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गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। खाने-पीने से संबंधित बदलाव भी इन्हीं लक्षणों में से एक है। हालांकि, कुछ बदलाव सामान्य होते हैं और कुछ अलग भी हो सकते हैं। इन्हीं में शामिल है स्वाद में बदलाव होना। गर्भावस्था के दौरान कई बार महिलाओं के मुंह का स्वाद बिगड़ सकता है। कुछ भी खाने से मेटैलिक टेस्ट यानी कड़वा लगने जैसी परेशानी हो सकती है। इस स्थिति का दूसरा नाम डिस्गेशिया है। संभव है कि कुछ महिलाओं इस बारे में शायद ही पता हो, इसलिए मॉमजंक्शन के इस लेख से हम प्रेगनेंसी के दौरान डिस्गेशिया से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कर रहे हैं। इस बारे में जानने के लिए जुड़े रहिये हमारे साथ।

सबसे पहले जानते हैं कि डिस्गेशिया यानी मेटैलिक टेस्ट के बारे में जान लेते हैं।

डिस्गेशिया (dysgeusia) या मेटैलिक टेस्ट क्या होता है?

डिस्गेशिया कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक लक्षण है, जिसमें व्यक्ति को किसी भी खाने का स्वाद नहीं आता है। कभी-कभी व्यक्ति के मुंह का स्वाद मेटैलिक यानी कड़वा हो जाता है। यह ऐसी स्थिति है, जो कई कारणों से हो सकता है। इन कारणों में गर्भावस्था भी शामिल है। इसे मेडिकल भाषा में पैराजूसीआ (Parageusia) भी कहते हैं (1)। आगे हम इसी बारे में विस्तार से जानेंगे।

क्या गर्भावस्था में यह समस्या गंभीर है? आइए, जानते हैं।

क्या प्रेगनेंसी में मेटैलिक टेस्ट (मुंह का कड़वा होना) आम है? | Pregnancy Me Muh Ka Taste Kharab Hona

प्रेगनेंसी में मेटैलिक टेस्ट या मुंह का कड़वा होना प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में से एक है (2)। गर्भावस्था के दौरान महिला के मुंह का स्वाद बदलना सामान्य माना गया है (3)। फिर भी सभी की गर्भावस्था एक समान नहीं होती है, इसलिए यह लक्षण किसी में दिख सकते हैं और किसी में नहीं।

अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में कब पता चलता है कि मुंह का स्वाद बदलने लगा है।

गर्भवती महिला को मेटैलिक टेस्ट कब महसूस होना शुरू होता है?

गर्भावस्था की पहली तिमाही में ही महिला को मुंह में मेटैलिक टेस्ट महसूस हो सकता है। यह गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की साइट पर इस संबंध में एक शोध उपलब्ध है। इस रिसर्च पेपर में कहा गया है कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में हॉर्मोनल बदलाव होने से गस्टटोरी फंक्शन यानी स्वाद की कार्यप्रणाली कम हो सकती है (2) (4)। हालांकि, हर किसी की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। ऐसे में हो सकता है कुछ महिलाओं को यह लक्षण गर्भावस्था की दूसरी या तीसरी तिमाही में महसूस हो।

अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान मेटैलिक टेस्ट होने की वजह क्या है।

प्रेगनेंसी में मेटैलिक टेस्ट होने का क्या कारण होता है?

गर्भावस्था के दौरान महिला में कई सारे लक्षण दिखाई देते हैं और मेटैलिक टेस्ट उन्हीं में से एक है। अगर बात करें इसके कारण की, तो यह महिला के शरीर में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है। टेस्ट में बदलाव होने के कुछ अन्य कारण भी हैं, जो इस प्रकार हैं (3) :

अब जानते हैं कि डिस्गेशिया का इलाज किया जा सकता है या नहीं।

गर्भावस्था में डिस्गेशिया उपचार

जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि डिस्गेशिया कोई बीमारी नहीं, बल्कि गर्भावस्था के लक्षणों में से एक है। ऐसे में इसका कोई सटीक उपचार नहीं है। हां, कुछ उपाय अपनाकर इससे कुछ हद राहत मिल सकती है। इन्हीं टिप्स के बारे में हम लेख में आगे जानकारी देंगे।

अब जानते हैं प्रेगनेंसी में मेटैलिक टेस्ट से छुटकारा पाने के कुछ टिप्स।

प्रेगनेंसी में डिस्गेशिया से छुटकारा पाने के टिप्स

प्रेगनेंसी में मेटैलिक टेस्ट होना सामान्य है और यह कुछ वक्त के बाद अपने आप ही ठीक हो सकता है। वहीं, कुछ तरीकों से इससे थोड़ा बहुत छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे ही कुछ टिप्स हम यहां साझा कर रहे हैं।

  • पानी खूब पिएं।
  • खाने में जो पसंद हो, वही खाएं।
  • डॉक्टर की सलाह पर खट्टी चीजों का सेवन कर सकते हैं जैसे – नींबू या नींबू पानी।
  • मुंह की सफाई का ध्यान रखें।
  • नए तरह के खाद्य पदार्थों को खाने से बचें।
  • गरारे कर सकती हैं।
  • अगर ज्यादा मेटैलिक टेस्ट महसूस हो, तो डॉक्टरी सलाह लें और डाइट के बारे में पूछें।

अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में डिस्गेशिया कब तक रह सकता है।

प्रेगनेंसी में मेटैलिक टेस्ट कब तक रहता है?

गर्भावस्था के दौरान डिस्गेशिया या मुंह की कड़वाहट की समस्या सबसे ज्यादा पहली तिमाही में हो सकती है। फिर धीरे-धीरे दूसरी और तीसरी तिमाही तक यह ठीक हो सकती है। डिलीवरी के बाद यह समस्या पूरी तरह से खत्म हो सकती है (3)। हालांकि, सभी की गर्भावस्था एक समान नहीं होती है, इसलिए हो सकता है किसी-किसी को यह समस्या पूरी गर्भावस्था के दौरान रहे।

गर्भावस्था के दौरान डिस्गेशिया से बचाव कैसे करें?

गर्भावस्था के दौरान डिस्गेशिया से बचाव करना संभव नहीं है, क्योंकि यह प्रेगनेंसी के लक्षणों में से एक है। हां, लेख में ऊपर दिए गए टिप्स को आजमाकर इससे कुछ हद तक राहत मिल सकती है।

ये थे प्रेगनेंसी में डिस्गेशिया यानी मेटैलिक टेस्ट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां। उम्मीद है कि इस लेख में बताई गई जानकारी उपयोगी साबित होगी। भले ही यह एक सामान्य समस्या है, लेकिन यह गर्भवती को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है। ऐसे में इस आर्टिकल को अन्य लोगों के साथ शेयर कर हर किसी को इस सामान्य, लेकिन ध्यान देने वाले लक्षण से अवगत कराएं।

References

1. Parageusia By Science Direct
2. Pregnancy – signs and symptoms By Better Health Channel
3. The Impact of Pregnancy on Taste Function By Oxford Academic
4. Changes in gustatory sense during pregnancy By NCBI

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