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जहां एक ओर गर्भावस्था जीवन में खुशियाें का संदेश लेकर आती है, तो वहीं कुछ अनोखे अनुभव भी मिलते हैं। इस दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जैसे स्तन और पेट का आकार बढ़ जाता है, रक्त प्रवाह पहले से तेज हो जाता है, वजन बढ़ता है आदि। साथ ही पेट पर काले रंग की रेखाएं भी नजर आने लगती हैं, जिन्हें चिकित्सीय भाषा में लिनिया नाइग्रा कहा जाता है। माॅमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान पेट पर होने वाली काली रेखाओं यानी लिनिया नाइग्राे के बारे में ही बात करेंगे।
आइए सबसे पहले जानते हैं कि आखिर क्या है लिनिया नाइग्रा।
गर्भावस्था के दौरान पेट पर काली रेखा (लिनिया नाइग्रा) क्या है?
गर्भावस्था के दौरान हाइपरपिगमेंटशन के कारण पेट पर काले रंग की रेखाएं (लिनिया नाइग्रा) उभर आती हैं, जो गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में नजर आती हैं। ये रेखाएं श्रोणि यानी पेल्विस से लेकर नाभि तक होती हैं। कुछ मामलों में ये रेखाएं छाती तक भी हो सकती हैं। प्रसव के बाद ये रेखाएं कुछ महीनों बाद गायब हो जाती है (1)।
अब जानते हैं कि किस कारण से यह काली रेखा बनती है।
गर्भावस्था में पेट पर काली रेखा पड़ने के क्या कारण हैं?
गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण शरीर में मेलेनिन (स्किन पिगमेंट) का निर्माण ज्यादा होने लगता है। शरीर में मेलेनिन का जमाव अधिक होने से त्वचा का रंग गहरा होने लगता है। इस कारण से आगे चलकर त्वचा पर काली रेखा यानी लिनिया नाइग्रा नजर आने लगती है (1)।
आगे जानते हैं कि गर्भावस्था में यह रेखा कब नजर आती है।
गर्भावस्था के दौरान लिनिया नाइग्रा कब दिखाई देती है?
गर्भावस्था में लिनिया नाइग्रा दूसरी तिमाही में नजर आने लगती है। किसी गर्भवती महिला में यह रेखा साफ तौर पर दिखाई देती है, तो किसी-किसी में बिल्कुल नजर नहीं आती। समय के साथ यह चौड़ी हो जाती है और गर्भावस्था के कुछ समय के बाद अपने आप ही गायब हो जाती है (1)।
इसके बारे में जानने के बाद मन में एक सवाल तो आया होगा कि क्या इसे रोका जा सकता है? आइए जानते हैं।
क्या लिनिया नाइग्रा को रोका जा सकता है?
नहीं, यह सामान्य प्रक्रिया है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों के कारण ऐसा हो सकता है। साथ ही लिनिया नाइग्रा हर गर्भवती महिला में नजर आए, संभव नहीं है। अच्छी बात यह है कि डिलीवरी के बाद कुछ महीनों में यह रेखा अपने आप गायब भी हो जाती है। हालांकि, इसे रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन कुछ घरेलू नुस्खों के जरिए इसकी डार्कनेस को कम जरूर किया जा सकता है। जैसे:
- नींबू का रस: नींबू का रस त्वचा पर हाइपरपिगमेंटेशन को फीका करके उसे चमकदार बनाने में मदद करता है। इससे काली रेखा फीकी या कम दिखाई देने लग सकती है (2)।
- कॉस्मेटिक: गर्भावस्था में काली रेखा पर कॉस्मेटिक पाउडर को लगा सकते हैं। इस प्रकार लाइन को कवर करने से लिनिया नाइग्रा के कालेपन को दूर कर सकते हैं। ध्यान रखे कि कोई भी रासायनिक क्रीम और ब्लीचिंग क्रीम हानिकारक हो सकती है, इसलिए इसके उपयोग से बचना चाहिए और डॉक्टर से पूछकर ही प्रयोग करना चाहिए।
- सूरज की किरणों से दूर रहें: गर्भावस्था के दौरान सूरज की किरणों का बहुत ज्यादा संपर्क त्वचा को और काला कर सकता है। इससे लिनिया नाइग्रा और भी ज्यादा स्पष्ट दिखाई देने लग सकती है। इससे बचने के लिए या तो सूरज की किरणों के संपर्क में न आएं या फिर सनस्क्रीन लगाकर ही बाहर निकलें।
क्या काली लंबी लाइन गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है? आइए जानते हैं।
क्या लिनिया नाइग्रा से गर्भ में शिशु को कोई नुकसान हो सकता है?
इसका दिखाई देना गर्भावस्था का एक स्वाभाविक हिस्सा है। गर्भावस्था के दौरान लिनिया नाइग्रा किसी भी प्रकार की हानि से रहित रेखा है। इसके बारे में आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। इससे न तो गर्भ में पल रहे शिशु को कोई हानि होती है और न ही गर्भवती महिला को (3)।
इस भाग में हम जानेंगे कि गर्भावस्था के बाद इस काली रेखा से कैसे छुटकारा पाया जाए।
गर्भावस्था के बाद पेट पर काली रेखा से कैसे छुटकारा पाएं?
लिनिया नाइग्रा आमतौर पर शिशु के जन्म के बाद बिना इलाज के ही या तो गायब हो जाती है या फिर फीके पड़ जाती है (4)। यह प्रसव के बाद एक साल के अंदर मिट सकती है और त्वचा अपने सामान्य टोन में वापस आ सकती है। वहीं, कुछ मामलों में यह निशान पूरी तरह से गायब नहीं होता है। इनसे निपटने के लिए हम यहां कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं।
- कोकोआ बटर: कोकोआ बटर को त्वचा की देखभाल के लिए सबसे बेहतर माना गया है। इसमें मॉइस्चराइजिंग गुण होता हैं, जो गर्भावस्था के दौरान त्वचा पर पड़ने वाले निशानों को हल्का करने में मदद कर सकता है। फिर चाहे वो स्ट्रेच मार्क्स हों या फिर लिनिया नाइग्रा (5)।
- मंजिष्ठा: यह प्राकृतिक जड़ी-बूटी है। इसे प्राचीन काल से दवा के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। यह त्वचा के रंग व पिगमेंटेशन को बेहतर करती है। इसमें घाव को भरने और एंटीफंगल गुण हैं। इसे प्रेगनेंसी में पेट पर काली लंबी लाइन के मार्क्स को कम करने के लिए दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है (6)।
- विटामिन-ई जेल: कई अध्ययनों में त्वचा कोशिकाओं पर विटामिन-ई के सुरक्षात्मक प्रभाव पाए गए हैं (7)। पेट पर विटामिन-ई जेल लगाने से त्वचा के रंग को हल्का करके टोन करने में मदद मिलती है।
- शीया बटर: शिया पौधे के तेल में ट्राइटरपेन प्रचुर मात्रा में होता है, जिसका इस्तेमाल स्किन प्रोडक्ट में किया जाता है। इसे पेट पर लगाने से लिनिया नाइग्रा की डार्कनेस कम हो सकती है और रूखापन भी खत्म हो सकता है (8)।
- प्राकृतिक तेलों से मालिश: कई प्राकृतिक तेलों में रोगाणुरोधी व एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो उन्हें त्वचा के लिए फायदेमंद बनाते हैं। पेट के ऊपर प्राकृतिक तेलों से मसाज करने से गर्भावस्था के दौरान पेट पर काले रंग की लाइन धीरे-धीरे कम हो सकती है और कुछ समय के बाद ठीक भी हो सकती है (9)।
आगे जानते हैं उन सवालों के जवाब जो हमें हमारे पाठकों ने भेजे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
अगर आप गर्भवती नहीं हैं, तो क्या आपको लिनिया नाइग्रा हो सकता है?
हां, बिना गर्भधारण किए भी त्वचा पर लिनिया नाइग्रा नजर आ सकते हैं। साथ ही यह भी सच है कि सामान्य महिलाओं की अपेक्षा गर्भवती महिलाओं में ये ज्यादा नजर आते हैं (10)।
क्या लिनिया नाइग्रा से अनुमान लगाया जा सकता है कि गर्भ में लड़का है या लड़की?
नहीं, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। सिर्फ अल्ट्रासाउंड को छोड़ किसी अन्य तरीके से इस बारे में पता नहीं किया जा सकता। वैसे भी प्रसव से पहले लिंग का पता लगाना कानूनी अपराध है।
क्या गर्भावस्था के दौरान पेट पर काली रेखा न दिखना चिंता का विषय है?
नहीं, गर्भावस्था के दौरान पेट पर काली रेखा न दिखाई देता चिंता का विषय नहीं है। जरूर नहीं कि यह हर गर्भवती महिला में नजर आए।
गर्भावस्था के दौरान पेट पर नजर आने वानी काले रंग की लाइन स्वाभाविक क्रिया है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। साथ ही यह मां और होने वाले शिशु दोनों के लिए ही हानिकारक नहीं है। लिनिया नाइग्रा से संबंधित यह जानकारी आप दूसरों के साथ भी शेयर करें, ताकि अगर किसी को इस विषय में कोई संदेह हो, तो वो दूर हो जाए।
References
1. Pregnancy and Skin By NCBI
2. The Hunt for Natural Skin Whitening Agents BY NCBI
3. Extensive hyperpigmentation during pregnancy: a case report By NCBI
4. Skin And Pregnancy By Medicine.Yale
5. skin changes during pregnancy By Oacapps.med.jhmi
6. Manjistha (Rubia Cordifolia) as Cosmeceutical Remedy for Prevention of Striae Gravidarum By IJAPR
7. Vitamin E and Skin Health By Oregonstate
8. Anti-Inflammatory and Skin Barrier Repair Effects of Topical Application of Some Plant Oils BY NCBI
9. Natural Oils for Skin-Barrier Repair: Ancient Compounds Now Backed by Modern Science BY NCBI
10. The incidence of lower mid-trunk hyperpigmentation (linea nigra) is affected by sex hormone levels By NCBI
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