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संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आहार और पोषक तत्वों पर ध्यान देने पर जोर दिया जाता है। खासकर, गर्भावस्था में संतुलित और पौष्टिक आहार लेना जरूरी होता है। इस अवस्था में हर तरह के विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व गर्भवती व गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य व विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में जरूरी माने जाने वाले पोषक तत्व प्रोटीन के बारे में बात करेंगे। यहां हम गर्भावस्था में प्रोटीन की मात्रा, इसके फायदे व नुकसान के साथ ही प्रेगनेंसी में प्रोटीन पाउडर से जुड़े संशय को भी दूर करने की कोशिश करेंगे।

चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि गर्भावस्था में प्रोटीन क्यों जरूरी होता है।

गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन क्यों महत्वपूर्ण है?

प्रोटीन सिर्फ गर्भवतियों ही नहीं, बल्कि सभी के लिए जरूरी है, बस गर्भावस्था में इसकी जरूरत बढ़ जाती है। प्रोटीन शरीर को ऊर्जा देने के साथ ही हड्डियों, मांसपेशियों और त्वचा के निर्माण के लिए जरूरी होता है (1) (2) प्रोटीन शरीर के विकास और रखरखाव दोनों के लिए आवश्यक होता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन युक्त आहार को भोजन में शामिल करना जरूरी माना गया है। यह प्रेगनेंसी को स्वस्थ रखने के साथ ही भ्रूण के विकास को सुनिश्चित करता है (3)। प्रोटीन शरीर के ऊतकों यानी टिश्यू और अंगों की संरचना (स्टर्कचर), कार्य और रेगुलेशन के लिए आवश्यक होता है (4)। इसलिए, आहार के माध्यम से पर्याप्त प्रोटीन रोजाना लेना आवश्यक है, क्योंकि शरीर इसे वसा या कार्बोहाइड्रेट की तरह स्टोर करके नहीं रखता है (1)

लेख में हम आगे बता रहे हैं कि गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन की कितनी मात्रा की आवश्यकता गर्भवती महिला को होती है।

प्रेगनेंसी के दौरान आपको कितना प्रोटीन चाहिए?

वैसे प्रतिदिन हर व्यक्ति को न्यूनतम 71 ग्राम प्रोटीन या 0.81, 1.0, 1.3 व 1.6 प्रति किलो वजन के हिसाब से प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। खासकर, गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन की आवश्यकता बढ़ जाती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान रोजमर्रा के मुकाबले अतिरिक्त कितना प्रोटीन जरूरी होता है, हम नीचे बता रहे हैं (5) (6):

  • गर्भावस्था का पहले भाग में में 2  ग्राम / किलोग्राम अतिरिक्त प्रोटीन रोजाना।
  • दूसरे भाग में 52  ग्राम / किलोग्राम ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन रोजाना
  • तीसरी तिमाही में 21 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन प्रतिदिन।

नीचे, हम बता रहे हैं कि प्रोटीन की कमी के कारण कि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

प्रेगनेंसी में प्रोटीन की कमी से क्या हो सकता है? | Pregnancy Me Protein Ki Kami

गर्भावस्था में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा न लेने पर शरीर में इसकी कमी हो सकती है। शरीर में प्रोटीन की कमी होने का सीधा संबंध अन्य पोषक तत्वों की कमी से है। इसका मतलब साफ है कि शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पा रही है। इस कारण गर्भवतियों को कुछ इस तरह की समस्याओं व लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है (7) (8) (9) (10) :

  • मांसपेशियों में कमजोरी।
  • बालों का पतला होना व झड़ना।
  • मां और बच्चे के विकास में अवरोध।
  • एल्बुमिन (एक प्रकार का प्रोटीन) की मात्रा में कमी होना, जिसकी वजह से एडिमा (सूजन) हो सकता है।
  • शिशु के बड़े होने के बाद कुछ आनुवंशिक बीमारी जैसे- मोटापा, हृदय संबंधी समस्या व टाइप-2 डायबिटीज हो सकती है।
  • लो-बर्थ वेट (कम वजन वाले बच्चे को जन्म देना)।
  • नवजात के हृदय वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
  • नवजात के बड़े होने तक ब्लड प्रेशर का बढ़ना और गुर्दे यानी किडनी के विकास में बाधा।
  • इम्यूनिटी कम होना।

अब हम प्रेगनेंसी में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ के फायदों के बारे में बता रहे हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए प्रोटीन के स्वास्थ्य लाभ

  • गर्भावधि मधुमेह (GDM) : प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा का सेवन करने से गर्भावधि मधुमेह के खतरे से बचा जा सकता है। इसकी वजह से कई महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी में जटिलताओं का सामना करना पड़ता है (11)।
  • मांसपेशियों के लिए : गर्भावस्था में प्रोटीन का सेवन करने से शिशु की मांसपेशियों को विकसित होने में मदद मिलती है। साथ ही यह टिश्यू को रिपेयर करने में भी लाभदायक होता है। यह गर्भवती महिलाओं की मांसपेशियों और टिश्यू के लिए भी जरूरी होता है (12)
  • भ्रूण विकास : प्रेगनेंसी के दौरान प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ को शामिल करना भ्रूण के विकास को सुनिश्चित कर सकता है (3)
  • लो-बर्थ वेट से बचाए : गर्भावस्था में शिशु का वजन अनुरूप न होना प्रेगनेंसी की आम जटिलताओं में से एक है। इस समस्या से बचाने में प्रोटीन का सेवन मदद कर सकता है। प्रोटीन का नियंत्रित व आवश्यक मात्रा में सेवन करने से शिशु के वजन को कम होने से रोका जा सकता है (13)
  • ऊर्जावान रखने में मदद करे : प्रोटीन के सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है। प्रत्येक ग्राम प्रोटीन में 4 किलो कैलोरी होती है, जो शरीर को ऊर्जावान रखने में मदद करता है (14)
  • संपूर्ण शरीर के लिए: प्रोटीन त्वचा, बाल, नाखून, मांसपेशियों, हड्डियों और आंतरिक अंगों का एक प्रमुख हिस्सा है। प्रोटीन लगभग शरीर में सभी जगह पाया जाता है। यही वजह है कि प्रोटीन को संपूर्ण शरीर के लिए जरूर माना जाता है (14)

गर्भावस्था में प्रोटीन के फायदे के बाद चलिए, अब प्रेगनेंसी में प्रोटीन के लिए क्या खाना चाहिए यह भी जान लेते हैं।

गर्भावस्था में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ | Pregnancy Me Protein Ke Liye Kya Khana Chahiye

आप जान ही चुके हैं कि गर्भावस्था में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन कितना जरूरी होता है। अब हम प्रोटीन युक्त कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में शामिल कर सकती हैं (11) (15) (16)

  • फलियां (बीन्स)
  • मटर
  • कम वसा वाले डेयरी उत्पाद
  • टोफू, टेम्पेह (Tempeh) और अन्य सोया प्रोटीन उत्पाद
  • पिंटो बीन्स, ब्लैक बीन्स, किडनी बीन्स, दाल, स्प्लिट मटर
  • बादाम, हेजलनट्स, मिश्रित नट्स, मूंगफली व अखरोट
  • मूंगफली से बना मक्खन
  • मट्ठा
  • अंडा
  • मछली व चिकन

आगे, हम प्रेगनेंसी में प्रोटीन पाउडर लिया जा सकता है या नहीं, इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

क्या गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन पाउडर ले सकते हैं? | Pregnancy Me Protein Powder In Hindi

सामान्य तौर पर गर्भावस्था में प्रोटीन पाउडर का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है (8) डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान संतुलित प्रोटीन एनर्जी सप्लीमेंट (25% प्रोटीन) लेने की सलाह सिर्फ कम वजन और पर्याप्त पौष्टिक भोजन प्राप्त न करने वाली महिलाओं को ही देते हैं (17)। ज्यादातर प्रोटीन पाउडर में शुगर होती है, जिसके कारण गर्भावधि मधुमेह हो सकता है। इससे बच्चे का वजन बढ़ सकता है, जिससे प्रसव के दौरान परेशानी हो सकती है। इसलिए प्रोटीन पाउडर खरीदते समय उसमें शुगर की मात्रा पर जरूर ध्यान दें। वे लोग जो मोटे हैं या जिन्हें मधुमेह है, उनके लिए शुगरफ्री प्रोटीन पाउडर बेहतर होगा ।

हालांकि, गर्भावस्था के दौरान संतुलित प्रोटीन एनर्जी सप्लीमेंट, जिसमें ऊर्जा के रूप में 20% तक प्रोटीन मौजूद था, उसे हानिकारक नहीं पाया गया है। इसके सेवन से भ्रूण के विकास में सुधार होने के साथ ही शिशुओं के जन्म के वजन (बर्थ वेट) में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है (13)

इसलिए, अगर आप गर्भावस्था में प्रोटीन पाउडर का सेवन करना चाहती हैं या कर रही हैं, तो एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

नीचे, हम गर्भावस्था में प्रोटीन पाउडर लेने से संबंधित और जानकारी दे रहे हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए कौन सा प्रोटीन पाउडर सबसे अच्छा है?

प्राकृतिक चीजों से बने प्रोटीन पाउडर व सप्लीमेंट जैसे – व्हे प्रोटीन, मूंग दाल से बना प्रोटीन और मटर प्रोटीन सप्लीमेंट बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन आपकी प्रेगनेंसी और शरीर को प्रोटीन की जरूरत के हिसाब से डॉक्टर ही सही प्रोटीन पाउडर और इसकी मात्रा को निर्धारित कर सकते हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि कई प्रोटीन पाउडर में काफी मात्रा में चीनी, आर्टिफिशियल फ्लेवर व थिकनर का प्रयोग किया जाता है, जो गर्भवतियों के लिए हानिकारक हो सकता है (18)

वहीं, प्रोटीन ड्रिंक सप्लीमेंट में भारी धातु यानी हेवी मेटल पाए जाते हैं, जैसे लेड (सीसा) और मरकरी (पारा)। यह दोनों मेटल तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। खासकर, मरकरी की वजह से भ्रूण में न्यूरोडेवलपमेंट दोष पाया जा सकता है। प्रोटीन सप्लीमेंट भ्रूण के हार्मोन्स को भी असंतुलित कर सकता है (19)

गर्भावस्था में प्रोटीन की अधिक मात्रा से होने वाले नुकसान पर अब एक नजर डाल लेते हैं।

गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन का अधिक सेवन करने से क्या नुकसान हो सकता है?

प्रेगनेंसी में प्रोटीन का सेवन अधिक मात्रा में करने से कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं। कुछ संभावित नुकसान के बारे में हम नीचे बता रहे हैं (20) (7)

  • भ्रूण मैक्रोसोमिया
  • कंधे की डिस्टोसिया (नॉर्मल डिलीवरी के दौरान बच्चे की डिलीवरी में परेशानी होना)
  • वयस्कता के दौरान बच्चे में मोटापे की संभावना बढ़ना
  • गर्भावस्था में माँ का वजन बढ़ना
  • गर्भावधि मधुमेह

गर्भावस्था में प्रोटीन के फायदे और अधिक प्रोटीन के नुकसान सभी के बारे में हम विस्तार से लेख में बता चुके हैं। आप रोजाना सही मात्रा में प्रोटीन का सेवन करके खुद के और भ्रूण के विकास व मांसपेशियों की मजबूती सुनिश्चित कर सकते हैं। कोशिश करें कि आप प्रोटीन का सेवन आहार के माध्यम से ही करें। गर्भावस्था में प्रोटीन के साथ ही अन्य पोषक तत्वों पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। उम्मीद है कि इस लेख में आपको प्रेगनेंसी में प्रोटीन से संबंधित सभी जरूरी जानकारी मिल गई होगी। प्रेगनेंसी से जुड़ी ऐसी और जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

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