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गर्भावस्था में खानपान का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। सही आहार और उससे मिलने वाले पोषक तत्व गर्भवती और भ्रूण के स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं, कोई महिला अगर गलती से किसी ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन कर ले, जिससे प्रेगनेंसी में परहेज करना चाहिए, तो इससे गर्भवती को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। ऐसे में अगर कोई गर्भवती शिमला मिर्च के सेवन को लेकर चिंतित है, तो मॉमजंक्शन का यह लेख इस परेशानी को दूर करने में मदद कर सकता है। इस लेख में प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च के सेवन से जुड़ी जरूरी जानकारी को साझा किया गया है।
सबसे पहले जान लेते हैं कि गर्भावस्था में शिमला मिर्च खाना सुरक्षित है या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च का सेवन करना सुरक्षित है? | Pregnancy Mein Shimla Mirch
जी हां, गर्भावस्था में शिमला मिर्च का सेवन सुरक्षित हो सकता है। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे प्रेगनेंसी के दौरान सीमित मात्रा में लेने की सलाह देते हैं (1)। इसलिए, गर्भावस्था में इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
स्क्रॉल करके जानिए प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च के सेवन की सही मात्रा।
गर्भावस्था में कितनी मात्रा में शिमला मिर्च खाना सुरक्षित है?
प्रेगनेंसी के दौरान एक छोटी कटोरी शिमला मिर्च का सेवन किया जा सकता है। इससे गर्भवती को अन्य पोषक तत्वों के साथ ही फोलिक एसिड की अच्छी मात्रा मिल सकती है (2)। इसके अलावा लाल, पीले और हरे शिमला मिर्च विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन का भी एक प्रमुख सोर्स हैं। वहीं, सब की प्रेगनेंसी अलग-अलग होती है, इसलिए इसके सेवन की मात्रा में बदलाव हो सकता है। ऐसे में अच्छा होगा कि स्वास्थ्य अनुसार इसके सेवन की सही मात्रा की जानकारी डॉक्टर से ली जाए।
आगे जानिए प्रेगनेंसी की किस तिमाही में शिमला मिर्च का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था में शिमला मिर्च खाने का सबसे अच्छा समय कब है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार दूसरी तिमाही के अंत में और तीसरी तिमाही के दौरान शिमला मिर्च का सेवन किया जा सकता है (1)। फिर भी सावधानी के लिए स्वास्थ्य अनुसार इसके सेवन के सही समय की जानकारी डॉक्टर से ली जा सकती है।
आइये, अब जान लेते हैं शिमला मिर्च के पोषक तत्वों के बारे में।
शिमला मिर्च का पोषक मूल्य
शिमला मिर्च में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिन्हें हम नीचे बता रहे हैं (3):
- प्रति 100 ग्राम शिमला मिर्च में 33 kcal ऊर्जा होती है।
- 100 ग्राम शिमला मिर्च में 2.22 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।
- वहीं, इसकी 100 ग्राम मात्रा में 6.67 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है।
- इसके अलावा, 100 ग्राम शिमला मिर्च में लगभग 4.4 ग्राम फाइबर, 4.44 ग्राम शुगर व 0.8 मिलीग्राम आयरन पाया जाता है।
- 100 ग्राम शिमला मिर्च में विटामिन सी की 46.7 मिलीग्राम मात्रा पाई जाती है।
- प्रति 100 ग्राम शिमला मिर्च में 889 IU विटामिन ए होता है।
अब हम गर्भावस्था में शिमला मिर्च के फायदों के बारे में बता रहे हैं।
प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च खाने के फायदे | Pregnancy Me Shimla Mirch Khane Ke Fayde
गर्भावस्था में शिमला मिर्च खाने से कई लाभ हो सकते हैं। ये लाभ गर्भवती और भ्रूण के स्वास्थ्य पर दिखाई दे सकते हैं। अब पढ़ें आगे :
- हृदय के लिए : शिमला मिर्च का सेवन हृदय के लिए लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार ऑक्सीडेटिव डैमेज, हृदय रोग का कारण बन सकता है। यहां शिमला मिर्च के फायदे देखे जा सकते हैं, क्योंकि शिमला मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट क्षमता पाई जाती है, जिससे ऑक्सीडेटिव डैमेज की वजह से होने वाले हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है (4)।
- ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाव : गर्भावस्था में ऑक्सीडेटिव तनाव कई जटिलताओं को पैदा कर सकता है, जिसमें गर्भपात, प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप विकार), समय से पहले बच्चे का जन्म और भ्रूण के विकास में बाधा शामिल है। यहां शिमला मिर्च कुछ हद तक मददगार हो सकती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने व इससे बचाव में मदद कर सकता है (4) (5)।
- कोलेस्ट्रॉल के लिए : शिमला मिर्च का सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें फाइबर पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकता है (4)।
- मधुमेह के लिए : शिमला मिर्च का सेवन मधुमेह की समस्या को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इसमें एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है, जो ब्लड शुगर को कम करने का काम कर सकता है। इससे मधुमेह की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है (4)।
- वजन नियंत्रण : गर्भावस्था में वजन को नियंत्रित रखने में शिमला मिर्च सहायक साबित हो सकती है। दरअसल, इसमें कैप्साइसिनोइड्स नामक तत्व पाया जाता है, जो ऊर्जा की खपत को बढ़ाने का काम कर सकता है। साथ ही अत्यधिक भूख को नियंत्रित कर सकता है और इसमें कैलोरी भी ना के बराबर होती है। इससे बढ़ते वजन की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (6)।
- बर्थ डिफेक्ट से बचाव : शिमला मिर्च में फोलिक एसिड की मात्रा पाई जाती है और फोलिक एसिड न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (मस्तिष्क और रीढ़ से संबंधित) जैसे जन्म दोष के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है (7) (8)।
- इम्युनिटी: शिमला मिर्च में विटामिन सी होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है।
चलिए अब जानते हैं गर्भावस्था में शिमला मिर्च खाने के नुकसान।
प्रेगनेंसी के दौरान शिमला मिर्च खाने के साइड इफेक्ट
प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च के सेवन से कुछ नुकसान भी सामने आ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
- उच्च रक्तचाप : शिमला मिर्च का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप का जोखिम बढ़ा सकता है (1)। ऐसे में इसका सेवन सीमित मात्रा में करें और खासकर उच्च रक्तचाप से जूझ रहीं गर्भवती महिलाएं इसके सेवन से दूर रहें।
- एलर्जी का कारण : शिमला मिर्च का सेवन कई बार एलर्जी का कारण भी बन सकता है (9)। इसलिए, जिन गर्भवती महिलाओं को शिमला मिर्च से एलर्जी है, वो इसका सेवन न करें।
- लो ब्लड शुगर : जैसा कि हमने ऊपर बताया कि शिमला मिर्च का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है (4)। ऐसे में लो ब्लड शुगर से जूझ रहीं गर्भवतियों में इसका अधिक सेवन जरूरत से ज्यादा ब्लड शुगर को कम कर सकता है।
- ब्लीडिंग की समस्या : रक्त के थक्कों को कम करने की दवा के साथ शिमला मिर्च का सेवन रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकता है (1)।
स्क्रॉल करके पढ़ें प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च के सेवन से जुड़ी सावधानियां।
शिमला मिर्च का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
गर्भावस्था में शिमला मिर्च के सेवन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। इससे शिमला मिर्च के नुकसान से बचने में मदद मिल सकती है। नीचे जानें उन सावधानियों के बारे में :
- गर्भावस्था में शिमला मिर्च का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
- शिमला मिर्च को अच्छी तरह पकाकर ही खाएं।
- इसे हल्के मसालों के साथ ही बनाए।
- हमेशा ताजी शिमला मिर्च को ही इस्तेमाल में लाएं।
- अगर शिमला मिर्च से एलर्जी है, तो इसका सेवन न करें।
गर्भावस्था में शिमला मिर्च को आहार में शामिल करने के तरीके नीचे बताए गए हैं।
शिमला मिर्च को अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं?
प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च का सेवन नीचे बताए गए तरीकों से किया जा सकता है :
- इसका सेवन शिमला मिर्च करी के रूप में किया जा सकता है।
- अन्य हरी सब्जियों के साथ इसे मिलाकर मिक्स वेज बनाया जा सकता है।
- इसे ग्रिल्ड सैंडविच में इस्तेमाल किया जा सकता है।
उम्मीद है कि प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च के सेवन से जुड़े कई सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे। अब आप चाहें, तो डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन प्रेगनेंसी के दौरान कर सकती हैं। वहीं, इसके सेवन के बाद अगर कुछ दुष्प्रभाव सामने आते हैं, तो इसका सेवन बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, इसके सेवन से जुड़ी सावधानियों का भी पालन जरूर करें। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।
References
1. Capsicum By Medlineplus
2. Folic Acid: the Vitamin That Helps Prevent Birth Defects By NY
3. PEPPERS By USDA
4. Potential health benefits of conventional nutrients and phytochemicals of Capsicum peppers By MedCrave
5. Oxidative stress in pregnancy and reproduction By NCBI
6. Potential Phytopharmacy and Food Applications of Capsicum spp.: A Comprehensive Review By Sage Publication
7. Difference in folate content of green and red sweet peppers (Capsicum annuum) determined by liquid chromatography-mass spectrometry By NCBI
8. Folic Acid Supplementation and Pregnancy: More Than Just Neural Tube Defect Prevention By NCBI
9. Occupational allergy to bell pepper pollen in greenhouses in the Netherlands, an 8-year follow-up study By NCBI
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