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गर्भावस्था ऐसा समय होता है, जहां मां शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के बदलाव से गुजर रही होती है। इस दौरान गर्भवती महिला को विशेष देखभाल की जरूरत होती है, ताकि उसे किसी तरह का संक्रमण रोग न लग जाए। इन 9 महीनों में सबसे ज्यादा गर्भवती महिला का पाचन तंत्र प्रभावित होता है। इससे कुछ को कब्ज की शिकायत होती है, तो कुछ को दस्त लग सकते हैं। इससे भ्रूण के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं। माॅमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम गर्भावस्था के दौरान होने वाले दस्त के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि कैसे इसकी रोकथाम की जा सकती है।

क्या गर्भावस्था के दौरान दस्त होना सामान्य है?

हां, गर्भावस्था के दौरान दस्त होना आम बात है। जैसे सामान्य लोगों को खान-पान, मौसम के बदलाव व जगह परिवर्तन के कारण दस्त की शिकायत होती सकती है। ठीक वैसे ही करीब एक-तिहाई गर्भवती महिलाओं को इन तमाम कारणों के साथ-साथ हार्मोनल बदलाव की वजह से दस्त की परेशानी हो सकती है (1)

आइए, अब जानते हैं कि गर्भावस्था का ऐसा कौन-सा दौर होता है, जब यह समस्या होने की आशंका ज्यादा होती है।

गर्भावस्था की कौन-सी तिमाही में दस्त होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है?

ऐसा सबसे ज्यादा पहली व दूसरी तिमाही में हो सकता है। ऐसा पहली तिमाही में हार्मोनल बदलाव और खान-पान के कारण हो सकता है। वहीं, दूसरी तिमाही में डायरिया होने की आशंका कम होती है, लेकिन अगर साथ में सिरदर्द और बुखार हो, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए (1)। वहीं, अगर तीसरी तिमाही में दस्त होते हैं, तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए है, क्योंकि यह प्री-मैच्योर डिलीवरी का लक्षण हो सकता है (2)

आगे हम प्रेगनेंसी में दस्त होने के कारणों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

प्रेगनेंसी में दस्त के कारण

प्रेग्नेंसी में दस्त के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:

  • दूषित खान-पान: यात्रा के दौरान या फिर बहुत समय से खुले रखे दूषित भोजन और पानी के सेवन से पाचन संबंधी कई बीमारियां के साथ-साथ दस्त की समस्या भी हो सकती है (3) (4)
  • हाइपरथायरायडिज्म: थायराइड हार्मोन का स्तर अधिक होने को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में पाचन तंत्र प्रभावित होता है और दस्त शुरू हो सकते हैं (5)
  • प्रोस्टाग्लैंडिंस (Prostaglandins): प्रोस्टाग्लैंडिंस के कारण भी दस्त की समस्या हो सकती है। लिपिड के समूह को प्रोस्टाग्लैंडिंस कहा जाता है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों को उत्तेजित कर सकता है, जिससे दस्त की समस्या हो सकती है (6)
  • आयरन की अधिकता: गर्भावस्था में एनीमिया को रोकने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है। अगर आप अधिक मात्रा में आयरन का सेवन करते हैं, तो इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या जैसे कब्ज, मतली, उल्टी और दस्त हाे सकते हैं (7)

दस्त होने के कुछ सामान्य कारण भी हैं, जो इस प्रकार हैं (8):

  • बैक्टीरिया और वायरस के कारण दस्त की समस्या हो सकती है।
  • फूड पॉइजनिंग के कारण पाचन संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें दस्त भी शामिल है।
  • सीलिएक डिसीज (आंतों में होने वाली एक गंभीर बीमारी) और क्रोहन डिसीज (आंतों की सूजन) की समस्या से भी दस्त हो सकते हैं

दस्त के कारण जानने के बाद अब गर्भावस्था में नजर आने वाले दस्त के लक्षणों पर भी नजर मार लेते हैं।

प्रेगनेंसी में अतिसार के लक्षण | Pregnancy Me Bar Bar Latrine Hona

दस्त के जो लक्षण सामान्य लोगों में नजर आते हैं, लगभग वही लक्षण गर्भावस्था के दौरान भी हो सकते हैं। इनमें से कुछ खास लक्षण इस प्रकार हैं (9):

  • बार-बार बाथरूम का उपयोग करना।
  • पेट में ऐंठन होना।
  • मल को ज्यादा समय तक नहीं राेक पाना और उस पर नियंत्रण न रहना।
  • जी मिचलाना, बेचैनी और उल्टी जैसा मन होना।
  • पेट में दर्द होना भी इसके लक्षणों में से हो सकता है। ध्यान रहे कि गर्भावस्था में और भी कई कारणों से पेट दर्द हो सकता है

दस्त के लक्षणों को तो आपने जान लिया, अब हम इसके ट्रीटमेंट के बारे में बात कर लेते हैं।

लूज मोशन ट्रीटमेंट इन प्रेगनेंसी | Pregnancy Me Loose Motion Ka Ilaj

गर्भावस्था के दौरान होने वाली दस्त की समस्या को इलाज के द्वारा ठीक किया जा सकता है, जैसे :

  • एंटीबायोटिक्स: क्रोहन (आंतों की सूजन) जैसी समस्या से जल्दी छुटकारा दिलाने में एंटीबायोटिक्स कारगर हैं। आप गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स का उपयोग करके दस्त की समस्या को दूर कर सकते हैं (10)। ध्यान रहे कि प्रेगनेंसी में कोई भी दवा लेने के पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
  • ओआरएस और इलेक्ट्रोलाइट: दस्त के चलते डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। ऐसे में डिहाइड्रेशन और दस्त से निपटने के लिए आप हर दो-दो घंटे में ओआरएस और इलेक्ट्रोलाइट की खुराक ले सकती हैं (11)
  • संयम: आमतौर पर दस्त एक या दो दिन में ठीक हो जाते हैं। अगर इसके बाद भी आराम न आए, तो तुंरत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

इलाज के बाद यहां हम आपको दस्त की समस्या को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं।

गर्भावस्था में दस्त के लिए 5 घरेलू उपचार | Pregnancy Me Loose Motion Ke Gharelu Upay

गर्भावस्था में दस्त होने पर आप घर में मौजूद कुछ सामग्रियों का इस्तेमाल कर इस समस्या से निपट सकती हैं।

  • पानी पीते रहें: पानी शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है। इससे दस्त के दौरान शरीर में होने वाले पानी की कमी पूरी हो जाती है (12)
    • नींबू पानी पिएं: अगर आप दस्त के दौरान एक गिलास पानी में नींबू और चुटकीभर नमक डालकर सेवन करती हैं, तो आपको फायदा हो सकता है। नींबू पानी से अपच की समस्या तो दूर होती ही है साथ ही पाचन तंत्र भी बेहतर होता है (13)।
  • फाइबर युक्त फलों का सेवन: आप अमरूद जैसे फलों का सेवन कर सकती हैं। अमरूद में डाइटरी फाइबर पाया जाता है, जो पेट से संबंधित दस्त, पेचिश, पेट दर्द और अपच जैसी कई समस्याओं को भी दूर करने में मददगार सिद्ध हो सकता है (14)
  • केला खाएं: डायरिया में केला खाने की सलाह दी जाती है (15)। यह पोटैशियम से समृद्ध होता है, जो डायरिया की वजह से शरीर में कम हुई पोटैशियम की मात्रा को ठीक करने में मदद करता है (16)। एक शोध के अनुसार, गर्भावस्था में केला खाना सुरक्षित माना जाता है और 95.4 प्रतिशत महिलाएं केला खाना पसंद करती है (17)
  • दही खाएं : गर्भावस्था के डायरिया को ठीक करने के लिए प्रोबायोटिक्स (probiotic) युक्त खाद्य पदार्थ भी खाए जा सकते हैं। ऐसे में, आप दही का सेवन कर सकते हैं। इसे एक अच्छा प्रोबायोटिक माना जाता है (18)

आगे हम बता रहे हैं कि दस्त न हों, उसके लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं।

प्रेगनेंसी में दस्त के उपाय

आप इन आसान से उपायों को फॉलो करके दस्त जैसी समस्या से बच सकते हैं। जैसे:

  • खान-पान पर दें ध्यान: साफ व पौष्टिक भोजन का सेवन करने से आप दस्त की समस्या को दूर कर सकते हैं (3) (4)
  • दूषित स्थानों पर जानें से बचें: दूषित जगह पर जाने से भी संक्रमण हो सकता है और उससे दस्त शुरू हो सकते हैं।
  • पानी उबाल कर पिएं: पानी में मौजूद कई प्रकार के बैक्टीरिया भी दस्त का कारण हो सकते हैं। पानी को उबालने से इसमें मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और कई प्रकार की बीमारियों का खतरा दूर हो जाता है।
  • डेयरी प्रोडक्ट: जब तक दस्त का समाधान न हो जाए, तब तक दही के अलावा, दूध व दूध से बनी किसी और पदार्थ का सेवन करने से बचें। दही का सेवन भी सीमित मात्रा में ही करें (19)
  • मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचें: ज्यादा चिकना, तैलीय और मसालेदार खाना खाने से बचें (19)
  • कुछ प्रकार की सब्जियां : डायरिया में कुछ प्रकार की सब्जियां जैसे ब्रोकली, शिमला मिर्च, मटर, बीन्स, चना, कॉर्न और अधिक पत्तेदार सब्जियां न खाएं (19)
  • कुछ दिन आयरन युक्त गोलियों का सेवन न करें।

आर्टिकल के इस हिस्से में हम दस्त के दौरान दवा खाने के बारे में बता रहे हैं

क्या प्रेगनेंसी में दस्त की दवा ले सकते हैं? | Pregnancy Me Loose Motion Ki Medicine

दस्त के दौरान एंटीबायोटिक्स लेने से आंतों की सूजन जैसी समस्या से जल्द राहत मिल सकती है। साथ ही दस्त की समस्या भी दूर हो जाती है, लेकिन किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछ लें (10)

अब हम बता रहे हैं कि किस अवस्था में तुंरत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान दस्त होने पर डॉक्टर से कब मिलें?

गर्भावस्था के दौरान दस्त होने के बाद इन परिस्थितियों में तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए (20):

  • अगर ज्यादा पीला यूरिन (पेशाब) आने लगे।
  • आपको अधिक प्यास लगे।
  • अगर आप ज्यादा पानी पी रहे हों और तब भी मूत्र में कमी आए।
  • आपको तेज बुखार और सिरदर्द बना रहे।
  • बार-बार चक्कर आएं और कमजोरी का अहसास हो।
  • आपको अपना मुंह सूखा और चिपचिपा लगे।
  • मल त्याग करते समय रक्त (स्पॉटिंग) और बलगम निकले।

इसके अलावा दस्त की स्थिति तब और ज्यादा गंभीर हो जाती हैं, जब:

  • भ्रूण की गतिविधिओं में कमी आने लगे।
  • पेट में बार-बार संकुचन का अहसास हो रहा हो।
  • याेनि से रक्त या बलगम जैसा चिपचिपा स्राव होने लगे।
  • पेट में ऐंठन, दर्द या फिर दबाव हो।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या प्रेगनेंसी में दस्त होने से बेबी को नुकसान होता है?

प्रेगनेंसी में सही समय पर उपचार मिलने पर भ्रूण के ऊपर ज्यादा असर नहीं होता है। फिर भी अगर उपचार में चूक या फिर कोई भी लापरवाही बरती जाए, तो होने वाले बच्चे का वजन कम, समय से पहले जन्म और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है (21)

क्या गर्भावस्था के दौरान दस्त होना गर्भपात का संकेत है?

नहीं, गर्भावस्था के दौरान दस्त होना गर्भपात का संकेत नहीं है, क्योंकि कई बार संक्रमण और हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी दस्त की समस्या हो सकती है। इसलिए, गर्भावस्था में दस्त होना सामान्य है (1)

क्या गर्भावस्था के दौरान हरे दस्त का अनुभव करना सामान्य है?

हां, गर्भावस्था के दौरान हरे दस्त आना सामान्य है। ऐसा तीन कारणों से हो सकता है। सबसे पहले तो उन खाद्य पदार्थों का सेवन, जिनमें क्लोरोफिल हाेता है। इन हरे खाद्य पदार्थों का सेवन मल को भी हरा कर सकता है। जैसे कि पालक और ब्रोकली। दूसरा कारण हमारे पित्ताशय में संग्रहीत एक हरे या पीले रंग का कैमिकल, जो पचाने में मदद करता है। वहीं, तीसरा कारण साल्मोनेला (टाइफाइड बुखार) जैसा संक्रमण है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और ऐसा दस्त की गंभीर अवस्था में होता है (22)

ट्रैवलर्स डायरिया क्या है?

यात्रा के दौरान खराब खान-पान और बैक्टीरिया के कारण होने वाले दस्त की समस्या को ट्रेवलर्स डायरिया कहते हैं। यह समस्या सफर करने वाले लगभग 30 से 70 प्रतिशत यात्रियों को हो सकती है (23)

जैसा कि आपने आर्टिकल में जाना कि प्रेगनेंसी के दौरान दस्त होना आम बात है, लेकिन इसका समय रहते इलाज करना भी जरूरी है। सही समय पर किया गया इलाज गर्भवती महिला और भ्रूण दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही नियमित रूप से संतुलित भोजन करना अच्छी दिनचर्या का पालन करना भी जरूरी है। गर्भावस्था से जुड़ी ऐसी और जरूरी जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

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