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गर्मियों में तरबूज खाना हर किसी को पसंद आता है। कारण है इसमें मौजूद पानी की अधिक मात्रा। इतना ही नहीं पानी के अलावा भी इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए जरूरी हैं। अब सवाल यह है कि क्या गर्भावस्था में इसका सेवन करना उचित है? यह संशय कई गर्भवती महिलाओं के मन में होता है। इसी संशय को दूर करने के लिए हम मॉमजंक्शन के इस लेख में गर्भावस्था में तरबूज खाने के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। इस जानकारी के माध्यम से आप खुद ही इस बात का फैसला कर पाने में सक्षम होंगी कि गर्भावस्था में तरबूज का सेवन सुरक्षित है या नहीं।
आइए, लेख में सबसे पहले हम गर्भावस्था में तरबूज को लेकर उठने वाले इसी सवाल का जवाब हासिल कर लेते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान तरबूज खाना सही है? | Pregnancy Me Tarbuj Kha Sakte Hain
तरबूज में प्रोटीन और फैट के साथ कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे:- आयरन, जिंक, कैल्शियम और विटामिन ए मौजूद होते हैं, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान महिला के साथ-साथ भ्रूण के विकास में भी सहायक माना जाता है (1) (2)। वहीं डायटीशियन भी कार्बोहाइड्रेट और फाइबर के साथ विटामिन ए की पूर्ति के लिए गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में तरबूज शामिल करने की सलाह देते हैं (3) (4)। इस कारण यह माना जा सकता है कि अगर संतुलित मात्रा में तरबूज का सेवन किया जाए तो यह गर्भावस्था के दौरान लाभकारी साबित हो सकता है।
लेख के अगले भाग में अब हम गर्भावस्था में तरबूज की ली जाने वाली मात्रा के संबंध में भी जानकारी हासिल कर लेते हैं।
गर्भावस्था के दौरान एक दिन में कितना तरबूज खा सकते हैं?
गर्भावस्था में तरबूज की ली जाने वाली मात्रा की बात करें तो स्वस्थ गर्भावस्था के लिए डायटीशियन प्रतिदिन करीब आधा कप तक तरबूज खाने की सलाह देते हैं (3) (4)। वहीं इसके अधिक सेवन से कुछ दुष्परिणाम भी प्रदर्शित हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको लेख में आगे बताएंगे। इसलिए, आपको ध्यान रखना होगा कि दिन में आधा कप से अधिक तरबूज का सेवन न किया जाए।
तरबूज की मात्रा और यह कितना सुरक्षित है, जानने के बाद अब हम तिमाही वार इसे लेने के उचित समय के बारे में भी बात कर लेते हैं।
गर्भावस्था की कौन सी तिमाही में तरबूज खाना चाहिए?
गर्भावस्था ऐसा नाजुक समय है जब कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन एक निश्चित तिमाही में ही करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि कुछ विशेष मामलों में जो खाद्य पहली या दूसरी तिमाही में फायदेमंद साबित होते हैं, वे तीसरी तिमाही में नुकसानदायक परिणाम प्रदर्शित कर सकते हैं। अगर ऐसी ही कुछ शंका आपके मन में तरबूज को लेकर भी है तो बता दें कि किसी निश्चित तिमाही में तरबूज को लेकर कहीं भी कोई जिक्र नहीं मिलता है। वहीं हम आपको लेख में पहले ही बता चुके हैं कि तरबूज में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान महिला और भ्रूण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस लिहाज से यह कहा जा सकता है कि संपूर्ण गर्भावस्था में तरबूज का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन इसके सेवन से पूर्व डॉक्टर से इस बारे में एक बार सलाह जरूर ले लें।
तरबूज के बारे में इतना कुछ जानने के बाद आइए अब हम इसमें मौजूद सभी पोषक तत्वों पर भी एक नजर डाल लेते हैं।
तरबूज के पोषक तत्व
नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से आप तरबूज के पोषक तत्वों से संबंधित विस्तृत जानकारी हासिल कर सकती हैं (1)।
- 100 ग्राम तरबूज में करीब 91.45 ग्राम पानी, 30 किलोकैलोरी ऊर्जा, 0.61 ग्राम प्रोटीन, 0.15 ग्राम टोटल लिपिड, 7.55 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.4 ग्राम फाइबर और 6.2 ग्राम शुगर की मात्रा पाई जाती है।
- वहीं, मिनरल्स की बात करें तो 100 ग्राम तरबूज में 7 ग्राम कैल्शियम, 0.24 मिली ग्राम आयरन, 10 मिली ग्राम मैग्नीशियम, 11 मिलीग्राम फास्फोरस, 112 मिलीग्राम पोटेशियम, 1 मिली ग्राम सोडियम, 0.042 मिलीग्राम कॉपर, 0.038 मिलीग्राम मैगनीज और 0.4 माइक्रोग्राम सेलेनियम पाया जाता है।
- अब बात करें अगर विटामिन की तो 100 ग्राम तरबूज में 8.1 मिलीग्राम विटामिन सी, 0.033 मिलीग्राम थियामिन, 0.021 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन, 0.178 मिली ग्राम नियासिन, 0.045 मिली ग्राम विटामिन बी-6, 3 माइक्रोग्राम फोलेट, 28 माइक्रोग्राम विटामिन ए (आरएई), 0.05 मिलीग्राम विटामिन ई और 0.1 माइक्रोग्राम विटामिन के पाया जाता है।
- वहीं, लिपिड के रूप में 100 ग्राम तरबूज में फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड) 0.016 ग्राम, फैटी एसिड (टोटल मोनोअनसैचुरेटेड) 0.037 ग्राम और फैटी एसिड (टोटल पॉलीसैचुरेटेड) 0.05 ग्राम पाया जाता है।
पोषक तत्वों के बारे में जानने के बाद अब हम गर्भावस्था में तरबूज से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
गर्भावस्था के दौरान तरबूज खाने के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Mein Tarbooz Khane Ke Fayde
- सीने की जलन में राहत : गर्भावस्था के दौरान अधिकतर महिलाओं को सीने में जलन की शिकायत होती है। दरअसल, अपच के कारण इस दौरान महिलाओं में एसिडिटी की समस्या होती है, जिसके कारण कभी-कभी महिलाओं को सीने में जलन का भी सामना करना पड़ता है (5)। इस समस्या से राहत पाने के लिए तरबूज का सेवन लाभदायक साबित हो सकता है। तरबूज में पेट में बनने वाली एसिड को नियंत्रित करने की क्षमता पाई जाती है, जिससे कुछ हद तक एसिडिटी की समस्या से राहत मिल सकती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि तरबूज का सेवन गर्भावस्था के दौरान होने वाली सीने की समस्या से राहत दिलाने में भी सहायक साबित हो सकता है (6)।
- सूजन कम करने में मदद करे : गर्भावस्था के दौरान करीब 80 प्रतिशत महिलाओं में हाथ पैरों में सूजन की समस्या देखी जाती है। इसे चिकित्सीय भाषा में इसे एडिमा की समस्या (Edema) के नाम से जाना जाता है (7)। इस समस्या में तरबूज का इस्तेमाल लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। दरअसल, तरबूज में एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) गुण मौजूद होता है, जो गर्भावस्था के दौरान हाथ पैरों में होने वाली सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। तरबूज में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण इसमें पाए जाने वाले लाइकोपीन त्वच की वजह से होता है (8)।
- मॉर्निंग सिकनेस से दिलाए आराम : गर्भावस्था के पहले चरण में अधिकतर महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या में मुख्य रूप से मतली और उल्टी की समस्या पैदा होती है। ऐसे में राहत के लिए अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है (9)। वहीं तरबूज में 92 प्रतिशत पानी की मौजूदगी के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या के साथ-साथ मॉर्निंग सिकनेस में भी लाभकारी माना गया है (10)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि तरबूज का सेवन आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से भी निजात दिलाने में मदद कर सकता है।
- डिहाइड्रेशन से बचाए : उल्टी, डायरिया जैसी कई परिस्थियों की वजह से अक्सर गर्भावस्था में महिलाओं को डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है (11)। इस समस्या से बचाव का एक मात्र विकल्प है कि प्रतिदिन अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन किया जाए, जिससे शरीर में पानी की आवश्यक मात्रा बनी रहे। तरबूज में पानी अधिक मात्रा में मौजूद होता है, इसलिए तरबूज का सेवन डिहाइड्रेशन के जोखिमों को दूर रखने में भी सहायक साबित हो सकता है (1)।
- मांसपेशियों की ऐंठन को करे कम : गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इन्हीं बदलावों के कारण गर्भावस्था में मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या भी देखी जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन बी और विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ इस समस्या से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं (12)। तरबूज में यह सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं (1)। इस कारण मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या से निजात पाने में तरबूज एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।
- त्वचा की रंगत को रखे बरकरार : गर्भावस्था में दिखाई देने वाले बदलावों में से एक है गर्भवती की त्वचा की रंगत में फर्क नजर आना, जो हाइपरपिगमेंटेशन (त्वचा का रंग गहरा होना) की वजह से होता है (13)। त्वचा पर दिखने वाले इस बदलाव को नियंत्रित करने में भी तरबूज का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, तरबूज में विटामिन सी मौजूद होता है (1)। यह हाइपरपिगमेंटेशन के खिलाफ सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर त्वचा की रंगत में सुधार का काम कर सकता है (14)। इसी कारण यह माना जा सकता है कि तरबूज का सेवन गर्भावस्था के दौरान त्वचा की रंगत में होने वाले बदलाव पर नियंत्रण करने में भी सहायक साबित हो सकता है।
- प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए : तरबूज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में भी लाभकारी साबित हो सकता है। तरबूज में पाए जाने वाले खास तत्व लाइकोपेन (Lycopene) पर एक्सपेरिमेंटल एंड एनिमल साइंस द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया कि यह तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी से बचाव में मदद कर सकता है (15)। इस तथ्य के आधार पर यह माना जा सकता है कि गर्भावस्था में भी तरबूज रोगों से लड़ने की क्षमता को विस्तार दे सकता है।
- कब्ज से दिलाए राहत : एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित तरबूज से संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता है कि पानी और फाइबर की अच्छी मात्रा उपलब्ध होने के कारण यह पाचन प्रक्रिया में सहयोगात्मक लक्षण प्रदर्शित कर सकता है (16)। वहीं कब्ज पाचन से संबंधित एक समस्या है, जिसमें डॉक्टर फाइबर युक्त आहार और अधिक पानी लेने की सलाह देते हैं (17)। तरबूज में फाइबर के साथ पानी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए भी तरबूज का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- मूत्र मार्ग के संक्रमण में फायदेमंद : हार्मोनल बदलाव के साथ कुछ महिलाओं में मानसिक, शारीरिक और मूत्र मार्ग की स्थिति में परिवर्तन होता है। इस कारण गर्भावस्था के दौरान गर्भावस्था में मूत्र मार्ग संक्रमण की शिकायत हो जाती हैं (18)। ऐसी महिलाओं के लिए तरबूज एक बेहतरीन औषधि की तरह कारगर साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक तरबूज किडनी की कार्यक्षमता को बनाए रखने में मदद कर सकता है। साथ ही यह मूत्र संक्रमण को कम करने में भी सहायक है। वहीं यह मूत्र मार्ग के संक्रमण से भी राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकता है (19) (20)।
- भ्रूण की हड्डियों के निर्माण में सहायक : कैल्शियम, मैग्नीशियम और फोस्फोरस भ्रूण की हड्डियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं (21)। वहीं तरबूज में यह तीनों तत्व अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं (1)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि तरबूज का सेवन मां के साथ बच्चे की हड्डियों के विकास में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है।
यह तो हो गई इससे होने वाले फायदों की बात। आइए, अब हम तरबूज से होने वाले कुछ दुष्प्रभावों के बारे में भी जान लेते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान तरबूज का सेवन करने के कोई दुष्प्रभाव हैं?
तरबूज के कोई भी ज्ञात दुष्परिणाम नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में इसका अधिक सेवन नीचे दिए गए दुष्परिणाम प्रदर्शित कर सकता है।
- तरबूज हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स (अधिक शुगर की मात्रा) वाला फल है, इसलिए इसकी अधिकता गर्भावस्था में शुगर की समस्या का कारण बन सकती है (22)।
- नियासिन की मौजूदगी के कारण इसकी अधिक मात्रा के कारण चक्कर आना, मतली और लिवर से संबंधित कुछ समस्याएं हो सकती हैं (23) (1)।
- वहीं इसमें मौजूद विटामिन सी की अधिक मात्रा पेट में दर्द और मरोड़ के साथ लिवर से जुड़ी कुछ समस्याओं का कारण बन सकती है (23) (1)।
तरबूज खाने के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए आइए अब थोड़ा इस विषय में भी चर्चा कर लेते हैं।
तरबूज खाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां
तरबूज का सेवन करने के दौरान मुख्य रूप से इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- कटा हुआ तरबूज जल्दी ही खराब हो सकता है, इसलिए ताजा कटे हुए तरबूज को ही खाने के लिए इस्तेमाल में लाएं।
- तरबूज को काटने से पूर्व अच्छे से धो लें, क्योंकि न धोने की स्थिति में उस पर मौजूद कीटनाशक आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- सेवन के लिए हमेशा पके हुए और अंदर से गहरे लाल रंग वाले तरबूज का ही चुनाव करें।
- तरबूज के सेवन के वक्त इसकी प्रतिदिन की संतुलित मात्रा का विशेष ध्यान रखें।
- सीजनल फल शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद होते हैं। तरबूज गर्मी के मौसम में पैदा होता है और इसी मौसम में इसे खाने से शरीर को फायदा होगा।
लेख के अगले भाग में हम अब आपको तरबूज खाने के कुछ आसान तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्भावस्था में तरबूज का आनंद लेने के बेहतरीन तरीके
तरबूज को कुछ इस प्रकार आसानी से आहार में शामिल किया जा सकता है।
- तरबूज को काट कर सीधे खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इसे आप फ्रूट चाट में भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
- आप तरबूज का रस निकाल कर भी पी सकती हैं।
- आप चाहें तो स्मूदी बनाकर भी इसे प्रयोग में ला सकती हैं।
इस लेख के माध्यम से आप यह तो बखूबी जान गई होंगी कि गर्भावस्था के दौरान तरबूज खाने के कितने फायदे हैं। ऐसे में आप अपने आहार में इसे जगह देकर गर्भावस्था के दौरान आने वाली कई दिक्कतों को खुद से दूर रखने में सफल हो सकती हैं। लेख में तरबूज को आहार में शामिल करने के कुछ आसान उपाय भी दिए गए हैं, जो इस काम में आपकी मदद करेंगे। फिर क्या, तरबूज को अपने आहार में आज से ही शामिल करें और इससे मिलने वाले लाभों के जरिए स्वस्थ गर्भावस्था का आनंद उठाएं। गर्भावस्था में खान-पान से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
References
1 Watermelon, raw By Usda
2. Maternal Diet and Nutrient Requirements in Pregnancy and Breastfeeding. An Italian Consensus Document By Ncbi
3. CPSP ORIENTATION CHECKLIST By Publichealth
4. Eating for a Healthy Pregnancy By Cdhd
5. Heartburn in pregnancy By Ncbi
6. Antisecretory Effects of Watermelon (Citrullus lanatus) Juice in Male Albino Rats By Researchgate
7. Edema in pregnancy. By Ncbi
8. Watermelon: A Valuable Horticultural Crop with Nutritional Benefits By Researchgate
9. Morning sickness By Medlineplus
10. watermelon for morning sickness By Google books
11. Prenatal dehydration alters renin–angiotensin system associated with angiotensin-increased blood pressure in young offspring By Ncbi
12. Interventions for leg cramps in pregnancy. By Ncbi
13. Extensive hyperpigmentation during pregnancy: a case report By Ncbi
14. Discovering the link between nutrition and skin aging By Ncbi
15. Watermelon lycopene and allied health claims By Ncbi
16. Effects of Fresh Watermelon Consumption on the Acute Satiety Response and Cardiometabolic Risk Factors in Overweight and Obese Adults By Ncbi
17. Constipation – self-care By Medlineplus
18. Urinary tract infections in pregnancy: old and new unresolved diagnostic and therapeutic problems By Ncbi
19. Herbal Medicinal Importance of Citrullus Lanatus Mentioned in the Ahadith: A Precise By Citeseerx
20. Medicinal Values on Citrullus lanatus (Watermelon) By Academia
21. Bone development in the fetus and neonate: role of the calciotropic hormones. By Ncbi
23. Glycemic index and diabetes By Medlineplus
24. Nutrient Chart – Function, Deficiency and Toxicity Symptoms, and Major Food Sources By Usda
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