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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान मां के द्वारा की गई छोटी सी गलती भी गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है। विशेष रूप से इस वक्त आहार को लेकर भी चिंता जताई जाती है, क्योंकि ऐसे वक्त में कई सारी चीजों के सेवन की मनाही होती है। इसलिए आज हम प्रेगनेंसी के दौरान छाछ यानी बटरमिल्क के फायदे व नुकसान से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानेंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान छाछ का सेवन कितना सुरक्षित है, इसके फायदे व नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।

लेख में सबसे पहले जानिए गर्भावस्था के दौरान छाछ पीना सुरक्षित है या नहीं ।

क्या गर्भावस्था के दौरान छाछ पीना सुरक्षित है?

हां, गर्भावस्था के दौरान सीमित मात्रा में छाछ पीना सुरक्षित हो सकता है (1)। डब्लयूएचओ द्वारा जारी प्रेगनेंसी डाइट में शामिल खाद्य पदार्थों की सूची में पाश्चुरीकृत डेयरी उत्पादों का सेवन करने की सलाह दी गई है (2)। यही नहीं एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलोजी इंफॉर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध की मानें, तो डेयरी उत्पाद प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, आयोडीन, विटामिन बी 12 आदि से भरपूर होते हैं, जिस वजह से प्रेगनेंसी में इसे आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है (3)

गर्भावस्था में छाछ का सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि छाछ पाश्चुरीकृत दूध से तैयार किया गया हो। ऐसा इसलिए क्योंकि बिना पाश्चुरीकृत खाद्य पदार्थों से लिस्टेरिया संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, जो गर्भपात या समय से पहले प्रसव के जोखिम को बढ़ा सकता है (1)

लेख में आगे छाछ में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में जानेंगे।

छाछ (मट्ठे) के पोषक तत्व

नीचे पढ़ें कि एक कप यानी 245 ग्राम छाछ में कौन से पोषक तत्व और कितनी मात्रा में मौजूद होते हैं (4) :

  • एक कप छाछ में लगभग 221 ग्राम पानी, 98 किलो कैलोरी ऊर्जा, 8.11 ग्राम प्रोटीन, 2.62 ग्राम वसा, व 11.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट व 13.1 ग्राम शुगर (NLEA) मौजूद होता है।
  • मिनरल्स की बात करें, तो इसमें 284 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.123 मिलीग्राम आयरन, 218 मिलीग्राम फास्फोरस, 363 मिलीग्राम सोडियम, 27 मिलीग्राम मैग्नीशियम व 370 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। साथ ही इसमें 1.03 मिलीग्राम की मात्रा में जिंक भी मौजूद होता है।
  • इसके अलावा, एक कप छाछ में 12.2 माइक्रोग्राम फोलेट, 115 इंटरनेशनल यूनिट विटामिन ए, 0.377 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन, 0.142 मिलीग्राम नियासिन, 2.45 इंटरनेशनल यूनिट विटामिन डी, 0.083 मिलीग्राम विटामिन बी6, 2.45 मिलीग्राम विटामिन सी, 0.083 मिलीग्राम थियामिन व 0.245 माइक्रोग्राम विटामिन के भी होता है।
  • साथ ही 1 कप छाछ में 1.62 ग्राम फैटीसैच्युरेटेड, 0.622 ग्राम मोनोअनसैच्युरेटेड और 0.081 ग्राम पॉलीअनसैच्युरेटेड फैटी एसिड की मात्रा भी शामिल होती है।

पौष्टिक तत्वों के बाद अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान छाछ पीने के फायदे क्या हो सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान छाछ (बटरमिल्क) पीने के फायदे

छाछ में मौजूद पोषण तत्वों के आधार पर जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान बटरमिल्क के सेवन से क्या स्वास्थ लाभ हो सकते हैं।  

  1. पाचन में सुधार के लिए: गर्भावस्था के दौरान पाचन संबंधित परेशानियां जैसे एसिडिटी और हार्ट बर्न होना आम है। वहीं, छाछ (बटरमिल्क) का सेवन इन समस्याओं से राहत प्रदान कर सकता है। दरअसल, एक शोध में साफ तौर से बताया गया है कि छाछ में लैक्टिक एसिड व कुछ अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो पाचन तंत्र की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद कर सकते हैं (5)। यही नहीं यह दस्त और कब्ज की समस्या से राहत दिलाने के साथ मल त्याग की प्रक्रिया में भी सुधार कर सकता है (6)
  1. डिहाइड्रेशन में सहायक: शरीर में डिहाइड्रेशन के जोखिम को कम करने में भी छाछ अहम भूमिका निभा सकता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध की मानें, तो छाछ शरीर को गर्मी में हाइड्रेट करने के लिए बेस्ट ड्रिंक माना जा सकता है। इसके साथ ही यह गर्मी में होने वाले बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (7)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि डिहाइड्रेशन की समस्या से बचने के लिए गर्भावस्था में छाछ पीना लाभकारी हो सकता है।
  1. इम्यून सिस्टम में सुधार: प्रतिदिन छाछ का सेवन इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। जैसा कि लेख में पहले भी बताया गया है कि छाछ लैक्टिक एसिड के साथ कुछ अ च्छे बैक्टीरिया से भरपूर होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक भूमिका निभा सकते हैं। इसके साथ ही ये शरीर को कई बीमारियों से लड़ने योग्य बनाने में सहायक हो सकते हैं (5)
  1. हड्डियों की मजबूती में सहायक: गर्भावस्था में मां व शिशु दोनों के लिए ही कैल्शियम की आवश्यकता होती है। छाछ कैल्शियम का अच्छा प्राकृतिक स्रोत माना जाता है (4)। वहीं, गर्भावस्था में कैल्शियम भ्रूण की मांसपेशियों के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है (8)। इस आधार पर प्रेगनेंसी में छाछ का सेवन मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है।
  1. शरीर को शीतल रखने में सहायक: गर्भावस्था के दौरान छाछ का सेवन शरीर को शीतल रखने में मदद कर सकता है। इस बात की पुष्टि दो अलग-अलग शोध से होती है। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध में बताया गया है कि छाछ का सेवन करने से शरीर को ठंडक मिलती है। इसके साथ ही यह पसीने को भी कम कर सकता है (7)। वहीं, एक अन्य शोध में भी पाया गया है कि नमक, जीरा और पुदीना के साथ छाछ का एक गिलास गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक प्रदान कर सकता है (9)
  1. हाई ब्लड प्रेशर के लिए लाभकारी: प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति आम है। इसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के नाम से जाना जाता है (10)। वहीं, एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि छाछ में पेप्टाइड्स और पॉल लिपिड जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं (11)। ऐसे में गर्भावस्था में रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए छाछ का सेवन उपयोगी माना जा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान बटर मिल्क के फायदे जानने के बाद एक नजर इसके नुकसानों पर डालते हैं।

गर्भावस्था के दौरान बटर मिल्क के साइड इफेक्ट्स

भले ही गर्भावस्था में छाछ पीने के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका सेवन नुसान का कारण बन सकता है। नीचे हम प्रेगनेंसी में छाछ पीने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

  • अगर किसी महिला को लैक्टोज से एलर्जी है, तो उन्हें बटरमिल्क का सेवन करने से परहेज करना चाहिए (12)
  • एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित शोध की मानें, तो गर्भावस्था में कम वसा वाले छाछ के सेवन से बच्चे में अस्थमा और एलर्जिक राइनाइटिस का खतरा बढ़ सकता है (13)
  • अनपॉश्चराइज्ड छाछ में हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जिससे गर्भवती महिला व भ्रूण दोनों को खतरा हो सकता है (1)

लेख के अंतिम भाग में घर पर बटरमिल्क बनाने से जुड़ी जानकारी देंगे।

बटरमिल्क की रेसिपी

यहां हम गर्भावस्था में छाछ के फायदे देखते हुए इसकी कुछ हेल्दी रेसिपी शेयर कर रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. मसाला छाछ

masala buttermilk
Image: Shutterstock

सामग्री

  • 1 कप दही
  • 2 कप पानी
  • काला नमक
  • बारीक कटा हुआ धनिया या पुदीना
  • चुटकीभर काली मिर्च पाउडर (वैकल्पिक)

बनाने की विधि

  • एक बाउल में दही निकालें।
  • फिर इसमें पानी मिलाएं।
  • अब इसमें स्वादनुसार नमक डालकर अच्छे से फेंटें।
  • इसके बाद एक गिलास में छाछ निकालें।
  • फिर चुटकीभर काली मिर्च पाउडर डालें।
  • इसके बाद ऊपर से बारीक कटा हुआ धनिया या पुदीना से गार्निश करें।

2. लस्सी

Lassi
Image: Shutterstock

सामग्री

  • 1 कप दही
  • कटा हुआ बादाम
  • पाउडर गुड़ (वैकल्पिक)
  • केसर (वैकल्पिक)

बनाने की विधि

  • एक कटोरे में दही को अच्छे से फेंट लें।
  • इसके बाद इसमें आधा छोटा चम्मच पाउडर गुड़ और केसर डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।
  • लस्सी को एक गिलास में डालें और ऊपर से कटे हुए बादाम से गार्निश कर सकते हैं।

नोट : अगर किसी महिला को गर्भावस्था में शुगर यानी मधुमेह की समस्या है, तो लस्सी की बजाय मसाला छाछ का सेवन करें। ध्यान रहे कि एक बार में एक गिलास छाछ ही बनाएं। इसे स्टोर करके न रखें। हमेशा फ्रेश छाछ बनाकर ही इसका सेवन करें।

इस लेख में आपने प्रेगनेंसी में छाछ पीने के फायदे व नुकसान के बारे में जाना। छाछ पीने के फायदे तभी हो सकते हैं जब लेख में बताई गई सावधानियों का भी विशेष ध्यान रखा जाए। गर्भावस्था का समय बहुत ही संवेदनशील होता है, इसलिए अच्छा होगा कि कुछ भी खाने पीने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। प्रेगनेंसी व शिशुओं से जुड़ी ऐसी ही अन्य रोचक जानकारियों के लिए मॉमजंक्शन के लेख पढ़ते रहें।

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