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गर्भावस्था के नाजुक दौर में हर काम सावधानी से करना चाहिए। इस समय महिलाओं को अपनी गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान रखना होता है। इन्हीं में से एक है स्कूटी या कोई अन्य दो पहिया वाहन चलाना। कई बार जरूरी कार्यों के लिए प्रेगनेंसी के समय भी दोपहिया वाहन चलाना पड़ जाता है, लेकिन क्या ऐसा करना सुरक्षित है? इस बात को समझने के लिए मॉमजंक्शन के इस लेख को पढ़ें। यहां हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में दोपहिया वाहन चला सकते हैं या नहीं। साथ ही इससे जुड़ी सावधानियों का भी जिक्र करेंगे।

चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि गर्भावस्था में दोपहिया वाहन चला सकते हैं या नहीं।

क्या प्रेगनेंसी में (दोपहिया) टू-व्हीलर चलाना सुरक्षित है?

गर्भावस्था में स्कूटी चलाना जोखिम भरा होता है। इससे संबंधित एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि गर्भवती को दूसरी और तीसरी तिमाही में स्कूटी चलाने से बचना चाहिए। इसकी वजह कुछ और नहीं, बल्कि स्कूटी चलाते समय बैलेंस बिगड़ने से होने वाली दुर्घटना, लापरवाही और गर्भावस्था के लक्षण, जैसे – मतली, चक्कर आना व थकान को माना गया है (1) इस आधार पर कहा जा सकता है कि महिला सिर्फ प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में डॉक्टर की सलाह पर सावधानी के साथ स्कूटी चला सकती है।

हां, प्रेगनेंसी से जुड़ा किसी तरह का कॉम्प्लिकेशन है या डॉक्टर ने पूरी तरह से बेड रेस्ट करने की सलाह दी है, तो शुरुआती महीनों में भी स्कूटी चलाने की बिल्कुल न सोचें। साथ ही आसपास की रोड खराब है या बहुत सारे स्पीड ब्रेकर हैं, तो भी स्कूटी चलाने से बचें। इससे गर्भावस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। रिसर्च में बताया गया कि वाहन चलाते समय ही नहीं, बल्कि गर्भावस्था के दौरान यात्रा करते वक्त बरती गई लापरवाही भी दिक्कत का कारण बन सकती है (1)

स्क्रॉल करके आगे पढ़िए कि गर्भावस्था में स्कूटी चलाते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान स्कूटी/टू-व्हीलर चलाते वक्त बरतने वाली सावधानियां

गर्भावस्था में स्कूटी या फिर टू-व्हीलर चलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।

  • चाहे स्कूटी चला रहे हों या फिर पिछली सीट पर बैठ हों, हेलमेट पहनना न भूलें।
  • वाहन चलाते समय हील्स वाली सैंडल पहनने की जगह आरामदायक फुटवियर पहनें।
  • स्कूटी तेज बिल्कुल न चलाएं।
  • गर्भावस्था में यदि स्कूटी चला रहे हैं, तो कोशिश करें की ज्यादा दूर तक न जाएं। देर तक स्कूटी चलाने से गर्भावस्था में गर्दन दर्द और कमर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • रात को स्कूटी चला रहे हैं, तो रिफ्लेक्टर जैकेट पहनें, ताकि आपको लोग दूर से देख सकें।
  • बारिश के मौसम में स्कूटी चलाने से बचें, क्योंकि पहिये सड़क पर आसानी से फिसल सकते हैं और रास्ते के गड्ढों पर भरे पानी के कारण एक्सीडेंट का खतरा रहता है।
  • सेल्फ स्टार्ट वाली स्कूटी की बैटरी पूरी चार्ज हो, वरना उसमें किक मारनी पड़ सकती है, जो गर्भावस्था के लिए सही नहीं होगा।
  • स्कूटी चलाते समय अपने आस-पास के हेल्थ केयर और मेडिकल सेंटर की जानकारी हासिल कर लें, ताकि प्रसव पीड़ा या आपातकाल में जल्दी से वहां पहुंच सकें।
  • गाड़ी की स्पीड को कंट्रोल में रखें। इससे मोड़ और स्पीड ब्रेकर पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
  • स्कूटी चलाने से पहले अपने साथ मोबाइल और पीने के लिए पानी रखना न भूलें।
  • किसी गाड़ी को ओवरटेक करने की काेशिश न करें।
  • मोड़ पर हमेशा इंडिगेटर दें।
  • टाइट कपड़े पहनकर स्कूटी न चलाएं। हमेशा आरामदायक कपड़े ही पहनें।

लेख के इस भाग में हम टू-व्हीलर चलाने से बचने के लिए कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान टू-व्हीलर चलाने से बचने के लिए कुछ टिप्स

गर्भधारण करने के बाद से ही स्कूटी चलाने से परहेज करने की कोशिश करें। गर्भावस्था में कार चलाना और स्कूटी चलाना दोनों ही जोखिम भरा हो सकता है। इसे चलाते समय थोड़ी सी भी लापरवाही या फिर सड़क पर मौजूद गड्ढे और स्पीड ब्रेकर के कारण प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं। इसी वजह से हम गर्भावस्था में स्कूटी चलाने से बचने के टिप्स दे रहे है।

  • ऑफिस जाने के लिए स्कूटी जरूरी है, तो इसकी जगह अपने सहकर्मियों से लिफ्ट ले सकती हैं।
  • ऑफिस या फिर अन्य जरूरी कार्य के लिए कारपूल और कैब का विकल्प भी मौजूद है।
  • मेट्रो ट्रेन और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग भी किया जा सकता है।
  • स्कूटी से ऑफिस आने-जाने से बचने के लिए वर्क फ्रॉम होम ले सकती हैं।
  • घर के रोजमर्रा के सामान के लिए ऑनलाइन पैंट्री शॉपिंग करें या दुकान वाले को फोन करके होम डिलीवरी के लिए कहें।
  • यदि कोई जरूरी कार्य है, ताे घर के किसी दूसरे सदस्य को भेजकर उसे करवा लें।

इसमें कोई शक नहीं कि गर्भावस्था के समय महिलाओं को कई बार स्कूटी चलानी पड़ती है। ऐसे समय में लेख में बताई गई सावधानियों पर जरूर गौर करें। साथ ही आप स्कूटी चलाने से बचने के टिप्स पढ़कर कोई अन्य विकल्प भी चुन सकती हैं। इससे टू-व्हीलर चलाने से होने वाले एक्सीडेंट और गर्भावस्था से संबंधित जोखिम से बचा जा सकता है। कभी बहुत जरूरी पड़े, तो डॉक्टर की सलाह और लेख में बताई गई सावधानियों पर गौर करते हुए ही टू-व्हीलर चलाएं। साथ ही ध्यान दें कि गर्भावस्था में किसी भी कार्य से ज्यादा खुद को और गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित रखना जरूरी है।

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