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गर्भावस्था में कुछ महिलाओं को सफेद पानी की समस्या हो जाती है। चिकित्सीय भाषा में इसे ल्यूकोरिया कहा जाता है। यह कोई गंभीर समस्या नहीं है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी आना सामान्य बात है, लेकिन कई बार महिलाएं इससे घबरा जाती हैं। उनके घबराने का मुख्य कारण गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा को लेकर होता है। खासतौर पर, उन महिलाओं के लिए, जो पहली बार मां बनने वाली हों। उन्हें इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं होती, जिस कारण वो कभी-कभी तनाव में आ जाती हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इसी मुद्दे पर बात रहे हैं। हम गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी आने के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। हम इसके कारणों से लेकर इससे बचने के टिप्स के बारे में जानेंगे।
सबसे पहले यह जानते हैं कि गर्भावस्था में सफेद पानी आना दरअसल है क्या।
गर्भावस्था में सफेद पानी क्या है? | Pregnancy Me Safed Pani
सफेद स्राव गर्भाशय ग्रीवा और योनि में बनने वाला तरल है, जो मृत कोशिकाओं और बैक्टीरिया को बाहर निकालने का काम करता है। यह महिला के प्रजनन अंगों को साफ रखता है और संक्रमण से बचाता है। यह स्राव गर्भावस्था के आखिरी समय में बढ़ सकता है (1)। अगर यह सफेद रंग का, हल्का या गाढ़ा चिपचिपा, गंधहीन या हल्का गंध वाला हो, तो यह सामान्य स्राव माना जाता है, यानी चिंता का विषय नहीं है। प्रेगनेंसी में सफेद डिस्चार्ज कब-कब होता है (pregnancy me white discharge kab hota hai), इस बारे में आगे बताया गया है।
आइए, अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी गिरने के कारण क्या हैं।
गर्भावस्था में सफेद पानी गिरने के कारण | Pregnancy Me Safed Pani Kyu Girta Hai
- गर्भावस्था के दौरान, महिला का शरीर ज्यादा एस्ट्रोजन का उत्पादन करता है, जिस कारण सफेद स्राव बढ़ जाता है (2)।
- जैसे-जैसे गर्भ में शिशु का विकास होता है, तो उसके सिर से गर्भाशय ग्रीवा पर दबाव बढ़ता है, जिस कारण स्राव बढ़ने लगता है। ऐसा ज्यादातर गर्भावस्था के अंतिम चरण में होता है।
- गर्भावस्था के दौरान ग्रीवा और योनि की दीवार नरम हो जाती है, जिससे सफेद तरल निकलता है, जो योनि के जरिए होने वाले संक्रमण से बचाव करता है।
आइए, अब प्रेगनेंसी की तीनों तिमाही में होने वाले सफेद स्राव के बारे में जानते हैं।
तीनों तिमाही में सफेद स्राव में अंतर
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में सफेद पानी
गर्भावस्था की पहली तिमाही में यह स्राव रंगहीन और पतला होता है। हालांकि, यह समय के साथ गाढ़ा होता जाता है। अगर गर्भावस्थी पहली तिमाही में सफेद पानी के कुछ असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए। सफेद पानी के असामान्य लक्षणों के बारे में हमने इस लेख में आगे बताया है।
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में सफेद पानी
प्रग्नेंसी की दूसरी तिमाही में सफेद पानी अंडे के सफेद भाग की तरह दिखता है। वहीं, अगर सफेद पानी के साथ खून आने लगे, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में सफेद पानी
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही तक सफेद पानी ज्यादा मात्रा में निकलना शुरू हो जाता है। चूंकि, इस तिमाही तक शिशु का काफी हद तक विकास हो चुका होता है, इसलिए शिशु के सिर से गर्भाशय पर दबाव पड़ता है, जिस कारण यह स्राव होता है। इसके अलावा, कभी-कभी तीसरी तिमाही में सफेद पानी के साथ रक्त के थक्के भी दिखाई दे सकते हैं। हालांकि, यह सामान्य है, लेकिन फिर भी इस बारे में डॉक्टरी परामर्श लेना जरूरी होता है।
गर्भावस्था के आखिरी समय में सफेद पानी आना
गर्भावस्था के दौरान म्यूकस प्लग ग्रीवा के मार्ग को अवरुद्ध करता है, ताकि गर्भाशय में किसी तरह का बैक्टीरिया प्रवेश न कर सके। ऐसे में गर्भावस्था के आखिरी समय में यह म्यूकस प्लग योनि की ओर खिसकने लगता है। इस दौरान गर्भवती को साफ, गुलाबी या हल्का रक्त वाला वजाइनल डिस्चार्ज हो सकता, जिसे ‘शो’ कहा जाता है। आमतौर पर यह लेबर शुरू होने के कुछ दिन पहले होता है (3)।
क्या सफेद पानी आने से शिशु को नुकसान हो सकता है?
गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी आना गर्भवती के शरीर और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए अच्छा माना जाता है। यह शिशु को सुरक्षा प्रदान करता है और कई तरह के संक्रमण से बचाता है (1), लेकिन अगर सफेद पानी आना ज्यादा आने लगे या इसमें दुर्गंध हो, तो यह शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। यह संक्रमण का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा, अगर गर्भवती योनि संक्रमण से ग्रसित हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि यह संक्रमण शिशु तक पहुंच सकता है।
गर्भावस्था के दौरान असामान्य सफेद स्राव
अगर आपको सफेद स्राव में नीचे बताए गए लक्षण दिखाई दें, तो यह असामान्य हो सकता है (4) :
- अगर यह पीले, हरे या भूरे रंग का हो।
- अगर इसमें तेज दुर्गंध आए।
- अगर योनि मार्ग लाल हो जाए या खुजली महसूस हो।
गर्भावस्था के दौरान असामान्य सफेद स्राव जो संक्रमण का संकेत देते हैं :
- यीस्ट इन्फेक्शन : अगर गर्भावस्था में असामान्य स्राव के साथ योनि में जलन या खुजली हो, तो यह यीस्ट इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (5)।
- यौन संचारित संक्रमण : कई बार गर्भावस्था के समय संबंध बनाने के दौरान बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं। इस दौरान पीला या सफेद दुर्गंध वाला डिस्चार्ज हो सकता है। इसके लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (6)।
- बैक्टीरियल वेजिनोसिस : बैक्टीरियल वेजिनोसिस एक महिला की योनि में मौजूद सामान्य बैक्टीरिया में असंतुलन के कारण होता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि असंतुलन का कारण क्या है। डॉक्टर की मानें, तो यह प्रेगनेंसी में खतरा पैदा कर सकता है। इससे समय पूर्व डिलीवरी या गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। यह संक्रमण 10 से 40 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में देखा गया है, जिस कारण समय पूर्व प्रसव और एमनियोटिक द्रव में संक्रमण की स्थिति उत्पन्न हो सकती है (7)।
- ब्राउन डिस्चार्ज : यह गर्भपात या एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, यह सबकोरियोनिक हेमोरेज (Subchorionic Hemorrhage – गर्भनाल और गर्भाशय की दीवार से खून बहना) और गर्भावधि ट्रोफोब्लास्टिक रोग (Gestational Trophoblastic Disease – गर्भावस्था से संबंधित ट्यूमर) के कारण भी हो सकता है। दरअसल, यह ब्राउन डिस्चार्ज रक्तस्राव होता है (8)। इस वजह से गर्भावस्था में भूरे रंग का स्राव होना जोखिम भरा माना जा सकता है।
- ट्राइकोमोनिएसिस : पीला या हरे रंग का दुर्गंध वाला स्राव ट्राइकोमोनिएसिस का लक्षण हो सकता है। इसके कारण पानी की थैली का समय से पहले टूटना, समय से पहले प्रसव होना या जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने की भी आशंका बढ़ जाती है (9)।
- गोनोरिया : कुछ मामलों में योनि से स्राव का कारण गोनोरिया भी हो सकता है। यह भी असुरक्षित यौन संबंध से फैलने वाला रोग है। यह मां के जरिए बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है। सामान्य तौर पर महिलाओं में इसके कुछ खास लक्षण नहीं होते हैं, हालांकि इसके कारण मूत्राशय या योनि संक्रमण हो सकता है (10)।
सलाह : किसी भी तरह की जटिलता से बचने के लिए गर्भावस्था के शुरुआती समय में यौन रोग से संबंधित संक्रमण का स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं।
सफेद पानी के कारण इन्फेक्शन से बचने के टिप्स
गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी आना सामान्य है, लेकिन कुछ मामलों यह आपको असहज महसूस कर सकता है। इसके अलावा, ज्यादा मात्रा में सफेद पानी निकलने से संक्रमण का खतरा भी हो सकता है। नीचे हम आपको सफेद पानी के कारण इन्फेक्शन से बचने के टिप्स दे रहे हैं :
- सफेद पानी के कारण संक्रमण से बचने के लिए अपने जननांगों को हमेशा साफ-सुथरा रखें। सुगंधित साबुन या अन्य किसी सुगंधित चीज जैसे परफ्यूम व डीयो आदि का इस्तेमाल न करें। सादे पानी से जननांगों को साफ रखने की कोशिश करें।
- इस दौरान टैंपोन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ऐसे में जननांगों पर बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं और टैंपोन के जरिए योनि मार्ग में प्रवेश कर सकते हैं।
- वजाइनल डाउशिंग (यह योनि को धोने का एक तरीका होता है, जिसमें पानी और सिरके को मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है) बिल्कुल न करें, क्योंकि इसके जरिए बैक्टीरिया योनि में प्रवेश कर सकते हैं, जिस कारण संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा, अगर डाउश के जरिए योनि में हवा चली जाए, तो भी यह घातक हो सकता है।
- हमेशा कॉटन की अंडरवियर पहनें और ज्यादा तंग कपड़े न पहनें। समय-समय पर अंडरवियर बदलते रहें।
- जननांग को हमेशा आगे से पीछे की ओर साफ करें।
- संबंध बनाने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें।
- प्रोबायोटिक चीजें जैसे योगर्ट अपने खानपान में शामिल करें। यह शरीर में अच्छे बैक्टीरिया बनाने में मदद करते हैं। ओवर दी काउंटर लिक्विड वॉशेज का उपयोग ज्यादा न करें।
अगर यह डिस्चार्ज संक्रमण के कारण है, तो आपको सबसे पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर आपको कुछ दवाएं दे सकते हैं। इस दौरान आपको एंटीबायोटिक दवा भी दी जा सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या योनि स्राव एमनियोटिक द्रव जैसा होता है?
नहीं, एमनियोटिक द्रव पेशाब की तरह साफ या पीले रंग का होता है। यह ज्यादातर गंध रहित होता है या फिर हल्की गंध वाला होता है। इसके अलावा, एमनियोटिक द्रव तब बाहर आता है, जब पानी की थैली फट जाती है। यह प्रसव नजदीक होने का मुख्य लक्षण होता है।
2. क्या सफेद पानी आना गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण है?
हां, जब आप गर्भधारण करती हैं, तो योनि से होने वाले सफेद स्राव में वृद्धि हो सकती है। लेकिन, अगर इस दौरान खुजली, दर्द, तेज गंध या यूरिन पास करते समय दर्द होता है, तो यह संक्रमण के कारण भी हो सकता है (11)। इसलिए जरूरी है कि इसका सटीक कारण जानने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट कराएं और डॉक्टरी सलाह लें।
भले ही गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी आना सामान्य है, लेकिन आपको इसके असामान्य लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। इससे न सिर्फ आप पर बल्कि आपके शिशु पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और प्रेगनेंसी में सफेद पानी आने से संबंधित जरूरी जवाब आपको मिल गए होंगे। इस लेख को सभी परिचित गर्भवती महिलाओं के साथ शेयर करना न भूलें।
References
1. Vaginal discharge in pregnancy By NHS
2. Cervical mucus characteristics and hormonal status at insemination of Holstein cows By Ncbi
3. When does labor usually start? By NIH
4. Vaginal discharge during pregnancy By Pregnancy birth and baby
5. Yeast Infection and Diabetes Mellitus among Pregnant Mother in Malaysia By NCBI
6. Validation of vaginal discharge syndrome among pregnant women attending obstetrics clinic, in the tertiary hospital of Western India By NCBI
7. Bacterial vaginosis in pregnancy By Ncbi
8. First trimester bleeding By Pubmed
9. Trichomoniasis By Centers for disease control and prevention
10. Gonorrhea Test By Medlineplus
11. Pregnancy – signs and symptoms By Betterhealth
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