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इसमें कोई दो राय नहीं कि गर्भावस्था हर महिला के लिए सबसे नाजुक दौर होता है। इस दौरान महिलाओं को खाने-पीने के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों को लेकर भी कई सावधानियां बरतनी होती हैं। खासकर, शारीरिक संबंध बनाते समय उन्हें विशेष सावधानी बरतनें की जरूरत होती है। जरा-सी लापरवाही मां और होने वाले शिशु के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इसी मुद्दे पर बात करेंगे। हम जानेंगे कि क्या गर्भावस्था में शारीरिक संबंध बनाना सुरक्षित है? अगर हां, तो ऐसे में किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?

आइए, सबसे पहले यह जानते हैं कि ये सुरक्षित है भी या नहीं।

क्या गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Sambogh Karna Chahiye Ki Nahi

गर्भावस्था के दौरान संभोग तब तक सुरक्षित है, जब तक कि आप स्वस्थ हों और डॉक्टर इसके लिए मना नहीं करते। एमनियोटिक थैली (तरल पदार्थ की थैली, जिसमें भ्रूण होता है) और गर्भाशय की मजबूत मांसपेशियों के कारण भ्रूण सुरक्षित रहता है। इस वजह से उसे संक्रमण होने की आशंका कम होती है। इसके अलावा, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस प्रकार से शारीरिक संबंध बना रहे हैं। बेशक, आपको कोई स्वास्थ्य समस्या न भी हो, तो भी इसे करने से पहले एक बार डॉक्टर से पूछ लेना जरूरी है। साथ ही डॉक्टर से यह पूछना भी जरूरी है कि गर्भवती महिला को कब तक संबंध बनाने चाहिए (1)

लेख के इस भाग में जानिए कि गर्भवती महिला को यौन संबंध से कब परहेज करना चाहिए।

गर्भावस्था में शारीरिक संबंध कब नहीं बनाने चाहिए?

डॉक्टर निम्नलिखित परिस्थितियों में ऐसा करने से मना कर सकते हैं (2):

  • अगर आपको गर्भपात होने की आशंका हो या फिर पहले गर्भपात हो चुका हो।
  • अगर गर्भावस्था के 37वें हफ्ते से पहले ही प्रसव होने की आशंका बढ़ जाए।
  • बिना कारण के योनि से रक्तस्राव या फिर ऐंठन होने की समस्या हो।
  • अगर एमनियोटिक थैली से तरल पदार्थ का रिसाव होने लगे।
  • अगर गर्भाशय ग्रीवा समय से पहले ही खुल जाए।
  • अगर आपके गर्भ में जुड़वां या उससे ज्यादा भ्रूण हों।

आगे हम इस विषय में कुछ अन्य जानकारियां दे रहे हैं।

गर्भावस्था से आपके शारीरिक संबंध कैसे प्रभावित हो सकते हैं?

गर्भावस्था के दौरान यौन जीवन वैसा नहीं रहता जैसा उससे पहले होता है। गर्भावस्था के चलते शरीर में विभिन्न परिवर्तन होते हैं, जिस कारण यौन संबंधों को लेकर इच्छा कम हो सकती है। यहां हम बता रहे हैं कि तीनों तिमाही के दौरान यौन जीवन कैसा रह सकता है (3):

  1. पहली तिमाही : पहली तिमाही के दौरान गर्भवती महिला को सुबह के समय कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, थकान, स्तनों में सूजन और बार-बार पेशाब आने का अहसास होता है। इन हार्मोनल परिवर्तनों के कारण गर्भवती की कामेच्छा कम होने लगती है।
  1. दूसरी तिमाही : गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस व अन्य समस्याएं कम होने लगती हैं। इस कारण से कुछ महिलाओं में यौन संबंध बनाने की इच्छा ज्यादा हो सकती है। इस दौरान गर्भवती महिला का पेट ज्यादा बड़ा नहीं होता है, इसलिए आराम से शारीरिक संबंध बनाए जा सकते हैं।
  1. तीसरी तिमाही : इस दौरान भ्रूण का विकास होने से पेट का आकार बड़ा हो जाता है। साथ ही मां अपने शिशु की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सक्रिया हो जाती है। इस कारण से तीसरी तिमाही में गर्भवती महिला में यौन संबंध बनाने की इच्छा कम हो सकती है।

आर्टिकल के इस हिस्से में हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में सुरक्षित यौन संबंध कैसे बनाए जा सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित यौन स्थिति क्या हैं? | Pregnancy Me Sambogh Kaise Kare

बेशक, स्वस्थ गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए यौन अवस्थाओं का चुनाव सही प्रकार से करना जरूरी है। यहां हम बता रहे हैं कि किस तिमाही में कौन सी पॉजिशन बेहतर रहेगी (4) (5):

1. पहली तिमाही :

  • वुमन ऑन टॉप पॉजिशन : इस पॉजिशन में महिला, पुरुष के ऊपर रहती, ताकि पेट पर किसी प्रकार का दबाव न पड़े।
  • एज ऑफ द बेड पॉजिशन : इस पॉजिशन में महिला बेड के किनारे पीठ के बल लेट जाती है और पैर नीचे जमीन को स्पर्श करते हैं। वहीं, पुरुष सामने खड़ी अवस्था में रहता है।
  • घुटनों के बल : इसे डॉग स्टाइल पॉजिशन भी कहा जाता है। महिला बेड या सोफे पर घुटनों को मोड़कर आगे की तरफ झुक जाती है और पुरुष पीछे की तरफ रहता है

2. दूसरी तिमाही :

  • घुटनों के बल : इस अवस्था को दूसरी तिमाही में भी सुरक्षित माना गया है। इससे महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को नुकसान नहीं होता।
  • सिटिंग डाउन पॉजिशन : इसमें महिला, पुरुष की गोद में बैठती है और दोनों का चेहरा आमने-सामने होता है।
  • स्पूनिंग पॉजिशन : इसमें महिला एक तरफ लेट जाती है और पुरुष भी उसी अवस्था में उसके पीछे रहता है। इसे सबसे सुरक्षित पॉजिशन माना गया है।

3. तीसरी तिमाही :

  • वुमन ऑन टॉप पॉजिशन : तीसरी तिमाही में पेट का आकार काफी बड़ा हो जाता है, इसलिए यह अवस्था सुरक्षित हो सकती है। इसमें महिला, पुरुष के ऊपर होती है, जिस कारण पेट पर किसी तरह का दबाव नहीं पड़ता है। इसके अलावा, आप स्पूनिंग व डॉग स्टाइल पॉजिशन भी कर सकते हैं।

यह जानना भी जरूरी है कि शारीरिक संबंध बनाते समय किस पॉजिशन में नहीं रहना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान संभोग की किन-किन पॉजिशन से बचें?

  • गर्भावस्था की पहली तिमाही में सभी तरह की पॉजिशन सुरक्षित होती हैं, लेकिन अधिक गति से बचना चाहिए। साथ ही सैंट वाले ल्यूब्रिकेंट व योनि मार्ग के बदले वैकल्पिक याैन संबंध से बचें।
  • दूसरी तिमाही में मिशनरी पॉजिशन से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें आप पीठ के बल लेटती हैं और पुरुष आपके ऊपर होता है। इससे गर्भाशय के भार से रक्त वाहिकाएं दब सकती हैं और आपको परेशानी हो सकती है
  • तीसरी तिमाही में मिशनरी पॉजिशन की तरह पीठ के बल लेटने वाली पॉजिशन से बचें।

क्या गर्भावस्था में शारीरिक संबंध बनाने से फायदा भी होता है? आगे हम इसी को वर्णित कर रहे हैं।

गर्भावस्था के दौरान संभोग से लाभ

आपको यह पढ़ने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सही है कि स्वस्थ गर्भावस्था के दौरान संभोग करना मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान संभोग करने के कुछ फायदे इस प्रकार से हो सकते हैं (6):

  • अच्छी नींद : गर्भावस्था के दौरान संभोग से मां को आराम मिलता है और बेहतर नींद में मदद मिल सकती है।
  • बेहतर रक्त संचार : शारीरिक संबंध बनाने से महिला के शरीर में रक्त का प्रवाह तेज गति से होता है, जो गर्भवती और शिशु दोनों के लिए अच्छा है।
  • प्रतिरोधक क्षमता में सुधार : गर्भावस्था में प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में संभोग करने से इसमें कुछ हद तक सुधार हो सकता है। शारीरिक संबंध से एंटीबॉडी के स्तर में सुधार होता है, जिस कारण सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाव होता है
  • श्रोणि की मजबूत मांसपेशियां : खासकर, तीसरी तिमाही में शारीरिक संबंध बनाने से श्रोणि की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे गर्भवती को नॉर्मल डिलीवरी के दौरान किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता।
  • सामान्य रक्तचाप : इससे रक्तचाप का स्तर सामान्य होता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है, क्योंकि तेज रक्तचाप की वजह से गर्भवती महिला को प्रीक्लेम्पसिया (रक्तचाप का अधिक हो जाना) का सामना करना पड़ सकता है।
  • तनाव में कमी : संभाेग के बाद महिला में एंडोर्फिन हार्मोन का निर्माण होता है। इससे तनाव में कमी आती है। साथ ही ऑक्सीटॉसिन हार्मोन का निर्माण भी होता है, जिससे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है।

क्या शारीरिक संबंध बनाने से गर्भवती को कोई समस्या भी हो सकती है? जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

गर्भावस्था के दौरान और बाद में संभोग से होने वाली समस्याओं के संकेत

कुछ मामलों में प्रेगनेंसी के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से निम्न प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है (7):

  • योनि से रक्तस्राव या स्पॉटिंग
  • गर्भाशय के संकुचन
  • संभोग के दौरान दर्द
  • एमनियोटिक द्रव का रिसाव
  • योनि के पास दर्द व ऐंठन

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या पहली तिमाही के दौरान संभोग से गर्भपात हो सकता है?

नहीं, अगर आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं और सुरक्षित तरीके से शारीरिक संबंध बनाते हैं, तो गर्भपात नहीं हो सकता। वहीं, अगर आपको किसी प्रकार की समस्या है या फिर संक्रमण हो गया है, तो गर्भपात हो सकता है (8)।

क्या गर्भावस्था के दौरान संभोग में अरूचि होना सामान्य है?

हां, इसका कारण थकावट, जी-मिचलाना, स्तनों में बदलाव और बार-बार पेशाब आना होता है।

क्या गर्भावस्था के दौरान वैकल्पिक यौन संबंध बनाना सुरक्षित है?

नहीं, इससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है और गर्भवती को भी संक्रमण हो सकता है।

गर्भावस्था में संभोग के बाद संकुचन क्यों होता है?

गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाने के बाद पेट में ऐंठन या संकुचन महसूस होना सामान्य है। ऐसा पेट में रक्त का प्रवाह तेज होने के कारण हो सकता है।

क्या गर्भावस्था के दौरान संभोग के लिए कंडोम आवश्यक हैं?

गर्भावस्था के दौरान यौन संक्रमण होने पर आपके शिशु को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, कंडोम का प्रयोग करना सुरक्षित है (5)। वैसे भी शारीरिक संबंध के समय कंडोम जरूर करना चाहिए, फिर चाहे आप गर्भवती हों या न हों।

क्या प्रेगनेंसी के दौरान संभोग करने से समय से पूर्व प्रसव हो सकता है?

गर्भावस्था के अंतिम हफ्तों में शारीरिक संबंध बनाने से रक्त वाहिकाओं में ऑक्सीटॉसिन हार्मोन का निर्माण होता है। यह हार्मोन ग्रीवा को प्रसव के लिए तैयार करने में मदद करता है, जिससे अंतिम दिनाें में संकुचन हो सकता है और प्रसव का अहसास हो सकता है (9)। इसलिए, अगर आपको पहले कभी समय पूर्व हुआ हो, तो अंतिम समय में शारीरिक संबंध से बचें।

प्रेगनेंसी के दौरान आरामदायक, सुरक्षित व आनंददायक संभोग ही अच्छा होता है। इससे मां और शिशु दोनों को नुकसान नहीं होता है। साथ ही प्रसव के समय गर्भवती महिला को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना भी नहीं करना पड़ता है। बेशक, स्वस्थ गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाना सुरक्षित है, लेकिन फिर भी इससे पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर कर हर किसी को इस विषय से जुड़ी जानकारी दें।


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