विषय सूची
गर्भावस्था में पर्याप्त पोषण की जरूरी होती है। यही पोषण भ्रूण के विकास में मदद करता है। इस नाजुक दौर में पर्याप्त पोषण के लिए सुरक्षित खान-पान पर ध्यान देना जरूरी है। ऐसे समय में खान-पान को लेकर बरती गई छोटी सी छोटी गलती भी मां और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। इसी वजह से महिलाओं के मन में हमेशा कुछ भी खाने से पहले संशय रहता है कि क्या यह सुरक्षित है। ऐसा ही संशय शकरकंद को लेकर भी है, जिसे हम मॉमजंक्शन के इस लेख में दूर करने का प्रयास करेंगे। गर्भावस्था में शकरकंद सुरक्षित है या नहीं, इसके फायदे और नुकसान जैसी कई अहम बातें हम इस लेख में बता रहे हैं।
चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि गर्भावस्था में शकरकंद सुरक्षित है या नहीं।
क्या गर्भावस्था के दौरान शकरकंद का सेवन करना सुरक्षित है? | Pregnancy Me Sweet Potato Khana Chahiye
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वस्थ फैट और एनर्जी के साथ-साथ विटामिन-ए, सी, फोलेट, आयरन व कैल्शियम जैसे कई अहम पोषक तत्वों की जरूरत होती है (1) (2)। ये सभी पोषक तत्व स्वस्थ गर्भावस्था और भ्रूण के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं, शकरकंद को इन सभी पोषक तत्वों से भरपूर माना गया है। इस वजह से गर्भावस्था में इसे खाने की सलाह दी जाती है (3) (4) (5)।
यह गर्भावस्था में होने वाली विटामिन की कमी को पूरा करने के साथ ही ऊर्जा बनाए रखने का काम कर सकता है। साथ ही यह रेटिनॉल-बाइंडिंग प्रोटीन में भी सुधार कर सकता है, जो विटामिन-ए को लिवर से अन्य टिश्यू तक पहुंचाने का काम करता है (6)। इन तमाम फायदों के बावजूद इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, वरना इसमें मौजूद पोषक तत्वों की अति की वजह से भ्रूण को बर्थ डिफेक्ट की समस्या हो सकती है (7)।
अब हम बता रहे हैं प्रेगनेंसी में कितना शकरकंद खाना सुरक्षित होता है।
गर्भावस्था में कितनी मात्रा में शकरकंद खाना सुरक्षित है?
गर्भावस्था में शकरकंद खाना सुरक्षित है, यह तो आप जान ही गए हैं। इसका सेवन करते समय इसकी मात्रा नियंत्रित ही होनी चाहिए। कई वैज्ञानिक अध्ययन व प्रेगनेंसी हेल्दी डाइट में यही बताया गया है कि दिनभर में एक बार और महज आधा कप शकरकंद का सेवन करना पर्याप्त है (4)। बस गर्भावस्था के दौरान इसी में ही शकरकंद का सेवन करें।
लेख में आगे हम प्रेगनेंसी में शकरकंद खाने के सही समय के बारे में जानेंगे।
गर्भावस्था में शकरकंद खाने का सबसे अच्छा समय कब है?
शकरकंद का संतुलित मात्रा में सेवन गर्भावस्था में सुरक्षित तो है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं है कि इसे किस समय खाया जाना चाहिए। वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि शकरकंद में विटामिन-ए की मात्रा सबसे अधिक होती है और गर्भावस्था में करीब 40 प्रतिशत अधिक विटामिन-ए लेने की सलाह दी जाती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि शकरकंद को संतुलित मात्रा में पूरी गर्भावस्था के दौरान खाया जा सकता है (6) (8) (9)। अधिक जानकारी के लिए एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
आइए, अब यह जान लेते हैं कि शकरकंद में ऐसे कौन से पोषक तत्व हैं, जो इसे गुणकारी बनाते हैं।
शकरकंद के पोषक तत्व
शकरकंद में विटामिन, मिनरल और फाइबर जैसे कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था में लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। एक मध्यम आकार (5 इंच लंबाई, 2 inch डायमिटर) के शकरकंद में 7 ग्राम शुगर और प्रोटीन की मात्रा 2 ग्राम होती है। इसके अलावा, शकरकंद में मौजूद पोषक तत्व कुछ इस प्रकार हैं (10)।
- विटामिन ए: 120 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
- विटामिन सी: 30 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
- कैल्शियम: 4 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
- आयरन: 4 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
शकरकंद में 4 ग्राम फाइबर मौजूद होता है, जो दैनिक मूल्य के 16 प्रतिशत के बराबर है। इसके अलावा, शकरकंद में पोटैशियम, सोडियम व कार्बोहाइट्रेट भी पाया जाता है। वहीं, मसले हुए डिब्बाबंद शकरकंद में 11µg फोलेट पाया जाता है (11)।
चलिए, अब गर्भावस्था में शकरकंद के स्वास्थ्य लाभ के बारे में जान लेते हैं।
गर्भावस्था के दौरान शकरकंद के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Mein Shakarkandi Khane Ke Fayde
प्रेगनेंसी में शकरकंद खाने के फायदे कई हैं। बस इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि इसका सेवन अधिक मात्रा में न करें। शकरकंद के फायदे कुछ इस प्रकार हैं (6) (7) :
- जीरोफ्थैल्मिया (Xerophthalmia) : गर्भावस्था के समय महिलाओं को विटामिन-ए की कमी हो जाती है, क्योंकि शरीर को सामान्य समय के मुकाबले अधिक विटामिन-ए की जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने में शकरकंद मदद कर सकता है। विटामिन-ए की कमी से गर्भवती महिला को जीरोफ्थैल्मिया की समस्या हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनियाभर में 9.8 मिलियन गर्भवती महिलाएं विटामिन-ए की कमी के चलते जीरोफ्थैल्मिया से पीड़ित होती हैं। यह बीमारी आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। खासकर, रात में देखना मुश्किल हो जाता है। साथ ही आंखों में सूजन और रिज (एक तरह की परत) बनने लगती है। ऐसे में शकरकंद के जरिए विटामिन-एक की कमी को पूरा करके जीरोफ्थैल्मिया से बचा जा सकता है।
- गर्भस्थ शिशु का विकास: भ्रूण के विकास और टिशू के रखरखाव के लिए शकरकंद में को आवश्यक माना गया है। दरअसल, शकरकंद में भरपूर मात्रा में विटामिन-ए होता है, जो गर्भस्थ शिशु के विकास को सुनिश्चित करता है।
- मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी: माना जाता है कि गर्भवतियों के मेटाबॉलिज्म के लिए विटामिन-ए जरूरी होता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि शकरकंद में मौजूद भरपूर विटामिन-ए प्रेगनेंट महिलाओं के मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह महिलाओं को एनिमिया के खतरे से भी बचा सकता है।
- बर्थ डिफेक्ट से बचाए: पके हुए शकरकंद और डिब्बाबंद शकरकंद में फोलेट की मात्रा पाई जाती है। इस वजह से माना जाता है कि यह शिशु को बर्थ डिफेक्ट से बचा सकता है (3) (11)। बर्थ डिफेक्ट के मामले में शकरकंद के सेवन को लेकर कोई प्रत्यक्ष शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, सिर्फ फोलेट के आधार पर यह कहा जा सकता है कि शकरकंद की संतुलित मात्रा शिशु को दिमाग से संबंधित बर्थ डिफेक्ट से बचा सकती है (12)।
आगे हम शकरकंद खाने से संबंधित नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
गर्भावस्था के दौरान शकरकंद खाने के साइड इफेक्ट
गर्भावस्था के दौरान किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन अधिक नहीं किया जाना चाहिए, वरना उससे कुछ परेशानियां भी हो सकती हैं। ठीक ऐसा ही शकरकंद के साथ भी है, इसे अधिक मात्रा में खाने पर फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। हम नीचे प्रेगनेंसी में शकरकंद खाने के संभावित नुकसान बता रहे हैं।
- किडनी स्टोन का खतरा: शकरकंद ऑक्सलेट खाद्य पदार्थों में से एक है। शरीर में ऑकसलेट की मात्रा बढ़ने से किडनी स्टोन का खतरा हो सकता है। ऐसे में जिन गर्भवतियों को किडनी से संबंधित समस्या है, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए और अन्य को इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए (13) (14)।
- ऑस्टियोपोरोसिस: शकरकंद को लेकर किए गए एक शोध के मुताबिक, इसका सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है। वहीं, कूल्हे में फ्रेक्चर होने की आशंका भी बढ़ सकती है। यह समस्या भी विटामिन-ए के कारण होती है। दरअसल, लंबे समय तक अधिक डायटरी विटामिन-ए का सेवन करने से बोन रिसोरपशन (Bone resorption) जैसी अवस्था का सामना करना पड़ता है। इसमें हड्डियां कमजोर होने लगती है। साथ ही हड्डियों के बनने की प्रक्रिया भी रुक सकती है (15)।
- जन्म दोष: प्रेगनेंसी में ज्यादा शकरकंद खाने से बर्थ डिफेक्ट का खतरा भी हो सकता है। इसमें विटामिन-ए की मात्रा अधिक होती है। प्रेगनेंसी के शुरुआती तीन महीने में इसका सेवन जरूरत से ज्यादा करने पर दिमाग संबंधी जन्म दोष होने का खतरा होता है। यही वजह है कि शकरकंद का सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है (7)।
- दवाओं पर प्रभाव डाल सकता है: गर्भावस्था के दौरान अगर महिला किसी दवा का सेवन कर रही है, तो शकरकंद का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। दरअसल, शकरकंद में मौजूद ऑक्सलेट प्रेगनेंसी की दवाओं के प्रभाव और अवशोषण को कम कर सकता है (16)।
शकरकंद का सेवन करते समय सावधानी बरतना भी जरूरी है। क्या हैं वो सावधानियां जानने के लिए आगे पढ़ते रहें यह लेख।
शकरकंद का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
शकरकंद का सेवन करते समय छोटी-छोटी बातों का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। क्या हैं वो छोटी-छोटी और अहम बातें चलिए जानते हैं:
- शकरकंद को उबालने से पहले अच्छे से धो लें।
- शकरकंद को उबालने से पहले यह जांच लें कि वह कहीं सड़ी हुई न हो।
- शकरकंद को उबालते या काटकर बेक करने से पहले उसे सूंघ भी सकते हैं। कई बार शकरकंद से बदबू भी आती है, जो उसके खराब होने की निशानी होती है।
- खाते समय ध्यान रखें कि इसे आराम-आराम से खाएं, क्योंकि कई बार यह गले में अटक सकता है।
आगे हम गर्भावस्था में शकरकंद को आहार में शामिल करने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
शकरकंद को अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं?
गर्भावस्था में शकरकंद को कई तरीकों से खाया जा सकता है। इनमें से कुछ सुरक्षित तरीके हम नीचे बता रहे हैं।
- शकरकंद के पतले-पतले टुकड़ों में काटकर इनमें हल्का नमक लगाकर बेक करके खा सकते हैं।
- शकरकंद को उबालकर भी खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- उबले हुए शकरकंद को अन्य सलाद के साथ स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं।
- घर में शकरकंद के बिस्कुट बनाकर भी खा सकते हैं।
अगर गर्भावस्था में रोज खाने को लेकर आपके मिजाज बदल रहे हैं और शकरकंद खाने की क्रेविंग हो रही है, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। गर्भावस्था में किसी भी चीज के सेवन से पहले उसके नफा-नुकसान के बारे में पता होना जरूरी है। हम इस लेख में गर्भावस्था में शकरकंद खाने के फायदे के साथ ही इसके नुकसान की जानकारी रिसर्च के आधार पर दे चुके हैं। हालांकि, अगर किसी को गर्भावस्था से जुड़ी कुछ समस्याएं व जटिलाएं हों, तो शकरकंद के सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। ऐसे ही अन्य जानकारियों के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन के लेख।
References
1. Maternal Diet and Nutrient Requirements in Pregnancy and Breastfeeding. An Italian Consensus Document By NCBI
2. Nutrition Recommendations in Pregnancy and Lactation By NCBI
3. Sweet potato, cooked, baked in skin, flesh, without salt By USDA
4. Eating for a Healthy Pregnancy By CDHD
5. Tips for a Healthy Pregnancy By DOH Washington
6. Promotion of Orange-Fleshed Sweet Potato Increased Vitamin A Intakes and Reduced the Odds of Low Retinol-Binding Protein among Postpartum Kenyan Women1,2,3 By NCBI
7. Vitamin A By NIH
8. The Importance of Beta-Carotene as a Source of Vitamin A With Special Regard to Pregnant and Breastfeeding Women By PubMed
9. Healthy Eating During Pregnancy and Breastfeeding By FHS
10. Vegetable Nutrition Facts By FDA
11. Sweet potato, canned, mashed By USDA
12. Folic Acid: the Vitamin That Helps Prevent Birth Defects By DOH Newyork State
13. Nutritional Management of Kidney Stones (Nephrolithiasis) By NCBI
14. Sweet Potato as a Super Food By IJRAP
15. Vitamin A Toxicity By NCBI
16. A Guide to Evidence-based Integrative and Complementary Medicine By Google Books
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.