राम, पाउडर 0.4-1.2 ग्राम, तेल 2-5mg व अर्क का 300 से 1000mg तक इस्तेमाल किया जा सकता है (5)।
हां, अगर किसी की गर्भावस्था में कोई जटिलता हो, तो डॉक्टर की सलाह पर ही लहसुन की दैनिक मात्रा निर्धारित करें।
चलिए, अब यह जान लेते हैं कि लहसुन कब खाना चाहिए।
प्रेगनेंसी में लहसुन कब खाना चाहिए?
लहसुन को एक तरह की जड़ी-बूटी भी माना गया है, जिसे प्रेगनेंसी में खाने के अनेक फायदे हो सकते हैं। इन फायदों के लिए प्रेगनेंसी में लहसुन की सही मात्रा के साथ ही खाने के सही समय के बारे में भी पता होना जरूरी है। दरअसल, गर्भावस्था में लहसुन किसी भी समय खा सकते हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है, खासकर गर्भावस्था के शुरुआती समय में (4)।
आगे जानते हैं, लहसुन में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।
लहसुन के पोषक तत्व
गर्भावस्था में लहसुन का सेवन सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। प्रति 28 ग्राम यानी एक चम्मच लहसुन में पोषक तत्वों की कितनी मात्रा होती है, आइए डालते हैं एक नजर (6)।
पोषक तत्व | मात्रा |
---|---|
पानी | 1.64 g |
कैलोरी | 4.17 kcal |
प्रोटीन | 0.178 g |
कैल्शियम | 5.07 mg |
मैग्नीशियम | 0.7 mg |
फास्फोरस | 4.28 mg |
पोटैशियम | 11.2 mg |
विटामिन- सी | 0.874 mg |
सेलेनियम | 0.3988 µg |
कोलीन | 0.65 mg |
लहसुन में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानने के बाद, चलिए अब बात करते हैं गर्भावस्था में लहसुन के फायदे के बारे में।
प्रेगनेंसी में लहसुन खाने के फायदे | garbhavastha me lahsun ke fayde
गर्भावस्था में लहसुन को अपने आहार में शामिल करने के कई फायदे हो सकते हैं। इन्हीं फायदों के बारे में हम नीचे विस्तार से बताएंगे।
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए: गर्भावस्था में लहसुन का सेवन करने से महिला की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। इसकी मदद से महिलाएं गर्भावस्था के दौरान बीमारियों से दूर रहकर स्वस्थ प्रेगनेंसी का लाभ उठा सकती हैं। साथ ही यह स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती है (4)।
प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) से बचाए: गर्भावस्था में प्रीक्लेम्पसिया यानी रक्तचाप बढ़ने की समस्या हो सकती है। इस समस्या के कई गंभीर व घातक परिणाम भी हो सकते हैं। ऐसे में लहसुन का सेवन प्रीक्लेम्पसिया के खतरे से गर्भवतियों को बचाए रखता है। साथ ही पेशाब में प्रोटीन को रोके रखने में (रिटेंशन) बाधा उत्पन्न करता है (4) (7)। साथ ही यह शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को हटाने में मदद कर सकता है।
समय पूर्व प्रसव के खतरे से बचाए: प्रेगनेंसी के दौरान हर किसी को खतरा रहता है कि समय पूर्व प्रसव न हो जाए। इस खतरे को कम करने में लहसुन मदद कर सकता है (8)।
स्वस्थ वजन बनाए रखे: लहसुन भ्रूण और गर्भवती दोनों के वजन को संतुलित बनाए रखने में मदद कर सकता है (9)। अगर मां और बच्चा ओवरवेट हो रहे हैं, तो लहसुन वजन को नियंत्रित करने में भी सहायता कर सकता है
(1)।
कोलेस्ट्रॉल को कम करे: लहसुन गर्भावस्था में होने वाले हाइपरकोलेस्टेरोलेमिया (hypercholesterolemia) यानी हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही इससे संबंधित जोखिम, जैसे – गर्भपात व नवजात के वजन में कमी से बचाने का काम भी कर सकता है (2)।
प्रेगनेंसी में लहसुन खाने से फायदों के साथ ही कुछ परेशानियां भी हो सकती हैं। नीचे, हम गर्भावस्था में लहसुन खाने के नुकसान के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
प्रेगनेंसी में लहसुन खाने के जोखिम
गर्भावस्था में लहसुन खाने के फायदे के साथ ही इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। अधिक लहसुन का सेवन प्रेगनेंसी में करने की वजह से होने वाले कुछ आम जोखिम इस प्रकार हैं (4) (10) (3):
- ब्लड क्लॉटिंग में बाधा पैदा कर सकता है। ऐसे में अगर किसी की सिजेरियन डिलीवरी हो रही है, तो उससे पहले इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- सीने में जलन की समस्या हो सकती है।
- थायराइड की समस्या से जूझ रही गर्भवती महिलाओं को इससे परहेज करने की सलाह दी जाती है।
- पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
- सांस और शरीर से गंध आना।
- जी-मिचलाना व गर्भपात जैसी समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था में लहसुन खाने से होने वाले फायदे व नुकसान दोनों ही आप जान गए हैं। अब प्रेगनेंसी में लहसुन को शामिल करने के तरीके जान लेते हैं।
गर्भावस्था के आहार में लहसुन को शामिल करने के तरीके
गर्भावस्था में खाए जाने वाले आहार में लहसुन को शामिल करने के तरीके आसान हैं। आप सामान्य रूप से जैसे लहसुन को इस्तेमाल में लाते हैं, वैसे ही गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि इसके सेवन की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए।
- सब्जी बनाते समय लहसुन को इस्तेमाल किया जा सकता है।
- चटनी बनाते समय इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सूप में इसे मिलाया जा सकता है।
- गार्लिक फ्राइड राइस में इसे डाला जा सकता है।
- गार्लिक चीज़ ब्रेड बनाते समय इसे प्रयोग कर सकते हैं।
- लहसुन की एक कली को ऐसे ही कच्चा भी खा सकते हैं।
ध्यान रखें कि लहसुन को मसाले की तरह ही इस्तेमाल में लाएं। गार्लिक राइस और ब्रेड में सामान्य तौर पर इस्तेमाल में लाई जाने वाली इसकी अधिक मात्रा का उपयोग न करें, क्योंकि यह हानिकारक भी हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या मैं गर्भावस्था के दौरान कच्चा लहसुन खा सकती हूं?
हां, ऐसा माना जाता है कि खुद को व होने वाले शिशु को अस्थमा से बचाने के लिए महिला सुबह खाली पेट पांच लहसुन की कलियों का सेवन कर सकती हैं (11)। हालांकि, लहसुन को किसी भी अवस्था के दौरान खाली पेट खाने से हृदय में जलन, जी-मिचलाना और डायरिया जैसी समस्या भी हो सकती है। ऐसे में जितना हो सके गर्भावस्था में लहसुन को खाली पेट खाने से बचना चाहिए (5)।
क्या होगा अगर मैं गर्भवती होने पर बहुत ज्यादा लहसुन खाती हूं?
गर्भावस्था में ज्यादा लहसुन खाने से पेट में दर्द, जलन की समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा, हार्ट बर्न की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में गर्भावस्था में ज्यादा लहसुन न खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही लहसुन की तासीर गर्म होती है, जिसकी वजह से गर्भपात जैसी समस्या भी हो सकती है। दरअसल, गर्म तासीर की चीजों के ज्यादा सेवन से पेट व पूरे शरीर का तापमान बढ़ सकता है और गर्भावस्था में शरीर का तापमान बढ़ने से भ्रूण को नुकसान पहुंचता है (12) (13)।
क्या लहसुन की कली खाने से गर्भपात होता है?
यूं तो लहसुन को संयमित मात्रा में खाने से किसी तरह की समस्या नहीं होती है। एक शोध के दौरान 800 mg लहसुन की गोलियां गर्भावस्था में खिलाने पर गर्भपात जैसे किसी तरह की समस्या सामने नहीं आई (4)। वहीं, कई जगह लहसुन को प्राकृतिक रूप से गर्भपात के लिए दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है (14)। ऐसे में कहा जा सकता है कि लहसुन की मात्रा को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। जैसा कि हम ऊपर भी बता चुके हैं कि लहसुन की तासीर गर्म होती है। यह पेट में गैस भी बनाता है, जिस कारण कुछ विशेष परिस्थियों में गर्भपात हो सकता है (15)।
प्रेगनेंसी में लहसुन खाने के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में हम लेख में विस्तार से बता चुके हैं। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान लहसुन खाने वाली महिलाओं को इसकी मात्रा को लेकर खास ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि संयमित मात्रा में लहसुन का सेवन करने के कुछ भी नुकसान नहीं है। लहसुन गर्भावस्था में नुकसान तभी पहुंचाता है, जब इसकी मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में सूझबूझ के साथ आप गर्भावस्था में लहसुन का इस्तेमाल कर सकती हैं।
References
1.The effect of Allium Sativum (Garlic) on Pregnancy, Fetal Weights, and Some Hematological Parameters in Albino Rats By Researchgate
2.Protective effects of Allium sativum against defects of hypercholesterolemia on pregnant rats and their offspring By NCBI
3.Garlic for preventing pre‐eclampsia and its complications By NCBI
4.Herbal Medicine During Pregnancy By Intech Open
5.Bulbus Allii SativiBy WHO
6.Garlic, Raw By USDA
7.Preeclampsia By AHA Journals
8.Intakes of Garlic and Dried Fruits Are Associated with Lower Risk of Spontaneous Preterm Delivery1,2 By NCBI
9.The Mama Natural Week-by-Week Guide to Pregnancy and Childbirth By Google Books
10.Prenatal & Postpartum Nutrition Module By Georgia DPH
11.Teenage Pregnancy By Google Books
12.When foods become remedies in ancient Greece: The curious case of garlic and other substances By NCBI
13.Pregnancy Precautions By Kids health
14.Abortion experiences among Zanzibari women: a chain-referral sampling study By NCBI
15.When foods become remedies in ancient Greece: The curious case of garlic and other substances By NCBI
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