विषय सूची
घर के अंदर हो या बाहर प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को खाने-पीने की चीजों में काफी एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है। यही वजह है कि अक्सर महिलाएं उन चीजों को भी खाने से कतराती हैं, जो गर्भावस्था में फायदेमंद हैं। गर्भावस्था में महिलाओं की इसी असमंजस की स्थिति को दूर करने के उद्देश्य से मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में मूंगफली के फायदे बता रहे है। साथ ही गर्भावस्था में मूंगफली के उपयोग और नुकसान संबंधी कुछ जरूरी बातें भी बताएंगे।
आइए, लेख में पहले हम गर्भावस्था में मूंगफली सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में जानकारी हासिल कर लेते हैं।
क्या प्रेगनेंसी के दौरान मूंगफली खाना सुरक्षित है?
सामान्य से कम वजन वाली महिलाओं को डॉक्टर कुछ खास खाद्य लेने की सलाह देते हैं। इन खाद्य पदार्थों में नट्स (मूंगफली) भी शामिल है (1) (2)। इतना ही नहीं मूंगफली में आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड और विटामिन-डी जैसे पोषक तत्त्व भी होते हैं, जिन्हें गर्भावस्था में आवश्यक माना गया है (3) (4)।
इसके आलावा मूंगफली से संबंधी एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध में जिक्र मिलता है कि गर्भावस्था में मूंगफली का सेवन करने से बच्चे में होने वाली मूंगफली के प्रति एलर्जी की आशंका काफी हद तक कम हो सकती है (5)। इस आधार पर माना जा सकता है कि मूंगफली गर्भावस्था में सुरक्षित है। बशर्तें, मूंगफली के सेवन से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि गर्भवती को मूंगफली से एलर्जी की शिकायत न हो।
लेख के अगले भाग में हम गर्भावस्था में मूंगफली की सीमित मात्रा के बारे में जानेंगे।
गर्भावस्था में कितनी मात्रा में मूंगफली खाना सुरक्षित है?
गर्भावस्था में फोलिक एसिड की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर करीब 28 ग्राम मूंगफली का सेवन करने की सलाह देते हैं। वहीं, करीब दो चम्मच तक पीनट बटर के तौर पर लिया जा सकता है (6)। इस आधार पर प्रतिदिन 28 ग्राम मूंगफली के सेवन को गर्भावस्था में सुरक्षित माना जा सकता है। यदि किसी को हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल या अन्य कोई बीमारी है तो मूंगफली का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
मूंगफली की सुरक्षित मात्रा के बाद अब हम गर्भावस्था में मूंगफली खाने के सही समय के बारे में जानेंगे।
गर्भावस्था में मूंगफली खाने का सबसे अच्छा समय कब है?
जरूरी पोषक तत्त्व की पूर्ति के लिए डॉक्टर संपूर्ण गर्भावस्था में नट्स का सेवन करने की सलाह दे सकते है। मूंगफली का सेवन पहली से तीसरी तिमाही तक किया जा सकता है (7)। वहीं, एनसीबीआई के शोध में जिक्र मिलता है कि पहली और तीसरी तिमाही में मूंगफली का सेवन करने से होने वाले बच्चे में मूंगफली के प्रति एलर्जी की आशंका काफी हद तक कम हो सकती है (5)। इन तथ्यों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मूंगफली का सेवन संपूर्ण गर्भावस्था में लाभकारी है, लेकिन पहली और तीसरी तिमाही के दौरान इसका सेवन अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।
मूंगफली सेवन का सही समय जानने के बाद अब हम मूंगफली के पोषक तत्वों के बारे में बात करेंगे।
मूंगफली के पोषक तत्व
100 ग्राम मूंगफली में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी कुछ इस प्रकार है (4):
- 100 ग्राम मूंगफली में 6.5 ग्राम पानी और 567 किलो कैलोरी एनर्जी मौजूद रहती है।
- मिनरल्स के रूप में 100 ग्राम मूंगफली में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, कॉपर, जिंक, मैंगनीज, सोडियम और सेलेनियम पाया जाता है, जिनमें सबसे अधिक मात्रा में मैग्नीशियम उपस्थित रहता है।
- 100 ग्राम मूंगफली में पाए जाने वाले विटामिन में मुख्य रूप से थियामिन, राइबोफ्लेविन,नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड, विटामिन बी-6, फोलेट, कोलिन, बीटाइन और विटामिन ई शामिल हैं। इनमें से नियासिन मूंगफली में सबसे अधिक मात्रा में उपस्थित रहता है।
- वहीं, 100 ग्राम मूंगफली में लिपिड के रूप में सैचुरेटेड, पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं, जिनमें मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा सबसे अधिक होती है।
मूंगफली के पोषक मूल्य जानने के बाद अब हम गर्भावस्था में मूंगफली खाने से होने वाले फायदे जानेंगे।
प्रेगनेंसी के दौरान मूंगफली खाने के क्या फायदे हैं?
गर्भावस्था में मूंगफली के फायदे कई हैं, जिनके बारे में लेख के इस भाग में हम विस्तार से जानेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि मूंगफली किस प्रकार इन समस्याओं में राहत पहुंचाने का काम कर सकती है।
1. एनीमिया में दिलाए राहत
जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया है कि मूंगफली में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी सहायक हैं। इन्हीं पोषक तत्वों में आयरन भी शामिल है (4)। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रेगनेंसी के दौरान स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में आयरन भी अहम है। वजह यह है कि इस दौरान कई महिलाएं आयरन की कमी के कारण एनीमिया की समस्या से ग्रस्त होती हैं। ऐसे में आयरन से भरपूर मूंगफली का सेवन इस समस्या के जोखिम को काफी हद तक कम करने में सहायक साबित हो सकता है (8)।
2. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
मूंगफली का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी द्वारा मूंगफली पर किए गए शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में माना गया है कि मूंगफली में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड शरीर में ट्राईसिलग्लिसरॉल (एक प्रकार का फैटी एसिड) की मात्रा को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर, मैग्नीशियम, फोलेट, अल्फा टोकोफेरोल, कॉपर और आर्गेनाइन जैसे तत्व हृदय जोखिम को बढ़ाने वाले कारणों को नियंत्रित करने में सक्षम हैं (9)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रेगनेंसी के दौरान मूंगफली का सेवन कर हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।
3. आंतों के कैंसर में लाभकारी
वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के एक शोध के मुताबिक, मूंगफली या इससे बने उत्पादों का सेवन आंतों के कैंसर में सहायक साबित हो सकता है। वजह यह है कि मूंगफली में एंटी-प्रोलिफेरेटिंग (कैंसर सेल्स को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इसी प्रभाव के कारण मूंगफली आंतों के कैंसर जैसी घातक बीमारी में भी कुछ राहत दिलाने में मदद कर सकती है (10)। ध्यान रहे कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। इसलिए, अगर कोई गर्भवती महिला आंतों के कैंसर से पीड़ित है, तो मूंगफली का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
4. मानसिक विकास में सहायक
मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए मूंगफली को उपयोग में लाना फायदेमंद साबित हो सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई के एक शोध से होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि मूंगफली में भरपूर मात्रा में ओलिक एसिड पाया जाता है, जो मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है। इससे मानसिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है (11)।
इतना ही नहीं मूंगफली में मौजूद विटामिन-बी9 (फोलिक एसिड) भी दिमागी विकास में अहम भागीदारी अदा करता है। साथ ही फोलिक एसिड भ्रूण विकास में भी मुख्य भूमिका निभाता है (12)। इन तीनों तथ्यों को देखते हुए यह माना जा सकता है कि मूंगफली का सेवन गर्भावस्था में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ ही भ्रूण के विकास के लिए भी उपयोगी साबित हो सकता है।
5. वजन बढ़ाने में सहायक
जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया है कि डॉक्टर कम वजन वाली गर्भवती महिलाओं को वजन बढ़ाने के लिए आहार में नट्स (मूंगफली) और पीनट बटर का सेवन करने की सलाह देते हैं (1)। कारण यह है कि मूंगफली में कैलोरी से भरपूर होती है (4)। यही वजह है कि मूंगफली का नियमित सेवन कुछ हद तक वजन को बढ़ाने के प्रयास में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है (13)।
6. कब्ज में मददगार
कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए भी मूंगफली को उपयोग में लाया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मूंगफली में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो मल को ढीला कर कब्ज की समस्या में राहत पहुंचाने का काम कर सकता है (14)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मूंगफली का सेवन करने से कब्ज की शिकायत में काफी हद तक सुधार महसूस किया जा सकता है।
7. डिप्रेशन में दिलाएं आराम
यह तो आप जान ही चुके हैं कि मूंगफली का सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इसकी अलावा, मूंगफली डिप्रेशन और मूड स्विंग की समस्या में भी लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकती है। इस बात का प्रमाण इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ट्रिप्टोफेन रिसर्च के एक शोध से मिलता है। शोध में कहा गया है कि मूंगफली में ट्रिप्टोफेन (अमीनो एसिड का प्रकार) नामक खास तत्व पाया जाता है। यह तत्व डिप्रेशन और मूड स्विंग की समस्या में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है (15)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले डिप्रेशन और मूड स्विंग में भी मूंगफली उपयोगी साबित हो सकती है।
8. प्रोटीन से भरपूर
अन्य पोषक तत्वों के साथ ही मूंगफली में प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में होता है (4)। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही भ्रूण के विकास (त्वचा, हड्डी और मांसपेशी निर्माण) में भी सहायक होता है (3)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि गर्भावस्था में बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ ही भ्रूण के विकास के लिए भी मूंगफली उपयोगी साबित हो सकती है।
9. जिंक का अच्छा स्रोत
अन्य पोषक तत्वों की तरह ही गर्भावस्था में जिंक की भी अहम उपयोगिता है। इस बात की पुष्टि जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च के एक शोध से होती है। इसमें मूंगफली को जिंक का अच्छा स्रोत माना गया है। जिंक कई जरूरी पोषक तत्वों के अवशोषण के साथ ही विटामिन-ए और विटामिन-डी को सक्रीय करने में भी मदद कर सकता है। साथ ही यह भ्रूण के विकास और दुग्ध निर्माण को भी बढ़ावा दे सकता है (16)। ऐसे में जिंक की पूर्ती के लिए भी मूंगफली के सेवन को उपयोगी माना जा सकता है।
10. हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करे
बढ़े हुए ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति के लिए भी मूंगफली काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। नट्स से संबंधित एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में माना गया है कि नट्स का सेवन सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों ही ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। शोध में लिए गए इन नट्स में मूंगफली भी शामिल है (17)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रही गर्भवती के लिए मूंगफली का सेवन उपयोगी साबित हो सकता है।
11. ब्लड शुगर को करे नियंत्रित
मूंगफली का सेवन महिलाओं में बढ़े हुए ब्लड शुगर के जोखिम को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकता है (18)। वहीं, लेख में ऊपर बताया गया है कि जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावस्था में शुगर) की समस्या में डॉक्टर नट्स और पीनट बटर का सेवन करने की सलाह देते हैं (2)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि प्रेगनेंसी के दौरान बढ़े हुए ब्लड शुगर के जोखिम को कम करने के उद्देश्य से मूंगफली का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है।
लेख के अगले भाग में हम गर्भावस्था में मूंगफली एलर्जी के लक्षणों से जुड़ी जानकारी देंगे।
प्रेगनेंसी के दौरान मूंगफली से एलर्जी के लक्षण
निम्न बिंदुओं के माध्यम से हम गर्भावस्था में मूंगफली से होने वाली एलर्जी के लक्षणों के बारे में जान सकते हैं (19):
- त्वचा पर लाली, चकत्ते और खुजली होना।
- पेट में दर्द होना।
- उल्टी महसूस होना।
- डायरिया की समस्या।
- अधिक खांसी और छींक आना।
- सांस लेने में हल्की सीटी जैसी आवाज का आना।
नोट : इन लक्षणों की स्थिति में मूंगफली का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए और बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लेख के अगले भाग में हम मूंगफली खाने के नुकसान के बारे में जानकारी देंगे।
प्रेगनेंसी के दौरान मूंगफली खाने के साइड इफेक्ट्स
निम्न बिन्दुओं के माध्यम से हम मूंगफली के अधिक सेवन से होने वाले कुछ नुकसान के बारे में जानेंगे।
- मूंगफली पर लगने वाली फफूंदी में अफ्लाटॉक्सिन नाम का एक विषैला पदार्थ पाया जाता है, जो लिवर कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है (21)। यही वजह है कि फफूंदी युक्त मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जैसा कि आप जान चुके हैं कि मूंगफली का सेवन कुछ हद तक वजन को बढ़ाने का काम कर सकता है। इसलिए, अधिक वजन वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए (13)।
- मूंगफली को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कुछ विशेष कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है, जो उसके दानों द्वारा भी कुछ मात्रा में अवशोषित कर लिया जाता है। इस कारण मूंगफली के अधिक सेवन से कुछ दुष्परिणाम प्रदर्शित हो सकते हैं।
लेख के अगले भाग में हम मूंगफली का सेवन करते वक्त ध्यान में रखी जाने वाली कुछ बातों के बारे में बताएंगे।
मूंगफली का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
निम्न बिन्दुओं के माध्यम से हम मूंगफली के सेवन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानने का प्रयास करेंगे:
- जरूरत से अधिक वजन होने की स्थिति में मूंगफली का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे खाने से वजन और बढ़ता है (13)।
- उल्टी या डायरिया होने की स्थिति में मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए (19)।
- किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को मूंगफली के सेवन से बचना चाहिए (22)।
- ब्लड शुगर कम करने वाली दवाओं का सेवन करने वाले लोगों को मूंगफली के अधिक सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर को कम कर सकती है (18)।
- एक बार में अधिक मूंगफली नहीं खानी चाहिए। साथ ही नमक युक्त मूंगफली का सेवन भी कम से कम करना चाहिए।
लेख के अगले भाग में हम गर्भावस्था में मूंगफली खाने के कुछ आसान तरीकों के बारे में जानकारी देंगे।
प्रेगनेंसी के दौरान मूंगफली खाने के तरीके
निम्न बिन्दुओं के माध्यम से हम गर्भावस्था में मूंगफली खाने के कुछ आसान तरीके जान सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- ड्राई रोस्ट करके मूंगफली को स्नैक्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- मूंगफली को नमक युक्त पानी में छिलके सहित उबालकर भी खाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
- संतुलित मात्रा में नमक युक्त भूनी हुई मूंगफली भी आहार में शामिल करने का आसान विकल्प हो सकती है।
- मूंगफली की चटनी बनाकर भी इसे उपयोग में लाया जा सकता है।
- किसी भी सीरल्स में मूंगफली को मिलाकर इसे आहार में शामिल किया जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या आप प्रेगनेंसी के दौरान कच्ची मूंगफली खा सकते हैं?
कच्ची मूंगफली पर फंगस होने की आशंका अधिक होती है। वहीं, लेख में ऊपर बताया गया है कि फंगस युक्त मूंगफली का सेवन लिवर कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है (21)। ऐसे में बेहतर होगा कि प्रेगनेंसी के दौरान कच्ची मूंगफली का सेवन न किया जाए।
क्या प्रेगनेंसी के दौरान मूंगफली खाने से बच्चा बुद्धिमान बनता है?
मूंगफली में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड पाया जाता है (23), जो बच्चे के मानसिक विकास में सहायक माना जाता है (24)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में मूंगफली का सेवन बच्चे को बुद्धिमान बना सकता है।
मूंगफली से होने वाले फायदों और इसमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जानने के बाद अब तो आप यह समझ चुकी होंगी कि यह गर्भावस्था में कितनी उपयोगी है। साथ ही आपने लेख के माध्यम से इसके उपयोग, सावधानी और आहार में शामिल करने के कुछ आसान तरीकों के बारे में भी जाना।
इसलिए, बिना किसी देरी के डॉक्टर से सलाह लेकर मूंगफली को अपने आहार में शामिल करें और अन्य गर्भवती महिलाओं को भी इससे होने वाले फायदों के बारे में जरूर बताएं। हम उम्मीद करते हैं कि आपके स्वस्थ गर्भावस्था को बनाए रखने के प्रयास में यह लेख उपयोगी साबित होगा। अगर आपके सर्कल में कोई महिला गर्भवती है, तो इस आर्टिकल को उसके साथ जरूर शेयर करें।
References
1. When you need to gain more weight during pregnancy By Medlineplus
2. Gestational diabetes diet By Medlineplus
3. Macronutrient and Micronutrient Intake during Pregnancy: An Overview of Recent Evidence By Ncbi
4. Peanuts, all types, raw By Usda
5. Peanut, milk, and wheat intake during pregnancy is associated with reduced allergy and asthma in children By Ncbi
6. Folic Acid: the Vitamin That Helps Prevent Birth Defects By Health Ny
7. Tips for Pregnant Moms By Usda
8. Anaemia among Pregnant Women By Osti
9. Peanut Consumption Improves Indices of Cardiovascular Disease Risk in Healthy Adults By Ncbi
10. Peanut consumption and reduced risk of colorectal cancer in women: A prospective study in Taiwan By Ncbi
11. Cerebrovascular and Cognitive Benefits of High-Oleic Peanut Consumption in Healthy Overweight Middle-Aged Adults By Ncbi
12. Nutritional Chemistry of the Peanut (Arachis hypogaea) By Researchgate
13. A review of the evidence: nuts and body weight By Nhri
14. Eating, Diet, & Nutrition for Constipation By Nih
15. L-Tryptophan: Basic Metabolic Functions, Behavioral Research and Therapeutic Indications By Ncbi
16. Minerals in Pregnancy and Lactation: A Review Article By Ncbi
17. The Effect of Tree Nut, Peanut, and Soy Nut Consumption on Blood Pressure: A Systematic Review and Meta-Analysis of Randomized Controlled Clinical Trials By Ncbi
18. Nut and Peanut Butter Consumption and Risk of Type 2 Diabetes in Women By Ncbi
19. Peanut Allergy By Ncbi
20. Sodium Intake and Hypertension By Ncbi
21. Aflatoxins By Nih
22. Eating, Diet, & Nutrition for Kidney Stones By Nih
23. Balancing omega-6 and omega-3 fatty acids in ready-to-use therapeutic foods (RUTF) By Ncbi
24. Omega-3 Fatty Acids and Pregnancy By Ncbi
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.