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गर्भावस्था के दौरान हर महिला को कई शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। इनमें से कुछ बदलाव गर्भवती के लिए परेशानियां भी लेकर आते हैं। कभी जी-मिचलाना, उल्टी आना, तो कभी उच्च या निम्न रक्तचाप। अगर इन परेशानियों का समझदारी से सामना किया जाए, तो मां और शिशु दोनों के लिए अच्छा होता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप (low blood pressure) के बारे में बात करेंगे। हम जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप कम कब होता है, यह कितने प्रकार का होता है, इसके कारण व लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि कम रक्तचाप होता क्या है।
गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप का मतलब क्या है? | Pregnancy Me BP Low Hona
चाहे आप गर्भवती हैं या नहीं दोनों ही अवस्था में रक्तचाप का सामान्य स्तर 120/80 एमएमएचजी (रक्तचाप की इकाई) होता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान 100/60 एमएमएचजी से कम के स्तर को कम रक्तचाप कहा जाता है (1)। लो बीपी को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है।
गर्भावस्था के दौरान सामान्य रक्तचाप इस बात का संकेत होता है कि मां और बच्चे का स्वास्थ्य ठीक है और बच्चे का विकास ठीक प्रकार से हो रहा है। वहीं, अगर रक्तचाप कम या ज्यादा होता है, तो यह कई तरह की शारीरिक परेशानियां खड़ी कर सकता है। इसलिए, जरूरी है कि अपना रक्तचाप सामान्य रखें।
गर्भवती महिला को कम रक्तचाप कब हो सकता है?
गर्भावस्था की पहली तिमाही यानी शुरुआती तीन महीनों में कम रक्तचाप की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में जरूरी है कि गर्भवती के रक्तचाप की नियमित रूप से जांच की जाए, ताकि समय रहते इसका इलाज किया जा सके और गर्भ में पल रहे शिशु को किसी तरह का नुकसान न हो।
आइए, अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के कितने प्रकार होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के प्रकार
गर्भावस्था के दौरान लो ब्लड प्रेशर कभी-कभी अस्थाई रूप से भी होता है। नीचे हम इन्हीं कम रक्तचाप के बारे में बता रहे हैं :
शारीरिक अवस्था बदलने पर होने वाला कम रक्तचाप : जब आप काफी देर से बैठी हों या लेटी हों और अचानक खड़ी हो जाएं, तो इससे रक्तचाप कम हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अचानक से खड़े होने पर रक्त को मस्तिष्क व हृदय तक पहुंचने में कुछ समय लगता है, जिस कारण रक्तचाप धीमा पड़ जाता है (2)।
स्पाइन हाइपोटेंशन : गर्भवती महिला जब सहारा लेकर बैठती या लेटती है, तो वीना कैवा और महाधमनी जैसी प्रमुख रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है। दबाव पड़ने से पैरों की वाहिकाओं में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इस कारण रक्तचाप में गिरावट आ सकती है। ऐसा बढ़ते गर्भाशय के कारण होता है, जो ज्यादातर दूसरी और तीसरी तिमाही के आसपास होता है (3)।
गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के प्रकार जानने के बाद आइए नजर डालते हैं लो-बीपी के कारणों पर।
गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के कारण
गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव ज्यादा होते हैं, इस कारण भी रक्तचाप के स्तर में उतार-चढ़ाव आ जाता है। फिलहाल हम नीचे गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के कुछ सामान्य कारण बताने जा रहे हैं :
- पहली तिमाही में कम रक्तचाप के पीछे मुख्य कारण हार्मोनल परिवर्तन हो सकता है, जिससे रक्त वाहिकाओं में फैलाव होता है।
- गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में उल्टियां होने के कारण कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिस कारण रक्तचाप गिर सकता है।
- गर्भाशय का फैलाव रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिस कारण हाइपोटेंशन यानी कम रक्तचाप की समस्या पैदा हो सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान एनीमिया और हाइपोग्लाइसीमिया (ऐसी स्थिति, जो कम रक्त शर्करा के स्तर का कारण बनती है) निम्न रक्तचाप के प्रभाव को और खराब कर सकता है।
- अगर आपको हृदय से संबंधित परेशानियां हैं, तो इससे आपके रक्तचाप के स्तर में गिरावट आ सकती है।
आइए, अब गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप कम होने के लक्षणों पर चर्चा करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के संकेत और लक्षण
कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप कम होने से ज्यादा समस्या नहीं होती, लेकिन अगर यह समस्या बरकरार रहे, तो समय पर सही उपचार करना जरूरी है। बात की जाए लक्षणों की, तो जिन महिलाओं ने पहले कभी कम ब्लड प्रेशर को महसूस नहीं किया, उन्हें इसकी पहचान करने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए, नीचे हम प्रेग्नेंसी के दौरान लो ब्लड प्रेशर के कुछ सामान्य लक्षण बता रहे हैं (4) :
- चक्कर आना
- जी-मिचलाना
- धुंधला दिखना
- बार-बार प्यास लगना
- सांस लेने में परेशानी होना
- दिन भर थकान महसूस करना
- ठंड लगना या त्वचा में पीलापन आना
- अचानक से खड़े होने पर सिर घूमने जैसा महसूस होना या आंखों के आगे अंधेरा छाना
लक्षण जानने के बाद आइए जानते हैं, इसकी जांच या निदान कैसे किया जाता है।
गर्भावस्था में कम रक्तचाप की जांच
रक्तचाप के स्तर की जांच करना आसान है। रक्तचाप को मापने के लिए स्फाइगनोमैनोमीटर (sphygmomanometer) यानी ब्लड प्रेशर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।
- रक्तचाप की जांच के लिए पहले महिला के हाथ को चारों ओर से रबर के पट्टे को लपेट दिया जाता है।
- इसके बाद ब्रेकियल धमनी में धीरे-धीरे दबाव देते हुए पंप करते हैं।
- स्फाइगनोमैनोमीटर में इस दबाव को देखा जा सकता है।
- इसके बाद रबड़ के पट्टे के दबाव को डिफ्लेटिंग से कम करते हैं और धमनी पर रखे गए स्टेथोस्कोप के जरिए पट्टे के दबाव से पहली टेपिंग आवाज सुनाई देती है। इसे सिस्टोलिक दबाव कहते हैं।
गर्भवती महिलाओं में कम रक्तचाप के जोखिम
गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के इतने जोखिम नहीं होते, जितने उच्च रक्तचाप के होते हैं। वहीं, अगर कम रक्तचाप की समस्या लगातार बनी रहती है, तो कुछ जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। नीचे हम इन्हीं जोखिमों के बारे में बता रहे हैं :
- गर्भावस्था के दौरान बीपी लो होने पर चक्कर आ सकते हैं, जिस कारण महिला बेहोश होकर गिर भी सकती है। ऐसे में महिला को और गर्भ में पल रहे बच्चे को चोट पहुंचने का जोखिम रहता है।
- अगर रक्तचाप तेजी से कम होता है, तो शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है, जिससे शिशु के दिल और दिमाग के विकास में बाधा पहुंच सकती है।
जोखिम के बाद, आइए जानते हैं कम रक्तचाप का इलाज कैसे किया जाता है।
गर्भावस्था में कम रक्तचाप का इलाज कैसे करें?
- गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के लिए डॉक्टर तब तक दवा लेने की सलाह नहीं देते, जब तक स्थिति गंभीर न हो। गर्भावस्था के दौरान बीपी की दवाई लेना मां और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
- कम रक्तचाप से राहत पाने के लिए ज्यादा जरूरी है कि एक सही दिनचर्या और सही खानपान का पालन किया जाए।
आइए, अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के घरेलू उपचार क्या हैं।
गर्भावस्था में कम रक्तचाप का घरेलू उपचार
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या शुरू होती है, तो बहुत लोग सबसे पहले घरेलू उपचार की ओर रुख करते हैं। कम रक्तचाप के मामलों में भी ऐसा ही है। इसलिए, नीचे हम आपको गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप होने पर अपनाए जाने वाले घरेलू उपचारों के बारे में बता रहे हैं। आप अपने डॉक्टर की सलाह लेकर इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नमक का पानी : ज्यादातर डॉक्टर बीपी गिरने पर नमक व चीनी वाला पानी पीनी की सलाह देते हैं। चूंकि, नमक में सोडियम होता है, जो रक्तचाप बढ़ाने में मदद करता है, लेकिन आप इसका सेवन ज्यादा भी न करें। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। रक्तचाप कम होने पर एक गिलास पानी में आधा चम्मच नमक और चीनी डालकर पी सकते हैं। चूंकि, नमक का पानी पीने से रक्तचाप बढ़ सकता है, इसलिए उच्च रक्तचाप में इसका सेवन करने से मना किया जाता है (6)।
- मुरब्बा : रोजाना आंवले या सेब का मुरब्बा खाने से लो ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिल सकती है।
- खजूर : रोजाना रात को एक गिलास दूध में दो से तीन छुआरे डालकर उबालें और फिर इसे पिएं। इससे कम रक्तचाप की समस्या से कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है (7)।
- कॉफी : कॉफी कम रक्तचाप में फायदा पहुंचा सकती है, लेकिन ध्यान रहे कि आप इसका ज्यादा सेवन न करें। गर्भावस्था के दौरान एक से दो कप कॉफी पीने से कम रक्तचाप की समस्या को टाला जा सकता है। कॉफी पीने से रक्तचाप तेज होता है (8)।
- तरल पदार्थ लें : कम रक्तचाप होने पर जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें। आप चाहें तो फलों के जूस में थोड़ा नमक डालकर भी पी सकती हैं।
- चुकंदर का रस : इस दौरान रोजाना एक सप्ताह तक एक कप चुकंदर का रस पिएं। इससे कम रक्तचाप में सुधार आएगा (9)।
- अदरक : एक अदरक के टुकड़े पर नींबू का रस और सेंधा नमक लगाकर भोजन से पहले थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते रहें। इस घरेलू उपाय से कम रक्तचाप से राहत मिल सकती है (10)।
ध्यान रहे कि आप केवल इन्हीं उपचारों के भरोसे न रहें। अगर आपको लगे कि यह समस्या बढ़ रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी बिल्कुल न करें।
गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के लिए खुद से देखभाल करना
ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत पाने के लिए आपको खुद से देखभाल करने की भी जरूरत होती है। थोड़ी सी सावधानी और परहेज से आप इस समस्या को नियंत्रित कर सकती हैं। नीचे हम प्रेग्नेंसी के दौरान कम रक्तचाप से खुद की देखभाल करने के कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं :
- खानपान का ख्याल रखें : ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने के लिए जरूरी है सही खानपान। आप हरी पत्तेदार सब्जियां व फल खाएं और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। ऐसे में आपका रक्तचाप सामान्य रहेगा।
- आराम करें : गर्भावस्था के दौरान आराम करना जरूरी है। इससे रक्तचाप जैसी समस्याएं दूर रखने में मदद मिलती हैं। इसके अलावा, अगर आप बिस्तर पर लेटी हैं, तो उठने में जल्दबाजी न करें। जल्दबाजी में उठने से आपको चक्कर आ सकते हैं। इसलिए, धीरे-धीरे अपने बिस्तर से उठें।
- आरामदायक कपड़े पहनें : लो ब्लड प्रेशर की समस्या न हो इसके लिए गर्भवती को ढीले-ढाले और आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए। ऐसा करने से गर्भवती को थकान नहीं होगी और चक्कर आने की परेशानी नहीं होगी।
- पर्याप्त पानी पिएं : घर से बाहर जाने से पहले खुद को हाइड्रेट करना सुनिश्चित करें। प्रतिदिन 3 लीटर पानी पीना सुनिश्चित करें। जब आप अपने घर से बाहर जाते हैं, तो पानी साथ ले जाएं।
क्या गर्भावस्था में कम रक्तचाप मेरे बच्चे को प्रभावित करेगा?
जैसा कि हमने ऊपर बताया, गर्भावस्था के दौरान बीपी कम होने की वजह से महिला को चक्कर आ सकते हैं और वो बेहोश हो सकती है। ऐसे में बेहोशी के कारण गर्भवती के गिरने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था में बीपी लो होने के कारण शिशु तक रक्त पहुंचने में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जो शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
जैसा कि हमने ऊपर भी बताया कि गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप होने के कारण कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं, जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, धुंधला नजर आना, सांस लेने में तकलीफ होना आदि। अगर आपको इनमें से कोई लक्षण महसूस हों, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करें। चूंकि, गर्भावस्था एक नाजुक दौर है, तो ऐसे में किसी भी प्रकार का जोखिम उठाना बच्चे और मां दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है।
बेशक, गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को रक्तचाप की समस्या हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसे ठीक नहीं किया जा सकता। गर्भावस्था में सही दिनचर्या व संतुलित खान-पान से न सिर्फ रक्तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है, बल्कि अगर कोई इससे पीड़ित है, तो उसे ठीक भी किया जा सकता है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से डॉक्टर से अपना चेकअप करवाना न भूलें।
References
1. Antenatal Care Module: 9. General Assessment of the Pregnant Woman By The open university
2. Postural Hypotension What it is & How to Manage it By centers for disease control and prevention
3. Supine hypotensive syndrome. By Ncbi
4. Hypotension By NIH
5. Maternal blood pressure in pregnancy and stillbirth: a case-control study of third-trimester stillbirth. By Ncbi
6. Proper Nutrition during Pregnancy By Ministry Of Health
7. Date fruit for pregnancy By google book
8. Caffeine By NSW Government
9. Effects of Dietary Nitrate in Hypertensive Pregnant Women By NIH
10. How Safe Is Ginger Rhizome for Decreasing Nausea and Vomiting in Women during Early Pregnancy? By Ncbi
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