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जहां एक ओर गर्भवती होना आपके लिए सबसे ज्यादा सुखद पल होता है, तो वहीं इस अवस्था में कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है पॉलिहाइड्रेमनियोस। इस समस्या के कारण गर्भ में तरल पदार्थ की मात्रा अधिक हो जाती है, जिस कारण भ्रूण की जन्म के पहले ही मृत्यु हो सकती है। माॅमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम पॉलिहाइड्रेमनियोस, इसके लक्षण, निदान और इलाज के बारे में जानेंगे।
सबसे पहले जानते हैं कि पॉलिहाइड्रेमनियोस क्या है।
पॉलिहाइड्रेमनियोस क्या है?
पॉलिहाइड्रेमनियोस ऐसी अवस्था है, जब गर्भ में अधिक मात्रा में एमनियोटिक नामक तरल पदार्थ का निर्माण हो जाता है। यह तरल पदार्थ गर्भावस्था के दौरान शिशु को चारों ओर से घेरे रहता है। गर्भावस्था के 34 से 36वें सप्ताह में एमनियोटिक द्रव की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इसके बाद डिलीवरी होने तक यह मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है। जब तक एमनियोटिक संतुलित मात्रा में होता है, तब तक भ्रूण और गर्भवती को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन अधिक मात्रा में यह हानिकारक हो सकता है (1)।
पॉलिहाइड्रेमनियोस के बारे में जानने के बाद पता करते हैं कि यह अवस्था कितनी आम है।
पाॅलिहाइड्रेमनियोस कितना आम है?
वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, पॉलिहाइड्रेमनियोस की समस्या 0.2 से लेकर 1.6 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को हो सकती है (2)।
लेख के इस भाग में हम जानेंगे कि बढ़े हुए एमनियोटिक द्रव्य के लक्षण क्या-क्या होते हैं।
ज्यादा एमनियोटिक द्रव के लक्षण । Pregnancy Me Pani Jyaada Hona
अगर गर्भ में एमनियोटिक द्रव्य की मात्रा अधिक हाे जाती है, तो इसके कुछ लक्षणों से आप इसकी स्थिति का पता कर सकते हैं, जैसे (3) :
- गर्भाशय या पेट का अधिक बढ़ना: एमनियोटिक द्रव्य की मात्रा ज्यादा होने से पेट और गर्भाशय जरूरत से ज्यादा बड़े नजर आने लगते हैं।
- पेट में तकलीफ होना: एमनियोटिक द्रव्य की मात्रा बढ़ने पर पेट दर्द के साथ ही पेट से संबंधित और भी समस्याएं हो सकती हैं।
- प्रसव के पूर्व दर्द: एमनियोटिक द्रव्य ज्यादा होने पर प्रसव से पहले ही प्रसव जैसा दर्द होने लगता है।
अधिक मात्रा में एमनियोटिक द्रव्य होने के लक्षणों के बाद जानते हैं, इसके होने के कारणों के बारे में।
गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक एमनियोटिक द्रव्य बनने के कारण
गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव के जरूरत से ज्यादा होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (2) (3) :
- भ्रूण की असामान्यता: गर्भ के अंदर भ्रूण एमनियोटिक द्रव को निगल कर फिर उसे बाहर निकाल देते हैं, इससे एमनियोटिक द्रव की मात्रा स्थिर रहती है। वहीं, अगर बच्चा किसी समस्या के कारण इसे निगल नहीं पाता है, तो एमनियोटिक द्रव का स्तर बढ़ सकता है।
- गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes) – रक्त में अधिक शुगर के कारण भी ज्यादा एमनियोटिक द्रव का निर्माण हो सकता है। ऐसा तब हो सकता है जब महिला के गर्भवती होने से पहले या गर्भावस्था के दौरान उसे मधुमेह हो जाता है।
- ट्विन टू ट्विन ट्रांसफ्यूजन सिंड्रोम (टीटीटीएस) – अगर आपके गर्भ में जुड़वां बच्चे हैं, तो आपको यह समस्या हो सकती है। इसमें एक भ्रूण को अधिक रक्त मिलता है, जबकि दूसरे को कम।
- संक्रमण: कभी कभी याेनि द्वार में संक्रमण के कारण भी ज्यादा एम्नियोटिक द्रव बनना शुरू हाे सकता है।
आर्टिकल में आगे हम पॉलिहाइड्रेमनियोस के निदान के तरीके जानेंगे।
पॉलिहाइड्रेमनियोस के लिए निदान के तरीके
पॉलिहाइड्रेमनियोस अवस्था का पता लगाने के लिए डॉक्टर मुख्य रूप से दो तरीके अपनाते हैं (2):
- अल्ट्रासाउंड: कई बार पॉलिहाइड्रेमनियोस की स्थिति बनने पर चिकित्सक आपको अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हैं। इसके जरिए आपके गर्भ की जांच की जाती है और होने वाली समस्याओं का निदान किया जाता है। अगर पॉलिहाइड्रेमनियोस की स्थिति बनती है, तो डॉक्टर इसका उपचार की सलाह देते हैं।
- लैब टेस्ट: लैब टेस्ट में पॉलिहाइड्रेमनियोस की स्थिति की जांच करने के लिए गर्भवती के रक्त की जांच की जाती है। अगर परिणाम संदेह जनक हुए, तो दवाइयों के माध्यम से या फिर अन्य चिकित्सा पद्धति के जरिए उसका उपचार किया जाता है।
यहां हम बता रहे हैं कि अगर एमनियोटिक द्रव्य ज्यादा हो जाए, तो भ्रूण को क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं।
ज्यादा एमनियोटिक द्रव आपके बच्चे को कैसे प्रभावित करता है?
एमनियोटिक द्रव्य ज्यादा हो जाए, तो भ्रूण को कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जो इस प्रकार हैं (2):
- समय से पहले शिशु का जन्म होना (preterm labor)।
- भ्रूण की असामान्य स्थिति (Abnormal Fetal Presentation)।
- प्रसव के दौरान गर्भनाल का शिशु के शरीर से फंस जाना (cord prolapse)।
- प्रसव के पहले या प्रसव दौरान शिशु की मृत्यु (stillbirth) खासतौर पर तब जब कोई प्रेग्नेंट महिला डायबिटीज की पेशेंट हो (4)।
अब हम एमनियोटिक द्रव्य की जटिलताओं के बारे में जानते हैं।
ज्यादा एमनियोटिक द्रव की जटिलताएं
एमनियोटिक द्रव्य की जटिलताओं को निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं (2) :
- गर्भवती महिला को सांस लेने में तकलीफ होना (Maternal Dyspnea)।
- प्रसव से पहले ही एमनियोटिक थैली (जिसमें भ्रूण रहता है) का फटना, एमनियोटिक द्रव का रिसाव होना ( Premature Rupture of Membranes) और प्री टर्म लेबर पेन होना।
- प्रसव से पहले योनि से रक्तस्राव होना (Postpartum Hemorrhage)।
जटिलताओं के बाद जानते हैं पॉलिहाइड्रेमनियोस का उपचार कैसे किया जा सकता है।
पॉलिहाइड्रेमनियोस के लिए उपचार | Amniotic Fluid Kam Karne Ke Upay
एमनियोटिक द्रव की मात्रा को कम करने के लिए निम्न विधियों का उपयोग किया जाता है (2):
- एमनियोरिडक्शन प्रक्रिया: इसमें एक वैक्यूम के जरिए अतिरिक्त पानी को निकाला जाता है। पॉलीहाइड्रमनिओस के इलाज के लिए इस प्रक्रिया को करना है या नहीं, इसका फैसला डॉक्टर आपकी कंडीशन को देखते हुए लेंगे (5)।
- औषधीय उपचार: इसमें नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इनफ्लेमेटरी दवाओं के जरिए एमनियोटिक द्रव की मात्रा को कम किया जाता है। गर्भवती महिला को सीमित मात्रा में दवाइयां दी जाती हैं, ताकि एमनियोटिक द्रव की मात्रा ज्यादा कम न हो जाए (6)।
- यदि कोई प्रेग्नेंट महिला डायबिटीज की पेशेंट है तो गुड शुगर को कंट्रोल करने से भी एमनियोटिक द्रव को कम होने में मदद होती है।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि किस प्रकार से पॉलिहाइड्रेमनियोस को रोका जा सकता है।
आप पॉलिहाइड्रेमनियोस को कैसे रोक सकते हैं?
डॉक्टर नियमित जांच के जरिए इस स्थिति का पहले ही अंदाजा लगा सकते हैं। इस स्थिति में थोड़ा-सा भी संदेह होने पर डॉक्टर उपचार के जरिए इसकी रोकथाम कर सकते हैं।
पॉलिहाइड्रेमनियोस को होने से रोकने के तरीके को जानने के बाद जानते हैं कि क्या इससे शिशु की मृत्यू हो सकती है।
क्या पॉलिहाइड्रेमनियोस से शिशु के मृत पैदा होने का खतरा होता है?
पॉलिहाइड्रेमनियोस से ग्रसित गर्भवती महिलाओं में डिलीवरी के पहले और डिलीवरी के समय शिशु की मौत होने का खतरा रहता है (7)।
इस आर्टिकल में आपने जाना कि प्रेगनेंसी के दौरान एमनियोटिक द्रव का बढ़ना एक गंभीर समस्या हो सकती है। अगर इसका उपचार समय रहते न किया जाए, तो गर्भस्थ शिशु और गर्भवती दोनों के लिए हानिकारक स्थिति पैदा हो सकती है। इसका पता चलते ही अपने चिकित्सक से उचित इलाज कराएं और स्वस्थ व पौष्टिक आहार का सेवन करें। पॉलिहाइड्रेमनियोस की जानकारी देता यह आर्टिकल काफी हद तक उपयोगी साबित होगा। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई सभी जानकारियां पाठक के काम आएंगी।
References
1. Polyhydramnios BY MedlinePlus
2. Polyhydramnios: Causes, Diagnosis and Therapy BY NCBI
3. Hydramnios BY Rochester
4. Polyhydramnios or Excessive Fetal Growth Are Markers for Abnormal Perinatal Outcome in Euglycemic Pregnancies BY NCBI
5. Procedure-related complications of rapid amniodrainage in the treatment of polyhydramnios. BY NCBI
6. The association between decreased amniotic fluid volume and treatment with nonsteroidal anti-inflammatory agents for preterm labor. BY NCBI
7. Risk Factors Outcome Associated With Polyhydramnios in Sudanese Women BY Office of Scientific and Technical Information
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