Written by

गर्भावस्था के समय महिलाओं को खास देखभाल की जरूरत होती है। वजह यह है कि इस दौरान महिलाओं में संक्रमण होने का जोखिम अधिक रहता है। वहीं कुछ स्थितियों में यह संक्रमण महिला के साथ-साथ होने वाले बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है (1)। ऐसे में डॉक्टर गर्भवती को कुछ विशेष दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। उन्हीं दवाओं में एंटीबायोटिक्स भी शामिल हैं। अब गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स का सेवन कितना सुरक्षित है, यह समझना भी जरूरी है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन के साथ इन्हें लेते वक्त ध्यान रखने योग्य सावधानियों के बारे में भी बता रहे हैं।

लेख में आगे बढ़कर आइए पहले हम एंटीबायोटिक क्या है, इस बारे में जान लेते हैं।

एंटीबायोटिक्स क्या है?

एंटीबायोटिक्स दवा का एक प्रकार है, जो इंसानों और जानवरों में बैक्टीरिया और इसके कारण होने वाले संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। ये दवाएं बैक्टीरिया को मारकर उन्हें बढ़ने से रोकने का काम करती हैं। एंटीबायोटिक्स दवाओं को मौखिक रूप से, क्रीम, स्प्रे या मरहम के रूप में या फिर इंजेक्शन के माध्यम से उपयोग किया जा सकता है। वहीं एक विशेष बात जानने योग्य यह है कि एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया के संक्रमण के उपचार में उपयोग की जाती हैं, वायरल इंफेक्शन पर इनका कोई असर नहीं होता है (2)

स्क्रॉल करके जानें कि क्या एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन गर्भावस्था में सुरक्षित है।

क्या प्रेगनेंसी के दौरान एंटीबायोटिक्स का उपयोग सुरक्षित है?

हां, गर्भावस्था के समय होने वाले संक्रमण की गंभीरता और उससे बच्चे को होने वाले जोखिमों को देखते हुए डॉक्टर कुछ खास एंटीबायोटिक दवाओं को लेने की सलाह दे सकते हैं। मगर, इसका यह बिल्कुल भी अर्थ नहीं है कि सभी एंटीबायोटिक्स गर्भावस्था में ली जा सकती हैं। दरअसल, सुरक्षा की दृष्टि से करीब 10 प्रतिशत एंटीबायोटिक दवाओं को ही गर्भावस्था में सुरक्षित माना गया है (3)

वहीं कई एंटीबायोटिक दवाओं का होने वाले बच्चे पर विपरीत प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसमें त्वरित दुष्प्रभाव के रूप में बच्चे में जन्मजात मानसिक विकार देखा जा सकता है। वहीं जन्म के बाद दिखने वाले दुष्प्रभावों में गट माइक्रोबायोम (आंतों में बैक्टीरिया), अस्थमा और एटोपिक डर्मेटाइटिस (एक्जिमा) की समस्या शामिल है (3)। इस कारण गर्भावस्था में बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए।

नीचे पढ़ें कि गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स की जरूरत कब और किस लिए होती है।

प्रेगनेंसी में एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता कब और क्यों होती है?

गर्भावस्था में कई प्रकार के संक्रमण होने का खतरा रहता है, जिसमें कि यूरिन ट्रैक इंफेक्शन यानी यूटीआई, श्वसन, कान, नाक और गले का संक्रमण शामिल है। इसके अलावा जननांगों के संक्रमण के इलाज के लिए भी एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। डॉक्टर अक्सर इन समस्याओं में एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करने के लिए दे सकते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था में प्रीटर्म लेबर, इंट्रापार्टम बुखार, नियोनेटल ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस फीवर की रोकथाम और सिजेरियन सेक्शन में भी एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन कराया जाता है (4)। इसके साथ ही एक अन्य शोध के अनुसार गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में एंटीबायोटिक्स दवाएं गर्भावस्था में संक्रमण और होने वाले बच्चे में संक्रमण के जोखिम को कम करने में प्रभावी नहीं होती हैं (5)

आगे हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में कौन सी एंटीबायोटिक्स लेना सुरक्षित हो सकता है।

प्रेगनेंसी में सुरक्षित एंटीबायोटिक दवाओं की लिस्ट

गर्भावस्था में कुछ एंटीबायोटिक्स काे सुरक्षित माना जा सकता है। उनके नाम हम नीचे दे रहे हैं। हालांकि, समस्या के अनुसार ही एंटीबायोटिक का निर्धारण किया जा सकता है। इसलिए इनमें से किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए (3)

  • बीटा-लैक्टम
  • वैनकोमाइसिन
  • नाइट्रोफ्यूरन्टाइन
  • मेट्रोनिडाजोल
  • क्लिंडामाइसिन
  • फोसफोमाइसिन

नीचे पढ़ें उन एंटीबायोटिक्स के नाम जिन्हें गर्भावस्था में नहीं लेना चाहिए।

प्रेगनेंसी में किन एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए?

गर्भावस्था के समय कुछ एंटीबायोटिक्स को सुरक्षित नहीं माना जाता है। यहां हम उन एंटीबायोटिक्स के नाम बता रहे हैं, जो कुछ इस तरह से हैं (5) (3)

  • सिप्रोफ्लोक्सासिन
  • डॉक्सीसाइक्लिन
  • मीनोसाइक्लिन
  • टेट्रासाइक्लिन
  • फ्लोरोक्विनोलोन
  • एमोक्सिसिलिन
  • एमोक्सिसिलिन-पोटेशियम क्लैवुलनेट
  • फेनोक्सी मिथाइल पेनिसिलिन
  • सेफीक्सीम
  • एजिथ्रोमाइसिन
  • क्लेरिथ्रोमाइसिन
  • सिप्रोफ्लोक्सासिन
  • नॉरफ्लोक्सासिन
  • लिवोफ्लॉक्सासिन
  • क्लिंडामाइसिन
  • डॉक्सीसाइक्लिन
  • मीनोसाइक्लिन
  • इरिथ्रोमाइसिन
  • मेथ्रोमाइसिन

नीचे जानें गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स लेने से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में।

प्रेगनेंसी के दौरान एंटीबायोटिक्स के नुकसान

गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स लेने के कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। यहां हम एंटीबायोटिक्स से होने वाले उन दुष्प्रभाव के बारे में बता रहे हैं (4)

  • एलर्जिक प्रतिक्रियाएं जैसे :- होंठ, चेहरे या जीभ पर सूजन
  • अनियंत्रित हृदय गति
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानी आंतों से जुड़ी समस्याएं
  • कुछ दुर्लभ स्थितियों में मृत्यु

नीचे बताया जा रहा है गर्भावस्था में होने वाले कॉमन इंफेक्शन के बारे में।

प्रेगनेंसी में होने वाले सामान्य इन्फेक्शन

गर्भावस्था के समय कुछ सामान्य इन्फेक्शन देखने को मिलते हैं, जिनमें एंटीबायोटिक्स दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। यह इंफेक्शन कुछ इस प्रकार हैं (6) (3):

  • यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन (UTIs): गर्भावस्था में मूत्र पथ का संक्रमण होना आम है। इस समस्या में किडनी, ब्लैडर यानी मूत्राशय या यूरेथ्रा (पेशाब नली) प्रभावित हो सकती है। यह बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रमण है, जिसे एंटीबायोटिक्स दवाओं के द्वारा ठीक करने में मदद मिल सकती है।
  • यौन संचारित संक्रमण (STIs): गर्भावस्था में होने वाला यह सबसे आम संक्रमण है, जो योनी मार्ग में होता है। यह संक्रमण योनि में रहने वाले बैक्टीरिया के संतुलन में बदलाव के कारण हो सकती है, जिससे प्रीटर्म लेबर की स्थिति बन सकती है। गर्भावस्था के इस संक्रमण की रोकथाम के लिए भी एंटीबायोटिक्स दी जा सकती है।
  • ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस (जीबीएस): यह संक्रमण शिशुओं में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। मगर, प्रसव के दौरान एंटीबायोटिक देने से जीबीएस के प्रसार को रोका जा सकता है।
  • लिस्टेरिया या लिस्टेरियोसिस: यह एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो आमतौर पर दूषित भोजन खाने से होता है। गर्भावस्था में इस संक्रमण से प्रेगनेंसी लॉस, स्टिलबर्थ, प्रीटर्म बर्थ या नवजात शिशु के जीवन को खतरा हो सकता है।

लेख में यहां हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में एंटीबायोटिक लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

प्रेगनेंसी में एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से जुड़ी सावधानियां

प्रेगनेंसी में एंटीबायोटिक्स लेने के पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनके बारे में नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है।

  • एंटीबायोटिक्स का उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
  • ध्यान रहे कि एंटीबायोटिक बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण में ही काम कर सकते हैं, इसलिए इसका उपयोग वायरल संक्रमण के दौरान नहीं करना चाहिए।
  • एंटीबायोटिक्स को तब ही उपयोग में लेना चाहिए, जब अन्य कोई उपचार काम न करे।
  • कभी भी ओवर द काउंटर और वर्जित एंटीबायोटिक्स का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • कभी भी एंटीबायोटिक्स का ओवरडोज नहीं लेना चाहिए। यह नुकसानदायक हो सकता है।

नीचे पढ़ें गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स लेने पर शिशु पर क्या असर हो सकता है।

क्या प्रेगनेंसी के दौरान एंटीबायोटिक्स लेने से गर्भ में पल रहे शिशु पर प्रभाव पड़ता है?

गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स लेने पर माता के साथ ही नवजात शिशु में भी कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यह दुष्प्रभाव कुछ इस तरह से हैं :

  • जन्मजात असामान्यताएं : गर्भावस्था में कुछ एंटीबायोटिक्स का सेवन भ्रूण में जन्मजात विकार का कारण बन सकता है। इसमें हृदय संबंधी विकार, ग्रास नली का पूर्ण विकसित न होना और कटे होंठ या तालू का होना शामिल है (7)
  • मोटापा : गर्भावस्था में एंटीबायोटिक का सेवन होने वाले बच्चे में मोटापे का जोखिम बढ़ा सकता है (5)
  • नियोनेटल नेक्रोटाइजिंग एंट्रोकोलाइटिस: यह नवजात शिशुओं में आंतों की समस्या है, जिसके परिणामस्वरूप आंत की दीवार में सूजन और बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है (5)
  • मस्तिष्क संबंधी असामान्यताएं: एंटीबायोटिक का सेवन शिशुओं में मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं का कारण भी बन सकता है, जिससे उनके मस्तिष्क के विकास की गति धीमी हो सकती है (5)
  • इसके अलावा गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स का सेवन करने पर बचपन में अस्थमा का जोखिम, मिर्गी का खतरा और शारीरिक विकास में भी समस्याएं हो सकती हैं (5)

बेशक, यह तर्क दिया जा सकता है कि प्राथमिक संक्रमण के बढ़ते जोखिम में उपचार के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जा सकती हैं। फिर भी, यह सुझाव दिया जाता है कि गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स मां के साथ-साथ भ्रूण को भी प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए लेख में दी गई एंटीबायोटिक्स के प्रभावों के बारे में जानें और फिर सावधानीपूर्वक विचार कर डॉक्टर की सलाह से ही इनका सेवन करें। गर्भावस्था में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने मन से किसी भी दवा का उपयोग करना सही नहीं है। इसलिए समस्या कितनी भी सामान्य क्यों न हो, गर्भावस्था में डॉक्टर की राय आवश्यक है।

Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown

Community Experiences

Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.