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गर्भावस्था में महिलाओं को सामान्य से अधिक देखभाल की जरूरत होती है। इस कारण महिलाओं को इस स्थिति में अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है, जिसमें कुछ विशेष खाद्यों से परहेज करने की हिदायत भी शामिल है। ऐसे में प्रेगनेंसी में मखाना खाना चाहिए या नहीं, यह सवाल कई महिलाओं के मन में आ सकता है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम प्रेगनेंसी में मखाना के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। ताकि प्रत्येक महिला खुद तय कर सके कि प्रेगनेंसी में मखाना खाना कितना सही है।
शुरू करते हैं लेख
तो आइए सबसे पहले हम प्रेगनेंसी में मखाना खाना कितना सही है, यह समझ लेते हैं।
प्रेगनेंसी में मखाना खाना चाहिए या नहीं?
गर्भावस्था के दौरान मखाना लाभदायक माना जाता है। इस बात के पुष्टि मखाना से संबंधित एक शोध से होती है। शोध में माना गया है कि गर्भावस्था में कमजोरी की स्थिति को सुधारने में मखाना सहायक हो सकता है । इसके अलावा मखाने में ऊर्जा, प्रोटीन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व अच्छी मात्रा पाए जाते हैं, जो गर्भवती महिला के लिए काफी आवश्यक हैं (1) (2)।
इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि प्रेगनेंसी में मखाना खाया जा सकता है। हालांकि, इसे इस समय संतुलित मात्रा में ही लेना चाहिए। वजह यह है कि इसके अधिक सेवन से प्रेगनेंसी में मखाना खाने के नुकसान भी नजर आ सकते हैं, जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बताएंगे।
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लेख के अगले भाग में अब हम प्रेगनेंसी में मखाना के फायदे जानेंगे।
प्रेगनेंसी में मखाना खाने के फायदे – Benefits of Makhana During Pregnancy In Hindi
लेख के इस भाग में हम प्रेगनेंसी में मखाना के फायदे विस्तार से बताने जा रहे हैं, ताकि गर्भावस्था में इसकी उपयोगिता को अच्छे से समझा जा सके। मगर, प्रेगनेंसी में मखाना के फायदे तभी संभव हैं, जब इसे सीमित और संतुलित मात्रा में ही लिया जाए। इसके अलावा यह समझना भी जरूरी है कि नीचे दी गई समस्याओं में मखाना केवल राहत पहुंचा सकता है। इन समस्याओं का पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।
1. पर्याप्त नींद में सहायक
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक गर्भावस्था में अनिद्रा की समस्या आम है (3)। ऐसे में मखाने का सेवन करना काफी लाभकारी हो सकता है। वजह यह है कि मखाने में काल्मिंग (शांति पहुंचाने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो बेचैनी और घबराहट को कम करने के साथ ही अनिद्रा की समस्या में भी सहायक हो सकता है । इस आधार पर यह माना जा सकता है कि गर्भावस्था में पर्याप्त नींद के लिए मखाने का सेवन किया जा सकता है।
2. दस्त से राहत दिलाए
गर्भावस्था में दस्त की शिकायत होने की स्थिति में भी मखाने को उपयोग किया जा सकता है। यह बात मखाने के औषधीय गुणों पर किए गए एक शोध से पता चलती है। शोध में जिक्र मिलता है कि मखाने का सेवन करने से स्प्लीन और किडनी यानी तिल्ली और गुर्दे मजबूत होते हैं, जिससे दस्त की समस्या से राहत मिल सकती है ।
3. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करे
गर्भावस्था में हाई बीपी की समस्या से पीड़ित महिलाओं के लिए भी मखाना काफी उपयोगी हो सकता है। दरअसल, मखाने में पोटेशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। वहीं सोडियम कम होता। इस कारण यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है ।
4. त्वचा की देखभाल करे
मखाने का सेवन त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में भी मददगार हो सकता है। त्वचा से जुड़ी समस्याओं पर माखने के प्रभाव जानने के लिए किए गए एक शोध से यह बात स्पष्ट होती है। शोध में माना गया है कि मखाने के अर्क में भरपूर मात्र में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इस कारण मखाना त्वचा पर दिखने वाले बढ़ती उम्र के प्रभावों जैसे :- रूखी त्वचा, असमान रंगत, झुर्रियां और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (4)।
5. ब्लड शुगर को कम करे
डायबिटीज की समस्या से पीड़ित गर्भवती महिलाएं ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए मखाने को इस्तेमाल में ला सकती हैं। मखाने से संबंधित एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से यह बात साफ होती है। शोध में माना गया है कि मखाने में एंटीडायबिटिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) गुण मौजूद होता है। इस गुण के कारण मखाना शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (5)।
6. भ्रूण के विकास में मददगार
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास में भी मखाने का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, मखाने में ऊर्जा और प्रोटीन के साथ ही आयरन और कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है (1)। वहीं भ्रूण की हड्डियों और दांतों के लिए कैल्शियम और मानसिक व शारीरिक विकास के लिए आयरन अहम माना जाता है (6)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि भ्रूण के सम्पूर्ण विकास में भी मखाना सहायक हो सकता है।
पढ़ते रहें लेख
प्रेगनेंसी में मखाना के फायदे समझने के बाद हम इसे आहार में शामिल करने के तरीके जानेंगे।
गर्भावस्था में मखाना को अपने आहार में कैसे शामिल करें?
गर्भावस्था के दौरान मखाना के लाभ जानने के बाद अब यहां हम इसे आहार में शामिल करने के कुछ आसान तरीके बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
- मखाना को फ्राई करके सुबह और शाम के नाश्ते में खाया जा सकता है।
- वहीं मखाना की खीर बनाकर इसे मीठे के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
- इसके अलावा चाहें, तो मखाने की सब्जी बनाकर दोपहर या रात के खाने में इसे शामिल कर सकते हैं।
- पिसे हुए मखाने को भूनकर आटे में मिलाकर इसकी रोटी बनाई जा सकती है।
- पिसे हुए मखाने को मिठाई बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
मात्रा : मखाने की ली जाने वाली मात्रा की बात करें, तो इसे सामान्य तौर पर प्रतिदिन करीब 20 से 30 ग्राम तक लिया जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में कोई स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए इसके नियमित इस्तेमाल से पूर्व सेहत, स्वास्थ्य और उम्र के आधार पर इसकी ली जाने वाली मात्रा के संबंध में एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
अंत तक पढ़ें लेख
लेख के अंत में अब हम प्रेगनेंसी में मखाना के नुकसान बताएंगे।
प्रेगनेंसी में मखाना के नुकसान – Side Effects of Makhana While Pregnant In Hindi
प्रेगनेंसी में मखाना खाने के फायदे के साथ ही अधिक मात्र में इसके सेवन से कुछ दुष्परिणाम भी नजर आ सकते हैं। ऐसे में प्रेगनेंसी में मखाना के नुकसान समझ लेना भी बहुत जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार हैं :
- मखाना में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है (1)। ऐसे में इसके अधिक सेवन से पेट में गैस, दर्द और मरोड़ की समस्या हो सकती है (7)।
- मखाना में काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है (1)। ऐसे में मखाने का अधिक सेवन वजन बढ़ने का कारण भी बन सकता है (8)।
- मखाना पोटेशियम से भरपूर होता है (1)। शरीर में पोटेशियम की ज्यादा मात्रा से एथेरोस्क्लेरोटिक (धमनियों का संकुचित होना) की स्थिति पैदा हो सकती हैं। साथ ही इससे किडनी पर भी बुरा असर पड़ सकता है (11)।
- मखाना में इंसुलिन को बढ़ाकर ब्लड शुगर को कम करने का गुण मौजूद होता है (5)। ऐसे में डायबिटीज की दवा लेने वाली गर्भवतियों को इसके नियमित सेवन से पूर्व डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।
लेख के माध्यम से आपने प्रेगनेंसी में मखाना के फायदे जाने और समझे। ऐसे में इन फायदों को हासिल करने के लिए आप इसे नियमित इस्तेमाल में लाने के बारे में भी सोच रहे होंगे। तो बेहतर होगा कि इसे लेख में बताई गई संतुलित मात्रा के हिसाब से ही इस्तेमाल में लाएं। वरना, प्रेगनेंसी में मखाना के फायदे मिलने की जगह प्रेगनेंसी में मखाना के नुकसान नजर आ सकते हैं। उम्मीद है, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। ऐसे ही अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए स्टाइलक्रेज पर बने रहें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या गर्भवती खाली पेट मखाना खा सकती है?
सामान्य तौर पर खाली पेट मखाना खाना अधिक फायदेमंद बताया जाता है, लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए अगर कोई गर्भावस्था में इसे खाली पेट लेने की सोच रहा है, तो वह इस संबंध में एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर कर ले।
क्या गर्भावस्था में रोज मखाना खाया जा सकता है?
पोषक तत्वों से भरपूर मखाना प्रेगनेंसी में रोज खाने में कोई परेशानी नहीं है। बस इसकी ली जाने वाली संतुलित मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है।
मखाना किसे नहीं खाना चाहिए?
जिन्हें कोई गंभीर बीमारी (किडनी या धमनी संबंधित हृदय रोग) हो, या नियमित रूप से किसी विशेष दवा (जैसे :- डायबिटीज) का सेवन करने वाले लोगों को मखाने का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय जरूर ले लेनी चाहिए। वजह यह है कि इन स्थितियों में मखाने के सेवन के नुकसान देखने को मिल सकते हैं, जिसके बारे में लेख में पहले ही बताया जा चुका है।
References
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- HIMALAYAN PINK SALT POPPED WATER LILY SEEDS, HIMALAYAN PINK SALT
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/905358/nutrients - Maternal Diet and Nutrient Requirements in Pregnancy and Breastfeeding. An Italian Consensus Document
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4489967/ - Pregnancy and Nutrition
https://medlineplus.gov/pregnancyandnutrition.html - Fiber
https://medlineplus.gov/ency/article/002470.htm - Carbohydrates
https://medlineplus.gov/ency/article/002469.htm - High potassium level during pregnancy is associated with future cardiovascular morbidity
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25845276/
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