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एक महिला के लिए गर्भावस्था काल सबसे सुखद एहसास होता है। इस दौरान उसे कई जटिलताओं से गुजरना पड़ता है, जिसे अनदेखा करना मां और भ्रूण के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान सूजन ऐसी ही समस्या है, जिसका सामना कई गर्भवती महिला को करना पड़ता है। सूजन की अवस्था सामान्य भी हो सकती है और गंभीर भी।
मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में सूजन, इसके कारण और इससे आराम पाने के कुछ सटीक उपचार व सावधानियों के बारे में बताएंगे। उससे पहले यह जान लेते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सूजन क्या है?
गर्भावस्था के दौरान सूजन क्या है?
टिशू में तरल के जमाव को सूजन कहते हैं। इससे शरीर का एक या कई भाग प्रभावित हो सकते हैं। तरल के जमाव की वजह से शरीर का प्रभावित भाग सूजा यानी फूला हुआ लगता है। यह शारीरिक समस्या गर्भावस्था के दौरान सामने आ सकती है। मार्डन चाइनीज गायनोकलॉजी में इस समस्या को कई नामों से जाना गया है, जैसे ‘वॉटर स्वेलिंग इन प्रेग्नेंसी’, ‘डिसटेंशन ड्यूरिंग प्रेग्नेंसी’ आदि (1)। आपको बता दें कि गर्भावस्था में सूजन कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक शारीरिक समस्या है, जिसे ठीक किया जा सकता है। आइए, नीचे जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सूजन शरीर के कौन-कौन से भागों में और कब आ सकती है।
गर्भावस्था के दौरान मुझे कहां और कब सूजन आएगी? | Pregnancy Me Sujan Aana
गर्भावस्था के दौरान सूजन शरीर के कई भागों में देखी जा सकती है, जिसमें निम्नलिखित को शामिल किया जा सकता है (1), (2) :
- हाथ
- पैर
- टखने
- उंगलियां
- चेहरा
- पेट के नीचे सूजन (Abdominal Distension)
सूजन होने का समय : पहली तिमाही में स्तनों में हल्की सूजन हो सकती है। वहीं, दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान शरीर के विभिन्न भागों (पैर, हाथ, उंगलियों, टखनों व चेहरे आदि) में सूजन साफ देखी जा सकती है (3)। जैसे-जैसी डिलीवरी की तारीख नजदीक आती है, सूजन के बढ़ने के आसार और तेज हो जाते हैं।
गर्भावस्था के दौरान सूजन/एडिमा होना कितना आम है?
गर्भावस्था के दौरान सूजन एक आम समस्या है, जिससे कोई भी गर्भवती महिला प्रभावित हो सकती है। सूजन में विभिन्न तरह के उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं। हालांकि, गर्भावस्था में सूजन की स्थिति को ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर महिला किसी अन्य शारीरिक समस्या से पीड़ित है, तो सूजन गंभीर भी हो सकती है। वैसे यह समस्या गर्भावस्था के दौरान शरीर में आए बदलावों की वजह से उत्पन्न होती है, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं।
गर्भावस्था के दौरान सूजन/एडिमा के कारण क्या हैं?
गर्भावस्था में सूजन के बारे में जानने के बाद इसके कारण जानना भी जरूरी है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में पानी की कुल मात्रा छह से आठ लीटर तक बढ़ जाती है और यह स्थिति शरीर के विभिन्न भागों में सूजन का कारण बनती है (4)। इसके अलावा भी कई वजह हैं, जो गर्भवती महिला में सूजन का कारण बन सकती हैं, जैसे :
1. हार्मोनल बदलाव
गर्भावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो शरीर में सोडियम और तरल की मात्रा बढ़ा देते हैं। परिणामस्वरूप, शरीर के कई भागों में सूजन आ जाती हैं (1)।
2. गर्भाशय का बढ़ना
गर्भाशय का बढ़ता आकार पेल्विक की नसों और वेना कावा (ऑक्सीजन रहित रक्त को हृदय तक ले जाने वाली बड़ी नस) पर दवाब बनाता है, जिससे पेल्विक में रक्त संचालन धीमा पड़ जाता है और रक्त शरीर के निचले भाग में इकट्ठा होने लगता है। इकट्ठा हुआ रक्त टिशू में मौजूद पानी पर दबाव बनाता है और पैरों में सूजन का कारण बनता है (1)।
3. प्री-एक्लेम्पसिया (Pre-eclampsia)
प्री-एक्लेम्पसिया के कारण भी गर्भवती महिला के हाथों और चेहरे में सूजन आ सकती है। प्री-एक्लेम्पसिया एक चिकित्सकीय स्थिति है, जिससे गर्भवती महिला का रक्तचाप अचानक बढ़ सकता है और गर्भावस्था के 20वें हफ्ते बाद मूत्र में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है। जिन महिलाओं को क्रॉनिक हाइपरटेंशन की शिकायत है, उन्हें भी प्री-एक्लेम्पसिया हो सकता है (5)। प्री-एक्लेम्पसिया में गर्भवती महिलाएं समय पर चेकअप जरूर कराएं। क्योंकि यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।
ऊपर बताए गए कारणों के अलावा, निम्नलिखित वजह से भी एक गर्भवती महिला को सूजन हो सकती है।
4. लंबे समय तक खड़े रहना
एक ही जगह पर लंबे समय तक खड़े रहने से, खासकर गर्मियों के दौरान टखनों और पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है (2)।
5. किडनी की समस्या
शरीर में सूजन की समस्या उन गर्भवती महिलाओं को भी हो सकती है, जिन्हें किडनी की समस्या है। जब किडनी से अतिरिक्त सोडियम और जल शरीर से नहीं निकाल पाता है, तब रक्त धमनियों पर दवाब बढ़ने लगता है और परिणामस्वरूप पैरों व आंखों में सूजन हो सकती है (6)।
6. लीवर से जुड़ी समस्या
लीवर से जुड़ी बीमारी या अन्य समस्याएं गर्भावस्था के दौरान सूजन का एक कारण हो सकती हैं।
मुझे गर्भावस्था के दौरान सूजन के बारे में कब चिंतित होना चाहिए?
अगर गर्भावस्था के दौरान सूजन का कारण प्री-एक्लेम्पसिया है, तो आपको संबंधित डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। प्री-एक्लेम्पसिया में रक्तचाप अचानक बढ़ जाता है और गर्भावस्था के 20वें हफ्ते बाद मूत्र में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक हो जाती है।
नीचे बताए जा रहे प्री-एक्लेम्पसिया के लक्षण दिखने पर आप तुरंत संबंधित डॉक्टर से संपर्क करें (5) :
- लगातार होने वाला सिरदर्द
- धुंधला दिखना या आंखों की रोशनी में परिवर्तन
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- उल्टी या मतली
- चेहरे पर सूजन
- शरीर का वजन तेजी से बढ़ना
- सांस लेने में कठिनाई
- पैरों और टखनों पर अत्यधिक सूजन या अचानक सूजन आना
- आंखों के चारों ओर सूजन
- यूरिन कम आना
ये स्थिति भी गंभीर हो सकती है –
एक पैर की तुलना में दूसरे पैर में अधिक सूजन और पिंडली या जांघ का अधिक नरम हो जाना। ये स्थिति रक्त के थक्के का संकेत (वीनस थोम्बोसिस) दे सकती है। यह लक्षण दिखने पर आप तुरंत डॉक्टर को कॉल करें।
सूजन और सूजन के कारण जानने के बाद चलिए अब जान लेते हैं कि गर्भावस्था में सूजन कम करने से जरूरी उपचार कौन-कौन से हैं।
गर्भावस्था के दौरान सूजन को रोकने के लिए टिप्स/घरेलू उपचार?
ऐसा नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान सूजन को ठीक नहीं किया जा सकता। नीचे जानिए, गर्भावस्था में सूजन से आराम दिलाने के कुछ चुनिंदा उपचार।
- स्थिर खड़े रहने से बचें – एक ही जगह पर लंबे समय तक खड़े रहने से पैरों में सूजन आ सकती है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान एक जगह पर लंबे समय तक खड़े रहने से बचें (6)।
- बाईं ओर सोएं – गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने बाईं ओर सोना चाहिए। इस प्रकार सोने से हृदय, गर्भाशय व लीवर समेत पूरे शरीर में रक्त का संचालन सही बना रहता है (7)।
- हवादार और आरामदायक जूते पहनें– टाइट जूते पैरों में रक्त के प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सूजन होने की आशंका बढ़ सकती है। इस दौरान, गर्भवती महिलाओं को आरामदायक और हवादार जूते पहने चाहिएं, ताकि चलने-फिरने में किसी प्रकार की बाधा न आए।
- पौष्टिक भोजन खाएं – गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन बहुत जरूरी है। पौष्टिक भोजन आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के साथ सूजन जैसी समस्याओं की आशंका को कम कर देता है। गर्भावस्था के दौरान सूजन को कम करने के लिए आप डॉक्टरी सलाह पर एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इसमें पालक, केल, बादाम, सैल्मन-टूना जैसी मछलियां, संतरे व ब्लू बेरी आदि शामिल है (8)।
- सोडियम का कम सेवन – सूजन होने के पीछे का एक कारण शरीर में सोडियम की अधिकता भी है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है (9)।
- शरीर को हाइड्रेट रखें – शरीर की सूजन से बचने के लिए जितना हो सके शरीर को हाइड्रेट रखें। एक हाइड्रेटेड शरीर सूजन की अवस्था को ठीक करने का काम करता है (10)।
- ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें – सूजन की अवस्था में ढीले-ढाले और आरामदायक कपड़े पहनें। तंग कपड़े आपके सूजे हुए भाग के लिए तकलीफदायक हो सकते हैं।
- थेरेपी – शरीर की सूजन को कम करने के लिए आप थेरेपी का सहारा ले सकते हैं। इसके लिए आप किसी अनुभवी थेरेपिस्ट से मिलें। थेरेपिस्ट आपकी सूजन की अवस्था के अनुसार थेरेपी और अन्य एक्सरसाइज करने में मदद करेगा (11)।
- कंप्रेस स्टॉकिंग – पैरों की सूजन को कम करने के लिए आप कंप्रेस स्टॉकिंग का सहारा ले सकते हैं। ये एक प्रकार के इलास्टिक मौजे होते हैं, जो सूजे हुए पैर को कंप्रेस कर सूजन को कम करने का काम करते हैं (12)।
- एक्सरसाइज – शरीर की सूजन कम करने के लिए आप एक्सरसाइज का सहारा ले सकती हैं। एक्सरसाइज सूजे हुए भाग से तरल के प्रवाह को सामान्य करने में मदद करेगी। गर्भावस्था में किसी भी प्रकार की शारीरिक कसरत करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें (13)।
- पूल में आराम करें – शरीर की सूजन से निजात पाने के लिए आप पूल में शरीर को आराम दे सकती हैं। कुछ देर पानी में रहने से प्रभावित जगह पर रक्त का संचार बेहतर होता है और सूजन से राहत मिलेती है (14)।
- धूम्रपान से बचें – शरीर की सूजन के दौरान आप धूम्रपान से बचें। इस दौरान धूम्रपान करने से सूजन और बढ़ सकती है (15)।
- कैफीन का सेवन कम करें – सूजन की स्थिति में जितना हो सके कैफीन का सेवन कम करें। कैफीन युक्त पेय पदार्थ (चाय और कॉफी) शरीर को डिहाइड्रेट करने का काम करेंगे, जिससे शरीर का सूजा हुआ भाग बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है (10)।
- रिफ्लेक्सोलॉजी – सूजन से निजात पाने के लिए आप रिफ्लेक्सोलॉजी का सहारा ले सकती हैं। यह एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें प्रभावित भाग को दबाकर इलाज किया जाता है। सूजन की स्थिति में यह कितनी कारगर है, इस पर अभी और शोध होना बाकी है। इस चिकित्सा को अपनाने से पहले संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
- पैरों को सहारा – पैरों में सूजन होने पर आप पैरों के नीचे तकिया भी रख सकती हैं। ऐसा करने से पैर ऊपर उठे रहेंगे और आप आराम महसूस कर पाएंगी (13)।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या गर्भावस्था के दौरान पैरों की सूजन बच्चे के लिंग संबंधी संकेत देती है?
गर्भावस्था के दौरान पैरों की सूजन और बच्चे के लिंग की पहचान के बीच कोई संबंध नहीं है। साथ ही इस तथ्य का कोई वैज्ञानिक आधार भी नहीं है।
गर्भावस्था की सूजन कब दूर होगी?
गर्भावस्था में सूजन दूसरी और तीसरी तिमाही में ज्यादा हावी रहती है (3), जिसका असर डिलीवरी के बाद भी देखा जा सकता है। हालांकि, डिलीवरी के बाद सूजन कुछ हफ्तों में भी जा सकती है या प्री-एक्लेम्पसिया जैसी स्थिति में इसे ठीक होने में अधिक समय भी लग सकता है। बता दें कि गर्भावस्था में सूजन ठीक होने की अवधि आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। इसलिए, इस विषय पर आप किसी अनुभवी गायनाकोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करें।
स्वस्थ गर्भावस्था के दौरान शरीर की सूजन आपको परेशान कर सकती है, लेकिन आप बिल्कुल भी न घबराएं। सूजन से राहत पाने के लिए आप डॉक्टरी सलाह पर लेख में बताए गए उपचारों और सावधानियों का पालन कर सकती हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि अगर सूजन ठीक होने की बजाय बढ़ने लगे, तो आप तुरंत अपने गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। गर्भावस्था के दौरान जितना हो सके अपने शरीर के प्रति सजग रहें। आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। प्रेगनेंसी से जुड़ी ऐसी और जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
References
1.Edema During pregnancy by books.google
2.Common concern in Pregnancy by health.nsw
3. Stages of pregnancy by womenshealth
4. Edema in pregnancy by ncbi
5. High Blood Pressure During Pregnancy By CDC
6. Causes and signs of edema by ncbi
7. Problems sleeping during pregnancy by medlineplus
8. Foods that fight inflammation by health.harvard.edu
9. Salt by betterhealth
10. Fluid retention (oedema) by betterhealth
11. Fractures and Injuries by books.google
12.Compression stockings by medlineplus
13.Foot, leg, and ankle swelling by medlineplus
14. A specifically designed aquatic exercise protocol to reduce chronic lower limb edema by ncbi
15. Smoking and Inflammation by ncbi
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