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गर्भावस्था हर महिला के लिए खास पल होता है। वहीं, इस दौरान उन्हें शारीरिक दर्द और अन्य कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। हालांकि, सामान्य शारीरिक दर्द के लिए अनुभवी द्वारा मालिश एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन क्या प्रेगनेंसी में मसाज कराना सुरक्षित है? यह किसी भी गर्भवती के लिए एक गंभीर सवाल हो सकता है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी में मसाज, इसके फायदे और नुकसान से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। तो चलिए प्रसवपूर्व मालिश के जुड़ी जानकारी पाने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़िए।
आइये, सबसे पहले समझते हैं कि प्रसवपूर्व मालिश क्या है।
प्रसवपूर्व मालिश क्या होती है?
प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर मालिश का इस्तेमाल चिकित्सा के क्षेत्र में होता आ रहा है। पहले के समय में दाई घर-घर जाकर महिलाओं को मालिश की सेवाएं देती थी। खासकर, गर्भावस्था के पहले और बाद में। हालांकि, आज के समय में भी यह परंपरा जीवित है। वहीं, बात करें प्रसवपूर्व मालिश की, तो यह सामान्य मालिश से थोड़ी अलग होती है।
इसमें गर्भवती महिलाओं के बदलते शरीर को ध्यान में रखकर सावधानीपूर्वक कुछ हिस्सों की मालिश की जाती है। सामान्य मालिश की तरह प्रसवपूर्व मालिश का भी मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के रक्त परिसंचरण में सुधार, नींद में सुधार, पीठ दर्द से राहत, चिंता में कमी और मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाना होता है (1)। लेख में आगे हमने प्रसवपूर्व मालिश के फायदों के बारे में विस्तार से बताया है।
अब जानें कि क्या गर्भावस्था में मालिश कराना सुरक्षित है या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में मालिश करवाना सुरक्षित है?
हां, गर्भावस्था के दौरान मालिश करवाना सुरक्षित माना जा सकता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान दर्द सहित अन्य कई तरह की परेशानियों से आराम पाने के लिए यह प्रभावी माना जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से जानकारी मिलती है कि गर्भावस्था के दौरान मालिश कराने से महिलाओं को अवसाद, चिंता, और पीठ में दर्द की शिकायत से थोड़ी राहत मिल सकती है । वहीं, जिन महिलाओं में गर्भावस्था को लेकर उच्च जोखिम का खतरा रहता है या असामान्य भ्रूण की स्थिति होती है, उन्हें मालिश की सलाह नहीं दी जाती है (2) (1)।
यहां हम बताएंगे कि गर्भावस्था में मालिश कब करा सकते हैं।
प्रेगनेंसी में मालिश कब से करवा सकती हैं?
अगर बात करें कि प्रेगनेंसी में मालिश कब करनी चाहिए, तो इस विषय से संबंधित एक रिसर्च से जानकारी मिलती है कि, सामान्य गर्भावस्था की दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही की शुरुआत में (गर्भ के 14 से 30 सप्ताह) मालिश करवाई जा सकती है (1)। हालांकि, यह महिला के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है, इसलिए प्रेगनेंसी में मालिश करवाने से पहले डॉक्टरी सलाह भी जरूरी है।
चलिए, अब जान लेते हैं प्रसवपूर्व मालिश कराने के लाभ।
प्रेगनेंसी में मालिश करवाने के फायदे
डॉक्टरी परामर्श पर गर्भावस्था के दौरान मालिश कराने के निम्नलिखित फायदे देखे जा सकते हैं (1) (3) (4) :
- प्रसव पूर्व मालिश कराने से सामान्य पैर और पीठ दर्द से भी राहत मिल सकती है।
- यही नहीं, प्रेगनेंसी में मालिश कराने से प्रसवपूर्व जटिलताएं जैसे – समय से पूर्व जन्म व कम वजन के शिशु का जन्म जैसे जोखिम कम हो सकते हैं।
- इसके अलावा, कोर्टिसोल (एक प्रकार का स्ट्रेस हार्मोन) के स्तर में कमी आ सकती है।
- गर्भावस्था में मसाज कराने से हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
- प्रेगनेंसी में मालिश कराने से सिर दर्द की समस्या में आराम मिल सकता है।
- मालिश करने से मांसपेशियों की ताकत में वृद्धि हो सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान मालिश से महिलाओं के मूड में सुधार होने के साथ-साथ उनकी नींद में सुधार हो सकता है।
- प्रेगनेंसी में मालिश कराने से रक्त संचार में सुधार हो सकता है।
- इसके अलावा, मालिश से मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों के दर्द से भी राहत मिल सकती है।
लेख के इस भाग में जानिए प्रसवपूर्व मालिश और सामान्य मालिश में अंतर।
प्रसवपूर्व मालिश सामान्य मालिश से किस तरह अलग होती है?
यहां हम प्रसवपूर्व मसाज और सामान्य मालिश के बीच के अंतर को समझा रहे हैं :
प्रसवपूर्व मालिश | सामान्य मालिश |
---|---|
प्रसवपूर्व मालिश गर्भवती महिलाओं के लिए होती है। | सामान्य मालिश कोई भी करा सकता है। |
प्रसवपूर्व मालिश के लिए कुछ ही पोजीशन को अपनाया जा सकता है। | सामान्य मालिश को किसी भी पोजीशन में किया जा सकता है। |
प्रसवपूर्व मालिश के लिए एक प्रशिक्षित मालिश वाली की ही जरूरत होती है। | सामान्य मालिश कोई भी कर सकता है। |
प्रसवपूर्व मालिश सामान्य स्पा में नहीं हो सकती है। इसके लिए सर्टिफाइड मसाज सेंटर या स्पा में ही जाना चाहिए। | सामान्य मालिश किसी भी स्पा में हो सकती है। |
प्रसवपूर्व मालिश के लिए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। | सामान्य मालिश के लिए डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता नहीं होती। |
अब बारी है गर्भावस्था में मालिश से जुड़े जोखिमों के बारे में जानने की।
प्रसवपूर्व मालिश से जुड़े जोखिम
वैसे तो गर्भावस्था के दौरान मसाज करवाना सुरक्षित माना गया है, लेकिन कुछ मामलों में यह जोखिम भरा भी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद रिसर्च से जानकारी मिलती है कि पहली तिमाही के दौरान मालिश कराने से मिसकैरेज का खतरा हो सकता है (5) :
इसके अलावा कुछ संभावित समस्याएं भी है, जो प्रसवपूर्व मालिश से जुड़े जोखिमों में शामिल हो सकती हैं। हालांकि, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है :
- अगर पहली तिमाही में मालिश के लिए सही अवस्था का ध्यान नहीं रखा गया, तो इससे मतली की समस्या हो सकती है।
- वहीं, तीसरी तिमाही में अगर पोजीशन का सही ध्यान नहीं रखा गया, तो कुछ मामलों में हार्टबर्न यानी सीने में जलन की समस्या हो सकती है।
यहां हम जानेंगे कि प्रेग्नेंट महिलाओं को मालिश कब नहीं करानी चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान मालिश कब नहीं करनी चाहिए
लेख में हमने गर्भावस्था के दौरान मालिश के फायदों के बारे में तो जानकारी दे दी, लेकिन कुछ ऐसे भी मामले होते हैं, जिनमें मालिश की सलाह नहीं दी जाती है। वे इस प्रकार हैं (6) :
- किसी भी प्रतिकूल चिकित्सा रोग का विकास
- साइकोलॉजिकल डिप्रेशन
- प्रीक्लेम्पसिया की समस्या (गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप से संबंधित विकार)
- प्लेसेंटल अब्रप्शन ( प्लेसेंटा का थैली का गर्भाशय से हटना)
- प्लेसेंटा प्रीविया (अपरा गर्भाशय का नीचे की ओर जाकर ग्रीवा को ढकना)
- भ्रूण के विकास संबंधी समस्या होने पर।
- गर्भाशय से जुड़ी सर्जरी का इतिहास।
अब जानिए, गर्भावस्था में किस तरह की मालिश नहीं करानी चाहिए।
प्रेगनेंसी में किस तरह की मालिश नहीं करवानी चाहिए?
गर्भावस्था में मालिश को लेकर सतर्कता बरती जानी जरूरी है। इस दौरान पता होना चाहिए कि कौन-सी मालिश करवाने से बचना है। गर्भवती को हमेशा तेज और गहरी मालिश करवाने से बचने की सलाह दी जाती है। इस नाजुक दौर में गर्भवती की मालिश शरीर की पूरी क्षमता से नहीं, बल्कि हल्के हाथों से ही करवाना सुरक्षित माना गया है।
अगर सौम्य तरीके से गर्भवती की मसाज न हो, तो महिला को दर्द होने के साथ ही प्रेगनेंसी से जुड़ी जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है। सतर्कता के रूप में इस दौरान कलाई और टखनों में दबाव देने से भी बचना चाहिए। कहा जाता है कि इन जगह पर दवाब डालने से गर्भाशय में संकुचन हो सकता है। वहीं, विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए संबंधित डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है।
अब जरा मसाज के लिए सही पोजीशन को भी जान लीजिए।
प्रेगनेंसी के दौरान मालिश के लिए कौन-सी पोजीशन बेहतर है?
गर्भावस्था के दौरान मालिश कराने के विषय पर हुए एक शोध में इस बात की जानकारी मिलती है कि प्रसवपूर्व मालिश के लिए साइड-लाइंग पोजीशन (एक तरफ करवट लेकर) ही अपनाया जा सकता है। साथ ही सपोर्ट के लिए महिला को पीठ के पीछे और दोनों पैरों के बीच में तकिया रखना चाहिए (1)। इस अवस्था में गर्भावस्था के दौरान मालिश कराना बेहतर माना जा सकता है। अच्छा होगा कि इस विषय में सटीक जानकारी के लिए संबंधित डॉक्टर से परामर्श किया जाए।
यहां हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था के दौरान कौन से हिस्सों की मालिश नहीं करानी चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान कौन-से हिस्सों की मालिश नहीं करनी चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान मालिश कराने से पहले संभव हो, तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। साथ ही उनसे इस बात की भी जानकारी जरूर लें कि मसाज के दौरान शरीर के कौन-से हिस्से में मालिश नहीं करानी चाहिए। इसके बाद ही मालिश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। वहीं, अगर शोधों की मानें, तो गर्भावस्था के दौरान सिर, गर्दन, कंधे, हाथ, पीठ और पैरों की मालिश की सलाह दी जा सकती है (1)।
वहीं, पेट की मालिश और स्तन की मालिश कराने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा, मालिश के बाद भी किसी महिला को किसी प्रकार के दर्द की अनुभूति हो रही हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लेख के इस हिस्से में जानिए मालिश वाली को रखने से पहले कुछ जरूरी बातें।
मालिशवाली को रखने से पहले किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
प्रेगनेंसी के दौरान मालिश कराने वाली को रखने से पहले गर्भवती महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए, जो कुछ इस प्रकार है :
- सबसे पहले को एक ऐसी मालिशवाली का चुनाव करें, जो आवश्यकताओं के अनुरूप हो।
- इसके बाद मालिश वाली को रखने से पहले उससे प्रसवपूर्व मालिश के बारे पूछें।
- अगर महिला घर आकर मालिश करती है, तो उसके कामों के इतिहास की जानकारी जरूर लें। अगर वो किसी एजेंसी, अस्पताल या स्पा में काम करती है, तो वहां के कर्मचारियों से उसका फीडबैक लेना न भूलें।
- मालिशवाली को रखने से पहले उसके अनुभव के बारे में जरूर पता लगाएं। अधिकतर मालिशवाली अपने परिवार वालों से ही इस काम को सीखती है। वहीं, कुछ महिलाएं किसी संस्थान में प्रशिक्षण भी लेती हैं। ऐसे मामलों में पता लगाएं कि जहां से मालिश वाली से प्रशिक्षण लिया है वह लाइसेंस प्राप्त संस्थान है या नहीं।
- ये पता करें कि मालिश वाली को किसी प्रकार का इंफेक्शन या त्वचा से जुड़ी समस्या तो नहीं।
- मालिशवाली को कहीं धूम्रपान, तंबाकू या पान मसाला खाने की आदत को नहीं, खासतौर पर मालिश के दौरान।
- मालिश वाली को रखने से पहले यह भी सुनिश्चित करें कि वह मालिश के दौरान स्वच्छता रखती है या नहीं। साथ ही उसे स्वच्छता के कुछ नियम भी स्पष्ट कर दें। जैसे :
(i) कपड़े साफ पहने।
(ii) हाथों के नाखूनों को साफ और छोटा रखे।
(iii) मालिश के पहले और बाद हाथों को साबुन से धोए।
(iv) मालिश के दौरान साफ चादर और तौलिए का इस्तेाल करे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रेगनेंसी में मालिश के लिए कौन-सा तेल इस्तेमाल कर सकते हैं?
गर्भावस्था में मालिश के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है। रिसर्च की मानें, तो ऑलिव ऑयल में दर्द निवारक (दर्द से राहत दिलाने वाला) और एंटी इंफ्लामेटरी (सूजन को कम करने वाला) गुण मौजूद होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावी हो सकते हैं (7)।
प्रेगनेंसी के दौरान बाहर से मालिश करने में कितना खर्चा आ सकता है?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस जगह पर रहते हैं। अगर कोई महिला किसी प्रतिष्ठित संस्थान में जाकर प्रसवपूर्व मसाज कराती है, तो उसके लिए उन्हें प्रति घंटे 3000 या उससे अधिक रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। वहीं, अगर कोई महिला अपने घर पर मालिश वाली को बुलाकर उसे मालिश करवाना चाहती है, तो उसके लिए उसे 150 से 200 प्रति घंटे के हिसाब से रुपये देने पड़ सकते हैं।
क्या एक गर्भवती महिला खुद की मालिश कर सकती है?
हां, एक गर्भवती महिला खुद की मालिश कर सकती है। हालांकि, खुद से मालिश करते समय बहुत सारी सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि, शरीर के ऐसे बहुत से हिस्सों में पहुंच पाना मुश्किल होता है। ऐसे में एक गर्भवती महिला अपने पैरों और हाथों की मालिश आसानी से कर सकती है। वहीं, बाकी हिस्सों के लिए उसे किसी मालिश वाली की आवश्यकता पड़ सकती है।
बेशक, गर्भावस्था के दौरान मालिश महिलाओं की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें अच्छा महसूस करा सकती है। हालांकि, इस दौरान महिलाओं को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इसके अलावा, कोशिश करनी चाहिए कि मालिश किसी अनुभवी मालिशवाली से ही कराएं, ताकि इसका फायदा मिल सके। वहीं, लेख में हमने मालिश कराने के पोजीशन के बारे में भी बताया है, तो इन सब बातों को ध्यान में रख कर ही प्रसवपूर्व मालिश के बारे में सोचें। गर्भावस्था से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन के साथ बने रहें।
References
1. Effect of Therapeutic Massage on Relieving Pregnancy Discomforts – By Researchgate
2. Pregnancy massage reduces prematurity, low birthweight and postpartum depression – By NCBI
3. Pregnancy and labor massage– By NCBI
4. Pregnant women benefit from massage therapy– By NCBI
5. Safety and Pregnancy Massage: a Qualitative Thematic Analysis– By NCBI
6. Effect of Massage Therapy on Duration of Labour: A Randomized Controlled Trial– By NCBI
7. Effectiveness of Olive Oil Back Massage on Reduction of Labor Pain during First Stage of Labor – By Researchgate
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