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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह के खाद्य पदार्थ खाने का मन करता है। आपने यह बात तो सुनी ही होगी कि गर्भवती को खट्टी चीजें खाने का बहुत मन करता है। इन खट्टी चीजों में अचार भी शामिल है, लेकिन गर्भवती महिलाओं में अचार को लेकर कई तरह की शंकाएं होती हैं। कुछ महिलाओं का मानना है कि अचार उनके और होने वाले शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। आपकी ऐसी ही तमाम शंकाओं को दूर करने के लिए हम यह आर्टिकल आपके लिए लेकर आए हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बताएंगे कि प्रेगनेंसी में अचार खाना चाहिए या नहीं और प्रेगनेंसी में अचार खाने से फायदा हो सकता है या नहीं।
गर्भवती महिलाएं अचार क्यों खाती हैं?
गर्भावस्था के समय महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिस कारण से उन्हें खट्टा, तीखा और चटपटा खाने की इच्छा होने लगती है। यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं को अचार खाने की इच्छा होती है। साथ ही पहली तिमाही में उल्टी और मतली के कारण जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसलिए, अचार का सेवन उन पोषक तत्वों को पूरा करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, शिशु की पोषण की मांग को भी पूरा करने का काम करता है (1) (2)।
चलिए, जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान अचार खाना अच्छा है या नहीं।
क्या गर्भावस्था के दौरान अचार खाना सही है?
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के पोषण संबंधी जरूरतों में बदलाव हो सकता है। साथ ही गर्भवती महिला को कुछ अलग खाने की भी इच्छा होती है, जिसमें अचार व आइसक्रीम आदि शामिल हैं। अगर अचार को सीमित मात्रा में और कभी-कभी खाया जाए, तो गर्भवती महिला और होने वाले शिशु को कुछ जरूरी पोषक तत्व मिल सकते हैं (3)। यह तभी संभव है अगर अचार आंवले, कच्चे आम, गाजर व अन्य सब्जियों से बना हो। इन सब्जियों में विटामिन-ए, सी, के, आयरन, कैल्शियम व पोटैशियम आदि होते हैं (4)।
लेख में आगे हम गर्भावस्था के दौरान अचार खाने होने वाले संभावित फायदों के बारे में बता रहे हैं।
गर्भावस्था के दौरान अचार खाने के फायदे
गर्भावस्था में खान-पान का फायदा गर्भवती और भ्रूण दोनों पर होता है। ऐसे में अचार खाने से भी कुछ फायदे हो सकते हैं। ध्यान रहे कि अचार को सीमित मात्रा में ही खाने से निम्न प्रकार के लाभ हो सकते हैं:
- इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलन में करने के लिए : महिलाएं जब गर्भधारण करती हैं, तो भ्रूण की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स की जरूरत होती है। इलेक्ट्रोलाइट्स एक तरह का मिनरल होता है, जो रक्त, मूत्र, टिशू और शरीर के अन्य तरल पदार्थों में पाया जाता है (5)। सोडियम, कैल्शियम व पोटैशियम आदि इलेक्ट्रोलाइट्स ही होते हैं और अचार में कुछ मात्रा सोडियम की पाई जाती है (6)। अगर गर्भावस्था में अचार को सीमित मात्रा में खाया जाए, तो सोडियम यानी इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर समान रहता है।
- पाचन के लिए : गर्भवती महिलाओं को कई बार पाचन की समस्या हो जाती है। ऐसे में अचार पाचन क्रिया के लिए मददगार साबित हो सकता है। अचार में कुछ मात्रा फाइबर की होती है, जिस कारण यह पाचन को सुचारू रूप से बनाएं रखने का काम कर सकता है (6), (7)।
- कोलेस्ट्रॉल के समस्या को दूर रखने के लिए: अचार में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं होती है।ऐसे में गर्भावस्था के दौरान इसे सीमित मात्रा में खाने से कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचा जा सकता है (6)।
- स्कर्वी रोग से छुटकारा : स्कर्वी रोग ज्यादातर मसूड़ों, त्वचा, मांसपेशियों और आंतरिक अंगों से रक्त बहाव के कारण होता है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्कर्वी रोग होने का खतरा होता है, उन्हें इस समस्या से निजात दिलाने में अचार का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। अचार में विटामिन-सी होता है, जो इस समस्या को दूर कर सकता है (8) (9)।
- ऊर्जा बढ़ाने के लिए : गर्भावस्था के समय अचार का सेवन करने से शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि अचार में कुछ मात्रा ऊर्जा की पाई जाती है (6)।
- एनीमिया से राहत : गर्भावस्था के समय होने वाली एनीमिया की समस्या को दूर करने में अचार का सेवन फायदेमंद हो सकता है। शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया की समस्या होती है। चूंकि, अचार में कुछ मात्रा आयरन की होती है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि एनीमिया से राहत दिलाने में अचार सहायक हो सकता है (6) (10)।
आइए, अब गर्भावस्था में अचार खाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी जान लेते हैं।
गर्भावस्था के दौरान अचार खाने से होने वाले दुष्प्रभाव
जिस तरह गर्भावस्था में अचार खाने से फायदे हो सकते हैं, उसी तरह इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी नजर आ सकते हैं।
- अचार में नमक की अच्छी मात्रा मिलाई जाती है। गर्भावस्था के दौरान अचार के माध्यम से नमक की खपत बढ़ सकती है, जिससे शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ सकता है। इससे उच्च रक्तचाप और दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ सकता है (6) (11) ।
- घर में बनाए गए या बाजार से लिया गया अचार में तेल की अधिक मात्रा हो सकती है। जिससे कि गर्भवती के शरीर में कोलेस्ट्रॉल और वसा का बढ़ाने की जोखिम बढ़ जाती है।
- कई अचार के निर्माण में केमिकल का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही यह अधिक मसालेदार होता है । ऐसे अचार के सेवन करने पर गर्भवती को गैस और सूजन की समस्या हो सकती है।
- अचार के सेवन से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे किडनी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है (12)।
गर्भावस्था के दौरान अचार खाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। आगे हम इसी बारे में बता रहे हैं।
गर्भावस्था के दौरान अचार खाने के दौरान सावधानियां
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि अचार खाने से कुछ दुष्प्रभाव भी नजर आ सकते हैं। इसलिए, अचार खाते समय कुछ सावधानी बरतना भी जरूरी है, जो इस प्रकार है :
- अधिक मात्रा में अचार खाने से आपके शरीर को डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसलिए, अचार के सेवन के बाद हाइड्रेटेड रहने के लिए उचित मात्रा में पानी या अन्य तरह पदार्थ का सेवन करें।
- अगर आप गर्भावस्था के दौरान गैस्ट्रिटिस की समस्या से जूझ रहे है, तो आपको अचार के सेवन से बचना चाहिए।
- अधिक मसालेदार अचार के सेवन से बचें, क्योंकि इससे पाचन, हार्टबर्न और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
- कई अचार के निर्माण में केमिकल भी मिलाया जाता है। ऐसे अचार का सेवन करने से बचें, इससे आपको बदहजमी, पेट फूलना, सीने में जलन आदि शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- आम के अचार में लिस्टेरिया बैक्टीरिया हो सकता है, जिससे संक्रमण हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या घर का बना अचार गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित है?
जी हां, बाजार के मुकाबले घर में बना अचार अधिक सुरक्षित होता है। ध्यान रहे कि यह अधिक मसालेदार न हो और अचार में किसी तरह का फंगस न हो।
क्या अचार गर्भावस्था के दौरान होने वाली मतली की समस्या को कम कर सकता है?
जी हां, अचार का सेवन गर्भावस्था के दौरान होने वाली मतली की समस्या को कम करने का काम कर सकता है। इसके अलावा ऐसा भी माना जा सकता है कि इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व मतली के कारण हुए पोषक तत्व की कमी की भी पूर्ति कर सकता है (13)।
क्या मैं गर्भावस्था में आम का अचार खा सकती हूं?
जी हां, गर्भावस्था के दौरान सीमित मात्रा में आम का अचार खाया जा सकता है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाला कैल्शियम गर्भवती महिला और भ्रूण की हड्डियों को मजबूत करने का काम कर सकता है। इसके अलावा, अचार में पाया जाने वाला फोलेट शिशु को जन्म दोष से बचाने में भी मदद कर सकता है (14)। इसमें अन्य तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
क्या मैं गर्भावस्था में नींबू का अचार खा सकती हूं?
वैसे तो नींबू के अचार को सीमित मात्रा में खाने से किसी तरह की समस्या नहीं होती है, फिर भी इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना उचित होगा।
उम्मीद है कि गर्भावस्था में अचार के सेवन को लेकर आपके मन में आने वाले सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। साथ ही अचार खाने से होने वाले फायदे जानकर इसके नुकसान के बारे में आपकी घबराहट भी दूर हो गई होगी। इस लेख में अचार खाने को लेकर कुछ सावधानियां भी दी गई हैं, जो अचार से होने वाले जोखिम से दूर रहने में मददगार साबित हो सकती हैं। उम्मीद है कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी। यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करना न भूलें।
References
1. A test of four evolutionary hypotheses of pregnancy food cravings: evidence for the social bargaining model By NCBI
2. Pickles and ice cream! Food cravings in pregnancy: hypotheses, preliminary evidence, and directions for future research By NCBI
3. Staying healthy and safe By womenshealth
4. Vegetable Nutrition Facts By FDA
5. Fluid and Electrolyte Balance By Medline Plus
6. PICKLE By USDA
7. Pregnant women have inadequate fiber intake while consuming fiber‐rich diets in low‐income rural setting: Evidences from Analysis of common “ready‐to‐eat” stable foods By NCBI
8. The influence of potassium sorbate addition on the quality of pickled zucchini fruit By NCBI
9. Vitamin C By URMC
10. Management of Iron Deficiency Anemia in Pregnancy in India By NCBI
11. Dietary Sodium and Health: More Than Just Blood Pressure By NCBI
12. Sodium Blood Test By MedlinePlus
13. pickles for nausea By Google Book
14. Mango, pickled By USDA
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