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एक महिला की जिंदगी में प्रेगनेंसी को सबसे संवेदनशील समय माना गया है। इस दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण को भी नुकसान पहुंचाने का काम कर सकती है। खासकर, इस दौरान खान-पान को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। ऐसे में, प्रेगनेंसी के दौरान अजमोद यानी पार्सले के सेवन को लेकर सवाल खड़ा हो सकता है कि क्या इसे एक गर्भवती अपने आहार में शामिल कर सकती है? मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इस विषय पर चर्चा करेंगे और बताएंगे कि अजमोद का सेवन गर्भावस्था में सुरक्षित है या नहीं।
तो आइये, सबसे पहले जानते हैं कि गर्भावस्था में अजमोद खाना सुरक्षित है या नहीं।
क्या गर्भावस्था के दौरान अजमोद का सेवन करना सुरक्षित है? | Pregnancy Mein Parsley
प्रेगनेंसी में अजमोद का अधिक सेवन सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि गर्भावस्था में अजमोद का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है (1)। वहीं, एक अन्य रिसर्च की मानें, तो इस दौरान अजमोद का सेवन किडनी और लिवर से जुड़ी समस्या का कारण बन सकता है। वहीं, इस दौरान इससे बने तेल का सेवन भी गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है (2)। गर्भावस्था में किस मात्रा में अजमोद का सेवन करना चाहिए ये निश्चित नहीं किया गया है, लेकिन खाना पकाने में मसाले या गार्निश के रूप में बहुत ही काम मात्रा में अजमोद का उपयोग करने से कोई खतरा नहीं होना चाहिए। ऐसे में बेहतर है किसी भी दुष्प्रभाव से बचने के लिए अजमोद के सेवन के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
स्क्रॉल करके पढ़ें गर्भावस्था के दौरान अजमोद खाने के नुकसान।
गर्भावस्था के दौरान अजमोद खाने के साइड इफेक्ट
गर्भावस्था के दौरान अजमोद का सेवन हानिकारक हो सकता है। नीचे गर्भावस्था में अजमोद के कुछ नुकसान के बारे में जानकारी दी गई है:
- गर्भपात: अजमोद के सेवन से गर्भपात का खतरा हो सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि अजमोद में एपिओल (apiol) और मैरिस्टिसिन नामक कंपाउंड पाया जाता है जो कि गर्भाशय को सक्रीय कर गर्भपात का कारण बन सकता है (3)। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि प्रेगनेंसी में इसका सेवन गर्भपात का जोखिम बढ़ा सकता है।
- एनीमिया: अजमोद लाल रक्त कोशिकाओं की कमी यानी एनीमिया की समस्या का कारण बन सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि अजमोद के सेवन से एनीमिया हो सकता है (1)। फिलहाल, इसके पीछे की कार्यप्रणाली को लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
- लिवर और किडनी से जुड़ी समस्या: अजमोद के सेवन से लिवर और किडनी से जुड़ी समस्या का जोखिम बढ़ सकता है। दरअसल, शोध में पाया गया कि अजमोद में एपिओल (Apiol) नामक कंपाउंड पाया जाता है और यह कंपाउंड हेपाटोटॉक्सिक (लिवर डैमेज) और नेफ्रोटॉक्सिक (किडनी की क्षति) का कारण बन सकता है (4)।
- रक्तस्राव: अजमोद का सेवन गर्भपात के साथ ही रक्तस्राव का कारण भी बन सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि अजमोद में मौजूद एपिओल (Apiole) नामक तत्व गर्भपात के बाद योनि से रक्तस्राव (Post-abortive vaginal bleeding) का कारण बन सकता है (4)।
- ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करे: इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि अजमोद में एंटीडायबिटिक यानी ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करने का प्रभाव पाया जाता है (5)। ऐसे में यह उन गर्भवतियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है, जिनके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर पहले से ही कम है। इससे ब्लड ग्लूकोज का स्तर और नीचे जा सकता है।
प्रेगनेंसी में अजमोद के सेवन से जुड़ी सावधानियां नीचे बताई गई हैं।
अजमोद का सेवन करने से पहले बरतने वाली सावधानियां
हालांकि, गर्भावस्था में अजमोद के कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिन्हें हम ऊपर बता चुके हैं। अगर फिर भी डॉक्टर इसकी कुछ मात्रा के सेवन की सलाह देते हैं, तो नीचे दी गई कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें :
- हमेशा ताजा अजमोद को ही इस्तेमाल में लाएं।
- उपयोग करने के पहले इसे अच्छी तरह से धोएं, जिससे सभी प्रकार की गंदगी दूर हो जाए।
- इसकी थोड़ी मात्रा को ही उपयोग में लाएं।
- साफ करते समय सभी सड़े हुए और मुरझाए हुए पत्तों को हटा दें।
- अजमोद के तेल के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह गर्भपात का कारण बन सकता है (2)।
नोट : अजमोद के सेवन से पहले किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
नीचे जानिए अजमोद को आहार में शामिल करने के कुछ तरीके।
अजमोद को अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं?
जैसा की हम ऊपर बता चुके हैं कि अजमोद के सेवन से कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। फिर भी अगर डॉक्टर इसके सेवन की सलाह देते हैं, तो अजमोद को आहार में नीचे बताए गए तरीके से शामिल कर सकते हैं।
- अजमोद की थोड़ी मात्रा का उपयोग स्वाद के लिए सलाद में कर सकते हैं।
- इसकी थोड़ी मात्रा का उपयोग वेजिटेबल सूप में किया जा सकता है।
- सब्जी पर गार्निश करने के लिए भी थोड़ी मात्रा में अजमोद का उपयोग कर सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि प्रेगनेंसी में अजमोद का सेवन कितना सुरक्षित है, इसकी जानकारी अब आपको हो गई होगी। इसके अलावा, इसका सेवन कौन-कौन सी प्रेगनेंसी की जटिलताओं का कारण बन सकता है, यह भी पता लग गया होगा। ऐसे में, प्रेगनेंसी में इसका सेवन अपनी मर्जी से न करें। इसके अलावा, लेख में दी गई इससे जुड़ी सावधानियों का पालन जरूर करें। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित हुआ होगा।
References
2. Biochemical and haematological assessment of toxic effects of the leaf ethanol extract of Petroselinum crispum (Mill) Nyman ex A.W. Hill (Parsley) in rats By NCBI
3. Abortifacients By Sciencedirect
4. Parsley By Sciencedirect
5. Effects of Petroselinum crispum extract on pancreatic B cells and blood glucose of streptozotocin-induced diabetic rats By PubMed
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