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दूध गर्भवती महिला और होने वाले शिशु के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है। शोध के अनुसार, इन पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए गर्भवती महिलाओं को हर दिन दो या तीन कप दूध या अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए (1)। गर्भावस्था के दौरान उचित मात्रा में इसका उपयोग जहां स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, वहीं अधिक मात्रा में इसका सेवन करने पर कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। माॅमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान दूध कितना फायदेमंद है और कौन से दूध का सेवन इस अवस्था में करना चाहिए। साथ ही इसके नुकसान के बारे में भी जानेंगे।

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में दूध पी सकते हैं या नहींं।

प्रेगनेंसी में दूध पीना चाहिए या नहीं?

हां, प्रेगनेंसी में दूध फायदेमंद हो सकता है। दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, आयोडीन, विटामिन-बी12 और राइबोफ्लेविन सहित कई पोषक तत्व उच्च मात्रा में होते हैं। ये गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला और भ्रूण के अच्छे विकास के लिए लाभदायक हो सकते हैं (2)

यहां हम जानेंगे कि कौन सा दूध प्रेगनेंसी के दौरान सेवन करने योग्य है।

दूध के प्रकार – गर्भावस्था के दौरान कौन सा सुरक्षित है?

वर्तमान समय में बाजार में कई प्रकार के दूध उपलब्ध हैं, लेकिन इनमें से कौन सा दूध गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित है, आइए जानते हैं।

  • पॉश्चरीकृत दूध: यह दूध सबसे बेहतर होता है। इसके मुकाबले कच्चे दूध में बैक्टीरिया होते हैं, जो आपके और होने वाले शिशु के लिए खतरनाक हो सकते हैं (3)। बाजार में मिलने वाले पैकेड दूध को ही पॉश्चरीकृत दूध कहा जाता है। इसे करीब 62 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गर्म करके ठंडा किया जाता है। इससे दूध में मौजूद सभी हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। इसलिए, यह दूध स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना गया है।
  • स्किम्ड दूध: इस प्रकार के दूध में वसा कम होता है। यह आपको स्वस्थ रखने के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देता। साथ ही इसमें आवश्यक पोषक तत्व भी होते हैं, जो शिशु के विकास में मदद करते हैं (4)
  • कच्चा दूध: गाय, भैंस व बकरी आदि का दूध कच्चा होता है। इसमें लिस्टेरिया बैक्टीरिया पाया जाता है, जिससे गर्भवती महिला बीमारी हो सकती है। कच्चे दूध का सेवन गर्भपात का कारण भी बन सकता है, साथ ही नवजात शिशु की मौत तक हो सकती है (5)
  • फुल-क्रीम दूध: इस दूध में अतिरिक्त वसा और पोषक तत्व होते हैं। फुल-क्रीम दूध का एक कप 146 कैलोरी प्रदान करता है, जबकि स्किम्ड दूध में केवल 83 कैलोरी होता है (6)। जब तक कि आपका वजन अधिक नहीं बढ़ता, तब तक यह आपके लिए एक आदर्श विकल्प हो सकता है।

यहां हम जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान दूध पीना कब शुरू करना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान दूध पीना कब शुरू करें? | Pregnancy Me Dudh Kab Piye

गर्भावस्था के दौरान दूध कभी भी पीना शुरू कर सकते हैं। अगर इसे सही मात्रा में लिया जाए, तो यह हानिकारक नहीं होता। यह गर्भवती के स्वास्थ्य और भ्रूण के विकास में लाभदायक होता है (2)

यहां हम जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान एक दिन में दूध की कितनी मात्रा लेनी चाहिए।

गर्भवती महिला को एक दिन में कितना दूध पीना चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान दूध का सही फायदा लेने के लिए गर्भवती महिला को राेजाना दो या तीन कप दूध पीना चाहिए (1) बेशक, वैज्ञानिक तथ्य में दो-तीन कप दूध पीने की बात है, लेकिन हर गर्भवती महिला को डॉक्टर से इसकी प्रतिदिन की मात्रा के बारे में जरूर पूछना चाहिए।

दूध की मात्रा जानने के बाद आगे हम जानते हैं कि दूध किस प्रकार से गर्भावस्था में फायदेमंद हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान दूध पीने के फायदे | Pregnancy Me Dudh Ke Fayde

गर्भावस्था में दूध मां और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए ही फायदेमंद हो सकता है। जहां इसका सेवन माता के स्वास्थ्य में लाभदायक है, वहीं गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए भी यह उतना ही जरूरी है। आइए, अब जानते हैं कि दूध पीने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

  1. हड्डियों के लिए कैल्शियम : 19 वर्ष से अधिक की गर्भवती महिलाओं को लगभग 1 हजार मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। वहीं, बिना वसा वाले दूध का एक कप 302mg कैल्शियम प्रदान करता है (7)। इसलिए, आपकी रोजमर्रा की कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करने के लिए करीब तीन कप दूध का सेवन करना उचित है।
  1. बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन : प्रोटीन गर्भाशय को मजबूत करने में मदद करता है, रक्त की कमी में सुधार करता है और गर्भस्थ शिशु को पोषण देता है। प्रोटीन की कमी होने से जन्म के समय शिशु का वजन कम हो सकता है। प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता करीब 65 ग्राम है (8), जबकि एक कप दूध 8.22g प्रोटीन प्रदान करता है (9) इस प्रकार प्रतिदिन तीन कप दूध लेने से प्रोटीन की जरूरत का एक तिहाई हिस्सा पूरा करने में मदद मिल सकती है (4)
  1. विटामिन-डी : गर्भावस्था के दौरान विटामिन-डी का सेवन भ्रूण को कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान महिला को प्रतिदिन 400 आईयू विटामिन-डी की जरूरत होती है (10)। एक गिलास दूध 115 से 124 आईयू विटामिन-डी प्रदान कर सकता है (11)। इस प्रकार रोज तीन गिलास दूध पीने से करीब 59% तक विटामिन-डी की पूर्ति हो सकती है।
  1. एंटासिड गुणों से समृद्ध : गर्भावस्था के दौरान हार्टबर्न व गैस्ट्रिक समस्या होना आम है। ऐसे में ठंडा दूध पीने से हार्टबर्न के लक्षणों से छुटकारा मिल सकता है (12)
  1. आपको हाइड्रेटेड रखता है : अगर आप पानी की कमी या तनावग्रस्त महसूस करते हैं, तो एक गिलास दूध पीने से इस अवस्था में आपको मदद मिल सकती है। यह आपको हाइड्रेटेड रखता है (13)

आर्टिकल के इस हिस्से में हम पता करेंगे कि गर्भवती महिला को कौन-कौन से दूध दिए जा सकते हैं।

गर्भवती महिला के लिए दूध के विभिन्न प्रकार

दूध से होने वाले फायदों के बाद आइए जानते हैं कि गर्भवती होने पर आप कौन-कौन से दूध का सेवन कर सकती हैं।

  1. गाय का दूध : यह दूध मां और होने वाले शिशु के शरीर में कोशिकाओं के निर्माण करने में मदद कर सकता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं और भ्रूण कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रह सकता है। इस दूध को पीने से पहले अच्छी तरह उबालना जरूरी है, ताकि इसके हानिकारक तत्व खत्म हो जाएं।

नोट : यहां हम स्पष्ट कर दें कि गर्भावस्था में गाय का दूध फायदेमंद है या नहीं, इस पर वैज्ञानिक अध्ययन कम ही हुआ है। इसलिए, इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

  1. बकरी का दूध : वैसे बकरी का दूध स्वाद में थोड़ा अलग होता है, लेकिन पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें कई मिनरल्स और विटामिन होते हैं (14)। बकरी का दूध उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जिसमें गाय के दूध की तुलना में कैल्शियम, विटामिन-बी6, पोटैशियम और नियासिन अधिक होता है। एक कप बकरी के दूध में 327 मिलीग्राम कैल्शियम होता है (15)। कैल्शियम गर्भ में पल रहे भ्रूण और गर्भवती महिला दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है।

नोट : बकरी का दूध पीने से पहले भी डॉक्टर से पूछ लेना जरूरी है।

  1. दूध पाउडर : दूध पाउडर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के विकास के लिए फायदेमंद हो सकता है (16)जैसा कि ऊपर दिया हुआ है कि गर्भवती महिलाओं को लगभग 1 हजार मिलीग्राम से लेकर 1,300 मिलीग्राम कैल्शियम की प्रतिदिन की आवश्यकता होती है (7) दूध पाउडर के सेवन से गर्भवती को कैल्शिम की कमी पूरी हो सकती है।
  1. सोया मिल्क : सोया मिल्क गर्भवती महिलाओं को बेहतर तरीके से उनका वजन बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। यह रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित करके गर्भावस्था के दौरान मधुमेह के विकास को रोकने में मदद कर सकता है (17)

यहां हम कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिन्हें आप दूध पीते समय फॉलो कर सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान दूध पीते समय कुछ टिप्स याद रखें

हालांकि, गर्भावस्था के दौरान दूध का सेवन फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें आपको याद रखना चाहिए।

  • नाश्ते के समय दूध में जई, मक्का या कॉर्नफ्लेक्स और जौ जैसे अनाज को मिलाया जा सकता है। साथ ही दलिया भी मिलाया जा सकता है।
  • रात को खाने के बाद एक कप स्किम्ड दूध लिया जा सकता है।
  • अनपॉश्चराइज्ड दूध से बचें, क्योंकि इससे गर्भवती महिला को फूड पॉइजनिंग हो सकती है (18)

गर्भावस्था के दौरान दूध को लेकर कई अफवाहें होती हैं, आइए जानते हैं उनके बारे में।

गर्भावस्था के दौरान दूध से संबंधित मिथक

गर्भावस्था के दौरान दूध पीने से बच्चा गोरा होता है।

दूध पीने से बच्चे के गोरे होने के पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। बच्चे का रंग उसके जीन के अनुसार तय होता है (19)

गर्भवती होने पर दूध पीना बच्चे को बड़ा बनाता है।

इस तथ्य का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान दूध पीना शिशु की सेहत के लिए अच्छा है। दूध भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक कैल्शियम, वसा, प्रोटीन और कैलोरी की अच्छी मात्रा में आपूर्ति करता है (20)। इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि दूध पीना बच्चे को बड़ा बनाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मुझे गर्भावस्था के दौरान दूध पीने की इच्छा क्यों होती है?

हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से उन पोषक तत्वों की मांग करता है, जिनकी हमें आवश्यकता होती है। इसलिए, अगर आपको दूध पीने की इच्छा हो रही है, तो यह कैल्शियम, प्रोटीन या वसा में कमी का संकेत दे सकता है। दूध का नियमित सेवन आपको और आपके बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।

अगर मैं गर्भावस्था के दौरान ज्यादा दूध पीती हूं, तो क्या होगा?

अधिक दूध पीने से एलर्जी हो सकती है, जिसमें खुजली, सूजन और सांस लेने में परेशानी शामिल है। इसके अलावा, दूध में मौजूद अतिरिक्त वसा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है। ऐसा अक्सर उनके साथ होता है, जिन्हें या तो दूध से एलर्जी हो या फिर हिमोग्लोबिन कम हो।

क्या मैं गर्भवती होने पर रात में दूध पी सकती हूं?

दूध आपके स्वास्थ्य और भ्रूण के विकास के लिए जरूरी है। आप इसका सेवन रात के समय सीमित मात्रा में कर सकती हैं।

यह जरूरी है कि गर्भावस्था में आप किस प्रकार का दूध चुनती हैं। इससे आपके शरीर और आपके भ्रूण को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकते हैं। उम्मीद है कि इस आर्टिकल से आपको दूध के संबंंध में सभी जानकारियां मिल गई हाेंगी। गर्भावस्था के संबंध में ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

References

1. What’s a Pregnant Woman to Eat? A Review of Current USDA Dietary Guidelines and MyPyramid By NCBI
2. Does milk and dairy consumption during pregnancy influence fetal growth and infant birth weight? A systematic literature review By NCBI
3. People at Risk: Pregnant Women By FoodSafety
4. The Importance of Low fat Dairy Consumption During Pregnancy By William & Mary
5. The Dangers of Raw Milk: Unpasteurized Milk Can Pose a Serious Health Risk BY FDA
6. FOOD SOURCES OF CALCIUM By Michigan
7. Calcium and Vitamin D: Important at Every Age By NIH
8. Milk and Protein Intake by Pregnant Women Affects Growth of Foetus By NCBI
9. National Nutrient Database for Standard Reference Legacy Release By USDA
10. Calcium & Vitamin D During Pregnancy By colostate
11. Vitamin D and Your Bones By Department of Health
12. A Comparative Study of the Antacid Effect of Some Commonly Consumed Foods for Hyperacidity in an Artificial Stomach Model By NCBI
13. Facts on Fluids – How to Stay Hydrated By Unlockfood
14. Mineral and vitamin content of goat’s milk. By NCBI
15. Many Milks By Agriculture, Food and Environment
16. The effects of calcium supplementation (milk powder or tablets) and exercise on bone density in postmenopausal women. By NCBI
17. Soy for Pregnancy By Soyfoods Association
18. Pregnancy and Nutrition By MedlinePlus
19. Is hair color determined by genetics? By NIH
20. Milk consumption during pregnancy increases birth weight, a risk factor for the development of diseases of civilization By NCBI

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